बसीज फ़ोर्स सप्ताह के मौक़े पर 25 नवम्बर 2024 को पूरे मुल्क से हज़ारों की तादाद में आए स्वयंसेवी बल बसीज के सदस्यों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 25 नवम्बर 2024 को मुल्क की "बसीज फ़ोर्स" के सदस्यों की बड़ी तादाद से अपनी मुलाक़ात में पूरे मुल्क में फैले इस स्वयंसेवी संगठन के इतिहास, रोल और सेवाओं पर रौशनी डाली। (1)
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के सलाहकार डाक्टर लारीजानी के इंटरव्यू का ख़ुलासाः हिज़्बुल्लाह की दृढ़ता आशूरा के दिन जैसी है। उनका मनोबल बहुत ऊंचा है और वे भविष्य की ओर से आशावान भी हैं। यह दृढ़ता और आप्रेशन में यह बहादुरी इन्हें कामयाब करेगी।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के सलाहकार डाक्टर लारीजानी के इंटरव्यू का ख़ुलासाः वे लोग सोच रहे थे कि कामयाब हो गए हैं और हिज़्बुल्लाह का काम तमाम हो गया है। 12-13 दिन गुज़रने के बाद, स्थिति बदल गयी। उसके बात तो वे लोग ख़ुद ही संघर्ष विराम के लिए हाथ पैर जोड़ने लगे। फिर प्रस्ताव तैयार हुआ। उससे पहले जो भी प्रस्ताव दिया जाता, उसे रद्द कर देते थे।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के सलाहकार डाक्टर लारीजानी के इंटरव्यू का ख़ुलासाः हिज़्बुल्लाह ने आशूरा की तर्ज़ पर लड़ना शुरू किया जिससे स्थिति बदल गयी और पुराने कैडर की जगह नए लोगों ने संभाल ली।
इमाम महदी अलैहिस्सलाम हमारी इलतेजा और अल्लाह की बारगाह में उन्हें सिफ़ारिश का वसीला क़रार दिए जाने की गुज़ारिश को सुनते हैं और हमारी इलतेजा को क़ुबूल भी करते हैं। हम अपने सुनने वाले से जो हमसे दूर है, अपने दिल का हाल बयान करते हैं तो इसमें कोई हरज नहीं है। अल्लाह सलाम करने वालों और पैग़ाम देने वालों का पैग़ाम और सलाम इमाम महदी तक पहुंचाता है। यह वसीला क़रार देना और यह आध्यात्मिक लगाव अच्छा और ज़रूरी काम है।
इमाम ख़ामेनेई
09/07/2011
20 नवम्बर को "राष्ट्रीय नायक" दिवस और रेज़िस्टेंस मोर्चे की फ़तह तथा दाइश के ख़ात्मे की सालगिरह के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब कल्चरल रिसर्च सेंटर ने एक समारोह में रेज़िस्टेंस मोर्चे के तीन शहीदों की जीवनी पर आधारित किताबों का इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के रिव्यू के साथ लोकार्पण किया।इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का रिव्यू इस प्रकार हैः
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने बुधवार 20 नवम्बर 2024 को महिलाओं के मदरसे जामेअतुज़्ज़हरा के शिक्षकों और स्टूडेंट्स से तेहरान में मुलाक़ात में समाज के नए मसलों का जवाब देने के लिए मदरसों में बदलाव और अपटूडेट होने की ज़रूरत पर बल दिया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने बुधवार 20 नवम्बर 2024 को महिलाओं के मदरसे जामेअतुज़्ज़हरा के शिक्षकों और स्टूडेंट्स से तेहरान में मुलाक़ात में समाज के नए मसलों का जवाब देने के लिए मदरसों में बदलाव और अपटूडेट होने की ज़रूरत पर बल दिया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने बुधवार 20 नवम्बर 2024 को लड़कियों के मदरसे जामेअतुज़्ज़हरा की प्रिंसपल, शिक्षकाओं और स्टूडेंट्स से तेहरान में मुलाक़ात में इस प्रभावी संस्था को इस्लामी इंक़ेलाब की बरकत से वजूद में आने वाली बेमिसाल संस्थाओं में और धार्मिक शिक्षा के स्तर को बढ़ाने और महिलाओं पर प्रभाव डालने वाली बताया। उन्होंने समाज की ज़रूरत के साथ मदरसों में बदलाव और अपटूडेट होने की ज़रूरत की ओर इशारा करते हुए कहा कि मदरसों की आर्थिक, प्रशासनिक और पारिवारिक मामलों सहित समाज के अहम मसलों में राय होनी चाहिए।
प्रतिरोध मोर्चे की हालिया विजयों और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में दुश्मन की नाकामी के साथ इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने इस मोर्चे की निश्चित जीत और ज़ायोनी शासन की दुष्टता के अंत के लिए कुछ दुआएं पढ़ने में मार्गदर्शन के एक अनुरोध के जवाब में, क़ुरआने मजीद के सूरए फ़त्ह, सहीफ़ए सज्जादिया की चौदहवीं दुआ, और दुआए तवस्सुल पढ़ने की सिफ़ारिश की है। यह ख़बर हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन हाज अली अकबरी ने किरमान में शहीद अलहाज क़ासिम सुलैमानी के मज़ार पर कुछ युवाओं के बीच दी जिसे इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की वेबसाइट KHAMENEI.IR पेश कर रही है।
बैरूत में ज़ायोनी शासन के पेजर हमलों के आतंकवादी कृत्य में घायल होने वाले ईरानी राजदूत जनाब मुजबता अमानी ने रविवार 17 नवंबर 2024 को तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की, जिसमें इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने उनका हाल-चाल पूछा।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 30 दिसम्बर 2019 को फ़िक़्ह के दर्से ख़ारिज में पैग़म्बरे इस्लाम सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम और हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की आख़िरी बातचीत के बारे में एक हदीस की व्याख्या की।
सही मानी में एक रहनुमा, एक पैग़म्बर की तरह, पूरी इंसानियत की रहनुमा, इतने आला रुतबे पर सबसे पाकीज़ा हज़रत ज़हरा एक नौजवान महिला नज़र आती हैं। यह है इस्लाम के मद्देनज़र महिला।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने रविवार 17 नवम्बर 2024 को तेहरान में, दोपहर को अपनी सामान्य मुलाक़ात के प्रोग्राम के तहत, लेबनान में इस्लामी गणराज्य ईरान के राजदूत जनाब मुजतबा अमानी से मुलाक़ात और गुफ़्तगू की।
इतिहास में बहुत से दावेदार पैदा हुए हैं। ये दावेदार किसी एक निशानी को अपने ऊपर या किसी और पर मैच कर लेते थे। यह पूरी तरह ग़लत है। कुछ बातें जो इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़ाहिर होने की निशानी के तौर पर बयान की जाती हैं, निश्चित नहीं हैं। यह ऐसी बातें हैं जिनका भरोसेमंद रवायतों में ज़िक्र नहीं मिलता। कमज़ोर रवायतों में ज़िक्र ज़रूर मिलता है इसलिए उनको माना नहीं जा सकता।
इमाम ख़ामेनेई
09/07/2011
हिज़्बुल्लाह के स्वरूप और उसके ढांचे और उसकी आस्था पर रौशनी डालने वाली तहरीर। इस लेख में हिज़्बुल्लाह की स्थापना, उसकी स्थिति और अजेय समझी जाने वाली ज़ायोनी सेना के मुक़ाबले में उसकी रणनीति की समीक्षा की गयी है।
इंतेज़ार के मसले में बहुत बारीकी के साथ साइंटिफ़िक तरीक़े से काम करने की ज़रूरत है। इस सिलसिले में प्रचलित जाहेलाना बातों से सख़्ती से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि इन बातों से इमाम महदी होने का झूठा दावा करने वालों के लिए रास्ता समतल होता है।
इमाम ख़ामेनेई
09/07/2011
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 19 अगस्त सन 2024 को हज़रत जाफ़र बिन अबी तालिब अलैहिमस्सलाम के संबंध में आयोजित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय कान्फ़्रेंस के प्रबंधकों से मुलाक़ात की थी। इस मुलाक़ात में दी गयी उनकी स्पीच गुरूवार 7 नवम्बर 2024 की सुबह क़ुम में कान्फ़्रेंस के आयोजन स्थल पर प्रसारित की गई।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 19 अगस्त सन 2024 को हज़रत जाफ़र बिन अबी तालिब अलैहिमस्सलाम के संबंध में आयोजित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय कान्फ़्रेंस के प्रबंधकों से मुलाक़ात की थी। इस मुलाक़ात में दी गयी उनकी स्पीच गुरूवार 7 नवम्बर 2024 की सुबह क़ुम में कान्फ़्रेंस के आयोजन स्थल पर प्रसारित की गई।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का चयन करने वाली विशेषज्ञ काउंसिल या 'मजलिसे ख़ुब्रगान' के सदस्यों ने गुरूवार 7 अक्तूबर 2024 को तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
यह संघर्ष जो बेहम्दिल्लाह आज पूरी ताक़त से जारी है लेबनान में भी, ग़ज़ा में और फ़िलिस्तीन में भी, इस संघर्ष के नतीजे में निश्चित तौर पर सत्य को कामयाबी, सत्य के मोर्चे को कामयाबी, रेज़िस्टेंस मोर्चे को कामयाबी मिलेगी।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 7 नवम्बर 2024 को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का चयन और उनके क्रियाकलापों की निगरानी करने वाली छठी विशेषज्ञ असेंबली 'मजलिसे ख़ुब्रगाने रहबरी' के दूसरे सत्र के समापन पर इस असेंबली के सदस्यों से ख़ेताब किया। (1)
मनहूस और दुष्ट ज़ायोनी सरकार के सिलसिले में दुनिया में एक बड़ी कोताही हो रही है। सरकारें, क़ौमें ख़ास तौर पर सरकारें, यूएन वग़ैरह जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन हक़ीक़त में ज़ायोनी शासन से मुक़ाबला करने के सिलसिले में कोताही कर रहे हैं। यह कृत्य जो ज़ायोनी शासन ने ग़ज़ा में किया और कर रहा है, जो कुछ उसने लेबनान में किया और कर रहा है, सबसे बर्बर युद्ध अपराध हैं।
शहीद मासूमा करबासी के घरवालों ने 23 अक्तूबर 2024 को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से तेहरान में मुलाक़ात की। शहीद मासूमा करबासी के शौहर लेबनानी थे और वह अपने शौहर के साथ बैरूत में ज़ायोनी शासन के हवाई हमले में शहीद हो गयीं।
साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ यही काम गांधी जी ने भारत में किया लेकिन मीरज़ाए शीराज़ी के 30 साल बाद, यानी इस बेनज़ीर साफ़्ट वार में इनोवेशन मीरज़ाए शीराज़ी ने पेश किया।