22/08/2025
पैग़म्बरे इस्लाम एक चलते फिरते डॉक्टर की तरह काम करते थे। डॉक्टर अपनी क्लिनिक में बैठते हैं ताकि लोग उनके पास आएं जबकि पैग़म्बर बैठे नहीं रहते थे कि लोग उनके पास आएं बल्कि वे ख़ुद लोगों के पास जाते थे। इमाम ख़ामेनेई 12 जनवरी 2005
22/08/2025
विश्व स्तर पर एक घटना की याद 22 अगस्त 1969 को ज़ायोनियों ने महा-अपराध किया और मुसलमानों के पहले क़िब्ले अल-अक़्सा मस्जिद को आग लगा दी। अल-अक़्सा मस्जिद को आग लगाने की घटना में, मस्जिद की छत क़रीब 200 वर्गमीटर तक ध्वस्त हो गयी, मस्जिद का गुंबद पाँच बिन्दुओं पर जल गया, क़रीब 800 साल पुराने इतिहास वाला क़ीमती मिंबर और दूसरी चीज़ें मिट गयीं।
13/08/2025
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के कारनामे का मक़सद यह था कि वह हक़ बात और हक़ की राह को लागू करें और उन सभी ताक़तों के मुक़ाबले में डट जाएं, जो इस राह के ख़िलाफ़ आपस में मिल गयी थीं। 24/09/1985
12/08/2025
इस्लाम का बाक़ी रहना, अल्लाह के रास्ते का बाक़ी रहना, अल्लाह के बंदों की ओर से इस राह पर चलते रहने पर निर्भर है, इस राह ने इमाम हुसैन बिन अली अलैहिस्सलाम और हज़रत ज़ैनब के कारनामे से मदद और ऊर्जा हासिल की है।
10/08/2025
जब कर्बला का वाक़ेया हुआ और उस जगह पर इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके साथियों व रिश्तेदारों ने बेमिसाल बलिदान का प्रदर्शन कर दिया तो अब बारी थी क़ैदियों की कि वो पैग़ाम को आम करें। इमाम ख़ामेनेई
10/08/2025
"मैंने जब भी जनाब फ़र्शचियान की पेंटिंग को देखा, जिसे उन्होंने कई साल पहले मुझे दिया था, रोया हूं; हम ऐसी हालत में कि मर्सिया पढ़ना जानते हैं, जनाब फ़र्शचियान ऐसा मर्सिया पढ़ते हैं कि हम सब को रुलाते हैं। यह कितनी फ़ायदेमंद और अर्थपूर्ण कला है कि एक चित्रकार उसमें ऐसी हालत पैदा कर दे। इमाम ख़ामेनेई 1 सितम्बर 1993
09/08/2025
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम हिदायत का चेराग़ हैं। हमेशा हुसैनी ज़िंदगी गुज़ारिए और हुसैनी बने रहिए। इमाम ख़ामेनेई 6 सितम्बर 2023
02/08/2025
कोई भी चीज़ इससे बढ़कर नहीं है कि कोई इंसान अपने हाथों से, अपने इरादे और अख़्तियार से अपनी जान और अपना वजूद एक बड़े पाकीज़ा और अज़ीम मक़सद के लिए क़ुर्बान कर दे। शहादत के मानी यह हैं। इमाम ख़ामेनेई 27 सितम्बर 1998
31/07/2025
हिज़्बुल्लाह और रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ के वजूद की बरकत से लेबनान एक आइडियल सरज़मीन में बदल गया है और इस पूरे क्षेत्र पर उसका असर है। यह आप (हिज़्बुल्लाह और रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़) के शहीदों के ख़ून की बरकत है।
20/07/2025
हम जंग में मज़बूती से उतरे। इसकी दलील यह है कि ज़ायोनी सरकार अमरीकी सरकार का सहारा लेने पर मजबूर हो गयी। अगर उसकी कमर टूट न गयी होती, अगर वह गिर न गयी होती, अगर असहाय न हो गयी होती, अगर अपनी रक्षा करने में सक्षम होती तो इस तरह अमरीका से मदद न मांगती। इमाम ख़ामेनेई 16 जूलाई 2025
15/07/2025
ज़ायोनी खाना बाँटने के नाम पर एक केंद्र बनाते हैं। लोग वहाँ खाना लेने के लिए भीड़ लगा लेते हैं। जितने लोगों को ये पहले बम से मारते थे, अब एक मशीनगन से उससे दस गुना ज़्यादा लोगों को ख़त्म कर देते हैं! लोगों को मारने में ज़्यादा ख़र्च आ रहा था, इस लिए उसे सस्ता कर दिया। अमरीका पूरी तरह इस जुर्म में शामिल है। इमाम ख़ामेनेई 4 जून 2025
14/07/2025
ज़ायोनी फ़ौजी उन माँओं पर फ़ायरिंग कर रहे हैं जो खाने की लाइनों में अपने भूखे बच्चों के लिए खाना लेने की कोशिश कर रही हैं। यह तो जंग नहीं है, यह एक क़ौम का सुनियोजित जातीय सफ़ाया है।
08/07/2025
जंग के दिनों में ईरानी अवाम की बेमिसाल राष्ट्रीय एकता की दास्तान
03/07/2025
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई पर हमले के गुस्ताख़ी भरे बयानों के ख़िलाफ़, बड़े धर्मगुरूओं ने बयान और फ़तवे जारी करके अपने स्टैंड का एलान किया है।
01/07/2025
पूरी दुनिया के लोग, 12 दिन तक ईरानी अवाम के साथ मिलकर लड़े
29/06/2025
13 जून से 24 जून तक ईरान पर ज़ायोनी शासन के हमलों में, शहीद होने वाले इस्लामी जम्हूरिया ईरान के कमांडरों की याद में हालिया वाक़यों में शहीद होने वालों को श्रद्धांजलि पेश है। शहीद कमांडर, शहीद वैज्ञानिक सचमुच हक़ीक़त में इस्लामी गणराज्य के लिए बहुत क़ीमती थे और उन्होंने सेवाएं की और आज अल्लाह की बारगाह में अपनी महान सेवाओं का बदला पा रहे होंगे इंशाअल्लाह। इमाम ख़ामेनेई 26 जून 2025
28/06/2025
नीचे ज़ायोनिस्ट रेजीम के एयर डिफ़ेंस पर इस्लामी जम्हूरिया की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ की फ़तह की तफ़सील को तस्वीर के रूप में बयान किया जा रहा है।
27/06/2025
इतने शोर शराबे और इतने लंबे चौड़े दावों के बावजूद, ज़ायोनी सरकार इस्लामी गणराज्य के भीषण वार से क़रीब क़रीब ढह गयी और उसे कुचल कर रख दिया गया।   इमाम ख़ामेनेई 26 जून 2025
23/06/2025
ज़ायोनी दुश्मन ने बहुत बड़ी ग़लती की है, बहुत बड़ा अपराध किया है, जिसे दंडित किया जाना चाहिए और उसे सज़ा मिल रही है। इस वक़्त भी उसे सज़ा मिल रही है… ज़ायोनी शासन के हमले के बाद क़ौम के नाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के दूसरे पैग़ाम से 18 जून 2025
21/06/2025
हम ज़ायोनिस्टों को इस बड़े जुर्म के बाद जो उन्होंने अंजाम दिया है, बच कर नहीं जाने देंगे। यक़ीनन इस्लामी जम्हूरिया ईरान की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ इस ख़बीस ज़ायोनी दुश्मन पर भारी वार करेंगी। इमाम ख़ामेनेई 13 जून 2025
19/06/2025
"न तो थको और न ही ग़मगीन हो अगर तुम मोमिन हो तो तुम ही ग़ालिब व बरतर रहोगे।" सूरए आले इमरान, आयत-139
18/06/2025
बे नामे नामीये हैदर नबर्द आग़ाज़ मी गर्दद अली (अ.स.) बा ज़ुल्फ़ेक़ारे ख़ुद बे ख़ैबर बाज़ मी गर्दद हैदर (अ.स.) के महान नाम से जंग शुरू होगी अली अपनी ज़ुल्फ़ेक़ार के साथ ख़ैबर में लौटेंगे
17/06/2025
राष्ट्रीय मीडिया के न्यूज़ स्टूडियो पर ज़ायोनी शासन के हमले के वक़्त न्यूज़ चैनल की ऐंकर की बहादुरी और दृढ़ता का ऐतिहासिक व अमर मंज़र 16 जून 2025
17/06/2025
यक़ीनन इस्लामी जम्हूरिया ईरान की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ इस ख़बीस ज़ायोनी दुश्मन पर भारी वार करेंगी। क़ौम हमारे सपोर्ट के लिए खड़ी है, आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के समर्थन में खड़ी है, और इन्शाअल्लाह इस्लामी जम्हूरिया, ज़ायोनिस्ट रेजीम पर ग़ालिब आएगी। इमाम ख़ामेनेई 13 जून 2025
14/06/2025
ज़ायोनिस्ट रेजीम के शुक्रवार की सुबह हमले के सिलसिले में रहबर-ए-इंक़िलाब आयतुल्लाह ख़ामनेई के पैग़ाम से 13 जून 2025
14/06/2025
ज़ायोनिस्ट रेजीम ने बड़ी ग़लती कर दी, भारी भूल कर दी, हिमाक़त कर दी, जिस का ख़मियाज़ा, अल्लाह की तौफ़ीक़ से उसे तबाह कर देगा... अल्लाह की इजाज़त से इस्लामी जम्हूरिया, ज़ायोनिस्ट रेजीम पर ग़ालिब आएगी। इमाम ख़ामेनेई 13 जून 2025
13/06/2025
ज़ायोनिस्ट रेजीम के हमले के सिलसिले में रहबर-ए-इंक़िलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई के पैग़ाम से सय्यद अली ख़ामेनेई  13 जून 2025
13/06/2025
ज़ायोनिस्ट रेजीम ने आज सुबह अपने पलीद और ख़ून-आलूद हाथ से हमारे प्यारे मुल्क में एक और संगीन जुर्म अंजाम दिया और अपनी पस्त फ़ितरत को रिहाइशी इलाक़ों पर हमला कर के पहले से ज़्यादा बे-नक़ाब कर दिया। इमाम ख़ामेनेई 13 जून 2025
09/06/2025
फ़िलिस्तीन के मसले को भुला दिए जाने की साम्राज्यावादियों और ज़ायोनी सरकार के समर्थकों की कोशिशों के बावजूद इस सरकार के हुक्मरानों की दुष्ट प्रवृत्ति और उनकी मूर्खतापूर्ण नीति ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि आज फ़िलिस्तीन का नाम पहले से ज़्यादा उज्जवल है और ज़ायोनियों और उनके समर्थकों से नफ़रत, पहले से ज़्यादा है। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के सन 2025 के हज के पैग़ाम से
09/06/2025
इंसाफ़- हमारे व्यक्तिगत फ़ैसलों से शुरू होता है, इंसाफ़ हमारे व्यक्तिगत अमल, हमारे बात करने, लोगों के कामों और शख़्सियतों के बारे में हमारी राय से शुरू होता है। ((ख़बरदार) किसी क़ौम से दुश्मनी तुम्हें इस बात पर आमादा न करे कि तुम इंसाफ़ न करो) (सूरए मायदा, आयत-8) अगर किसी के साथ हमारी मुख़ालेफ़त है, हम किसी से दुश्मनी भी रखते हैं, सोच व नज़रिया अलग अलग है, तब भी उसके संबंध में हम को ज़ुल्म नहीं करना चाहिए। बहुत बड़ी मुसीबत यह होगी क़ियामत के दिन कोई काफ़िर किसी शख़्स का गरेबान पकड़ ले कि जनाब! आपने मुझ पर फ़ुलां जगह ज़ुल्म किया है। हक़ीक़त में इससे ज़्यादा सख़्त बात कुछ और नहीं है या यह कि अल्लाह के दुश्मन का हमारी गर्दन पर कोई हक़ हो, हमारा गरेबान पकड़ ले और कहे कि तुमने हम पर ज़ुल्म किया है, यानी इंसाफ़ की स्थिति यह है। इमाम ख़ामेनेई 18 अप्रैल 2023
07/06/2025
आप सौभाग्यशाली हाजी, अल्लाह से ज़ालिम ज़ायोनियों और उनके समर्थकों पर विजय की दुआ कीजिए। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के सन 2025 के हज के पैग़ाम से
07/06/2025
मुसलमान सरकारों को ज़ायोनी सरकार को मदद पहुंचाने वाले सारे रास्तों को बंद कर देना चाहिए और इस अपराधी को ग़ज़ा में उसकी निर्दयी करतूतों को जारी रखने से बाज़ रखना चाहिए। हज में बराअत का एलान, इस राह में एक क़दम है। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के सन 2025 के हज के पैग़ाम से
01/06/2025
बराअत को हमने बाहर से हज में शामिल नहीं किया है। हज का हिस्सा, हज की आत्मा और हज की विशाल सभा के वास्तविक अर्थ में है।
26/05/2025
आज आप रेज़िस्टेंस के मोर्चे का एक भाग बन गए हैं और आपने अपनी सरकार के निर्दयी दबाव के बावजूद, जो खुलकर क़ाबिज़ व बेरहम ज़ायोनी सरकार का साथ दे रही है, एक शरीफ़ाना जद्दोजहद शुरू की है। अमरीकी स्टूडेंट्स के नाम इमाम ख़ामेनेई के ख़त का एक हिस्सा 25 मई 2024
24/05/2025
ट्रम्प ने कहा है कि वे शांति के लिए ताक़त का इस्तेमाल करना चाहते हैं। वे झूठ बोल रहे हैं। इमाम ख़ामेनेई 17 मई 2025
12/05/2025
मुस्लिम राष्ट्र इस बात की अनुमति न दें कि फ़िलीस्तीन को भुला दिया जाए। इमाम ख़ामेनेई 10 मई 2025
04/05/2025
वही साम्राज्यवादी ताकतें, जो आतंकवाद को एक जुर्म क़रार देती हैं इस ज़ालिम और अपराधी शासन के लिए आतंकवाद उनकी नज़र में जायज़ और वैध है! उसका हर काम खुला आतंकवाद है और अमरीका उसका समर्थन करता है। कई पश्चिमी सरकारें उसका साथ देती हैं, बाक़ी सब ख़ामोश तमाशाई बने हुए हैं।
02/05/2025
उनका रेज़िस्टेंस और प्रतिरोध के मोर्चे के जवानों पर बस नहीं चलता तो परिवार वालों पर टूट पड़ते हैं, बच्चों, मज़लूमों और बूढ़े लोगों की जान ले लेते हैं। मानवाधिकार के लिए शोर मचाकर दुनिया के कान के पर्दे फाड़ने वाले कहां हैं? क्या ये इंसान नहीं हैं? क्या इनके अधिकार नहीं हैं? इमाम ख़ामेनेई 10 अप्रैल 2024
30/04/2025
मैं उन महान लोगों का दिल से शुक्रगुज़ार हूं जो ज़रूरत के पल में पीड़ितों को रक्तदान करने के लिए आगे आए। सैयद अली ख़ामेनेई 27 अप्रैल 2025
16/04/2025
पड़ोसी देशों के साथ व्यापारिक संबंधों में विस्तार हमारी तरजीह होनी चाहिए। उन देशों के साथ आर्थिक संबंधों को आसान बनाया जाए जो एशिया के आर्थिक केन्द्र हैं, जैसे चीन, रूस और भारत। इमाम ख़ामेनेई 15 अप्रैल 2025
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