29/05/2025
यदि कोई अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाए तो उसका नुक़सान और हानि दोगुनी होती है। उसी तरह अल्लाह की तरफ़ से सज़ा भी दोगुनी होती है। इमाम ख़ामेनेई 28 मई 2025
27/05/2025
ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन के अत्याचारों को रोकने के लिए ईरान और पाकिस्तान का मिलकर प्रभावी क़दम उठाना ज़रूरी है। इमाम ख़ामेनेई 26 मई 2025
21/05/2025
यह कि राष्ट्रपति शहीद रईसी संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में क़ुरआन हाथ में उठाएं या शहीद सुलैमानी की तस्वीर अपने हाथ में लें, यह राष्ट्र के लिए गौरव है। इमाम ख़ामेनेई 20 मई 2025
18/05/2025
ट्रम्प ने कहा है कि वे शांति के लिए ताक़त का इस्तेमाल करना चाहते हैं। वे झूठ बोल रहे हैं। अमरीका ने कब शांति के लिए ताक़त का इस्तेमाल किया है? इमाम ख़ामेनेई 17 मई 2025
16/05/2025
कौन कह सकता है कि इस वहशियाना ज़ुल्म और ख़ून-ख़राबे के सिलसिले में इंसान की कोई ज़िम्मेदारी नहीं? कौन यह बात कर सकता है? हम सबकी ज़िम्मेदारी है। इमाम ख़ामेनेई 12 मई 2025
15/05/2025
पूरी दुनिया को ज़ायोनी सरकार के ज़ुल्मों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठानी चाहिए। इमाम ख़ामेनेई 10 मई 2025
17/04/2025
ईरान इसके लिए तैयार है कि जिन मैदानों में उसने प्रगति की है, उनमें सऊदी अरब की मदद करे।
08/03/2025
इस्लाम चाहता है कि औरत में इतनी इज़्ज़त और शान रहे कि उसे इस बात की तनिक भी परवाह न हो कि कोई मर्द उसे देख रहा है या नहीं। यानी औरत में आत्म-सम्मान ऐसा हो कि उसे इस बात की परवाह नहीं होनी चाहिए कि कोई मर्द उसे देख रहा है या नहीं देख रहा है। यह स्थिति कहाँ और यह बात कहाँ कि औरत अपना लेबास, अपना श्रंगार, अपनी चाल और अपने बातचीत के अंदाज़ को किस तरह का अपनाए कि लोग उसे देखें? ग़ौर कीजिए इन दोनों बातों में कितना अंतर है! इमाम ख़ामेनेई 26 अक्तूबर 1992
06/11/2024
दुनिया से और ख़ास तौर पर इस्लामी जगत से मेरा मुतालेबा ज़ायोनी शासन के ख़िलाफ़ एक वैश्विक गठबंधन का गठन है।
25/06/2024
ग़दीर का वाक़ेया इस्लाम की वास्तविक भावना और विषयवस्तु से निकला है। यह जो अल्लाह ने पैग़म्बरे इस्लाम के स्वर्गवास से क़रीब 70 दिन पहले उनसे यह फ़रमाया कि ऐ रसूल जो हुक्म आपको दिया गया है, उसे लोगों तक पहुंचा दीजिए और अगर आपने यह न पहुंचाया तो आपने अपनी ज़िम्मेदारी ही अदा न की, इससे पता चलता है कि इस्लाम की वास्तविक भावना और इस्लाम की वास्तविक विषयवस्तु ग़दीर में निहित है।  इमाम ख़ामेनेई 20/02/2003
26/06/2024
दुनिया के सारे मुसलमानों को ईदे ग़दीर की मुबारकबाद पेश करता हूँ।
25/06/2024
गदीर का मसला अपनी आला विषयवस्तु के साथ सभी मुसलमानों से संबंधित है क्योंकि यह न्याय की हुक्मरानी, महानता की हुक्मरानी और अल्लाह की विलायत की हुक्मरानी के मानी में है। अगर हम भी सही मानी में अमीरुल मोमेनीन की विलायत से नाता जोड़ने वालों में शामिल होना चाहते हैं तो हमें अपने आपको, अपनी ज़िंदगी के माहौल को न्याय व इंसाफ़ के क़रीब करना होगा। सबसे बड़ा नमूना यह है कि हमसे जितना भी हो सके न्याय क़ायम करें क्योंकि न्याय का दायरा असीम है।  इमाम ख़ामेनेई  20/02/2003
25/06/2024
हज़रत आदम के ज़माने से जब नबूव्वत और पैग़म्बरी का सिलसिला शुरू हुआ, वह जगह जहाँ धर्म और राजनीति के इकट्टा होने का अनोखा व बेजोड़ नमूना अपने चरम पर एक अमर परंपरा के तौर पर सामने आया जो समाज के मार्गदर्शन को सुनिश्चित करता था, वह ग़दीर का वाक़ेया था।  इमाम ख़ामेनेई 03/03/2002
15/06/2024
हज ने इस्लाम के मानव संसाधन की व्यापकता और उसके आध्यात्मिक पहलू की ताक़त को अपनों और ग़ैरों के सामने नुमायां कर दिया है।
15/06/2024
मन को आनंदित करने वाली हज़रत इब्राहीम की आवाज़ ने, जो अल्लाह के हुक्म से हर दौर के सभी मुसलमानों को हज के मौक़े पर काबे की ओर बुलाती है, इस साल भी पूरी दुनिया के बहुत से मुसलमानों के दिलों को तौहीद व एकता के इस केन्द्र की ओर सम्मोहित कर दिया है। 
15/06/2024
हज ने लोगों की इस शानदार व विविधता से भरी सभा को वजूद प्रदान किया है और इस्लाम के मानव संसाधन की व्यापकता और उसके आध्यात्मिक पहलू की ताक़त को अपनों और ग़ैरों के सामने नुमायां कर दिया है।
15/06/2024
हज के विशाल समूह और इसकी जटिल क्रियाओं को जब भी ग़ौर व फ़िक्र की नज़र से देखा जाए, वह मुसलमानों के लिए दिल की मज़बूती और इतमीनान का स्रोत है और दुश्मन व बुरा चाहने वालों के लिए ख़ौफ़, भय व रोब का सबब हैं।
15/06/2024
अगर इस्लामी जगत के दुश्मन व बुरा चाहने वाले, हज के फ़रीज़े के इन दोनों पहलुओं को ख़राब करने और उन्हें संदिग्ध बनाने की कोशिश करें, चाहे धार्मिक व राजनैतिक मतभेदों को बड़ा दिखाकर और चाहे इनके पाकीज़ा व आध्यात्मिक पहलुओं को कम करके, तो हैरत की बात नहीं है।
15/06/2024
क़ुरआन मजीद हज को बंदगी, ज़िक्र और विनम्रता का प्रतीक, इंसानों की समान प्रतिष्ठा का प्रतीक, इंसान की भौतिक व आध्यात्मिक ज़िंदगी की बेहतरी का प्रतीक, बरकत व मार्गदर्शन का प्रतीक, अख़लाक़ी सुकून और भाइयों के बीच व्यवहारिक मेल-जोल का प्रतीक और दुश्मनों के मुक़ाबले में ‘बराअत’ और बेज़ारी तथा ताक़तवर मोर्चाबंदी का प्रतीक बताता है। 
15/06/2024
हज अदा करने वाले आप भाई और बहन इस वक़्त इन रौशन हक़ीक़तों और शिक्षाओं के अभ्यास के मैदान में हैं।
15/06/2024
अपनी सोच और अपने अमल को इसके क़रीब से क़रीबतर कीजिए और इन उच्च अर्थों से मिश्रित और नए सिरे से हासिल हुयी पहचान के साथ घर आइये। यह आपके हज के सफ़र की हक़ीक़ी व मूल्यवान सौग़ात है।
15/06/2024
इस साल ‘बराअत’ का विषय, विगत से ज़्यादा नुमायां है। ग़ज़ा की त्रासदी ऐसी है कि हमारे समकालीन इतिहास में इस जैसी कोई और त्रासदी नहीं है और बेरहम व संगदिल तथा बर्बरता की प्रतीक और साथ ही पतन की ओर बढ़ रही ज़ायोनी सरकार की गुस्ताख़ियों ने किसी भी मुसलमान शख़्स, संगठन, सरकार और संप्रदाय के लिए किसी भी तरह की रवादारी की गुंजाइश नहीं छोड़ी है।
15/06/2024
फ़िलिस्तीन और ग़ज़ा के साबिर व मज़लूम अवाम के फ़ौलादी प्रतिरोध को, जिनके सब्र और दृढ़ता ने दुनिया को उनकी तारीफ़ और सम्मान पर मजबूर कर दिया है, हर ओर से सपोर्ट मिलना चाहिए।
15/06/2024
दुनिया के बुनियादी विषयों के बारे में इस्लामी जम्हूरिया ईरान का एक स्टैंड है, एक नज़रिया है। फ़िलिस्तीन के मसले में हमारा एक स्टैंड है, अमरीका से जुड़े विषयों के बारे में हमारा एक स्टैंड है, न्यु वर्ल्ड आर्डर के मसले में हमारा एक नज़रिया है, हमारा स्टैंड है और दुनिया इसको मानती है। यही स्वाधीनता है।
05/06/2024
इस्लामी जम्हूरिया के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी ने फ़िलिस्तीन के बारे में 50 साल या उससे भी ज़्यादा पहले जो भविष्यवाणी की थी वो आज पूरी हो रही है। 
05/06/2024
इमाम ख़ुमैनी का पक्ष यह था कि ख़ुद फ़िलिस्तीनी अवाम अपना हक़ लें और दुनिया की क़ौमें और मुस्लिम क़ौमें उनका समर्थन करें। अगर यह हो गया तो ज़ायोनी हुकूमत पीछे हटने पर मजबूर हो जाएगी। 
05/06/2024
तूफ़ान अलअक़सा ने पूरे वेस्ट एशिया की राजनीति और अर्थ व्यवस्था पर कंट्रोल हासिल करने की ज़ायोनी हुकूमत की व्यापक योजना को ख़त्म कर दिया और यह उम्मीद ही मिटा दी कि इस योजना को वह दोबारा बहाल कर पाएगी। 
05/06/2024
ज़ायोनिस्ट रेजीम के उच्चाधिकारियों और बड़े ओहदेदारों के अंदर बदहवासी और घबराहट फैली हुई है। उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। 
25/05/2024
मरहूम राष्ट्रपति की निष्ठावान सेवाएं उनके जीवन तक सीमित नहीं हैं, जनाब रईसी ने अपनी ज़िंदगी के बाद भी मुल्क के लिए बड़ी क़ीमती सेवाएं अंजाम दी हैं। 
25/05/2024
राष्ट्रपति का बहुत अज़ीम जुलूसे जनाज़ा इस्लामी जम्हूरिया के पक्ष में एक संदेश रखता था जिससे इस्लामी जम्हूरिया के जनाधार और ताक़त की तस्वीर सामने आई, वह ताक़त जो समाज के अंदर और ईरानी राष्ट्र की गहराइयों में फैली हुई है। 
25/05/2024
(राष्ट्रपति के हेलीकाप्टर की) दुर्घटना हो जाने के बाद अवाम की तरफ़ से मुहब्बत और श्रद्धा का इज़हार और उनकी सलामती के लिए दुआएं इस्लामी इंक़ेलाब और इस्लामी इंक़ेलाब के नारों से अवाम के दिली लगाव की निशानी है। 
19/05/2024
हमारी सरज़मीन में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के पाक रौज़े के वजूद और पूरे मुल्क और हमारे अवाम के दिलों में उनके आध्यात्मिक वजूद की बरकत पूरी तरह स्पष्ट है। आठवें इमाम अलैहिस्सलाम आध्यात्मिक, वैचारिक और भौतिक लेहाज़ से हमारी क़ौम के सरपरस्त हैं। इमाम ख़ामेनेई 15/03/2003
18/05/2024
हमारी सरज़मीन में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के पाक रौज़े के वजूद और पूरे मुल्क और हमारे अवाम के दिलों में उनके आध्यात्मिक वजूद की बरकत पूरी तरह स्पष्ट है। आठवें इमाम अलैहिस्सलाम आध्यात्मिक, वैचारिक और भौतिक लेहाज़ से हमारी क़ौम के सरपरस्त हैं। इमाम ख़ामेनेई 15/03/2003
15/05/2024
आयतुल्लाह ख़ामेनेईः मैं चाहता हूं कि किताब पढ़ने का ज़्यादा से ज़्यादा चलन हो क्योंकि मेरा मानना है कि हम किताब के मोहताज हैं, मुख़्तलिफ़ मैदानों के सभी लोगों, मुख़्तलिफ़ उम्र और अलग अलग इल्मी सतह के सभी लोगों को किताब पढ़ने की ज़रूरत है और सही मानी में कोई भी चीज़ किताब की जगह नहीं ले सकती।  आज कल मसरूफ़ रखने वाली चीज़ों जैसे साइबर स्पेस, सोशल मीडिया और इसी तरह की दूसरी चीज़ों ने किताब की जगह ले ली है, यह अच्छी बात नहीं है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि लोग साइबर स्पेस और सोशल मीडिया को न देखें या अख़बार न पढ़ें। पढ़ें! लेकिन इन चीज़ों को किताब की जगह नहीं लेनी चाहिए। तेहरान के पैंतीसवें इंटरनैशनल बुक फ़ेयर के मुआइने के दौरान ईरान के राष्ट्रीय ब्रॉडकास्टिंग विभाग के रिपोर्टर को दिए गए इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के इंटरव्यू का एक हिस्सा 13/05/2024
11/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई अपनी लाइब्रेरी में
07/05/2024
हज़रत इब्राहीम का उन काफ़िरों के बारे में जो दुश्मनी नहीं करते यह पक्ष है कि उनसे अच्छा बर्ताव किया जाए। मगर एक जगह वो उनसे बेज़ारी का एलान करते हैं जो क़ातिल हैं और लोगों को उनके घर व वतन से बेदख़ल करते हैं। इसका उदाहरण आज कौन है? ज़ायोनी, अमरीका और उनके मददगार।
07/05/2024
आज #फिलिस्तीन को समर्थन की ज़रूरत है। इस्लामी जम्हूरिया ईरान इस मसले में इनके-उनके इंतेज़ार में नहीं रहा और न आइंदा रहेगा। लेकिन अगर मुस्लिम क़ौमों और सरकारों के ताक़तवर हाथ सहयोग करते तो प्रभाव बहुत बढ़ जाता। यह फ़र्ज़ है।
03/05/2024
फ़िलिस्तीन, फ़िलिस्तीनी अवाम का है जिनमें मुसलमान हैं, ईसाई हैं और यहूदी भी हैं। फ़िलिस्तीन उन्हें लौटा दिया जाना चाहिए। वही फ़ैसला करें कि ज़ायोनियों को बाहर निकालना है या वहीं रहने देना है। यह हमारे ज़रिए पेश किया गया समाधान है जो संयुक्त राष्ट्र संघ में भी दर्ज किया गया है।
02/05/2024
जब तक फ़िलिस्तीन उसके अस्ली मालिकों यानी फ़िलिस्तीनियों को वापस नहीं मिल जाता तब तक पश्चिमी एशिया के मसले हल नहीं होंगे। इमाम ख़ामेनेई 01/05/2024
01/05/2024
आप ग़ौर कीजिए! इस्राईल की ज़बानी मुख़ालेफ़त करने पर अमरीका छात्रों के साथ कैसा बर्ताव कर रहा है।
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