20/11/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने बुधवार 20 नवम्बर 2024 को महिलाओं के मदरसे जामेअतुज़्ज़हरा के शिक्षकों और स्टूडेंट्स से तेहरान में मुलाक़ात में समाज के नए मसलों का जवाब देने के लिए मदरसों में बदलाव और अपटूडेट होने की ज़रूरत पर बल दिया।  
18/11/2024
बैरूत में ज़ायोनी शासन के पेजर हमलों के आतंकवादी कृत्य में घायल होने वाले ईरानी राजदूत जनाब मुजबता अमानी ने रविवार 17 नवंबर 2024 को तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की, जिसमें इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने उनका हाल-चाल पूछा। 
17/11/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 30 दिसम्बर 2019 को फ़िक़्ह के दर्से ख़ारिज में पैग़म्बरे इस्लाम सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम और हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की आख़िरी बातचीत के बारे में एक हदीस की व्याख्या की।
17/11/2024
सही मानी में एक रहनुमा, एक पैग़म्बर की तरह, पूरी इंसानियत की रहनुमा, इतने आला रुतबे पर सबसे पाकीज़ा हज़रत ज़हरा एक नौजवान महिला नज़र आती हैं। यह है इस्लाम के मद्देनज़र महिला।
17/11/2024
औरत के घरदारी करने के मानी, इंसान की तरबियत है, इसका मानी वजूद के सबसे आला और सबसे ऊंचे रूप और रचना यानी इंसान को जन्म देना है। घरदारी का मतलब यह है। 
09/11/2024
अलहम्दुलिल्लाह आपने जिस चीज़ की ख़ुशख़बरी दी थी, हम उसे हासिल करने में कामयाब हुए।
08/11/2024
रेज़िस्टेंस के सरदार शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह के चेहलुम के मौक़े पर तैयार हेने वाली वीडियो डाक्यूमेंट्री का टीज़र
07/11/2024
यह संघर्ष जो बेहम्दिल्लाह आज पूरी ताक़त से जारी है लेबनान में भी, ग़ज़ा में और फ़िलिस्तीन में भी, इस संघर्ष के नतीजे में निश्चित तौर पर सत्य को कामयाबी, सत्य के मोर्चे को कामयाबी, रेज़िस्टेंस मोर्चे को कामयाबी मिलेगी। 
07/11/2024
दुनिया उस दिन को देखेगी जब ज़ायोनी शासन को अल्लाह की राह में जेहाद करने वालों के हाथों खुली हार मिलेगी इंशाअल्लाह।  
05/11/2024
साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ यही काम गांधी जी ने भारत में किया लेकिन मीरज़ाए शीराज़ी के 30 साल बाद, यानी इस बेनज़ीर साफ़्ट वार में इनोवेशन मीरज़ाए शीराज़ी ने पेश किया।
05/11/2024
इस्लामी ईरान में इन तीनों तत्वों का संयोग एक आकर्षक व दिलचस्प चीज़ है जो आज कल की नहीं है, यह ख़ुद इस्लाम से ली गयी है।
04/11/2024
आक़ा मैं यह बताने आयी हूं कि हम्ज़ा जैसे बूट पहने हुए, ज़ीन कसे हुए, कांधे पर हथियार उठाए हुए तैयार हैं ताकि अपने मौला के हुक्म पर इस जाली और मनहूस शासन को भुगोल के नक़्शे से हमेशा के लिए मिटा दें।
03/11/2024
उनकी शहादत इसलिए नुमायां और अहम है क्योंकि वे मुल्क की रक्षा के लिए सबसे घटिया दुश्मन के मुक़ाबले में डटे रहे।
02/11/2024
ईरानी क़ौम के लिए इस्लामी शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए, ज़ुल्म से मुक़ाबला करना, एक कर्तव्य है। साम्राज्यवाद से मुक़ाबला करना, कर्तव्य है।
02/11/2024
अमरीका का दूतावास इस्लामी इंक़ेलाब के ख़िलाफ़ आंतरिक स्तर पर विद्रोह कराने, इंक़ेलाब को ख़त्म करने, यहाँ तक कि इमाम ख़ुमैनी के मुबारक जीवन को ख़त्म करने के लिए प्लानिंग करने वाला गढ़ था।
02/11/2024
हम साम्राज्यवाद से मुक़ाबले में हर वह काम जो लाज़िम और ज़रूरी है निश्चित तौर पर अंजाम देंगे और अलहम्दुलिल्लाह इस वक़्त भी देश के अधिकारी उसे अंजाम देने में लगे हुए हैं।
28/10/2024
ताक़तवर ईरान ही अपनी रक्षा कर सकता है, अपनी सुरक्षा व तरक़्क़ी को सुनिश्चित कर सकता है और इस तरक़्क़ी और ताक़त से दूसरों का भी भला कर सकता है।
27/10/2024
वे ईरानी क़ौम की ताक़त, क्षमता, इनोवेशन और इरादे को अभी तक सही तरह से नहीं समझ पाए हैं, ये चीज़ें हमें उन्हें समझानी पड़ेंगी।
27/10/2024
मुल्क के अधिकारी यह तय करें और सही तरीक़े से समझें कि (ज़ायोनी शासन को) कैसे समझाना है।
26/10/2024
फ़िलिस्तीन किसका है? क़ाबिज़ कहाँ से आए हैं? कोई भी अंतर्राष्ट्रीय संगठन फ़िलिस्तीनी क़ौम पर एतेराज़ करने का हक़ नहीं रखता कि वह क्यों क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार के ख़िलाफ़ सीना तान कर खड़ी है। किसी को हक़ नहीं है। जो लोग फ़िलिस्तीनी राष्ट्र की मदद कर रहे हैं वे भी अस्ल में अपने फ़रीज़े पर अमल कर रहे हैं।
23/10/2024
अगर शहीद सिनवार जैसे लोग न होते जो आख़िरी लम्हे तक लड़ते रहे तो क्षेत्र का भविष्य किसी और तरह का होता। अगर सैयद नसरुल्लाह जैसे महान लोग न होते तो आंदोलन किसी और तरह का होता, अब जब ऐसे लोग हैं तो आंदोलन किसी और तरह का है।
22/10/2024
हिज़्बुल्लाह वाक़ई पाकीज़ा दरख़्त है। हिज़्बुल्लाह और उसके बहादुर व शहीद रहनुमा, लेबनान की पहचान और इतिहास की ख़ासियतों का निचोड़ हैं।
22/10/2024
मुजाहिद हीरो, कमांडर यहया सिनवार अपने शहीद साथियों से जा मिले। उन जैसे इंसान के लिए शहादत के अलावा कोई अंजाम मुनासिब नहीं है।
21/10/2024
हम अल्लाह की मदद और तौफ़ीक़ से हमेशा की तरह निष्ठावान मुजाहिदों और जांबाज़ों के कांधे से कांधा मिलाए खड़े रहेंगे।
21/10/2024
ईरानी क़ौम का जो दुश्मन है वही फ़िलिस्तीनी क़ौम का भी दुश्मन है, वही लेबनानी क़ौम, इराक़ी क़ौम, मिस्री क़ौम, सीरियाई क़ौम और यमनी क़ौम का भी दुश्मन है। दुश्मन एक ही है। बस अलग अलग मुल्कों में दुश्मन की शैलियां अलग हैं।
21/10/2024
जो क़ौम भी चाहती है कि दुश्मन की बेबस कर देने वाली नाकाबंदी का शिकार न हो, उसे चाहिए कि पहले ही अपनी आँखें खुली रखे, जैसे ही देखे कि दुश्मन किसी दूसरी क़ौम की ओर बढ़ रहा है, ख़ुद को मज़लूम व पीड़ित क़ौम के दुख दर्द में शरीक जाने, उसकी मदद करे, उससे सहयोग करे ताकि दुश्मन वहाँ कामयाब न हो सके।
17/10/2024
सैयद हसन नसरुल्लाह ज़ालिम और लुटेरे शैतानों के मुक़ाबले में प्रतिरोध का ऊंचा परचम थे। मज़लूमों की बोलती ज़बान और बहादुर रक्षक थे, मुजाहिदों और सत्य की राह पर चलने वालों के साहस और ढारस का सबब थे।
07/10/2024
अलअक़्सा तूफ़ान आप्रेशन की सालगिरह पर Khamenei.ir की तरफ़ से ज़ायोनी सरकार पर निर्णायक वार करने वाले इस आप्रेशन से संबंधित इस्लामी इंक़ेलाब के नेता इमाम ख़ामेनेई के बयानों पर आधारित एक डाक्यूमेंट्री पब्लिश की जा रही है।
03/10/2024
हमारे इस इलाक़े में उस समस्या की जड़, जो संघर्ष, युद्ध, चिंताएं, शत्रुताएं वग़ैरा पैदा करती है उन लोगों की उपस्थिति है जो क्षेत्र के अमन व शांति का दम भरते हैं।
02/10/2024
जो हुआ वो कोई छोटी घटना नहीं है, श्री सैयद हसन नसरुल्लाह को खोना कोई छोटी घटना नहीं है और इसने हमें बहुत सोगवार कर दिया है।
02/10/2024
हक़ वालों को क़ुरबानी देनी पड़ सकती है लेकिन वे हारेंगे नहीं, इस मैदान के विजेता वही हैं।
26/09/2024
फ़िलिस्तीन और ग़ज़ा के लोग जो संघर्ष कर रहे हैं, वह सही अर्थ में अल्लाह की राह में जेहाद कर रहे हैं।
25/09/2024
दुश्मन के पास पैसा है, हथियार हैं, संसाधन हैं, वैश्विक प्रचार है लेकिन जो विजयी है वह अल्लाह के लिए लड़ने वाला मुजाहिद है। फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस विजयी है। हिज़्बुल्लाह विजेता है।
25/09/2024
इस जंग में भी काफ़िर और दुष्ट शत्रु सबसे ज़्यादा हथियारों से लैस है। अमेरिका उसके पीछे है। अमरीकियों का कहना है कि हमारी कोई भागीदारी नहीं है, हमें जानकारी नहीं है, वे झूठ बोलते हैं!
23/09/2024
पैग़म्बर की ज़िंदगी के सबसे बड़े पाठों में से एक इस्लामी उम्मत का गठन है। आज हमें इस सबक़ की ज़रूरत है। आज हमारा स्वरूप इस्लामी उम्मत का नहीं हैं।
22/09/2024
आज ज़ायोनी शासन बड़ी बेशर्मी से खुल्लम खुल्ला अपराध कर रहा है। इसकी वजह यह है कि हम अपनी आंतरिक ताक़त को इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। हमें इस्तेमाल करना चाहिए।
21/09/2024
इस्लामी जगत की ताक़त कैंसर के इस दुष्ट फोड़े को इस्लामी समाज के दिल यानी फ़िलिस्तीन से निकाल सकती है, मिटा सकती है और इस इलाक़े से अमरीका की धौंस व धमकी भरे प्रभाव, कंट्रोल और हस्तक्षेप को ख़त्म कर सकती है। हम में ऐसा करने की ताक़त है!
21/09/2024
आज हमें इस्लामी उम्मत के गठन की ज़रूरत है, यानी इसके लिए कोशिश होनी चाहिए। इस संबंध में कौन मदद कर सकता है। सरकारें प्रभावी हो सकती हैं। अलबत्ता सरकारों में जज़्बा बहुत ठोस नहीं है। जो लोग इस जज़्बे को ठोस कर सकते हैं वह इस्लामी जगत का विशिष्ट वर्ग है।
18/09/2024
एक और चीज़ जो इस साल ओलंपिक मुक़ाबलों में नुमायां थी वह विश्व स्पोर्ट्स के मामलों को कंट्रोल करने वाले मुल्कों की दोहरी नीति है। वाक़ई उन्होंने दिखा दिया कि उनके रवैयों पर दोहरी और दुश्मनी भरी नीतियां छायी हुयी हैं।
17/09/2024
अमरीकी अधिकारियों के दिमाग़ में आतंकवाद का अर्थ ग़लत रूप में है। वे आतंकवाद का ग़लत मानी निकालते हैं। एक रात में सबरा व शतीला के नरसंहार को, वे आतंकवाद नहीं मानते!
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