09/07/2025
ईरानी, हमेशा आशूरा के संदेश से प्रेरित रहे हैं। यह घटना सिर्फ़ एक ऐतिहासिक वाक़या नहीं, बल्कि न्याय और सच्चाई के लिए संघर्ष और अत्याचार के ख़िलाफ़ डट जाने का प्रतीक है। ईरानियों के लिए, आशूरा सच और झूठ के बीच अनंत लड़ाई का एक शक्तिशाली प्रतीक है जो आज भी जारी है।
08/07/2025
इस्लामी गणराज्य ईरान के ख़िलाफ़ ज़ायोनी सरकार के हमले के जवाब में ईरान की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ ने गावयाम टेक्नॉलोजी पार्क को बड़ी सटीकता से मीज़ाइलों का निशाना बनाया। ईरान की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ ने 20 जून को इस सेंटर पर ज़बरदस्त हमला किया और ज़ायोनी सरकार की वॉर मशीन पर भारी वार किया।
08/07/2025
आज हमें इस बात की ज़रूरत है कि दुनिया को इमाम हुसैन इबने अली से परिचित कराएं। इस्लामी जगत को हुसैन इबने अली अलैहिस्सलाम का सबक़ यह है कि सत्य के लिए, इंसाफ़ के लिए, इंसाफ़ क़ायम करने के लिए, ज़ुल्म के मुक़ाबले के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और अपना सब कुछ मैदान में ले आना चाहिए।
03/07/2025
किसी भी तर्क के मुताबिक़ यह बात स्वीकार्य नहीं है कि किसी क़ौम से कहा जाए कि वह सरेंडर कर दे, ईरानी क़ौम से यह कहना कि समर्पण कर दो, अक़्लमंदी की बात नहीं है।
30/06/2025
ईरानी क़ौम ने इस वाक़ए में अपनी महानता का, अपनी अज़ीम शख़्सियत का परिचय दिया और यह दर्शा दिया कि ज़रूरत पड़ने पर इस क़ौम से एक सुर सुनाई देगा।
30/06/2025
फ़िलिस्तीन के मक़बूज़ा इलाक़ों पर ईरान की ओर से पहली बार मीज़ाईल बरसाए जाने के कुछ ही दिन के अंदर ज़ायोनी शासन के कमज़ोर होने की निशानियां ज़ाहिर हो गयीं।
29/06/2025
अमरीकी सरकार सीधे तौर पर जंग में कूद पड़ी क्योंकि उसे लगा कि अगर वह नहीं कूदी तो ज़ायोनिस्ट रेजीम पूरी तरह मिट जाएगी। जंग में कूदी ताकि उसे बचाए लेकिन इस जंग से उसे कुछ हासिल नहीं हुआ।
29/06/2025
इस्लामी गणराज्य ने अमरीका को बहुत ज़ोरदार थप्पड़ लगाया। क्षेत्र में अमरीका की बड़ी अहम छावनियों में से एक अल-उदैद बेस पर हमला किया और उसे नुक़सान पहुंचाया।
29/06/2025
इस्लामी गणराज्य की क्षेत्र में अमरीका के अहम सेंटरों तक पहुंच हो और जब ज़रूरत हो उसके ख़िलाफ़ कार्यवाही करे यह छोटी बात नहीं है, यह बड़ा वाक़या है।
29/06/2025
ईरानी क़ौम ने इस वाक़ए में अपनी महानता का अपनी अज़ीम शख़्सियत का परिचय दिया और यह दर्शा दिया कि ज़रूरत पड़ने पर इस क़ौम से एक सुर सुनाई देगा और बेहम्दिल्लाह ऐसा हुआ।
29/06/2025
हमारी आर्म्ड फ़ोर्सेज़ उनके कई परतों वाले विकसित डिफ़ेंस को भेद सकीं, यह अल्लाह की बड़ी नेमतों में से एक है।
29/06/2025
अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा, "ईरान सरेंडर हो जाए।" अस्ल बात युरेनियम संवर्धन नहीं है,  ईरान के सरेंडर होने का विषय है। यह बात अमरीकी राष्ट्रपति के मुंह से छोटा मुंह बड़ी बात जैसी है।
28/06/2025
इतने शोर-शराबे, इतने दावों के बावजूद, ज़ायोनी शासन इस्लामी गणराज्य के वार से क़रीब क़रीब ढह गया और कुचल दिया गया।
27/06/2025
अमरीकी सरकार सीधे तौर पर जंग में कूद पड़ी, क्योंकि उसे लगा कि अगर वह नहीं कूदी तो ज़ायोनिस्ट रेजीम पूरी तरह मिट जाएगी। इस्लामी गणराज्य ने पलट कर अमरीका को बहुत ज़ोरदार थप्पड़ लगाया। हमारी संस्कृति और सभ्यता की धऱोहर अमरीका और उसके जैसों से सैकड़ों गुना ज़्यादा है। कोई यह अपेक्षा रखे कि ईरान किसी देश के आगे सरेंडर होगा यह एक निरर्थक बात है।
21/06/2025
ईरानी क़ौम थोपी गयी जंग के मुक़ाबले में मज़बूती से डट जाएगी जैसा कि अब तक डटी हुयी है थोपी गयी सुलह के मुक़ाबले में भी मज़बूती से डट जाएगी। इमाम ख़ामेनेई 18 जून 2025
20/06/2025
आज इस घमंडी, जाहिल और धर्मांधी ने मुक़ाबले के ऐसे मैदान में क़दम रखा है जिसमें उसकी क़ब्र खुदी हुयी है। पूरी क़ौम तैयार है, हम सब ल़ड़ेंगे। हम बड़ी ताक़तों पर क्षेत्रीय स्तर पर फ़तह हासिल करने के लिए बढ़ने वाले हैं। यह जंग हमारे लिए, एक मुक़द्दस और मुबारक जंग है।
20/06/2025
वे अमरीकी जो इस इलाक़े को पहचानते हैं, जानते हैं कि इस मामले में अमरीका का कूदना, सौ फ़ीसदी उसके नुक़सान में है। इस मामले में जो नुक़सान उसे पहुंचेगा, वह ईरान को संभवतः पहुंचने वाले नुक़सान से ज़्यादा होगा। इस मैदान में कूदने पर, इस मैदान में सैनिक हस्तक्षेप करने पर अमरीका को पहुंचने वाला नुक़सान, ऐसा होगा जिसकी निश्चित तौर पर वह भरपाई नहीं कर पाएगा। इमाम ख़ामेनेई 18 जून 2025
17/06/2025
यह वही चीज़ है जिसके बारे में दसियों साल पहले, ज़ायोनी हुकूमत के मुख्य संस्थापकों में से एक और इस हुकूमत के प्रधान मंत्री बिन गोरियन ने उसने कहा था कि जब भी हमारी डिटेरन्स ताक़त ख़त्म हो जाएगी, हमारी हुकूमत बिखर जाएगी। इमाम ख़ामेनेई 22 अप्रैल 2023
16/06/2025
ज़ायोनिस्ट रेजीम ने बड़ी ग़लती कर दी जिसका ख़मियाज़ा, अल्लाह की तौफ़ीक़ से उसे तबाह कर देगा।
14/06/2025
दुश्मन के मुक़ाबले में चेतना के मामले में भी चरम सीमा पर हैं। हज़रत अली अलैहिस्सलाम कहते हैं कि “और जो सो गया तो उससे कोई ग़फ़लत नहीं करेगा” अगर तुम्हें दुश्मन की लोरी से नींद आ गयी तो जान लो इसका यह मतलब नहीं कि दुश्मन भी सो गया होगा, वह जाग रहा है। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2024
14/06/2025
हम ज़ायोनिस्टों को इस बड़े जुर्म के बाद जो उन्होंने अंजाम दिया है, बच कर नहीं जाने देंगे। यक़ीनन इस्लामी जम्हूरिया ईरान की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ इस ख़बीस ज़ायोनी दुश्मन पर भारी वार करेंगी।
14/06/2025
उनकी ज़िन्दगी यक़ीनन तल्ख़ हो कर रह जाएगी। वे यह न समझें कि वे हमला कर के बच निकलेंगे। नहीं!  
13/06/2025
न्याय की जहां तक बात है तो हज़रत अली अलैहिस्सलाम के न्याय को तो इन्सान बयान ही नहीं कर सकता। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2024
12/06/2025
ग़दीर का अर्थ, इलाही व इस्लामी शासन के सिलसिले को जारी रखना है ताकि यह शासन इमामत की मदद से विकसित इस्लामी जीवन शैली के आदर्श पेश करने का सिलसिला जारी रखे। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2024
12/06/2025
ईदे ग़दीर के संबंध में जिन विषयवस्तुओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए उनका दायरा बहुत बड़ा है जिससे इस्लाम की पहचान हासिल होती है। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2024
11/06/2025
सचमुच हमारी क़ौम अटल इरादे की मालिक क़ौम है, क्या आप किसी ऐसी क़ौम को जानते हैं जो उन ताक़तों के मुक़ाबले में जो दूसरों पर अपना हुक्म चला रही हैं, डट जाए, सीना तान कर खड़ी हो जाए और पूरी दृढ़ता से और स्पष्ट अंदाज़ में अपनी बात रखे? हमारी क़ौम के अलावा बहुत ढूंढने पर कोई ऐसी क़ौम मिलेगी।
05/06/2025
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने हर साल की तरह इस साल भी सम्मानीय हाजियों के नाम एक पैग़ाम जारी करके, इस्लामी जगत के अहम मुद्दों की ओर उन्हें ध्यान दिलाया है।
05/06/2025
हैरत होती है कि इंसान कितना पस्त, दुष्ट, निर्दयी और शैतान हो जाए कि ऐसी करतूत करे। अलबत्ता इस अपराध में अमरीका भी भागीदार है। यही वजह है कि हमने कहा है, बारंबार कहा है और हम इसरार कर रहे हैं कि अमरीका इस इलाक़े से निकल जाए।
05/06/2025
रमिये जमरात (कंकड़ियाँ मारना) यानी शैतान को मारो, जहां भी हो, जिस शक्ल में भी हो, जहाँ भी शैतान मिले, उसे कुचल दो। शैतान को कुचल दो, शैतान को पहचानो और मार दो। इमाम ख़ामेनेई 4 मई 2025
04/06/2025
ज़ायोनी सरकार पर भरोसे से कोई भी सरकार सुरक्षित नहीं रह पाएगी। ज़ायोनी शासन अल्लाह के अटल फ़ैसले की वजह से बिखर रहा है और इंशाअल्लाह इसमें ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा।
04/06/2025
अमरीका की विवेकहीन और शोरग़ुल मचाने वाली सरकार की बकवास पर हमारा जवाब स्पष्ट हैः हमारा कुछ बिगाड़ नहीं सकते।
31/05/2025
सफ़ा व मरवा के बीच सई (तेज़ क़दमों से चलना) एक इबादत है, लेकिन इसका एक गहरा प्रतीकात्मक संदेश है। (यानी) ज़िंदगी की मुश्किलों के पहाड़ों के बीच लगातार आगे बढ़ते रहिए, कोशिश करते रहिए।
31/05/2025
तवाफ़ आपको यह सबक़ देता है: ज़िंदगी का अस्ली सबक़ तौहीद है। और यह सबक़ सिर्फ़ मोमिनों के लिए नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत के लिए हैः और लोगों में हज का एलान कर दीजिए। (सूरए हज, आयत-27)
29/05/2025
ये सारे इबादती काम जो हज में हैं, इनमें से हर एक का एक सांकेतिक पहलू है। किसी न किसी इंसानी पहलू की तरफ़ इशारा है। जैसे शैतान को कंकड़ियाँ मारना (यानी) शैतान को मारो, जहां भी हो, जिस शक्ल में भी हो, जहाँ भी शैतान मिले, उसे कुचल दो! शैतान को कुचल दो।
28/05/2025
लोगों से गर्मजोशी से मिलिए। जनता के बीच जाइए। उनकी सभाओं में जाइए, उनकी बातें सुनिए, कभी-कभी वे कड़वी बातें करते हैं, सहनशीलता दिखाइए। इसके लिए अभ्यास की ज़रूरत है।
26/05/2025
एहराम ख़ुदा के सामने नम्रता दिखाने का एक तरीक़ा है। ज़िंदगी के अलग-अलग कपड़ों, गहनों और सजावटों को कपड़े के एक टुकड़े से बदल देना। यह काम हज में मौजूद दुनिया का सबसे अमीर और सबसे ग़रीब इंसान दोनों एक ही तरह से करेंगे, उनमें कोई फ़र्क़ नहीं। क़ानून यही है: ख़ुदा के सामने सब इंसानों को बराबर कर देना।
25/05/2025
अमरीका के राष्ट्रपति कुछ अरब देशों को एक मॉडल का प्रस्ताव देते हैं, निश्चित रूप से यह मॉडल पूरी तरह नाकाम हो चुका है। इलाक़े के लोगों के मज़बूत इरादे से अमरीका को यहाँ से जाना ही पड़ेगा और वो जाएगा।
20/05/2025
राष्ट्रपति बनने के बाद शहीद रईसी ने जो पहला इंटरव्यू दिया था, उसमें पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या आप अमरीका से वार्ता करेंगे? उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा: "नहीं"। उन्होंने कहा: "नहीं", बिना किसी हिचकिचाहट के और उन्होंने वार्ता नहीं की।
20/05/2025
अमरीकी पक्ष, जो इन अप्रत्यक्ष वार्ताओं में बातचीत कर रहा है, कोशिश करे कि फ़ुज़ूल बातें न करे। यह कहना कि हम ईरान को यूरेनियम संवर्धन की अनुमति नहीं देंगे, यह अपनी औक़ात से बढ़कर बोलना है।
17/05/2025
इलाक़े के लोगों के मज़बूत इरादे से अमरीका को यहाँ से जाना ही पड़ेगा और वो जाएगा। ज़ायोनी शासन, जो इस इलाक़े में एक ख़तरनाक कैंसर और जानलेवा नासूर है, उसे पूरी तरह से मिटा देना चाहिए और ऐसा होकर रहेगा।