इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने मंगलवार 20 मई 2025 की सुबह शहीद रईसी और सेवा की राह के शहीदों के परिजनों, कुछ उच्चधिकारियों और शहीदों के परिजनों से मुलाक़ात में शहीद आले हाशिम, शहीद अमीर अब्दुल्लाहियान, हेलीकॉप्टर क्रू के शहीद सदस्यों, पूर्वी आज़रबाइजान प्रांत के शहीद गवर्नर और शहीद सुरक्षा कमांडर को श्रद्धांजलि अर्पित की, जो शहीद रईसी के साथ शहीद हुए थे।
अमरीकी पक्ष, जो इन अप्रत्यक्ष वार्ताओं में बातचीत कर रहा है, कोशिश करे कि फ़ुज़ूल बातें न करे। यह कहना कि हम ईरान को यूरेनियम संवर्धन की अनुमति नहीं देंगे, यह अपनी औक़ात से बढ़कर बोलना है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 20 मई 2025 को पूर्व राष्ट्रपति शहीद रईसी और हेलीकाप्टर की दुर्घटना में उनके साथ शहीद होने वालों की पहली बरसी पर अपने ख़िताब में शहीद रईसी के इख़लास और गुणों को नमूना और सबक़ क़रार दिया।
ट्रम्प ने कहा है कि वे शांति के लिए ताक़त का इस्तेमाल करना चाहते हैं। वे झूठ बोल रहे हैं। अमरीका ने कब शांति के लिए ताक़त का इस्तेमाल किया है?
इमाम ख़ामेनेई
17 मई 2025
पूरे देश से आने वाले कुछ टीचर और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए कुछ लोग आज शनिवार 17 मई को इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामे इंक़ीलाब के नेता से मुलाक़ात करेंगे।
शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में देश भर से बड़ी संख्या में आए टीचरों ने शनिवार 17 मई 2025 की सुबह इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
शांति के लिए ताक़त के इस्तेमाल का अमरीकियों का झूठ
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने शनिवार 17 मई 2025 को पूरे मुल्क से आए हज़ारों टीचरों, प्रोफ़ेसरों और शिक्षा विभाद से जुड़े लोगों से मुलाक़ात में कहा कि जनमत में एक अच्छे, दिलकश, जोश से भरपूर और मोहब्बत के लायक़ टीचर की तस्वीर बनाना ज़रूरी है और इसके लिए कला, मीडिया और ज़िम्मेदार विभागों को बड़ी हुनरमंदी से काम लेना चाहिए।
इलाक़े के लोगों के मज़बूत इरादे से अमरीका को यहाँ से जाना ही पड़ेगा और वो जाएगा। ज़ायोनी शासन, जो इस इलाक़े में एक ख़तरनाक कैंसर और जानलेवा नासूर है, उसे पूरी तरह से मिटा देना चाहिए और ऐसा होकर रहेगा।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 17 मई 2025 को मुल्क के शिक्षकों से ख़िताब में इस वर्ग के लिए समाज में सम्मान व आदर का माहौल तैयार करने पर बल दिया और कुछ सुझाव पेश किए।(1)
कौन कह सकता है कि इस वहशियाना ज़ुल्म और ख़ून-ख़राबे के सिलसिले में इंसान की कोई ज़िम्मेदारी नहीं? कौन यह बात कर सकता है? हम सबकी ज़िम्मेदारी है।
इमाम ख़ामेनेई
12 मई 2025
इस्लामी क्रान्ति के नेता ने सोमवार 12 मई 2025 को सहायताकर्मी शहीदों के राष्ट्रीय सम्मेलन की आयोजन समिति के साथ मुलाक़ात की थी। इस अवसर पर उनका संबोधन आज 14 मई सम्मेलन स्थल पर प्रसारित किया गया।
इस्लामी इंक़लाब के नेता ने दो दिन पहले, सोमवार 12 मई 2025 को शहीद सहायताकर्मियों पर राष्ट्रीय सेमीनार के आयोजकों से मुलाक़ात की थी। इस मौक़े पर उनकी स्पीच आज 14 मई की शाम को सेमीनार में प्रसारित की गई।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 12 मई 2025 को राहत व सहायता संस्थाओं के शहीदों पर राष्ट्रीय सेमिनार के आयोजकों से मुलाक़ात में इन संस्थाओं की अहमियत और योगदान के बारे में बात की।(1)
स्पीच इस प्रकार है:
हमें आशा है कि ईरानी राष्ट्र और मोमिन क़ौमें, इंशा अल्लाह फ़िलिस्तीन पर हमला करने वालों और फ़िलिस्तीन पर क़ब्ज़ा करने वालों पर फ़िलिस्तीन की जीत के दिन को अपनी आंखों से देखेंगी।
देश भर के हज़ारों श्रमिकों और मज़दूरों ने शनिवार 10 मई 2025 की सुबह इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
इस्लामी क्रान्ति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शनिवार 10 मई 2025 की सुबह मज़दूर सप्ताह के अवसर पर हज़ारों श्रमिकों और मज़दूरों से मुलाक़ात में काम और श्रम के मुद्दों को देश के भविष्य से जुड़ा हुआ बताया और काम को मानव जीवन के प्रबंधन और जारी रहने का मुख्य स्तंभ क़रार दिया। उन्होंने इसी तरह ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन के अपराधों की ओर इशारा किया और आशा व्यक्त की कि मोमिन राष्ट्र, ज़ायोनी शासन पर फ़िलिस्तीन की विजय को अपनी आँखों से देखेंगे।
आज दुनिया में राष्ट्रों के ख़िलाफ़ जो शत्रुतापूर्ण नीतियां अपनाई जा रही उनमें फ़िलिस्तीन से संबंधित मुद्दों को भुलाने का प्रयास किया जाता है। पूरी दुनिया को इसके ख़िलाफ़ खड़ा होना चाहिए।
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 10 मई 2025 को मज़दूर सप्ताह के उपलक्ष्य में देश के मज़दूर वर्ग के हज़ारों लोगों से मुलाक़ात में समाज के इस वर्ग की अहम व बुनियादी हैसियत और किरदार, उसके अधिकारों और ज़िम्मेदारियों के बारे में बातचीत की। उन्होंने फ़िलिस्तीन के मुद्दे को ज़ेहन से दूर करने की कोशिशों का ज़िक्र करते हुए इस मसले पर लगातार ध्यान रखने पर बल दिया।(1)
स्पीच इस प्रकार है:
क़ुम के हौज़े (धार्मिक शिक्षा केन्द्र) की पुनर्स्थापना के 100 साल होने पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का पैग़ामः
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने क़ुम के उच्च धार्मिक शिक्षा केन्द्र की पुनर्स्थापना के 100 पूरे होने पर आयोजित सेमीनीर के नाम एक पैग़ाम जारी किया जिसमें उन्होंने इस धार्मिक शिक्षा केन्द्र के अनेक तत्वों और सेवा की व्याख्या करते हुए एक प्रगतिशील और उत्तम धार्मिक शिक्षा केन्द्र की स्थापना की ज़रूरतों को रेखांकित किया।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने, सोमवार 5 मई 2025 की शाम को तेहरान के एक अस्पताल पहुंचकर आयतुल्लाह नूरी हमदानी का कुशलक्षेम पूछा और उनके इलाज की प्रक्रिया की जानकारी हासिल की।
यह सभा बुनियादी तौर पर लोगों के फ़ायदे के लिए है। आज यह फ़ायदा क्या है? इस्लामी उम्मत की एकता। मेरी राय में इस्लामी उम्मत के लिए इससे बड़ा कोई फ़ायदा नहीं। अगर इस्लामी उम्मत एकजुट हो जाए, तो ग़ज़ा की त्रासदी न घटे, फ़िलिस्तीन की बर्बादी न हो, यमन इस तरह दबाव का शिकार न बने।
मेरी राय में इस्लामी उम्मत के लिए एकता से बड़ा कोई फ़ायदा नहीं। अगर इस्लामी उम्मत एकजुट हो जाए, तो ग़ज़ा की त्रासदी न घटे, फ़िलिस्तीन की बर्बादी न हो। यमन इस तरह दबाव का शिकार न बने।
हज की विशाल सभा के उपलक्ष्य में हज विभाग और इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने 4 मई 2025 की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने आज रविवार 4 मई 2025 की सुबह हज के ओहदेदारों और ईरानी हाजियों के एक समूह से मुलाक़ात में कहा कि बैतुल्लाह के ज़ायरीन के लिए हज के उद्देश्यों और इसके विभिन्न पहलुओं की समझ इस महान फ़र्ज़ की सही अदायगी की बुनियाद है। उन्होंने कहा कि हज से जुड़ी कई आयतों में "नास" (लोग) शब्द का इस्तेमाल यह दर्शाता है कि अल्लाह ने यह फ़र्ज़ सिर्फ़ मुसलमानों के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के मामलों के प्रबंधन के लिए निर्धारित किया है। इसलिए, हज का सही आयोजन वास्तव में पूरी मानवता की सेवा है।
वही साम्राज्यवादी ताकतें, जो आतंकवाद को एक जुर्म क़रार देती हैं इस ज़ालिम और अपराधी शासन के लिए आतंकवाद उनकी नज़र में जायज़ और वैध है! उसका हर काम खुला आतंकवाद है और अमरीका उसका समर्थन करता है। कई पश्चिमी सरकारें उसका साथ देती हैं, बाक़ी सब ख़ामोश तमाशाई बने हुए हैं।
इस्लामी क्रान्ति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 4 मई 2025 को हज के मामलों के ज़िम्मेदारों व कार्यकर्ताओं और कुछ हज यात्रियों से मुलाक़ात की और हज की प्रकृति और उसमें निहित रहस्यों पर चर्चा की तथा कुछ निर्देश दिये।(1)
स्पीच इस प्रकार है:
उनका रेज़िस्टेंस और प्रतिरोध के मोर्चे के जवानों पर बस नहीं चलता तो परिवार वालों पर टूट पड़ते हैं, बच्चों, मज़लूमों और बूढ़े लोगों की जान ले लेते हैं। मानवाधिकार के लिए शोर मचाकर दुनिया के कान के पर्दे फाड़ने वाले कहां हैं? क्या ये इंसान नहीं हैं? क्या इनके अधिकार नहीं हैं?
इमाम ख़ामेनेई
10 अप्रैल 2024
24 अप्रैल 2025 को इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.स.) के शहादत दिवस के मौक़े पर मजलिस-ए-अज़ा के बाद इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.स.) और इमामत के विषय पर एक महत्वपूर्ण भाषण दिया। उनके भाषण के कुछ अंश इस प्रकार हैं:
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने 31 मार्च 2025 को अपनी स्पीच में क्षेत्र से ज़ायोनी शासन को जड़ से उखाड़ दिए जाने को एक धार्मिक, नैतिक और इंसानी कर्तव्य बताया। इस इन्फ़ोग्राफ़ में इस कर्तव्य की अनिवार्यता को पेश किया गया है।
तेहरान दौरे पर आए सऊदी रक्षा मंत्री ख़ालिद बिन सलमान ने गुरूवार 17 अप्रैल 2025 की शाम को इस देश के नरेश का संदेश इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई की सेवा में पेश किया।
तेहरान के दौरे पर आए सऊदी अरब के रक्षा मंत्री ख़ालिद बिल सलमान ने गुरूवार 17 अप्रैल 2025 की शाम को तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की और सऊदी नरेश का संदेश उनकी सेवा में पेश किया।