11/05/2025
हमें आशा है कि ईरानी राष्ट्र और मोमिन क़ौमें, इंशा अल्लाह फ़िलिस्तीन पर हमला करने वालों और फ़िलिस्तीन पर क़ब्ज़ा करने वालों पर फ़िलिस्तीन की जीत के दिन को अपनी आंखों से देखेंगी।
10/05/2025
आज दुनिया में राष्ट्रों के ख़िलाफ़ जो शत्रुतापूर्ण नीतियां अपनाई जा रही उनमें फ़िलिस्तीन से संबंधित मुद्दों को भुलाने का प्रयास किया जाता है। पूरी दुनिया को इसके ख़िलाफ़ खड़ा होना चाहिए।
05/05/2025
यह सभा बुनियादी तौर पर लोगों के फ़ायदे के लिए है। आज यह फ़ायदा क्या है? इस्लामी उम्मत की एकता। मेरी राय में इस्लामी उम्मत के लिए इससे बड़ा कोई फ़ायदा नहीं। अगर इस्लामी उम्मत एकजुट हो जाए, तो ग़ज़ा की त्रासदी न घटे, फ़िलिस्तीन की बर्बादी न हो, यमन इस तरह दबाव का शिकार न बने।
05/05/2025
मेरी राय में इस्लामी उम्मत के लिए एकता से बड़ा कोई फ़ायदा नहीं। अगर इस्लामी उम्मत एकजुट हो जाए, तो ग़ज़ा की त्रासदी न घटे, फ़िलिस्तीन की बर्बादी न हो। यमन इस तरह दबाव का शिकार न बने।
04/05/2025
हज की शक्ल, कुछ लोगों की कोशिशों, बातों और रवैये के विपरीत जैसा कि वे अपनी बातों से इस संबंध में संदेह पैदा करते हैं, सियासी शक्ल है।  
16/04/2025
ग़ज़ा के वाक़ए, हक़ीक़त में यह अपराधी गैंग जो फ़िलिस्तीन पर शासन कर रहा है, बर्बरता की सारी हदों को पार कर गया है। मेरी नज़र में इस्लामी जगत को कोई क़दम उठाना चाहिए, कुछ करना चाहिए।
15/04/2025
विदेश मंत्रालय के दसियों काम हैं। उसमें से एक ओमान बातचीत और ये मसले जो ताज़ा सामने आए। कोशिश कीजिए कि देश के मसलों को इस बातचीत से न जोड़िए।
15/04/2025
वार्ता में अच्छी तरह से आगे बढ़ा जाए। मुमकिन है नतीजे पर पहुंचे, मुमकिन है नतीजा न निकले। न तो हम बहुत आशावादी हैं और न ही बहुत बदगुमान हैं। अलबत्ता सामने वाले पक्ष के संबंध में बहुत बदगुमान हैं, सामने वाले पक्ष को हम नहीं मानते, उसे हम पहचानते हैं।
14/04/2025
फ़िलिस्तीन घायल है। इस्लामी दुनिया को फ़िलिस्तीनियों के दुख-दर्द को अपना दुख-दर्द समझना चाहिए और अपनी ज़िम्मेदारी महसूस करना चाहिए।  
13/04/2025
दुश्मन, हमारी तरक़्क़ी से बौखला गया है, क्रोधित है। बहुत से दुष्प्रचार जिसे आप दुश्मन के मीडिया में प्रसारित होते हुए सुनते हैं, वह बौखलाहट की वजह से है। इसके अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं है। ऐसे दावे करते हैं जिनकी कोई हक़ीक़त नहीं है।
06/04/2025
जो लोग इस मुबारक महीने से फ़ायदा उठा सके, इंशाअल्लाह वे साल भर इस रूहानी ज़ख़ीरे को बचाए रखें और अगले रमज़ान तक अपने दिलों को पाकीज़ा बनाए रखें। इंशाअल्लाह, अगला रमज़ान उनके लिए नई बुलंदी का सबब होगा! 
06/04/2025
दो साल से भी कम वक़्त में क़रीब 20000 बच्चों को ज़ायोनी सरकार ने शहीद किया और उनके माँ बाप को दुखी किया लेकिन जो लोग मानवाधिकार का नारा लगाते हैं, वे खड़े तमाशा देख रहे हैं।
05/04/2025
रमज़ान हक़ीक़त में तौहीद का जलवा है। यह दिलों को अल्लाह से जोड़ता है, रमज़ान का महीना अल्लाह से क़रीब होने का मौक़ा है।  तक़वे का ट्रेनिंग स्थल है और नई रूहानी ज़िंदगी का स्रोत है।
31/03/2025
क्षेत्र की बहादुर क़ौम, क्षेत्र के ग़ैरतमंद जवानों पर प्रॉक्सी होने का इल्ज़ाम लगाते हैं। मैं जो बात कहना चाहता हूं यह है कि इस क्षेत्र में सिर्फ़ एक प्रॉक्सी फ़ोर्स है और वह दुष्ट, क़ाबिज़ और भ्रष्ट ज़ायोनी शासन है।
30/03/2025
हज़रत मूसा ने अपनी क़ौम से कहा कि तुम अल्लाह से मदद तलब करो और सब्र व तहम्मुल से काम लो, अल्लाह मसले हल कर देगा और हल हो गए। शक न करें कि इस दृढ़ता का नतीजा दुश्मनों की हार है। दुष्ट और अपराधी ज़ायोनी शासन की हार है।
31/03/2025
ईदुल फ़ित्र की नमाज़, इमाम ख़ामेनेई की इमामत में 31 मार्च 2025 को तेहरान की इमाम ख़ुमैनी ईदगाह में, आयोजित होगी।
28/03/2025
क़ुद्स दिवस की रैली इस बात का भी सबूत है कि ईरानी क़ौम अपने अज़ीम सियासी और बुनियादी लक्ष्यों पर अडिग और दृढ़ है। ऐसा नहीं है कि फ़िलिस्तीन के समर्थन का नारा देकर एक-दो साल बाद भूल जाए। 40 से अधिक वर्षों से ईरानी राष्ट्र क़ुद्स दिवस पर रैलियां निकालता आ रहा है।
24/03/2025
अमरीकी, योरोपीय और उन जैसे दूसरे राजनेता जो एक बड़ी ग़लती करते हैं वह यह है कि क्षेत्र में रेज़िस्टेंस के सेंटरों को ईरान की प्रॉक्सी फ़ोर्सेज़ कहते हैं। फ़िलिस्तीन पर नाजायज़ क़ब्ज़े के वक़्त से ही उसके ख़िलाफ़ खड़े होने वालों की अग्रिम पंक्ति में जो मुल्क थे, उनमें से एक यमन था।
23/03/2025
आज ज़ायोनिस्ट रेजीम की बेरहमी ने, बल्कि बेरहमी लफ़्ज़ भी कम है, कई ग़ैर-मुस्लिम नेशन्ज़ के दिलों को दुख दर्द से भर दिया है।
23/03/2025
अमरीकियों को यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि ईरान के मामले में धमकियों से उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा।
22/03/2025
इस रात, अपनी ज़िंदगी के अंजाम, बल्कि एक राष्ट्र की ज़िंदगी के अंजाम को एक दुआ से बदल सकते हैं।  
22/03/2025
शक न कीजिए कि इस दृढ़ता का नतीजा, दुश्मनों की हार है। दुष्ट, भ्रष्ट और अपराधी ज़ायोनी सरकार की हार है।
21/03/2025
यमन के अवाम, यमन के लोगों पर यह हमला भी अपराध है, जिसे अवश्य रोका जाना चाहिए।  
21/03/2025
अमेरिकियों को यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि ईरान के मामले में धमकियों से कुछ हासिल नहीं होगा। अगर उन्होंने ईरान के अवाम के ख़िलाफ़ कोई दुष्टता की, तो उन्हें सख़्त जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।  
21/03/2025
अगर ईरानी क़ौम और मुसलमान क़ौमें इस महान इंसान और पैग़म्बरे इस्लाम के बाद सबसे श्रेष्ठ हस्ती से फ़ायदा उठाना चाहती हैं तो नहजुल बलाग़ा ज़्यादा से ज़्यादा पढ़ें।  
20/03/2025
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने अपने नौरोज़ के पैग़ाम में पिछले हिजरी शम्सी साल के अहम वाक़यों का ज़िक्र किया और नए हिजरी शम्सी साल में कोशिशों और योजनाओं की दिशा निर्धारित करने के लिए नारा तय फ़रमायाः "उत्पादन के लिए पूंजीनिवेश"
20/03/2025
ग़ज़ा पर क़ाबिज़ ज़ायोनी शासन का दोबारा हमला, बहुत बड़ा अपराध और त्रासदी को जन्म देने वाला है। पूरी दुनिया में आज़ाद प्रवृत्ति के लोग इस करतूत का मुक़ाबला करें।  
20/03/2025
यह कृत्य अमरीका के इशारे पर या कम से कम अमरीका की सहमति और उसकी ओर से दी गयी हरी झंडी से हुआ है। इसलिए अमरीका भी इस जुर्म में शरीक है।
16/03/2025
बेशक परहेज़गार लोग बहिश्तों और चश्मों में होंगे (51:15) और उनका परवरदिगार जो कुछ उन्हें अता करेगा वह वे ले रहे होंगे बेशक वे इस (दिन) से पहले ही (दुनिया में) नेकूकार थे। (51:16) ये लोग रात को बहुत कम सोया करते थे (51:17)और सहर के वक़्त मग़फ़ेरत तलब किया करते थे। (51:18) और उनके मालों में से सवाल करने वाले और सवाल न करने वाले मोहताज सबका हिस्सा था।(51:19) और ज़मीन में यक़ीन करने वालों के लिए (हमारी क़ुदरत की) निशानियां हैं। (51:20)
16/03/2025
भारतीय शायर का कलाम सुनने के बाद इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की टिप्पणीः यह बात अहम है कि एक शख़्स जिसकी मातृ भाषा फ़ारसी न हो वह इतनी साफ़ सुथरी ज़बान में शेर कहे। फ़ारसी में बात करना एक कला है और फ़ारसी में शेर कहना दूसरी कला है।  
14/03/2025
अमरीकी राष्ट्रपति ने, इसी शख़्स ने पूरी हो चुकी, मुकम्मल हो चुकी वार्ता, दस्तख़त हो चुके समझौते को मेज़ से उठाकर फेंक दिया, फाड़ दिया। इस इंसान से किस तरह वार्ता की जा सकती है? वार्ता में इंसान को यक़ीन होना चाहिए कि सामने वाला पक्ष उस चीज़ पर अमल करेगा जिसका उसने वादा किया है हम जानते हैं कि वह अमल नहीं करेगा तो फिर किस लिए वार्ता हो?
12/03/2025
इंसान दुआ से, अल्लाह के सामने गिड़गिड़ाकर, रोज़े से ख़ुद को भूल जाने की इस ग़फ़लत से मुक्ति पा सकता है और अगर यह ग़फ़लत दूर हो जाए तो उस वक़्त इंसान को अल्लाह का सवाल याद आता है और हम ध्यान देते हैं कि अल्लाह हमसे सवाल करेगा।
12/03/2025
अगर दो तत्व एक आला मक़सद और दूसरे कोशिश किसी क़ौम में हों तो शख़्सियतों के न होने से नुक़सान तो होता है लेकिन मूल अभियान को कोई नुक़सान नहीं पहुंचता।  
12/03/2025
हम बैठे, कई साल बातचीत की;  इसी शख़्स ने, बातचीत पूरी होने, समझौते पर दस्तख़त होने के बाद, समझौते को मेज़ से उठाकर फेंक दिया, फाड़ दिया। ऐसे शख़्स के साथ बातचीत कैसे की जा सकती है? 
11/03/2025
उन्होंने अल्लाह को भुला दिया तो अल्लाह ने भी ऐसा किया कि वे अपने आप को ही भूल गए, यानी ख़ुद फ़रामोशी का शिकार हो गए। व्यक्तिगत स्तर पर इंसान के ख़ुद को भुल जाने का मतलब यह है कि इंसान अपने पैदा होने के मक़सद को भूल जाता है।
10/03/2025
अल्लाह के भुला देने का मतलब यह है कि अल्लाह उसे अपनी रहमत और रहनुमाई के दायरे से निकाल देता है।
09/03/2025
कुछ बदमाश सरकारें, वार्ता पर इसरार कर रही हैं,उनका वार्ता पर इसरार मसले के हल के लिए नहीं बल्कि हुक्म चलाने के लिए है। वार्ता करें ताकि मेज़ की दूसरी ओर जो पक्ष बैठा है उस पर अपनी इच्छा थोपें।
09/03/2025
रमज़ान का महीना ज़िक्र का महीना है, क़ुरआन का महीना है और क़ुरआन ज़िक्र की किताब है। 'ज़िक्र' का क्या मतलब है? ज़िक्र, ग़फ़लत और फ़रामोशी की ज़िद्द है।
08/03/2025
अब तीन योरोपीय देश, विज्ञप्ति जारी कर रहे हैं, बयान दे रहे हैं कि ईरान ने परमाणु समझौते जेसीपीओए में अपने वचन पर अमल नहीं किया! कोई उनसे यह पूछे कि आपने अमल किया?!आपने पहले दिन से अमल नहीं किया! अमरीका के निकल जाने के बाद, आपने वादे किया था कि किसी न किसी तरह भरपाई करेंगे, आप अपने वादे से फिर गए, फिर कुछ और वादा किया, उस दूसरे वादे से भी फिर गए। 
05/03/2025
पेड़ लगाना, पूंजिनिवेश है, हक़ीक़त में भविष्य के मुताबिक़ अमल है, पूंजि पैदा करना है। आप पौधा लगाकर मुनाफ़ा हासिल करते हैं। आपको नुक़सान नहीं होता।  
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