20/10/2021
कोरोना वायरस की महामारी फैली तो दुनिया के कई देशों ने उसका टीका या वैकसीन बनाने के लिए रिसर्च का काम शुरू कर दिया। ईरान में भी मेडिकल साइंस के कई रिसर्च सेंटर्ज़ ने पश्चिम की कड़ी पाबंदियों के बावजूद स्वदेशी वैकसीन बनाने के लिए रिसर्च का काम शुरू कर दिया। इसके नतीजे में “कोविरान बरकत” के नाम से ईरानी वैकसीन बन चुकी है। KHAMENEI.IR ने फ़रमाने इमाम संस्था की एग्ज़ेक्यूटिव कमेटी की रिसर्च टीम के प्रमुख डॉक्टर हसन जलीली से इस संबंध में बात की है। पेश हैं इस इंटरव्यू के कुछ अहम अंश।
21/10/2021
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 3 अक्तूबर 2021 को इमाम हुसैन कैडिट कॉलेज में ईरानी सशस्त्र बलों की अकादमियों के कैडिट्स के ग्रेजुएशन के संयुक्त समारोह से वीडियो लिंक के माध्यम से संबोधन में ईरान के पश्चिमोत्तरी पड़ोसी देशों में जारी मामलों के बारे में कुछ अहम बातों का उल्लेख किया। KHAMENEI.IR ने इस संबंध में ईरान के पूर्व कूटनयिक मोहसिन पाक आईन के लिखे हुए एक लेख के माध्यम से देश की पश्चिमोत्तरी सीमाओं पर जारी समस्याओं का जायज़ा लिया है।
21/10/2021
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 11 मार्च 2021 को हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम की पैग़म्बरी की घोषणा की वर्षगांठ के मौक़े पर टीवी पर अपने संबोधन में यमन की मज़लूम जनता पर सऊदी अरब की बमबारी और इस ग़रीब देश के आर्थिक घेराव में अमरीकी सरकार की भागीदारी का ज़िक्र किया और इस बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ के रवैये की कड़ी निंदा की।
21/10/2021
8 फ़रवरी 2021 को रूस के राष्ट्रपति विलादिमीर पुतीन के नाम इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई का संदेश, ईरान के संसद सभापति मुहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ के माध्यम से रूस के संसद सभापति और पुतीन के विशेष प्रतिनिधि के हवाले किया गया। KHAMENEI.IR ने इस बारे में वर्तमान विदेश मंत्री और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में ईरानी स्पीकर के तत्कालीन विशेष प्रतिनिधि हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान से बातचीत का सारांश पेश कर रही है।
21/10/2021
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 8 जनवरी 2021 को टीवी पर अपने एक संबोधन में परमाणु समझौते (JCPOA) के बारे में ईरान के रवैये और इस सिलसिले में अमरीका की ज़िम्मेदारियों के बारे में कहाः “परमाणु समझौते में अमरीका की वापसी पर हमारा कोई आग्रह नहीं है, बुनियादी तौर पर यह हमारी यह समस्या ही नहीं है कि अमरीका JCPOA में वापस लौटे या न लौटे। हमारी जो तर्कसंगत मांग है, वह प्रतिबंधों की समाप्ति की है जो ईरानी राष्ट्र का छीना गया हक़ है।“ ये जुमले इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के संबोधन के अंत में कहे गए और उन्होंने इसे इस्लामी गणराज्य ईरान की अंतिम बात क़रार दिया।
21/10/2021
पैग़म्बरे इस्लाम का उठना बैठना ग़ुलामों के साथ रहता था। उनके साथ खाना खाते थे। बहुत मामूली कपड़े पहनते थे। जो खाना मौजूद होता वही खाते, किसी भी खाने को नापसंद नहीं करते थे। पूरे मानव इतिहास में यह विशेषताएं बेजोड़ हैं। इमाम ख़ामेनई  Sept 27, 1991
21/10/2021
अल्लाह ने पैग़म्बरे इस्लाम को ‘रहमतुल लिलआलमीन’ का लक़ब दिया। इंसानों के किसी एक गिरोह के लिए नहीं, किसी एक समूह के लिए नहीं बल्कि सारी कायनात के लिए रहमत हैं। वह सब के लिए रहमत हैं। पैग़म्बर जो पैग़ाम अल्लाह की तरफ़ से लेकर आए उसे आपने सारी इंसानियत को प्रदान किया।  इमाम ख़ामेनई Dec 17, 2016
21/10/2021
इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की उम्र लगभग 55 साल है। 55 साल की इस उम्र में लगभग 20 साल का समय उनकी इमामत का समय है। जब हज़रत की इमामत का दौर ख़त्म हुआ और आपको शहीद कर दिया गया तो अगर आप उस वक़्त के हालात देखिए तो महसूस करेंगे कि अहले बैते रूसूल से मुहब्बत का सिलसिला इस्लामी जगत में इस व्यापकता और गहराई के साथ फैल चुका था कि ज़ालिम अब्बासी सल्तनत उस पर क़ाबू पाने में नाकाम थी। यह कारनामा इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम ने अंजाम दिया। इमाम ख़ामेनई Sept 17, 2013
21/10/2021
पैग़म्बरों को उन समाजों में भेजा गया जहां अज्ञानता का अंधेरा था। पैग़म्बरों का मक़सद था अज्ञानता की व्यवस्था को ख़त्म करके तौहीद (एकेश्वरवाद) पर आधारित बराबरी की व्यवस्था स्थापित करना, ग़रीबी और घमंड को मिटाना। वह मानवीय प्रतिष्ठा बहाल करने के लिए आए। इमाम ख़ामेनई Dec 31, 1976
21/10/2021
ये आंसू, एक साथ बैठना, मुसीबत का ज़िक्र, इस मोहर्रम और आशूर का हमारी जनता के जीवन पर असर पड़ता है। शिया विरोधी कुछ समाजों की नीरसता व निर्जीवता - अफ़सोस कि कुछ हुकूमतें अपनी जनता को ग़ैर शिया नहीं बल्कि शिया विरोधी बनाती हैं - ईश्वर की कृपा से हमारे समाज में नहीं है। हमारा समाज लचक, भावना, नर्मी और स्नेह व प्यार वाला समाज है। सुप्रीम लीडर 18 मई 1995
22/10/2021
जवाबः सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई ने 28 अगस्त 2021 को अपने एक भाषण में तालेबान के बारे में ईरान का रुख़ बहुत स्पष्ट शब्दो में बयान किया।
22/10/2021
आयतुल्लाह ख़ामेनई ने 28 जुलाई 2021 की अपनी स्पीच में परमाणु वार्ता के बारे में महत्वपूर्ण बिंदु बयान किए।
27/09/2021
नैतिक मूल्यों के पालन के साथ सच्चाई को बयान करने का जेहाद दुश्मन के प्रोपैगंडे को बेअसर बना सकता है़
03/10/2021
इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के कैडिट कालेजों के ‎स्टूडेंट्स के कम्बाइंड स्टडी सेशन को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए ख़िताब किया। उन्होंने इस वर्चुअल ‎मुलाक़ात में कहाः “जो लोग दूसरों के सहारे अपनी सुरक्षा हासिल करने के भ्रम में हैं, जान लें कि ‎जल्द ही इसका तमांचा खाएंगे।”‎
18/09/2021
टोक्यो में ओलम्पिक और पैरालिम्पिक-2020 में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों ने इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर की, ईरानी नौसेना के 75वें बेड़े की एटलांटिक मिशन से कामयाबी के साथ वापसी पर, बधाई

बड़े मिशन की इस शानदार वापसी पर मुबारकबाद देता हूं।

11/09/2021
इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने ईरानी नौसेना के 75वें बेड़े की विशाल एटलांटिक महासागर में ऐतिहासिक मिशन से शानदार वापसी पर, बेड़े के कमांडर और एक एक कर्मचारी की कोशिशों को सराहा।
18/10/2021
जवाहर लाल नेहरू ने लिखा कि ग़रीबी भी उन्हीं की देन है। ऐसे बहुत से ग़रीब देश जिनकी जनता ग़रीबी में जीवन बिता रही है और अपने प्राकृतिक स्रोतों से लाभ नहीं उठा सकती, उनकी ग़रीबी का पाप भी इन्हीं के सिर है।
23/10/2021
जॉन पॉल सार्टर साम्राज्यवाद के समय के एक कालखंड में पश्चिमी बुद्धिजीवियों ने, पश्चिम के उपनिवेशों के लोगों की आवाज़ से आवाज़ मिलाई।
23/10/2021
विलियम शेक्सपियर शेक्सपियर कि रचनाएं भी, साहित्य में दिलचस्पी रखने वाले इंसान के लिए, सादी की रचनाओं जितनी ही सम्मानीय हैं और मनोरंजक हैं।
पैग़म्बरे इस्लाम की व्यक्तिगत व सामाजिक सीरत (चरित्र) पर एक नज़र

बेहतरीन नमूना

23/10/2021
आयतुल्लाहिल उज़मा खामेनेईः पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम की महान हस्ती, पैग़म्बरों और ख़ुदा के प्यारे बंदों की सूची में सबसे ऊपर है और हम मुसलमानों के लिए उनका अनुसरण अनिवार्य है। (12 मई 2000)
22/10/2021
आप देखिए कि इन्होंने भारत में क्या किया? चीन में क्या किया? 19वीं सदी में अंग्रेज़ों ने भारत में वह तबाही मचाई कि - मुझे विश्वास है कि आप युवा इतिहास को भी और इन चीज़ों को भी कम ही अहमियत देते हैं - जो कुछ हुआ है उसका हज़ारवां हिस्सा भी आपने प्रचारों में और बातों में नहीं सुना है।
10/09/2021
अगर आशूर क़ुरबानी के ज़रिए जेहाद का चरम बिंदु है तो यह चालीस दिन बयान के ज़रिए जेहाद का चरम बिंदु हैं। पैग़म्बर के ख़ानदान के आंदोलन ने कर्बला की घटना को अमर कर दिया। यह बयान उस क़ुरबानी को मुकम्मल करने वाली कड़ी है। इमाम ख़ामेनई Sept 27, 2021
02/10/2021
अरबईन के पैदल मार्च से इस्लाम को ताक़त मिलती है। यह हक़ की ‎ताक़त है। यह इस्लामी प्रतिरोध मोर्चे की ताक़त है जिसकी वजह से ‎दसियों लाख ज़ायरीन कर्बला की ओर, इमाम हुसैन की ओर जो प्रतिष्ठा, ‎क़ुरबानी और शहादत की आख़िरी मंज़िल पर हैं, चल पड़ते हैं। ‎ इमाम ख़ामेनई Oct 13, 2019‎
04/10/2021
अगर हम इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के आंदोलन को आशूर के दौर और चेहलुम के दौर में बांटें तो हमें आशूर को ‎इमाम हुसैन की क़ुरबानी का दिन मानना चाहिए और अरबईन या चेहलुम को इमाम हुसैन की विचारधारा के प्रचार ‎और प्रतिरोध की शुरुआत मानना चाहिए। ‎ इमाम ख़ामेनई Dec 28, 1980‎
07/10/2021
 दर्जनों देशों से लोग अरबईन मार्च में हिस्सा लेते हैं और इराक़ियों के मेहमान बनते हैं। हमारी कोशिश यह होना चाहिए कि मुस्लिम भाइयों के रिश्ते इस पैदल ज़ियारत की मदद से और भी मज़बूत हों। इराक़ियों और ग़ैर इराक़ियों का रिश्ता, शिया सुन्नी का रिश्ता, अरब, फ़ार्स, तुर्क और कुर्द जातियों का रिश्ता, यह रिश्ते ख़ुश नसीबी की गैरेंटी हैं। यह रिश्ते अल्लाह की रहमत की निशानी हैं। दुश्मन की कोशिश फूट डालने की थी लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया और अल्लाह के करम से वह आगे भी सफल नहीं होगा। यह रिश्ता और संपर्क जिस चीज़ ने पैदा किया है वह अल्लाह पर ईमान है, पैग़म्बर और उनके ख़ानदान से मुहब्बत है, इमाम हुसैन से मुहब्बत है। इमाम ख़ामेनई Sept 18, 2019
26/09/2021
पवित्र प्रतिरक्षा के शहीदों और मुजाहेदीन की निष्ठापूर्ण क़ुरबानियां ‎ईरानी जनता के लिए विजय और ‎सफलता का उपहार लेकर आईं ‎और उनके ख़ून से इतिहास में इस्लामी गणराज्य की सत्यता दर्ज ‎हो ‎गई। ‎ यह मुजाहेदीन का बड़ा सबक़ हैः जहां निष्ठापूर्ण संघर्ष होगा ‎विजय और सरबुलंदी मिलेगी। ‎ इमाम ख़ामेनई
23/10/2021
  इस्लामी एकता सप्ताह के अवसर पर हुज्जतुल इस्लाम हुसैन महदी हुसैनीः  एकता सप्ताह ने सामराज्वाद के मंसूबों पर पानी फेर दिया। जब क़ुरआन एक है, कलेमा एक है, काबा एक है और ‎नबी एक हैं तो इसी को बुनियाद बनाकर सब को जमा हो जाना चाहिए। ‎
23/10/2021
  पैग़म्बर की हस्ती वह है जिस पर अल्लाह और उसके फ़रिश्ते दुरूद व सलाम भेजते हैं। हमें अपने पैग़म्बर की बात यानी क़ुरआन पर और इस्लाम पर क़ायम रहना चाहिए।
23/08/2021
मुबाहेला वह मौक़ा है जब पैग़म्बरे इस्लाम अपने सबसे चहेते लोगों को मैदान में ‎लेकर आते हैं। यही सूरत मुहर्रम में अमली शक्ल में पेश आई। यानी इमाम हुसैन ‎अलैहिस्सलाम भी हक़ीक़त बयान करने और पूरे इतिहास में हक़ को ज़ाहिर ‎करने के लिए अपने प्यारों को मैदान में ले आते हैं। इमाम ख़ामेनई ‎ Dec 13, 2009‎
23/10/2021
पैग़म्बरे इस्लाम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के अवसर पर और एकता सप्ताह के उपलक्ष्य में इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनई की वेबसाइट KHAMENEI.IR की तरफ़ से हिंदी ज़बान की वेबसाइट लांच कर दी गई।
23/10/2021
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के उपलक्ष्य में अदालतों व सशस्त्र बलों की न्यायिक संस्था से और इसी तरह विभागीय कार्यवाहियों के तहत सज़ा पाने वाले 3,458 क़ैदियों की सज़ाएं माफ़ या कम करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है।
24/10/2021
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम और उनके छठे उत्तराधिकारी इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम की पैदाइश के मुबारक दिन पर तीनों पालिकाओं के चीफ़, इस्लामी व्यवस्था के अधिकारियों की एक टीम और पैंतीसवी अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी एकता कॉन्फ़्रेंस में भाग लेने वाले मेहमानों ने रविवार को आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
25/10/2021
पैग़म्बरे इस्लाम और हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के अवसर पर इस्लामी एकता ‎सम्मेलन के मेहमानों और देश के उच्चाधिकारियों से आयतुल्लाह ख़ामेनई की मुलाक़ात
27/07/2021
  इन्शा अल्लाह ख़ुदा वंदे आलम इस बड़ी ईद और मौला हज़रत अली अलैहिस्सलाम के ज़िक्र की बर्कत से आपके दिल को हमेशा अपने करम से और अपनी शांति से रौशन रखे और यह तौफ़ीक़ दे कि इस मौक़े और इस जैसे दूसरे अवसरों से हम इन्शा अल्लाह सही अर्थ में फ़ैज़ हासिल कर सकें।
28/07/2021
आपका मन हज़रत अली के इश्क़ में डूबा हुआ है। अल्लाह उन पर अपनी कृपा की बारिश करे। यही शौक़, यही इश्क़, यही प्रेम और ध्यान इन्शा अल्लाह हमें उस सिम्त ले जाने का ज़रिया बने जो हमारे मौला के मद्देनज़र है।
29/07/2021
  ग़दीर के दिन ख़लीफ़ा मंसूब करने की घटना उसूल के निर्धारण की घटना है, क़ायदे के निर्धारण की घटना है। इस्लाम में एक उसूल तय पाया। पैग़म्बरे इस्लाम ने अपनी उम्र के आख़िरी महीनों में, इस उसूल को पेश किया। वह उसूल क्या है? इमामत का उसूल, विलायत का उसूल। इंसानी समाज में प्राचीन समय से हुकूमतें थीं। इंसान ने अनेक तरह के शासन का अनुभव किया है। इस्लाम इस तरह की सरकार को, इस तरह के ताक़त के मकरज़ को नहीं मानता, इमामत को मानता है। यह इस्लाम का नियम व दस्तूर है। ग़दीर की घटना इसी को बयान करती है।
01/08/2021
अल्लामा अमीनी मरहूम ने ग़दीर की रिवायत को 110 सहाबियों के हवाले से बयान किया है।...‎ इसके अलावा ख़ुद हज़रत अली अलैहिस्सलाम की बहसें भी बहुत अहम हैं। जैसे सिफ़्फीन में अमीरुल मोमेनीन अपने असहाब के सामने ख़ुतबा देते हैं और ग़दीर की घटना ‎बयान करते हैं।
04/08/2021
इतनी बड़ी क़ुरबानी की ज़रूरत थी जो इतिहास को और समाज को झिंझोड़ कर रख दे और ऐसा ही हुआ।
13/08/2021
इमाम हुसैन की तहरीक का एक अहम सबक़, हुसैनी तहरीक हदीसे पैग़म्बरे की रोशनी में, फ़र्ज़ अदा करने का मक़ाम हो तो अंजाम कुछ भी हो अच्छा ही होगा।
ताज़ातरीन