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इस्लामी क्रान्ति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शनिवार 10 मई 2025 की सुबह मज़दूर सप्ताह के अवसर पर हज़ारों श्रमिकों और मज़दूरों से मुलाक़ात में काम और श्रम के मुद्दों को देश के भविष्य से जुड़ा हुआ बताया और काम को मानव जीवन के प्रबंधन और जारी रहने का मुख्य स्तंभ क़रार दिया। उन्होंने इसी तरह ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन के अपराधों की ओर इशारा किया और आशा व्यक्त की कि मोमिन राष्ट्र, ज़ायोनी शासन पर फ़िलिस्तीन की विजय को अपनी आँखों से देखेंगे।
क़ुम के हौज़े (धार्मिक शिक्षा केन्द्र) की पुनर्स्थापना के 100 साल होने पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का पैग़ामः

धार्मिक शिक्षा केन्द्र को प्रगतिशील और नुमायां होना चाहिए