यह कान्फ़्रेंस पिछले वर्ष नवम्बर महीने में शुरू हुई थी और आज 10 नवम्बर को शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और स्कालरों व राजनीतिक विशेषज्ञों की उपस्थिति में इसका समापन समारोह आयोजित किया जा रहा है।
"आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई के विचारों में हम और पश्चिम" कॉन्फ़्रेस में ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली लारीजानी:
ईरान के राष्ट्रीय प्रसारण केन्द्र आईआरआईबी के अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ़्रेंस हॉल में "आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई के विचारों में हम और पश्चिम" शीर्षक के तहत कॉन्फ़्रेस का समापन समारोह आयोजित किया गया जिसमें बुद्धिजीवी, प्रोफ़ेसर और रिसर्च स्कॉलर्ज़ शामिल हुए।
फ़िलिस्तीन के मसले को भुला दिए जाने की साम्राज्यावादियों और ज़ायोनी सरकार के समर्थकों की कोशिशों के बावजूद,आज फ़िलिस्तीन का नाम पहले से ज़्यादा उज्जवल है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 22 अक्तूबर 2025 को आयतुल्लाह मीरज़ा मोहम्मद हुसैन नाईनी को श्रद्धांजलि पेश करने की कान्फ़्रेंस के प्रबंधकों से मुलाक़ात में आयतुल्लाह नाईनी की इल्मी शख़्सियत के अहम पहलुओं पर रौशनी डाली।
फ़िलिस्तीन के मसले को भुला दिए जाने की साम्राज्यावादियों और ज़ायोनी सरकार के समर्थकों की कोशिशों के बावजूद,आज फ़िलिस्तीन का नाम पहले से ज़्यादा उज्जवल है।
सैयद अली ख़ामेनेई
30 मई 2025
ईरान के संसद सभापति जनाब मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ ने पाकिस्तान के अपने दौरे पर इस मुल्क की सिनेट के चेयरमैन जनाब यूसुफ़ रज़ा गीलानी को "फ़िलिस्तीन पर रेफ़्रेंडम" किताब का उर्दू का नुस्ख़ा पेश किया। यह किताब फ़िलिस्तीन के मसले के हल के बारे में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के बयानों पर आधारित है।
कुछ लोग पूछते हैं कि हम अमरीका के सामने झुके नहीं, क्या अमरीका के साथ कभी भी संबंध क़ायम नहीं होगा? क्या हमेशा अमरीका के मुख़ालिफ़ रहेंगे? जवाब यह है कि अमरीका की साम्राज्यवादी फ़ितरत, समर्पण के अलावा किसी चीज़ पर राज़ी नहीं होती।
इस्लामी गणराज्य और अमरीका के बीच मतभेद की वजह बुनियादी है, यह दो धाराओं के हितों का टकराव है। यह भोलापन है अगर कोई यह सोचता है कि चूंकि एक क़ौम अमरीका मुर्दाबाद का नारा लगाती है इसलिए अमरीका इस तरह दुश्मनी करता है।
मलऊन ज़ायोनी शासन की मदद और उसके साथ सहयोग और ईरान के साथ सहयोग एक साथ मुमकिन नहीं है। अगर (अमरीका) ज़ायोनी शासन का सपोर्ट करना पूरी तरह छोड़ दे, यहाँ (क्षेत्र) से अपनी सैन्य छावनियों को ख़त्म कर दे, इस इलाक़े में हस्तक्षेप न करे, उस वक़्त इस मसले की समीक्षा की जा सकती है।
अमरीकी कभी कभी कहते हैं कि "हम ईरान के साथ सहयोग करना चाहते हैं।" अगर वह ज़ायोनिस्ट सरकार की हिमायत बिल्कुल ख़त्म कर दे, अपने फ़ौजी अड्डे समेट ले, और इलाक़े में हस्तक्षेप बंद कर दे, तो फिर इस पर ग़ौर किया जा सकता है। लेकिन यह बात न तो आज के लिए है, न ही निकट भविष्य के लिए।
4 नवम्बर को हमारे नौजवान स्टूडेंट्स ने जाकर अमरीकी दूतावास को अपने कंट्रोल में ले लिया। यह दिन, इस बात में शक नहीं कि इतिहास की नज़र से मुल्क के भविष्य के लिए फ़ख़्र के क़ाबिल और क़ौम की जीत का दिन शुमार होगा। यह वह दिन है जब हमारे नौजवानों ने उस ताक़त के मुक़ाबले में हिम्मत दिखाई जिससे दुनिया के नेता डरते थे।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने विश्व साम्राज्यवाद के ख़िलाफ संघर्ष के राष्ट्रीय दिवस के उलपलक्ष्य में, स्टूडेंट्स और 12 दिवसीय जंग के शहीदों के कुछ परिवार वालों से, सोमवार 3 नवम्बर 2025 की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से पूरे मुल्क के टीचरों की मुलाक़ात के मौक़े पर ग़ज़ा पट्टी के स्टूडेंट्स और बहादुर टीचरों के लिए ईरानी टीचरों के दिल की गहराई से निकलने वाले जुमले। (17 मई 2025)
सामने वाले पक्ष ने धमकी दी है कि अगर तुमने वार्ता नहीं की तो ऐसा और वैसा होगा, हम बमबारी करेंगे। ऐसी वार्ता को स्वीकार करना जो धमकी के साथ जुड़ी हो, कोई सम्मानीय राष्ट्र बर्दाश्त नहीं करता, कोई भी समझदार राजनीतिज्ञ इसका समर्थन नहीं करता है।
सैयद हसन नसरुल्लाह इस्लामी दुनिया के लिए बहुत क़ीमती संपत्ति थे; सिर्फ़ शियों के लिए नहीं, सिर्फ़ लेबनान के लिए नहीं, इस्लामी दुनिया के लिए संपत्ति थे। अलबत्ता यह संपत्ति ख़त्म नहीं हुयी। यह संपत्ति बाक़ी है।
इमाम ख़ामेनेई
23 सितम्बर 2025
हिज़्बुल्लाह को कम न समझिए इस क़ीमती संपत्ति की ओर से ग़फ़लत नहीं होनी चाहिए। यह, लेबनान और ग़ैर लेबनान के लिए संपत्ति है।
इमाम ख़ामेनेई
23 सितम्बर 2025
ज़रूरी समझता हूं कि महान मुजाहिद शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह की शहादत की बर्सी पर उनका ज़िक्र करूं। सैयद हसन नसरुल्लाह इस्लामी दुनिया के लिए बहुत क़ीमती संपत्ति थे सिर्फ़ शियों के लिए नहीं, सिर्फ़ लेबनान के लिए नहीं, अलबत्ता यह संपत्ति ख़त्म नहीं हुयी। यह संपत्ति बाक़ी है।
उन्होंने आकर ईरान की यूरेनियम संवर्धन के प्रतिष्ठानों पर फ़ुलाँ जगह और फ़ुलाँ जगह बमबारी कर दी। यूरेनियम संवर्धन एक साइंस है, और साइंस को मिटाया नहीं जा सकता। साइंस बमों, धमकियों या ऐसी चीज़ों से ख़त्म नहीं होती।
इमाम ख़ामेनेई
23 सितम्बर 2025
यानी हम अमरीका के वार्ता की मेज़ पर बैठें और उनके साथ होने वाली बातचीत का नतीजा वह बात हो जो उसने कही है, यह वार्ता नहीं है, यह तो मुंहज़ोरी है, ऐसे पक्ष के साथ बैठकर वार्ता कीजिए कि जिसका नतीजा आवश्वयक रूप से वही होगा जो वह चाहता है, क्या इसे वार्ता कहेंगे?
22 अगस्त 2025 को ज़ायनी सरकार के प्रधान मंत्री बिनयामिन नेतनयाहू का एक इंटरव्यू आई-24 नेटवर्क पर प्रसारित हुआ जिसमें उन्होंने साफ़ तौर पर "ग्रेटर इस्राईल" के सपने का ज़िक्र किया और उसे अपना आध्यात्मिक और ऐतिहासिक मिशन कहा।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने पाकीज़ा डिफ़ेंस सप्ताह के मौक़े पर एक पैग़ाम जारी कियाः
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने पाकीज़ा डिफ़ेंस सप्ताह और शहीदों की याद में मनाए जाने वाले विशेष दिवस "मेहमानिए लालेहा" के मौक़े पर शहादत को संघर्ष का इनाम बताया और बल दिया कि क़ौमें इन संघर्षों से विकास करती हैं और इन शहादतों से ज़िंदगी पाती और अपनी जलवा बिखेरती हैं।
अमरीकी पक्ष, ढिठाई से कह रहा है कि ईरान युरेनियम एनरिचमेंट न करे, ज़ाहिर है कि ईरान जैसी ग़ैरतमंद क़ौम, ऐसी बात करने वाले के मुंह पर दे मारेगी और इस बात को क़ुबूल नहीं करेगी।
मैं यह कहना चाहता हूं कि मौजूदा हालात में, जो स्थिति है, मुमकिन है, 20 साल बाद, 30 साल बाद हालात दूसरे हों, उससे मुझे कुछ लेना देना नहीं है, मौजूदा हालात में अमरीका के साथ बातचीत हमारे राष्ट्रीय हित में नहीं है।
आज दुनिया को हमेशा की तरह शांति, सुलह और सुरक्षा की ज़रूरत है। इंसान की मूल ज़रूरतों में से एक शांति है। अलबत्ता हम हमेशा से कहते आए हैं कि शांति न्यायपूर्ण होनी चाहिए। किसी क़ौम पर थोपी गयी अन्यायपूर्ण शांति, जंग से भी ज़्यादा बुरी है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने 23 सितम्बर 2025 की रात को ईरानी अवाम से ख़िताब किया जिसमें उन्होंने 12 दिन की जंग में ईरानी क़ौम की एकता, युरेनियम एनरिचमेंट और अमरीका की धमकियों के मुक़ाबले में क़ौम और इस्लामी व्यवस्था के ठोस स्टैंड और सूझबूझ जैसे अहम विषयों पर चर्चा की।
राष्ट्रपति डॉक्टर मसऊद पेज़ेश्कियान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भाग लेने के लिए रवाना होने से पहले आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
ईरान की फ़्री स्टाइल कुश्ती की टीम के चैंपियन बनने पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का पैग़ाम
2025 के विश्व मुक़ाबलों में ईरान की फ़्री स्टाइल कुश्ती की राष्ट्रीय टीम के चैंपियन बनने पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने एक पैग़ाम जारी करके मुल्क की फ़्री स्टाइल कुश्ती के चैंपियन्ज़ की हैरत अंगेज़ कोशिश और प्रशंसनीय रवैये की सराहना की है। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का पैग़ाम इस तरह हैः
इराक़ की राजधानी बग़दाद में अंतर्राष्ट्रीय बुक फ़ेयर में फ़िलिस्तीन के मसले के बारे में इमाम ख़ामेनेई के नज़रिए पर आधारित किताब "फ़िलिस्तीन में रेफ़रेन्डम" के रिलीज़ हुयी। इसी तरह इस बुक फ़ेयर में "फ़िलिस्तीन, इंसानियत की अंतरआत्मा में" शीर्षक के तहत एक संगोष्ठी भी हुयी।
पिछली कूटनयिक कोशिशें नाकाम रहीं। दुनिया में हुकूमत करने का सबसे स्वीकार्य तरीक़ा, रेफ़रेन्डम है। फ़िलिस्तीन के मूल निवासियों की राय, बेहतरीन हल है। मनहूस ज़ायोनी शासन ने अपना आग़ाज़ अपराध से किया और इस वक़्त भी उसकी ज़िंदगी अपराध के साथ जारी है।
बग़दाद में अंतर्राष्ट्रीय बुक फ़ेयर में फ़िलिस्तीन के मसले के बारे में इमाम ख़ामेनेई के नज़रिए पर आधारित किताब "फ़िलिस्तीन में रेफ़रेन्डम" के रिलीज़ होने का कार्यक्रम जारी है। इसी तरह इस नुमाइश में "फ़िलिस्तीन, इंसानियत की अंतरआत्मा में" शीर्षक के तहत एक संगोष्ठी भी जारी है।
जो भी हल अब तक पश्चिमी ताक़तों और क्षेत्र के कुछ मध्यस्थता करने वालों की तरफ़ से पेश हुए, उसमें या तो साठगांठ को ध्रुव बनाया गया या फ़िलिस्तीन के धूर्ततापूर्ण बंटवारे के ज़रिए, उस पर नाजायज़ क़ब्ज़े की हक़ीक़त को छिपा दिया गया है।