04/11/2024
जंग के भी कुछ नियम व उसूल हैं, कुछ सीमाएं हैं। ऐसा नहीं है कि जब कोई किसी से जंग कर रहा है तो वह इन सभी सीमाओं को पैरों तले कुचल दे।
04/11/2024
आक़ा मैं यह बताने आयी हूं कि हम्ज़ा जैसे बूट पहने हुए, ज़ीन कसे हुए, कांधे पर हथियार उठाए हुए तैयार हैं ताकि अपने मौला के हुक्म पर इस जाली और मनहूस शासन को भुगोल के नक़्शे से हमेशा के लिए मिटा दें।
03/11/2024
हर चीज़ को जो कुछ भी किसी शख़्स के दिमाग़ में आए, उसे साइबर स्पेस पर नहीं डालना चाहिए, आप देखिए कि उसका असर क्या है, देखिए लोगों पर, लोगों की सोच पर, लोगों के जज़्बात पर उसका क्या असर होता है।
फ़ौज के एयर डिफ़ेंस के हालिया शहीदों के घर वालों से मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेताः

ज़ायोनी शासन से सीधे मुक़ाबले में मुल्क और राष्ट्र की रक्षा करते हुए इन अज़ीज़ों की शहादत बहुत नुमायां और अहम है

03/11/2024
ज़ायोनी सेना के शैतानी हमले का मुक़ाबला करते हुए हाल ही में शहीद होने वालों के घर वालों ने, रविवार 3 नवम्बर 2024 को दोपहर तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। 
03/11/2024
फ़ौज के एयर डिफ़ेंस तंत्र के उन शहीदों के घर वालों ने, जो 26 अक्तूबर को ज़ायोनी शासन के शैतानी हमले का मुक़ाबला करते हुए शहीद हो गए थे, रविवार 3 नवम्बर 2024 को दोपहर को तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
03/11/2024
उनकी शहादत इसलिए नुमायां और अहम है क्योंकि वे मुल्क की रक्षा के लिए सबसे घटिया दुश्मन के मुक़ाबले में डटे रहे।
02/11/2024
कुछ लोग अपनी ख़बर से, अपनी टिप्पणी से, घटनाओं के संबंध में अपनी समीक्षा से लोगों में शक पैदा कर देते हैं, डर पैदा कर देते हैं, यह चीज़ अल्लाह की नज़र में अस्वीकार्य है; इस संदर्भ में क़ुरआन का स्टैंड बहुत ठोस है, क़ुरआन इस बारे में साफ़ तौर पर कहता हैः "अगर मुनाफ़ेक़ीन और वे लोग जिनके दिलों में बीमारी है और मदीना में अफ़वाहें फैलाने वाली (अपनी हरकतों से) बाज़ न आए..." (सूरए अहज़ाब, आयत-60) "मुर्जेफ़ून" यही लोग हैं। मुर्जेफ़ून यानी वे लोग जो लोगों के दिलों में बेचैनी पैदा करते हैं, डर पैदा करते हैं। अगर इन लोगों ने यह हरकतें बंद न कीं तो अल्लाह पैग़म्बर से फ़रमाता हैः "तो हम आपको उनके ख़िलाफ़ हरकत में ले आएंगे..."(सूरए अहज़ाब, आयत-60) तो हम आपको हुक्म देंगे कि आप जाकर उन्हें सज़ा दें।
02/11/2024
साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय दिवस पर शनिवार 2 नवम्बर 2024 को स्कूलों और यूनिवर्सिटियों के हज़ारों स्टूडेंट्स ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
02/11/2024
ईरानी क़ौम के लिए इस्लामी शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए, ज़ुल्म से मुक़ाबला करना, एक कर्तव्य है। साम्राज्यवाद से मुक़ाबला करना, कर्तव्य है।
02/11/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ संघर्ष के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर स्कूलों और यूनिवर्सिटियों के स्टूडेंट्स से 2 नवम्बर 2024 को सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मुलाक़ात की।
02/11/2024
अमरीका का दूतावास इस्लामी इंक़ेलाब के ख़िलाफ़ आंतरिक स्तर पर विद्रोह कराने, इंक़ेलाब को ख़त्म करने, यहाँ तक कि इमाम ख़ुमैनी के मुबारक जीवन को ख़त्म करने के लिए प्लानिंग करने वाला गढ़ था।
02/11/2024
हम साम्राज्यवाद से मुक़ाबले में हर वह काम जो लाज़िम और ज़रूरी है निश्चित तौर पर अंजाम देंगे और अलहम्दुलिल्लाह इस वक़्त भी देश के अधिकारी उसे अंजाम देने में लगे हुए हैं।
02/11/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 3 नवम्बर 2024 को ईरान में मनाए जाने वाले विश्व साम्राज्य के ख़िलाफ़ संघर्ष के राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में 2 नवम्बर 2024 को यूनिवर्सिटियों और स्कूलों के स्टूडेंट्स से ख़ेताब किया।(1)
01/11/2024
कुछ लोग समीक्षाओं में, मसले को अजीब तरह से देखते हुए यह सोचते हैं कि अगर हम चाहते हैं कि मुल्क, सुरक्षित रहे तो हमें बड़ी ताक़तों को नाराज़ करने वाले उपकरणों के क़रीब नहीं जाना चाहिए; मिसाल के तौर पर "क्या ज़रूरी है कि हमारे पास फ़ुलां रेंज का मीज़ाइल हो कि वे लोग संवेदनशील हो जाएं!" वे सोचते हैं कि इस तरह इस शक्ल में वे मुल्क को सुरक्षित बना सकते हैं, मतलब यह है कि अस्ल में वे यूं सोचते हैं कि अगर आप चाहते हैं कि अमन में रहें तो कमज़ोर रहिए, अपने लिए ताक़त के साधन मुहैया न कीजिए, कुछ लोग इस तरह से सोचते हैं; यह ग़लत है।
01/11/2024
इंतेज़ार की हक़ीक़त में एक और ख़ुसूसियत शामिल कर दी गयी है और वह ख़ुसूसियत यह है कि इंसान मौजूदा स्थिति को काफ़ी न समझे बल्कि दिन ब दिन उसमें इज़ाफ़ा, उन हक़ीक़तों और आत्मिक ख़ूबियों को अपने भीतर और समाज के स्तर पर लागू करने की कोशिश करे। यह इंतेज़ार की ज़रूरी शर्त है। इमाम ख़ामेनेई 09/07/2011
31/10/2024
आप क़ुरआन मजीद पढ़िए, सुरक्षा के विषय को अल्लाह इतना ऊपर ले आता है कि इसे मुसलमानों को बहुत बड़ी नेमत के तौर पर याद दिलाता हैः "तो उनको चाहिए कि इस घर (ख़ानए काबा) के परवरदिगार की इबादत करें। जिसने उनको भूख में खाने को दिया और ख़ौफ़ में अमन अता किया।" (सूरए क़ुरैश, आयत-3 और 4) यानी उस अल्लाह की इबादत करो जिसने तुम्हे ये बड़ी नेमतें दी हैं, उसने तुम्हें सुरक्षा दी है, तुम्हारे लिए अमन से भरी सुरक्षित ज़िंदगी गुज़ारने का अवसर मुहैया किया है।
29/10/2024
17 अक्तूबर, मक़बूज़ा फ़िलिस्तीनी ज़मीनों को ज़ायोनी शासन के चंगुल से छुड़ाने के लिए फ़िलिस्तीनियों के 7 दशक से ज़्यादा का संघर्ष अमर हो गया; यह वह दिन है जिसमें "फ़्रंटलाइन पर लड़ने वाले" कमांडरों में से एक कमांडर दुश्मन से आमने सामने की लड़ाई लड़ रहा था और मुजाहिदों, आज़ादी और सत्य प्रेमियों के लिए आइडियल बन गया।
29/10/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 23 अक्तूबर 2024 को फ़ार्स प्रांत के शहीदों पर राष्ट्रीय कान्फ़्रेंस के प्रबंधकों से मुलाक़ात में इस प्रांत के इतिहास, अज़ीम हस्तियों और शानदार अतीत के बारे में स्पीच दी। यह स्पीच कान्फ़्रेंस के आयोजन के दिन 29 अक्तूबर को कान्फ़्रेंस में दिखाई गयी।(1)
28/10/2024
ताक़तवर ईरान ही अपनी रक्षा कर सकता है, अपनी सुरक्षा व तरक़्क़ी को सुनिश्चित कर सकता है और इस तरक़्क़ी और ताक़त से दूसरों का भी भला कर सकता है।
27/10/2024
वे ईरानी क़ौम की ताक़त, क्षमता, इनोवेशन और इरादे को अभी तक सही तरह से नहीं समझ पाए हैं, ये चीज़ें हमें उन्हें समझानी पड़ेंगी।
शहीदों के घर वालों से मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेताः

ज़ायोनी शासन को ईरानी क़ौम की ताक़त समझानी चाहिए

27/10/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने रविवार 27 अक्तूबर 2024 को तेहरान में सुरक्षा विभाग के शहीदों के घर वालों से मुलाक़ात में समाज के सभी मामलों और अवाम की ज़िंदगी के सभी आयामों में सुरक्षा को बुनियादी लेहाज़ से अहम बताया और बल दिया कि एक ताक़तवर ईरान ही मुल्क और क़ौम को सुरक्षा मुहैया करा सकता है, तरक़्क़ी दिला सकता है और इसे सुनिश्चित कर सकता है इसलिए सभी तरह के आर्थिक, वैज्ञानिक, राजनैतिक, सुरक्षा और प्रशासनिक आयाम से ईरान को दिन ब दिन ज़्यादा से ज़्यादा ताक़तवर होना चाहिए।
27/10/2024
मुल्क के अधिकारी यह तय करें और सही तरीक़े से समझें कि (ज़ायोनी शासन को) कैसे समझाना है।
27/10/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 27 अक्तूबर 2024 को सुरक्षा फ़ोर्सेज़ से तअल्लुक़ रखने वाले शहीदों के घर वालों से मुलाक़ात में सुरक्षा की अहमियत और सुरक्षा के अलग अलग स्वरूप पर बात की।
26/10/2024
फ़िलिस्तीन किसका है? क़ाबिज़ कहाँ से आए हैं? कोई भी अंतर्राष्ट्रीय संगठन फ़िलिस्तीनी क़ौम पर एतेराज़ करने का हक़ नहीं रखता कि वह क्यों क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार के ख़िलाफ़ सीना तान कर खड़ी है। किसी को हक़ नहीं है। जो लोग फ़िलिस्तीनी राष्ट्र की मदद कर रहे हैं वे भी अस्ल में अपने फ़रीज़े पर अमल कर रहे हैं।
वेबसाइट Khamenei.ir से इंटरव्यू में विदेश मंत्री अब्बास इराक़चीः

अपने हितों और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में ईरान की कोई सीमा नहीं है

27/10/2024
विदेश मंत्री अब्बास इराक़ची ने शनिवार 26 अक्तूबर की शाम KHAMENEI.IR  से इंटरव्यू में कहा कि ईरान की अपने हितों और संप्रभुता की रक्षा में कोई सीमा नहीं है और क्षेत्र के हालिया दौरों में ईरान की रक्षा ताक़त और ईरान पर हमले का इरादा रखने वालों के ख़िलाफ़ जवाबी कार्यवाही की उसकी क्षमता से विदेशी पक्षों को आगाह कर दिया गया है। 
25/10/2024
इंतेज़ार का तक़ाज़ा यह है कि इंसान ख़ुद को उसी हालत में ढाले और वही अख़लाक़ व अंदाज़ अख़्तियार करे जो उस ज़माने के लिए मुनासिब है जिसका उसे इंतेज़ार है। हमें चाहिए कि न्याय को सपोर्ट करें, ख़ुद को हक़ के सामने समर्पित रहने के लिए तैयार करें। इंतेज़ार इस तरह की हालत पैदा कर देता है।   इमाम ख़ामेनेई  09/07/2011
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के बेटे सांत्वना देने के लिए तेहरान में फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस आंदोलन हमास के दफ़्तर पहुंचे

रेज़िस्टेंस के सपोर्ट के लिए ईरानी अवाम के प्रयासों का वर्णन, अमरीका का ज़माना लद गया

25/10/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता सैयद अली ख़ामेनेई के बेटे तेहरान में इस्लामी रेज़िस्टेंस आंदोलन हमास के दफ़्तर पहुंचे और इस आंदोलन के प्रतिनिधि को आयतुल्लाह ख़ामेनेई का सलाम पहुंचाने के साथ ही फ़िलिस्तीन के मुजाहिद कमांडर और हमास के पोलित ब्यूरो प्रमुख यहया सिनवार की शहादत पर तेहरान में इस आंदोलन के प्रतिनिधि को मुबारकबाद व सांत्वना पेश की। 
24/10/2024
ज़ायोनिस्ट रेजीम ने 7 अक्तूबर 2023 को सैन्य, सुरक्षा और इंटेलिजेंस की नज़र से ऐसे वार खाने के बाद कि जिसकी भरपाई नहीं हो सकती, ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ भयानक अपराध और उनके जातीय सफ़ाए को अपना एजेंडा बना लिया।
25/10/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने हिज़्बुल्लाह की कार्यकारिणी के प्रमुख सैयद हाशिम सफ़ीउद्दीन की शहादत पर रेज़िस्टेंस मोर्चे के जवानों के नाम सांत्वना संदेश जारी किया है। 
23/10/2024
इस लेख में फ़िलिस्तीनी मामलों के रिसर्च स्कालर और लेखक अली रज़ा सुलतान शाही ने इतिहास के बैकग्राउंड में क्षेत्र में ज़ायोनी सरकार को मान्यता दिलाने और उसके वजूद को मज़बूत करने की पश्चिम की कोशिशों और उसकी साज़िश की इस्लामी इंक़ेलाब के हाथों नाकामी और उसके क्षेत्र में फैलते असर का कि जिसका चरम अलअक़्सा फ़्लड आप्रेशन के रूप में सामने आया, जायज़ा लिया है।
23/10/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार की सुबह फ़ार्स प्रांत के 15 हज़ार शहीदों को श्रद्धांजलि पेश करने की कान्फ़्रेंस की प्रबंधन कमेटी के सदस्यों से तेहरान में मुलाक़ात में क्षेत्र के वाक़यों और रेज़िस्टेंस मोर्चे की दृढ़ता व संघर्ष को इलाक़े के भविष्य और इतिहास में बदलाव का सबब बताया और 50 हज़ार से ज़्यादा बेक़ुसूर इंसानों के नरसंहार के बावजूद रेज़िस्टेंस को ख़त्म करने में ज़ायोनी सरकार की शिकस्त पर बल देते हुए पश्चिमी सभ्यता और पश्चिमी अधिकारियों की रुसवाई को ज़्यादा बड़ी शिकस्त क़रार दिया और कहा कि शैतानी मोर्चे के मुक़ाबले में जीत रेज़िस्टेंस के मोर्च की हुई है। 
23/10/2024
अगर शहीद सिनवार जैसे लोग न होते जो आख़िरी लम्हे तक लड़ते रहे तो क्षेत्र का भविष्य किसी और तरह का होता। अगर सैयद नसरुल्लाह जैसे महान लोग न होते तो आंदोलन किसी और तरह का होता, अब जब ऐसे लोग हैं तो आंदोलन किसी और तरह का है।
23/10/2024
यहया सिनवार ने किस तरह पश्चिमी मीडिया के दुष्प्रचार को अपनी शहादत से बेनक़ाब किया, इस बारे में एक लेख पेश है। 
22/10/2024
हिज़्बुल्लाह वाक़ई पाकीज़ा दरख़्त है। हिज़्बुल्लाह और उसके बहादुर व शहीद रहनुमा, लेबनान की पहचान और इतिहास की ख़ासियतों का निचोड़ हैं।
22/10/2024
मुजाहिद हीरो, कमांडर यहया सिनवार अपने शहीद साथियों से जा मिले। उन जैसे इंसान के लिए शहादत के अलावा कोई अंजाम मुनासिब नहीं है।
21/10/2024
अमरीका के इशारे पर ज़ायोनी शासन एक ओर ग़ज़ा में जातीय सफ़ाया तो दूसरी ओर लेबनान में अपराध कर रहा है। इस बारे में एक लेख पेश है।   
21/10/2024
हम अल्लाह की मदद और तौफ़ीक़ से हमेशा की तरह निष्ठावान मुजाहिदों और जांबाज़ों के कांधे से कांधा मिलाए खड़े रहेंगे।
21/10/2024
ईरानी क़ौम का जो दुश्मन है वही फ़िलिस्तीनी क़ौम का भी दुश्मन है, वही लेबनानी क़ौम, इराक़ी क़ौम, मिस्री क़ौम, सीरियाई क़ौम और यमनी क़ौम का भी दुश्मन है। दुश्मन एक ही है। बस अलग अलग मुल्कों में दुश्मन की शैलियां अलग हैं।
ताज़ातरीन