14/09/2025
पिछली कूटनयिक कोशिशें नाकाम रहीं। दुनिया में हुकूमत करने का सबसे स्वीकार्य तरीक़ा, रेफ़रेन्डम है। फ़िलिस्तीन के मूल निवासियों की राय, बेहतरीन हल है। मनहूस ज़ायोनी शासन ने अपना आग़ाज़ अपराध से किया और इस वक़्त भी उसकी ज़िंदगी अपराध के साथ जारी है।
24/07/2025
23 जून 2025 को इस्लामी गणराज्य की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ ने मुल्क के परमाणु प्रतिष्ठान पर अमरीका के हमले के जवाब में, "फ़तह की ख़ुशख़बरी" नामक ऑप्रेशन के दौरान, अमरीका की अलउदैद छावनी को मीज़ाईल से निशाना बनाया।
09/06/2025
हाजियों के नाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के पैग़ाम (4 जून 2025) पर एक नज़र
21/04/2025
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने 31 मार्च 2025 को अपनी स्पीच में क्षेत्र से ज़ायोनी शासन को जड़ से उखाड़ दिए जाने को एक धार्मिक, नैतिक और इंसानी कर्तव्य बताया। इस इन्फ़ोग्राफ़ में इस कर्तव्य की अनिवार्यता को पेश किया गया है।   
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की नज़र में फ़िलिस्तीन के संबंध में इस्लामी जगत की ज़िम्मेदारियां

अपराधी गैंग की रक्त धमनी काट दी जाए

25/09/2024
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने मुल्क के आला अधिकारियों, विदेशी राजदूतों और इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में भाग लेने वालों से मुलाक़ात में, 21 सितम्बर 2024 को ज़ायोनी सरकार के अपराधों की ओर इशारा करते हुए इस्लामी जगत की ओर से फ़िलिस्तीनी क़ौम के प्रति मौजूदा सपोर्ट के अनेक पहलूओं का ज़िक्र किया, जिन्हें इन्फ़ोग्राफ़ में पेश किया जा रहा है।
05/06/2024
पेड़ पौधे और जो कुछ उगता है वो मानव सभ्यता के निर्माण में एक अहम व बुनियादी स्तंभ की हैसियत रखता है। इमाम ख़ामेनेई 05/04/2020
15/01/2024
इस इन्फ़ोग्राफ़ में ग़ज़ा जंग के 100 दिनों में ज़ायोनी सरकार के कुछ अपराधों पर भरोसेमंद स्रोतों के हवाले से एक नज़र डाली जा रही है।
14/01/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने 9 जनवरी 2024 को कहाः "ज़ायोनी सरकार क़रीब 100 दिनों बाद, जबसे वो जुर्म कर रही है, अपने किसी भी लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकी है। फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध ज़िन्दा, ताज़ा दम और मुस्तैद है और वो सरकार थकी हुयी, लज्जित, पशेमान है और उसके माथे पर मुजरिम का ठप्पा लगा हुआ है।"
23/06/2022
ज़ियारत क़ुबूल होने का मतलब यह है कि इमाम से मुलाक़ात का जो फ़ायदा, मुलाक़ात करने वाले को मिलता है, वह आपको हासिल हो। ज़ियारत क़ुबूल होने का मतलब यह है। इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने पासदाराने इंक़ेलाब फ़ोर्स आईआरजीसी से 23 अगस्त सन 2003 को हुई अपनी मुलाक़ात में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की ज़ियारत के आदाब या संस्कार बयान किए जो पेश किए जा रहे हैं।