मुल्क के फ़ुलां मक़ाम, फ़ुलां शहर, फ़ुलां क़ौम और फ़ुलां प्रांत का रहने वाला जवान जो जाकर दुश्मन के मुक़ाबले में खड़ा हो जाता है। वह न तो सैन्य मैदान में डरता है और न उसकी राजनैतिक बातों से प्रभावित होता है और न उसके कल्चर को क़ुबूल करता है।
झूले में मौजूद बच्चे, पांच साल, छह साल के बच्चों पर, महिलाओं पर, अस्पतालों में भरती बीमारों पर, इन लोगों ने तो एक गोली भी नहीं चलायी होती है, लेकिन इन पर बम गिराए जा रहे हैं।
आज झूले में मौजूद बच्चे, पांच साल, छह साल के बच्चों पर, महिलाओं पर, अस्पतालों में भरती बीमारों पर, इन लोगों ने तो एक गोली भी नहीं चलायी होती है, लेकिन इन पर बम गिराए जा रहे हैं, क्यों?
अमरीकी, कुछ बातें अमेरिकन वैल्यूज़ के तौर पर पेश करते हैं...ये वैल्यूज़ मानवीय सम्मान, मानवाधिकार और इस जैसी चीज़ें हैं। ये अमरीकी वैल्यूज़ हैं?!... क्या यह वही सरकार नहीं है जिसने अमरीकी सरज़मीन के मूल निवासियों का क़त्ले आम किया?...आज कल हर दिन फ़िलिस्तीनी अवाम का उनके घरों में, क़ाबिज़ों के हाथों खुले आम क़त्ल हो रहा है।
इमाम ख़ामेनेई
18 मार्च 2002
इंसान की अस्ली और पसंदीदा ज़िंदगी, हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़ाहिर होने के वक़्त से शुरू होगी। इंसानियत लगातार रास्ता तय कर रही है ताकि राजमार्ग तक पहुंच सके, यह राजमार्ग, इमाम महदी अलैहिस्सलाम का ज़माना है, हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़ाहिर होने का ज़माना है। हक़ीक़त में इंसान की अस्ल और पसंदीदा ज़िंदगी इस राजमार्ग से शुरू होगी और इंसानियत उस वक़्त एक रास्ते पर आएगी और वह रास्ता सीधा रास्ता है जो उसे पैदाइश की मंज़िल तक पहुंचाएगा।
इमाम ख़ामेनेई
11/06/2014
गुरूवार 25 जुलाई 2024 को वेबसाइट Khamenei.ir ने निर्वाचित राष्ट्रपति डाक्टर मसऊद पिज़िश्कियान से विस्तृत इंटरव्यू लिया, जिसके कुछ भाग यहां पेश किए जा रहे हैं।
Khamenei.ir से संयुक्त इंटरव्यू में इस्माईल हनीया और ज़्याद नख़ाला की ताकीदः
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से हमास आंदोलन और जेहादे इस्लामी आंदोलन के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल की मुलाक़ात के कुछ घंटे बाद, Khamenei.ir ने शहीद इस्माईल हनीया और जनाब ज़्याद अन्नख़ाला से बातचीत की। इस बातचीत में जो शहीद हनीया का आख़िरी तफ़सीली इंटरव्यू भी है, फ़िलिस्तीन के दो इस्लामी प्रतिरोध संगठनों के नेताओं ने फ़तह के निश्चित होने पर ताकीद की और इस्लामी जगत की एकता पर बल दियाः
अपनी शहादत से कुछ घंटे पहले जनाब इस्माईल हनीया के Khamenei.ir की अरबी सेवा से आख़िरी इंटरव्यू पर आधारित डाक्यूमेंट्री की कुछ झलकियां। यह डाक्यूमेंट्री जल्द ही रिलीज़ की जाएगी।
अमरीका का इतना छोटा सा इतिहास, इंसानों के ख़िलाफ़ ज़ुल्म और अपराधों से भरा हुआ है। इस सरज़मीन के अस्ली मालिकों व मूल निवासियों के नरसंहार से लेकर इस्राईल के सरकारी आतंकवाद के ज़रिए ज़मीनों को हड़पने और फ़िलिस्तीन की जनता के क़त्लेआम को सपोर्ट करने तक और एक जुमले में हिरोशिमा से ग़ज़ा तक, इन सबका सुलह, मानवता, मानवाधिकार, लोकतंत्र जैसे सुंदर लफ़्ज़ों की आड़ में, साम्राज्य के पिट्ठू प्रचारिक तंत्रों के ज़रिए बहुत ही घिनौनी शक्ल में जस्टिफ़िकेशन पेश किया जाता है। इस बारे में लेख पेश है।
KHAMENEI.IR की अरबी सेवा को दिए गए शहीद इस्माईल हनीया के आख़िरी इंटरव्यू पर आधारित एक डाक्यूमेंट्री फ़िल्म। यह इंटरव्यू उन्होंने अपनी शहादत से कुछ घंटे पहले दिया था।
उन्हें अल्लाह की राह में शहीद होकर अल्लाह के बंदों को नजात दिलाने से ख़ौफ़ नहीं था लेकिन हम इस सख़्त व कड़वी घटना पर, जो इस्लामी गणराज्य की सरहद में अंजाम पायी, उनके ख़ून के बदले को अपना फ़र्ज़ समझते हैं।
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 21 जुलाई 2024 को बारहवीं संसद के स्पीकर और सांसदों से ख़ेताब में क़ानून साज़ी, संसद की ज़िम्मेदारियों, कार्यपालिका के साथ सार्थक सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के सिलसिले में संजीदा भूमिका अदा करने जैसे बिंदुओं पर ताकीद की। (1)
मैंने एक दस्तावेज़ में देखा, साम्राज्यवादी कहते थे कि जब तक इमाम महदी पर इन लोगों का अक़ीदा है, तब तक हम इनके मुल्कों का कंट्रोल अपने हाथ में नहीं ले सकते। देखिए! इमाम महदी का अक़ीदा कितना अहम है! वे लोग कितनी ग़लती करते हैं जो रौशन फ़िक्री और बदलाव के नाम पर इस्लामी अक़ीदे पर, बिना अध्ययन के, बिना जानकारी के और यह जाने बिना कि वे क्या कर रहे हैं, सवालिया निशान लगाते हैं।
इमाम ख़ामेनेई
16/12/1997
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई आज सुबह 8: 30 पर तेहरान यूनिवर्सिटी के परिसर में फ़िलिस्तीन के प्रतिरोध के महान मुजाहिद, शहीद इस्माईल हनीया की नमाज़े जनाज़ा पढ़ाएंगे।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने, गुरूवार को सुबह तेहरान यूनिवर्सिटी के परिसर में हमास के पोलित ब्यूरो प्रमुख शहीद इस्माईल हनीया और उनके साथ शहीद हुए शहीद वसीम अबू शाबान की नमाज़े जनाज़ा पढ़ाई।
यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के प्रवक्ता जनाब मोहम्मद अब्दुस्सलाम ने मंगलवार 30 जुलाई 2024 की शाम को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने अंसारुल्लाह के नेता जनाब अब्दुल मलिक बदरुद्दीन को दुरूद व सलाम का पैग़ाम दिया। इसी तरह यमनी अवाम की दृढ़ता और ग़ज़ा के मज़लूम अवाम को उनके सपोर्ट की सराहना की।
शहीद हनीया बरसों से एक शराफ़तमंदाना जंग के मैदान में अपनी जान हथेली पर लिए हुए थे।
इस्माईल हनीया की शहादत पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के शोक संदेश का एक हिस्सा
31 जुलाई 2024
आर्मीनिया के प्रधान मंत्री निकोल पाशीनियान और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार 30 जुलाई 2024 को दोपहर से पहले, तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
हमास के पोलित ब्यूरो प्रमुख जनाब इस्माईल हनीया और जेहादे इस्लामी आंदोलन के सेक्रेटरी जनरल जनाब ज़्याद अन्नख़ाला ने मंगलवार 30 जुलाई 2024 को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से तेहरान में मुलाक़ात की।
ईरान के दौरे पर आए ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमाम अली रहमान और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार की सुबह तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की जिसमें, इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने इस्लामी गणराज्य की अस्ल नीति और प्राथमिकता, क्षेत्रीय मुल्कों ख़ास तौर पर हमज़बान और संयुक्त ज़बान, इतिहास और धर्म रखने वाले मुल्कों से संबंध को बढ़ावा देना बताया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने मंगलवार की सुबह आर्मीनिया के प्रधान मंत्री निकोल पाशीनियान और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान की स्वाधीन व निश्चित नीति पड़ोसी मुल्कों ख़ास तौर पर आर्मीनिया से संबंध को बढ़ावा देने की है और हम आर्मीनिया से अपने रिश्तों को बढ़ाने में गंभीर हैं और दोनों मुल्कों के बीच सहयोग, दूसरों की नीतियों को नज़र में रखे बिना द्विपक्षीय हितों की बुनियाद पर पूरी ताक़त से जारी रहेगा।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने मंगलवार 30 जुलाई 2024 को हमास के पोलित ब्यूरो प्रमुख जनाब इस्माईल हनीया और जेहादे इस्लामी आंदोलन के सेक्रेटरी जनरल जनाब ज़्याद अन्नख़ाला से मुलाक़ात में ग़ज़ा के मज़लूम अवाम की बेमिसाल दृढ़ता व प्रतिरोध की सराहना करते हुए कहा कि आज इस्लाम का सबसे ऊंचा परचम फ़िलिस्तीनी क़ौम और ग़ज़ा के लोगों के हाथ में हैं और इस प्रतिरोध की बरकत से इस्लाम के पहले से ज़्यादा प्रसार की राह समतल हो गयी है।
इराक़ी प्रधान मंत्री जनाब मोहम्मद शियाअ अस्सूदानी और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार 30 जुलाई 2024 की शाम को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से तेहरान में मुलाक़ात की।
लेबनान के हिज़्बुल्लाह सगंठन के उपसचिव शैख़ नईम क़ासिम ने मंगलवार 30 जुलाई 2024 को दोपहर बाद इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से तेहरान में भेंटवार्ता की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने मंगलवार 30 जुलाई 2024 की शाम को इराक़ी प्रधान मंत्री जनाब मोहम्मद अलशिया अस्सूदानी और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में करोड़ों लोगों की शिरकत से अर्बईन मार्च के पसंदीदा व शानदार आयोजन की राह समतल करने के लिए इराक़ी अवाम और सरकार की ओर से की जाने वाली कोशिशों और उठाई जाने वाली ज़हमतों की सराहना की।
लेबनान के हिज़्बुल्लाह आंदोलन के डिप्टी जनरल सेक्रेट्री जनाब हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन नईम क़ासिम ने मंगलवार की शाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
दुनिया, ग़ज़ा के मसले में ज़्यादा गंभीर क़दम उठाए। सरकारों, राष्ट्रों, मुख़्तलिफ़ क्षेत्रों की वैचारिक और राजनैतिक हस्तियों को गंभीर क़दम उठाना चाहिए। तब इस निगाह से समझ में आएगा कि परसों अमरीकी कांग्रेस ने इस अपराधी का भाषण सुनकर कितना ज़्यादा ख़ुद को कलंकित किया है। यह बहुत बड़ा कलंक है।
इमाम ख़ामेनेई
28 जुलाई 2024
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 15 मई 2024 को तेहरान शहर और प्रांत के शहीदों पर सम्मेलन के आयोजकों से मुलाक़ात में अपने ख़ेताब में तेहरान की क़ुरबानियों का उल्लेख किया। (1)
किसी भी आंतरिक मसले को किसी विदेशी मसलें पर निर्भर नहीं करना चाहिए। आप विश्व स्तर पर जो भी काम कर सकते हैं, कीजिए, अच्छे काम, इज़्ज़त बढ़ाने वाले काम, सज्जनता से भरे काम कीजिए लेकिन मुल्क की सलाहियत, मुल्क की ताक़त और मुल्क के इनोवेशन की ओर से ग़फ़लत न कीजिए।
चौदहवीं कार्यपालिका, इस्लामी क्रांति के नेता की ओर से, निर्वाचित राष्ट्रपति को मिले जनादेश को आज रविवार 28 जुलाई 2024 को अनुमोदित किए जाने और उन्हें दिए जाने वाले आदेशपत्र के बाद, आधिकारिक तौर पर अपना काम शुरू करेगी।