26/08/2025
इन वाक़यों से दुश्मन जिस नतीजे तक पहुंचा वह यह है कि ईरान को जंग से, सैन्य हमले से झुकाया नहीं जा सकता। सिस्टम और मुल्क की रक्षा और दुश्मन के मुक़ाबले में दृढ़ता को लेकर आज अवाम में एकता है। यह एकता उनके हमले को रोकने वाली है। वे इसे ख़त्म करना चाहते हैं। इस ओर से सावधान रहिए।
अली लारीजानी, सचिव, ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद

ईरानी सरेंडर होने वाले नहीं हैं

25/08/2025
इस जंग में भी उन्हें समझ में आ गया कि ईरानी सरेंडर होने वाले नहीं हैं। अगर आपको यह बात समझ में आ जाए तो शर्त यह है कि वास्तविक वार्ता अंजाम पाए।
25/08/2025
आज यमन के बहादुर अवाम जो काम कर रहे हैं, सही है...हम हर उस काम के लिए जो इस्लामी गणराज्य के लिए मुमकिन होगा, हर काम जो मुमकिन होगा, पूरी तरह तैयार हैं।
24/08/2025
जहाँ तक मुझे जानकारी है, जनाब अलबरादई के ज़माने से और उनके बाद की पीढ़ी जो इन साहब (राफ़ाएल ग्रोसी) तक पहुंची वाक़ई आईएईए कभी भी आज के जितनी विध्वंसक स्थिति में नहीं थी! यानी ये लोग थोड़ा बहुत तो तार्किक व्यवहार करते थे; इस शख़्स ने मानो ज़ायोनी दुश्मन और अमरीका को ब्लैंक चेक दे दिया हो; यानी इस जंग में उसने आग में घी का काम किया था।
23/08/2025
अगर आज आप फ़िलिस्तीन में तकलीफ़ उठा रहे हैं तो जान लेना चाहिए कि यह तकलीफ़, पैग़म्बर की पाकीज़ा रूह को भी तकलीफ़ पहुंचाती है, हमारे पैग़म्बर इस तरह के हैं।
21/08/2025
ज़ायोनी अपने लक्ष्यों से पीछे नहीं हटे हैं। उन्होंने "नील से फ़ुरात तक" के अपने घोषित लक्ष्य को वापस नहीं लिया है। उनका इरादा आज भी यही है कि वे नील से फ़ुरात तक के इलाक़े पर क़ब्ज़ा कर लें!
16/08/2025
हमने ईरान की तरफ़ से मिसाइलों को इस्राईल की ओर जाते हुए देखा था। हर मिसाइल के उड़ने पर हम "या अली" का नारा लगाते थे।
14/08/2025
ज़ायोनी सरकार के अपराधी सैनिक ढिठाई से ठहाके लगाते हुए और मनोरंजन के तौर पर ग़ज़ा के आवासीय इलाक़ों को बमबारी से उड़ा देते हैं।
13/08/2025
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की ज़ियारत में आने जाने में जो दिन लगते हैं, वो ज़ायर की उम्र के दिनों में नहीं गिने जाते। इमाम ख़ामेनेई 23/09/2019
12/08/2025
आज इस्लामी जगत ताक़त की एक मिसाल को देख रहा है और वह अर्बईन मार्च है। अर्बईन मार्च इस्लाम की ताक़त है, सत्य की ताक़त है, इस्लामी प्रतिरोध मोर्चे की ताक़त है।
11/08/2025
बेशक हम शियों का यह इफ़तेख़ार है कि हम इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के रास्ते पर चलने वाले हैं, लेकिन इमाम हुसैन सिर्फ़ हमारे नहीं है, पूरी इंसानियत के हैं।
10/08/2025
यह आशूर का पैग़ाम है जो हज़रत इमाम हुसैन और हज़रत ज़ैनब के गले से बड़ी बेबसी और तनहाई के वक़्त निकला और आज आलमगीर बन गया है, दुनिया पर छा गया है। यह अल्लाह की अज़ीम निशानी है जो अल्लाह दिखा रहा है।
10/08/2025
27 जूलाई सन 1988 को आयतुल्लाह ख़ामेनेई जो तत्कालीन राष्ट्रपति थे, अहवाज़ के एक सैन्य अस्पताल का 19 घंटे मुआयना करते हैं, जिसके दौरान वे केमिकल बमबारी के क़रीब 750 पीड़ितों में से हर एक से मिलते, उसकी ख़ैरियत पूछते और उसे तोहफ़ा देते हैं।
06/08/2025
यह जो क्रूरता व बेरहमी ज़ायोनी शासन ने दिखायी है, यह जो बेरहमी की है, उससे न सिर्फ़ यह कि उसकी इज़्ज़त मिट्टी में मिल गयी है, बल्कि अमरीका भी बेइज़्ज़त हुआ है, युरोप के कुछ मशहूर मुल्कों की इज़्ज़त भी गयी है, बल्कि इससे पश्चिमी सभ्यता व संस्कृति की इज़्ज़त भी चली गयी है।
04/08/2025
लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन के महान कमांडर शहीद फ़ुआद अली शुक्र की जेहादी ज़िंदगी की एक झलक, उनकी बेटी ख़दीजा शुक्र की ज़बानी और शहीद फ़ुआद शुक्र के जेहाद और संघर्ष के ज़माने की ख़ास तस्वीरें और इसी तरह इमाम ख़ामेनेई के साथ शहीद की कुछ तस्वीरें पेश हैं।
02/08/2025
वाइज़मैन इंस्टिट्यूट पर ईरान का मीज़ाइल हमला ऐसी स्थिति में हुआ कि इस इंस्टिट्यूट को गूगल मैप से डिलीट कर दिया गया था ताकि इसकी लोकेशन का पता न चले। वाइज़मैन इंस्टिट्यूट ज़ायोनी सरकार के ख़ुफ़िया परमाणु हथियारों की तैयारी के प्रोग्राम में बहुत आगे आगे था।
31/07/2025
इसके अलावा यह बिन्दु भी अहम है कि इस्लामी गणराज्य ने अपने सिस्टम और अपने मुल्क की बुनियाद की अद्वितीय रूप से मज़बूती को दुनिया को दिखा दिया।
30/07/2025
ईरान के मीज़ाइल हमले के बाद इस बंदरगाह में काम काज ठप्प पड़ गया और काफ़ी मुद्दत तक किसी भी समुद्री जहाज़ ने वहाँ लंगर नहीं डाले।
29/07/2025
इस्लामी गणराज्य ने अपने सिस्टम और अपने मुल्क के अद्वितीय रूप से मज़बूत स्तंभों को दुनिया को दिखा दिया।
29/07/2025
जिस चीज़ का विश्व साम्राज्यवाद और उसका सरग़ना अपराधी अमरीका विरोधी है वह यही आपका धर्म और ज्ञान है।
27/07/2025
इस्राईली पेंटगान पर हमले ने दिखा दिया कि ईरान के मीज़ाईल, दुनिया के बहुत ही विकसित एयर डिफ़ेंस सिस्टम्ज़ को भी आसानी से भेद सकते हैं।
26/07/2025
बाज़ान ऑयल रिफ़ाइनरी की ओर से जारी बयान में आया है कि ईरान के मीज़ाइल हमलों के बाद उसके सभी प्रतिष्ठानों में काम ठप्प हो गया है।
23/07/2025
इस्लामी सरकारों पर आज बहुत भारी ज़िम्मेदारी है। इस्लामी सरकारों में से कोई भी सरकार, किसी भी रूप में, किसी भी बहाने से ज़ायोनी सरकार का समर्थन करेगी तो निश्चित तौर पर वह जान ले कि उसके माथे पर यह शर्मनाक कलंक हमेशा के लिए बाक़ी रह जाएगा।
22/07/2025
लोगों को मारने में ज़्यादा ख़र्च आ रहा था, इस लिए उसे सस्ता कर दिया। पहले बम से मारते थे, अब उन्हें गोलियों से मार देते हैं। इमाम ख़ामेनेई 4 जून 2025
20/07/2025
हम जंग में मज़बूती से उतरे, इसका सुबूत यह है कि जंग में हमारे सामने वाला पक्ष ज़ायोनी सरकार अमरीकी सरकार का सहारा लेने पर मजबूर हो गयी। अगर उसकी कमर टूट न गयी होती, अगर वह गिर न गयी होती, अगर असहाय न हो गयी होती, अगर अपनी रक्षा करने में सक्षम होती तो इस तरह अमरीका से मदद न मांगती।
19/07/2025
ईरानी क़ौम ने हालिया थोपी गयी जंग में ज़ायोनियों के ख़िलाफ़ बड़ा कारनामा अंजाम दिया यह बड़ा काम, सैन्य आप्रेशन का नहीं था, इरादे का था। ख़ुद यह इरादा, ख़ुद यह आत्मविश्वास एक बहुत ही असाधारण अहमियत रखता है।
19/07/2025
ईरान ने नवातीम एयरबेस पर इसलिए हमला किया क्योंकि ज़ायोनी सरकार का कमांड ऐन्ड कंट्रोल सेंटर और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफ़ेयर सेंटर वहाँ था। इस्लामी गणराज्य ईरान की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के मीज़ाईल हमलों के नतीजे में इस अड्डे को भारी नुक़सान पहुंचा।
16/07/2025
अल्लाह ने इस्लामी व्यवस्था के तहत और क़ुरआन व इस्लाम की छाया में, ईरानी राष्ट्र के लिए मदद निश्चित कर दी है कि ईरानी राष्ट्र निश्चित रूप से विजयी होगा।
16/07/2025
ईरानी राष्ट्र किसी भी क्षेत्र में कमज़ोर पक्ष के रूप में सामने नहीं आएगा क्योंकि हमारे पास सभी आवश्यक संसाधन हैं। हमारे पास तर्क भी है और शक्ति भी है।
15/07/2025
दस घंटे से भी कम वक़्त में शहीद कमांडरों की रैंक के कमांडर नियुक्त किए जाते हैं और सफल आप्रेशन भी उसी सीमित वक़्त में शुरू हो जाते हैं। यह ख़ुसूसियत, सुप्रीम कमांडर की प्रशासनिक सलाहियत की नुमायां मिसाल है। अलबत्ता यह चीज़ सिर्फ़ बहादुरी से हासिल नहीं हुयी है बल्कि मामलों पर उनकी भरपूर पकड़ और उसमें उनका मूल किरदार है।
13/07/2025
उस रात उनका आना असमान्य घटना थी। शुरू के दो तीन मिनट सभी लोग हतप्रभ और एक ख़ास हालत में थे। एक बहुत ही आध्यात्मिक और क़ीमती माहौल था जिसका हम सभी पर प्रभाव पड़ा।
13/07/2025
बैत हानून का नाम, ज़ायोनियों के लिए कुछ कड़वी यादें लिए हुए है। यह एक ऐसा इलाक़ा है जिसने रेज़िस्टेंस के मुजाहिदों की बहादुरी से ज़ायोनी शासन की अपराधी फ़ौज की धौंस को बार बार मिट्टी में मिलाया है। ज़ायोनी मीडिया ने इस आप्रेशन को, रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ का 7 अक्तूबर के बाद का सबसे जटिल और बड़ा आप्रेशन क़रार दिया है।
09/07/2025
ईरानी, हमेशा आशूरा के संदेश से प्रेरित रहे हैं। यह घटना सिर्फ़ एक ऐतिहासिक वाक़या नहीं, बल्कि न्याय और सच्चाई के लिए संघर्ष और अत्याचार के ख़िलाफ़ डट जाने का प्रतीक है। ईरानियों के लिए, आशूरा सच और झूठ के बीच अनंत लड़ाई का एक शक्तिशाली प्रतीक है जो आज भी जारी है।
08/07/2025
इस्लामी गणराज्य ईरान के ख़िलाफ़ ज़ायोनी सरकार के हमले के जवाब में ईरान की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ ने गावयाम टेक्नॉलोजी पार्क को बड़ी सटीकता से मीज़ाइलों का निशाना बनाया। ईरान की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ ने 20 जून को इस सेंटर पर ज़बरदस्त हमला किया और ज़ायोनी सरकार की वॉर मशीन पर भारी वार किया।
08/07/2025
आज हमें इस बात की ज़रूरत है कि दुनिया को इमाम हुसैन इबने अली से परिचित कराएं। इस्लामी जगत को हुसैन इबने अली अलैहिस्सलाम का सबक़ यह है कि सत्य के लिए, इंसाफ़ के लिए, इंसाफ़ क़ायम करने के लिए, ज़ुल्म के मुक़ाबले के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और अपना सब कुछ मैदान में ले आना चाहिए।
03/07/2025
किसी भी तर्क के मुताबिक़ यह बात स्वीकार्य नहीं है कि किसी क़ौम से कहा जाए कि वह सरेंडर कर दे, ईरानी क़ौम से यह कहना कि समर्पण कर दो, अक़्लमंदी की बात नहीं है।
30/06/2025
ईरानी क़ौम ने इस वाक़ए में अपनी महानता का, अपनी अज़ीम शख़्सियत का परिचय दिया और यह दर्शा दिया कि ज़रूरत पड़ने पर इस क़ौम से एक सुर सुनाई देगा।
30/06/2025
फ़िलिस्तीन के मक़बूज़ा इलाक़ों पर ईरान की ओर से पहली बार मीज़ाईल बरसाए जाने के कुछ ही दिन के अंदर ज़ायोनी शासन के कमज़ोर होने की निशानियां ज़ाहिर हो गयीं।
29/06/2025
अमरीकी सरकार सीधे तौर पर जंग में कूद पड़ी क्योंकि उसे लगा कि अगर वह नहीं कूदी तो ज़ायोनिस्ट रेजीम पूरी तरह मिट जाएगी। जंग में कूदी ताकि उसे बचाए लेकिन इस जंग से उसे कुछ हासिल नहीं हुआ।
29/06/2025
इस्लामी गणराज्य ने अमरीका को बहुत ज़ोरदार थप्पड़ लगाया। क्षेत्र में अमरीका की बड़ी अहम छावनियों में से एक अल-उदैद बेस पर हमला किया और उसे नुक़सान पहुंचाया।
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