30/12/2025
हम हर हफ़्ते वक़्त निकाल लेते हैं और इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की सेवा में हाज़िर होकर मौजूदा रिपोर्ट्स और प्रोग्रामों के बारे में उनसे मशविरा करते हैं। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की मुख्य प्राथमिकता अवाम की रोज़ी-रोटी है।
29/12/2025
उन लोगों का सारा हिसाब किताब यह था कि अगर हमला करें तो मुल्क में विद्रोह होगा; लेकिन अवाम ने अपने ईरान की, अपनी सरज़मीन की, अपने धर्म की, अपनी संस्कृति की रक्षा की और वे इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के सपोर्ट में सामने आए।
29/12/2025
क़ुरआन मजीद के मुताबिक़, दुनिया के तमाम मर्द अगर मोमिन बनना चाहते हैं तो उनके लिए नमूना, दो महिलाएं हैं, एक फ़िरऔन की बीवी (हज़रत आसिया) और दूसरे हज़रत मरयम।
28/12/2025
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने सद्दाम शासन की ओर से इस्लामी गणराज्य ईरान पर थोपी गयी 8 साल की जंग के कुछ ईसाई शहीदों के घर वालों से क्रिसमस के मौक़े पर मुलाक़ातें कीं। इन मुलाक़ातों की कुछ झलकियां पेश हैं।
28/12/2025
हमारी अज़ीज़ सैन्य फ़ोर्सेज़, उस वक़्त की तुलना में ज़्यादा ताक़तवर हैं जब उन्होंने हम पर हमला किया था। इसलिए अगर वे हम से टकराए तो स्वाभाविक रूप से उन्हें ज़्यादा मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।
24/12/2025
मेरी नज़र में आज की हमारी जवान नस्ल बहुत अच्छी है और तैयार है। हमारा प्रोग्राम ऐसा होना चाहिए कि हम इन मूल्यों को जिनसे शहादत का ऐसा जज़्बा पैदा हुआ, ईरानी क़ौम में ऐसी महानता और बलिदान ने जन्म लिया, इन मूल्यों को आने वाली नस्ल में पैदा करें ताकि वह इंशाअल्लाह मुल्क को आगे ले जाए।
14/12/2025
हमें प्रचारिक जंग का सामना है। दुश्मन समझ गया है कि इस मुल्क पर सैन्य ताक़त के ज़रिए क़ब्ज़ा करना मुमकिन नहीं है। वह समझ गया है कि अगर किसी तरह का क़ब्ज़ा करना चाहे, तो उसे दिलों को बदलना होगा। उसे दिमाग़ और सोच को बदलना होगा।
13/12/2025
ईरानी क़ौम दिन ब दिन इस्लाम की इज़्ज़त को चार चाँद लगा रही है। वह दिखा रही है कि इस्लाम का मतलब है दृढ़ता, इस्लाम का मतलब है ताक़त, इस्लाम का मतलब है सच्चाई और पाकीज़गी। इस्लाम का मतलब है दूसरों का भला चाहना और इंसाफ़ पसंदी।
06/12/2025
इस्लामी गणराज्य में यह दिखा दिया गया है कि एक मुसलमान और धर्म पर अमल करने वाली महिला, पर्दा करने वाली और इस्लामी हेजाब पर अमल करने वाली महिला सभी मैदानों में दूसरों से ज़्यादा प्रगतिशील अंदाज़ में आगे बढ़ सकती है।
06/12/2025
हमारा मीडिया ध्यान दे कि महिला के बारे में पश्चिम और पूंजीवादी व्यवस्था की ग़लत सोच के प्रचार का साधन न बन जाए, उनका हथकंडा न बन जाए।आप इस्लाम का प्रचार कीजिए, इस्लाम के विचार को बयान कीजिए, इस्लाम की राय फ़ख़्र के क़ाबिल है।
03/12/2025
रवायत में है कि शौहर अपनी बीवियों से कहें कि मैं तुमसे प्यार करता हूं, यानी ख़ुलकर इज़हार करें।
03/12/2025
मर्द की आय, मिसाल के तौर पर आफ़िस की एक बंधी हुयी रक़म है, चीज़ें महंगी हो जाती हैं लेकिन घर चलता रहता है। दोपहर को खाना तैयार है। कौन हुनरमंद है जो घर को चलाता है?
29/11/2025
जहाँ भी उसने हस्तक्षेप किया या तो जंग की आग है या नस्ली सफ़ाया या विनाश और दरबदरी है, ये अमरीका के हस्तक्षेप के नतीजे हैं। अमरीकी, तेल और भूमिगत संसाधनों के लिए दुनिया में कहीं भी जंग की आग भड़काने को तैयार हैं। और आज जंग की यह आग, लैटिन अमरीका तक भी पहुंच गयी है।
28/11/2025
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 27 नवम्बर 2025 को ईरानी क़ौम से ख़ेताब में बल दिया कि 20 साल की योजनाबंदी के बावजूद, ज़ायोनियों और अमरीकियों को जून में ईरान पर हमले में शिकस्त हुयी।
28/11/2025
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 27 नवम्बर 2025 को ईरानी क़ौम से ख़ेताब में, 12 दिवसीय जंग में ईरानी क़ौम की एकता को अमरीका की नाकामी का सबब बताया।
28/11/2025
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 27 नवम्बर 2025 को ईरानी क़ौम से ख़ेताब में बल दिया कि ग़ज़ा पट्टी की त्रासदी ने ज़ायोनी सरकार और अमरीका को घृणित और बदनाम कर दिया।
26/11/2025
अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम का पाकीज़ा वजूद, सबसे बड़ी नेकी है, उनका वजूद सभी भलाइयों का साक्षात रूप है। हज़रत ज़हरा ने उनकी रक्षा की, उनकी रक्षा करके, सत्य के मोर्चे को बचा लिया।
23/11/2025
तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (सलामुल्लाह अलैहा) के शहादत दिवस के उपलक्ष्य में दूसरी मजलिस में "इस्राईल मुर्दाबाद" के गगन भेदी नारे।
15/11/2025
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता, जंग के मोर्चे का पल पल नेतृत्व कर रहे थे और ज़रूरी आदेश जारी कर रहे थे, यहाँ तक कि क़रीब क़रीब पूरे वक़्त वे जंग और अवाम की ज़रूरतों को पूरा करने में लगे रहे।
15/11/2025
ईरान के मिज़ाईल उद्योग के जनक ब्रिगेडियर जनरल शहीद हसन तेहरानी मुक़द्दम, दोस्तो! हमने सीखा है कि बड़े कामों और कठिन रास्तों को इरादे, दृढ़ता और फ़ौलादी संकल्प से जीता जाता है। हमें, इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के बाज़ुओं की ताक़त बनना है।
12/11/2025
पश्चिम का राजनैतिक और सुरक्षा वर्चस्व जमाने का स्वभाव है कि जिसकी जड़ें कई सदी पुरानी हैं। इस्लामी इंक़ेलाब की बुनियाद ही इस वर्चस्व को उखाड़ने के लिए पड़ी। अमरीका के मौजूदा राष्ट्रपति, दूसरे मुल्कों की स्वाधीनता के सबसे बड़े दुश्मन हैं।
12/11/2025
आज क़ौमों में अमरीका से नफ़रत हज़ारों गुना बढ़ चुकी है। उनकी हालिया करतूतों ने उनकी साम्राज्यवादी प्रवृत्ति को उजागर कर दिया है।
11/11/2025
पहलवी दौर का ईरान, ग़ुलामों की तरह पश्चिम का अनुसरण करता था। ब्रिटेन और अमरीका के दूत, आए दिन शाह के साथ बैठक करते थे और उसे निर्देश देते थे। इंक़ेलाब होने की एक वजह, पश्चिम की ओर से अपमान किया जाना था जिसे महान ईरानी राष्ट्र बर्दाश्त न कर सका।
08/11/2025
ईरान के संसद सभापति ने पाकिस्तान की सिनेट के चेयरमैन को "फ़िलिस्तीन पर रेफ़्रेंडम" किताब का उर्दू का नुस्ख़ा पेश किया।
05/11/2025
कुछ लोग पूछते हैं कि हम अमरीका के सामने झुके नहीं, क्या अमरीका के साथ कभी भी संबंध क़ायम नहीं होगा? क्या हमेशा अमरीका के मुख़ालिफ़ रहेंगे? जवाब यह है कि अमरीका की साम्राज्यवादी फ़ितरत, समर्पण के अलावा किसी चीज़ पर राज़ी नहीं होती।
04/11/2025
इस्लामी गणराज्य और अमरीका के बीच मतभेद की वजह बुनियादी है, यह दो धाराओं के हितों का टकराव है। यह भोलापन है अगर कोई यह सोचता है कि चूंकि एक क़ौम अमरीका मुर्दाबाद का नारा लगाती है इसलिए अमरीका इस तरह दुश्मनी करता है।
04/11/2025
मलऊन ज़ायोनी शासन की मदद और उसके साथ सहयोग और ईरान के साथ सहयोग एक साथ मुमकिन नहीं है। अगर (अमरीका) ज़ायोनी शासन का सपोर्ट करना पूरी तरह छोड़ दे, यहाँ (क्षेत्र) से अपनी सैन्य छावनियों को ख़त्म कर दे, इस इलाक़े में हस्तक्षेप न करे, उस वक़्त इस मसले की समीक्षा की जा सकती है।
04/11/2025
4 नवम्बर को हमारे नौजवान स्टूडेंट्स ने जाकर अमरीकी दूतावास को अपने कंट्रोल में ले लिया। यह दिन, इस बात में शक नहीं कि इतिहास की नज़र से मुल्क के भविष्य के लिए फ़ख़्र के क़ाबिल और क़ौम की जीत का दिन शुमार होगा। यह वह दिन है जब हमारे नौजवानों ने उस ताक़त के मुक़ाबले में हिम्मत दिखाई जिससे दुनिया के नेता डरते थे।
30/09/2025
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से पूरे मुल्क के टीचरों की मुलाक़ात के मौक़े पर ग़ज़ा पट्टी के स्टूडेंट्स और बहादुर टीचरों के लिए ईरानी टीचरों के दिल की गहराई से निकलने वाले जुमले। (17 मई 2025)
29/09/2025
सामने वाले पक्ष ने धमकी दी है कि अगर तुमने वार्ता नहीं की तो ऐसा और वैसा होगा, हम बमबारी करेंगे। ऐसी वार्ता को स्वीकार करना जो धमकी के साथ जुड़ी हो, कोई सम्मानीय राष्ट्र बर्दाश्त नहीं करता, कोई भी समझदार राजनीतिज्ञ इसका समर्थन नहीं करता है।
27/09/2025
ज़रूरी समझता हूं कि महान मुजाहिद शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह की शहादत की बर्सी पर उनका ज़िक्र करूं। सैयद हसन नसरुल्लाह इस्लामी दुनिया के लिए बहुत क़ीमती संपत्ति थे सिर्फ़ शियों के लिए नहीं, सिर्फ़ लेबनान के लिए नहीं, अलबत्ता यह संपत्ति ख़त्म नहीं हुयी। यह संपत्ति बाक़ी है।
27/09/2025
हम किसी चीज़ से नहीं डरते, जो भी हो, हम नहीं डरते। हर हाल में हमारी जीत है। हमारे पास अहलेबैत की विलायत है और हम परम सत्य तक पहुंच गए हैं।
25/09/2025
यानी हम अमरीका के वार्ता की मेज़ पर बैठें और उनके साथ होने वाली बातचीत का नतीजा वह बात हो जो उसने कही है, यह वार्ता नहीं है, यह तो मुंहज़ोरी है, ऐसे पक्ष के साथ बैठकर वार्ता कीजिए कि जिसका नतीजा आवश्वयक रूप से वही होगा जो वह चाहता है, क्या इसे वार्ता कहेंगे?
24/09/2025
अमरीकी पक्ष, ढिठाई से कह रहा है कि ईरान युरेनियम एनरिचमेंट न करे, ज़ाहिर है कि ईरान जैसी ग़ैरतमंद क़ौम, ऐसी बात करने वाले के मुंह पर दे मारेगी और इस बात को क़ुबूल नहीं करेगी।
24/09/2025
मैं यह कहना चाहता हूं कि मौजूदा हालात में, जो स्थिति है, मुमकिन है, 20 साल बाद, 30 साल बाद हालात दूसरे हों, उससे मुझे कुछ लेना देना नहीं है, मौजूदा हालात में अमरीका के साथ बातचीत हमारे राष्ट्रीय हित में नहीं है।
23/09/2025
आज दुनिया को हमेशा की तरह शांति, सुलह और सुरक्षा की ज़रूरत है। इंसान की मूल ज़रूरतों में से एक शांति है। अलबत्ता हम हमेशा से कहते आए हैं कि शांति न्यायपूर्ण होनी चाहिए। किसी क़ौम पर थोपी गयी अन्यायपूर्ण शांति, जंग से भी ज़्यादा बुरी है।
14/09/2025
दुनिया में जो भी चाहे मुसलमान हो या ग़ैर मुसलमान अगर फ़िलिस्तीन के वाक़ए की हक़ीक़त को जान लेगा तो क़ाबिज़ शासन के ख़िलाफ़ हो जाएगा, उससे मुक़ाबला करेगा। फ़िलिस्तीनी क़ौम का व्यापक संघर्ष तब तक जारी रहना चाहिए जब तक वे लोग, जिन्होंने फ़िलिस्तीन पर नाजायज़ क़ब्ज़ा कर रखा है, फ़िलिस्तीनी क़ौम की राय के सामने झुक न जाएं।
13/09/2025
एतेराज़ करने वाले मुल्क - जिसमें इस्लामी और ग़ैर इस्लामी मुल्क दोनों शामिल हैं -ख़ास तौर पर इस्लामी मुल्कों को चाहिए कि वे ज़ायोनी शासन से अपने व्यापारिक संबंध पूरी तरह ख़त्म करें और राजनैतिक संबंध भी, उसे अलग थलग कर दें।
09/09/2025
आज इस्लामी जगत को बहुत बड़ी मुश्किलों का सामना है और उन मुश्किलों का हल इस्लामी एकता है। एकता क़ुरआन का एक हुक्म है। फ़िलिस्तीन का मसला, इस्लामी जगत का सबसे अहम मसला है। अगर मुसलमान एकजुट हो जाएं, तो फ़िलिस्तीन की हालत वैसी न होगी जैसी आज हम देख रहे हैं।
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