इस्लामी क्रांति के नेता ने गुरुवार, 26 सितम्बर 2024 को पाकीज़ा डिफ़ेंस सप्ताह के अवसर पर और डिफ़ेंस के शहीदों को श्रद्धांजली अर्पित करने के दिन "रोज़े मेहमानिये लालेहा" के अवसर पर एक संदेश जारी किया है।
पवित्र डिफ़ेंस सप्ताह के पाँचवें दिन, बुधवार 25 सितम्बर की सुबह, पवित्र प्रतिरक्षा और रेज़िस्टेंस के मैदान में सक्रिय रहे हज़ारों लोग और सीनियर सैनिक इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े पहुँचकर रहबरे इंक़ेलाबे इस्लामी आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाकात करेंगे।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की नज़र में फ़िलिस्तीन के संबंध में इस्लामी जगत की ज़िम्मेदारियां
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने मुल्क के आला अधिकारियों, विदेशी राजदूतों और इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में भाग लेने वालों से मुलाक़ात में, 21 सितम्बर 2024 को ज़ायोनी सरकार के अपराधों की ओर इशारा करते हुए इस्लामी जगत की ओर से फ़िलिस्तीनी क़ौम के प्रति मौजूदा सपोर्ट के अनेक पहलूओं का ज़िक्र किया, जिन्हें इन्फ़ोग्राफ़ में पेश किया जा रहा है।
पाकीज़ा डिफ़ेंस और प्रतिरोध के मैदान में सक्रिय रहे हज़ारों लोगों और सीनियर सैनिकों ने बुधवार 25 सितम्बर की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
दुश्मन के पास पैसा है, हथियार हैं, संसाधन हैं, वैश्विक प्रचार है लेकिन जो विजयी है वह अल्लाह के लिए लड़ने वाला मुजाहिद है। फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस विजयी है। हिज़्बुल्लाह विजेता है।
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 25 सितम्बर 2024 की सुबह पवित्र डिफ़ेंस और रेज़िस्टेंस के मैदान में सक्रिय हज़ारों लोगों और सीनियर सैनिकों से मुलाक़ात में थोपी गई जंग की शुरुआत के कारणों पर रौशनी डालते हुए नई बात और कशिश को दुनिया पर शासन करने वाली भ्रष्ट व्यवस्था के मुक़ाबले में इस्लामी गणतंत्र के दो अहम तत्व क़रार दिया।
इस जंग में भी काफ़िर और दुष्ट शत्रु सबसे ज़्यादा हथियारों से लैस है। अमेरिका उसके पीछे है। अमरीकियों का कहना है कि हमारी कोई भागीदारी नहीं है, हमें जानकारी नहीं है, वे झूठ बोलते हैं!
पाकीज़ा डिफ़ेंस सप्ताह के मौक़े पर पाकीज़ा डिफ़ेंस के दौर के सीनियर सिपाहियों और रेज़िस्टेंस मोर्चे के तहत सरगर्म लोगों ने 25 सितंबर 2024 को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने अपने ख़ेताब में इस्लामी गणराज्य की साम्राज्यवाद विरोधी नीतियों और रुझान पर चर्चा की। (1)
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने पूर्व उप राष्ट्रपति मोहम्मद मुख़बिर को अपना सलाहकार नियुक्त कियाउन्हें पूर्व राष्ट्रपति शहीद रईसी की दूरदर्शी नीतियों को जारी रखने के क्रम में मेधावी युवा मैन पावर को चिन्हित करने और विभिन्न विभागों में उनकी सेवाएं लिए जाने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी सौंपी है।
आज ज़ायोनी शासन बड़ी बेशर्मी से खुल्लम खुल्ला अपराध कर रहा है। इसकी वजह यह है कि हम अपनी आंतरिक ताक़त को इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। हमें इस्तेमाल करना चाहिए।
तबस में खदान में हुई दुखद घटना पर और इसमें कुछ मज़दूरों की मौत होने पर, आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने एक शोक संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताने के साथ ही मज़दूरों को राहत पहुंचाने की प्रक्रिया को जितना मुकमिन हो तेज़ करने पर बल दिया।
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर मुल्क के कुछ आला अधिकारियों, तेहरान में नियुक्त इस्लामी मुल्कों के राजदूतों और 38वीं इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में शिरकत करने वालों ने शनिवार 21 सितंबर 2024 की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
इस्लामी जगत की ताक़त कैंसर के इस दुष्ट फोड़े को इस्लामी समाज के दिल यानी फ़िलिस्तीन से निकाल सकती है, मिटा सकती है और इस इलाक़े से अमरीका की धौंस व धमकी भरे प्रभाव, कंट्रोल और हस्तक्षेप को ख़त्म कर सकती है। हम में ऐसा करने की ताक़त है!
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही वसल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर शनिवार 21 सितंबर 2024 की सुबह मुल्क के कुछ आला अधिकारियों, तेहरान में नियुक्त इस्लामी देशों के राजदूतों, इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में भाग लेने वालों और अवाम के अनेक तबक़ों के लोगों से मुलाक़ात की।
आज हमें इस्लामी उम्मत के गठन की ज़रूरत है, यानी इसके लिए कोशिश होनी चाहिए। इस संबंध में कौन मदद कर सकता है। सरकारें प्रभावी हो सकती हैं। अलबत्ता सरकारों में जज़्बा बहुत ठोस नहीं है। जो लोग इस जज़्बे को ठोस कर सकते हैं वह इस्लामी जगत का विशिष्ट वर्ग है।
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 21 सितम्बर 2024 को पैग़म्बरे इस्लाम और उनके फ़रज़ंद इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिन के मौक़े पर इस्लामी एकता कान्फ्रेंस के मेहमानों, वरिष्ठ ओहदेदारों और इस्लामी मुल्कों के राजदूतों से मुलाक़ात में तक़रीर करते हुए इस्लामी उम्मा और विशेष रूप से फ़िलिस्तीन संकट के बारे में बात की।
इमाम महदी अलैहिस्सलाम के प्रकट होने का अक़ीदा जिस चीज़ की ख़ुशख़बरी देता है वह वही चीज़ है जिसके लिए सभी पैग़म्बर व ईश्वरीय दूतों को नियुक्त किया गया। यह मुख्य लक्ष्य है। इंसान का अल्लाह की ओर से दी गयी सभी सलाहियतों को इस्तेमाल करते हुए इंसाफ़ की बुनियाद पर तौहीद के अक़ीदे वाले समाज का गठन करना है।
इमाम ख़ामेनेई
09/07/2011
एक और चीज़ जो इस साल ओलंपिक मुक़ाबलों में नुमायां थी वह विश्व स्पोर्ट्स के मामलों को कंट्रोल करने वाले मुल्कों की दोहरी नीति है। वाक़ई उन्होंने दिखा दिया कि उनके रवैयों पर दोहरी और दुश्मनी भरी नीतियां छायी हुयी हैं।
फ़िलिस्तीन के स्कूल और कालेज के स्टूडेंट्स, टीचरों, स्कूल स्टाफ़ और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों पर ज़ायोनी शासन के हमलों के बारे में फ़िलिस्तीन के शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्टः
अमरीकी अधिकारियों के दिमाग़ में आतंकवाद का अर्थ ग़लत रूप में है। वे आतंकवाद का ग़लत मानी निकालते हैं। एक रात में सबरा व शतीला के नरसंहार को, वे आतंकवाद नहीं मानते!
2024 के पेरिस ओलंपिक और पैरालिंपिक खेलों में भाग लेने वाले ईरानी खिलाड़ियों के दस्ते के सदस्यों ने मंगलवार 17 सितम्बर की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
आज मेरी नज़र में निश्चित तौर पर अनिवार्य कामों में से एक ग़ज़ा और फ़िलिस्तीन के मज़लूमों का सपोर्ट करना है; अगर हमने इस फ़रीज़े पर अमल न किया तो क़यामत में अल्लाह हमसे सवाल करेगा।
अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स पर छायी दोहरी नीतियों पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की टिप्पणीः
इस साल का प्रदर्शन बहुत नुमायां था, बहुत अच्छा था। आपने क़ौम को ख़ुश कर दिया। ईरानी क़ौम में गौरव का एहसास पैदा किया। मैं मेडल जीतने वाले सभी खिलाड़ियों का दिल की गहराई से शुक्रिया अदा करता हूं।
फ़िलिस्तीन के स्कूल और कालेज के स्टूडेंट्स, टीचरों, स्कूल स्टाफ़ और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों पर ज़ायोनी शासन के हमलों के बारे में फ़िलिस्तीन के शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्टः
एकता हफ़्ते के आग़ाज़ और ईदे मीलादुन्नबी पर, मुल्क के सुन्नी धर्मगुरुओं और हस्तियों ने सोमवार 16 सितम्बर की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सोमवार 16 सितम्बर को एकता हफ़्ते के आग़ाज़ और ईदे मीलादुन्नबी के मौक़े पर, सुन्नी धर्मगुरुओं, सुन्नी मदरसों के प्रिंसपलों और जुमे के इमामों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में उन्होंने इस्लामी उम्मत जैसी क़ीमती पहचान की रक्षा को ज़रूरी बताया और इस्लामी एकता की अहमियत पर ताकीद की और इसे नुक़सान पहुंचाने की दुश्मनों की कोशिशों की ओर इशारा करते हुए कहाः "इस्लामी उम्मत" का विषय किसी भी स्थिति में भुलाया न जाए।
फ़िलिस्तीन के स्कूल और कालेज के स्टूडेंट्स, टीचरों, स्कूल स्टाफ़ और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों पर ज़ायोनी शासन के हमलों के बारे में फ़िलिस्तीन के शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्टः
इस्लाम ने फ़ैमिली का ढांचा भीतर से कुछ ऐसा बनाया है कि आपसी मतभेद अपने आप हल हो जाएं। उसने मर्द को हुक्म दिया है कि वह बीवी का ख़याल रखे और बीवी को हुक्म दिया है कि वह शौहर का ख़याल रखे। अगर आपसी सम्मान व लेहाज़ पर सभी पहलुओं से अमल हो तो कोई भी फ़ैमिली बिखर नहीं सकती और न ही तबाह होगी।
इमाम ख़ामेनेई
11/06/2013
इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम के बारे में अक़ीदा, धार्मिक आस्थाओं और शिक्षाओं के कुछ सबसे अहम आधारों में से एक है, जैसे कि पैग़म्बरी का अक़ीदा। इमाम महदी अलैहिस्सलाम के बारे में अक़ीदे की अहमियत इस तरह की है। क्यों? इस लिए कि ये अक़ीदा जिस चीज़ की ख़ुशख़बरी देता है वो वही चीज़ है जिसके लिए सभी नबियों और पैग़म्बरों को भेजा गया।
इमाम ख़ामेनेई
9/7/2011
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने अपने एक संदेश में अरबईने हुसैनी के दिनों में मेज़बानी के लिए इराक़ी मौकिबदारों और महान इराक़ी राष्ट्र का शुक्रिया अदा किया।
बुधवार 11 सितम्बर 2024 को अपनी इराक़ यात्रा के दौरान राष्ट्रपति श्री डॉक्टर मस्ऊद पेज़िश्कियान ने इराक़ के प्रधान मंत्री श्री शिया अल सूदानी को इस संदेश के अरबी अनुवाद की शील्ड प्रस्तुत की।
रहबरे इंक़ेलाब के इस संदेश का अनुवाद इस प्रकार है:
हालाँकि उनकी सरकार बेहद क्रूर थी और बड़ा ज़ालिमाना व्यवहार करती थी लेकिन इसके बावजूद इमाम इस तरह कामयाब रहे। मतलब यह है कि इमामों की वतन से दूरी के साथ ही इस वैभव और इस महानता को भी देखना चाहिए।
इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम उसी सामर्रा शहर में, जो अस्ल में एक फ़ौजी छावनी की तरह था, पूरे इस्लामी जगत के साथ व्यापक संपर्क वाला संचार व प्रचार का एक ज़बरदस्त नेटवर्क स्थापित करने में कामयाब हुए।
इमाम ख़ामेनेई
10 मई 2003
11 सितंबर 2001 की घटना के बाद अमरीका ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ 2 दशक से ज़्यादा समय की जंग में कैसे कैसे घिनौने अपराध किए और बुश, ओबामा, ट्रम्प और बाइडेन जैसे लोगों ने अमरीकी अवाम के हितों पर अपने व्यक्तिगत हितों को प्राथमिकता देकर लाखों बेक़ुसूर लोगों को आतंकवाद के ख़िलाफ़ जंग के बेबुनियाद बहाने से क़ुरबान कर दिया। इस बारे में एक लेख पेश है।