मेजर जनरल अमीर अली हाजीज़ादे की शहादत के बाद, आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने एक आदेश जारी कर ब्रिगेडियर सैयद मजीद मूसवी को आईआरजीसी की एरोस्पेस फ़ोर्स का कमांडर नियुक्त किया है।
इस्लामी क्रांति के नेता और आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने जनरल मोहम्मद हुसैन बाक़ेरी की शहादत के बाद एक आदेश जारी करके जनरल सैय्यद अब्दुल-रहीम मूसवी को आर्म्ड फ़ोर्सेज़ का चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ़ नियुक्त किया है।
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामनेई ने मेजर जनरल हुसैन सलामी की शहादत के बाद एक हुक्मनामा जारी करते हुए जनरल मुहम्मद पाकपूर को सेपाहे पासदाराने इन्क़ेलाब आईआरजीसी का नया कमांडर नियुक्त किया है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने मेजर जनरल ग़ुलाम अली रशीद की शहादत के बाद, एक आदेश जारी करते हुए मेजर जनरल अली शादमानी को ख़ातेमुल अंबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर्ज़ का कमांडर नियुक्त किया।
ज़ायोनिस्ट रेजीम ने आज सुबह अपने पलीद और ख़ून-आलूद हाथ से हमारे प्यारे मुल्क में एक और संगीन जुर्म अंजाम दिया और अपनी पस्त फ़ितरत को रिहाइशी इलाक़ों पर हमला कर के पहले से ज़्यादा बे-नक़ाब कर दिया।
इमाम ख़ामेनेई
13 जून 2025
सिपाहे पासदाराने इंक़ेलाब आईआरजीसी के कमांडर इन्चीफ़ का रहबर-ए इंक़ेलाब के नाम ख़त:
सिपाहे पासदाराने इंक़ेलाब आईआरजीसी के कमांडर इन्चीफ़ ने रहबर-ए इंक़ेलाब के नाम ख़त में जल्द ही ज़ालिम और नाजाइज़ ज़ायोनिस्ट हुकूमत को एक दर्दनाक और विनाशकारी अंजाम से दोचार करने का अहद किया है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का ईरानी क़ौम से टेलिवीजन पर ख़ेताबः
ग़दीर का अर्थ, इलाही व इस्लामी शासन के सिलसिले को जारी रखना है ताकि यह शासन इमामत की मदद से विकसित इस्लामी जीवन शैली के आदर्श पेश करने का सिलसिला जारी रखे।
इमाम ख़ामेनेई
25 जून 2024
ईरानी संसद मजलिसे शूराए इस्लामी के स्पीकर और सदस्यों ने 11 जून 2025 की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
सचमुच हमारी क़ौम अटल इरादे की मालिक क़ौम है, क्या आप किसी ऐसी क़ौम को जानते हैं जो उन ताक़तों के मुक़ाबले में जो दूसरों पर अपना हुक्म चला रही हैं, डट जाए, सीना तान कर खड़ी हो जाए और पूरी दृढ़ता से और स्पष्ट अंदाज़ में अपनी बात रखे? हमारी क़ौम के अलावा बहुत ढूंढने पर कोई ऐसी क़ौम मिलेगी।
इंसाफ़- हमारे व्यक्तिगत फ़ैसलों से शुरू होता है, इंसाफ़ हमारे व्यक्तिगत अमल, हमारे बात करने, लोगों के कामों और शख़्सियतों के बारे में हमारी राय से शुरू होता है। ((ख़बरदार) किसी क़ौम से दुश्मनी तुम्हें इस बात पर आमादा न करे कि तुम इंसाफ़ न करो) (सूरए मायदा, आयत-8) अगर किसी के साथ हमारी मुख़ालेफ़त है, हम किसी से दुश्मनी भी रखते हैं, सोच व नज़रिया अलग अलग है, तब भी उसके संबंध में हम को ज़ुल्म नहीं करना चाहिए। बहुत बड़ी मुसीबत यह होगी क़ियामत के दिन कोई काफ़िर किसी शख़्स का गरेबान पकड़ ले कि जनाब! आपने मुझ पर फ़ुलां जगह ज़ुल्म किया है। हक़ीक़त में इससे ज़्यादा सख़्त बात कुछ और नहीं है या यह कि अल्लाह के दुश्मन का हमारी गर्दन पर कोई हक़ हो, हमारा गरेबान पकड़ ले और कहे कि तुमने हम पर ज़ुल्म किया है, यानी इंसाफ़ की स्थिति यह है।
इमाम ख़ामेनेई
18 अप्रैल 2023
अमरीका, ज़ायोनी सरकार के अपराधों में निश्चित तौर पर भागीदार है, इस इलाक़े में और दूसरे इस्लामी क्षेत्रों में अमरीका के संपर्क में रहने वाले लोग, मज़लूम के सपोर्ट के सिलसिले में क़ुरआन मजीद कीआवाज़ सुनें और अमरीका की साम्राज्यवादी सरकार को इस ज़ालेमाना व्यवहार को रोकने के लिए मजबूर करें।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के सन 2025 के हज के पैग़ाम से
मुसलमान सरकारों को ज़ायोनी सरकार को मदद पहुंचाने वाले सारे रास्तों को बंद कर देना चाहिए और इस अपराधी को ग़ज़ा में उसकी निर्दयी करतूतों को जारी रखने से बाज़ रखना चाहिए। हज में बराअत का एलान, इस राह में एक क़दम है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के सन 2025 के हज के पैग़ाम से
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने हर साल की तरह इस साल भी सम्मानीय हाजियों के नाम एक पैग़ाम जारी करके, इस्लामी जगत के अहम मुद्दों की ओर उन्हें ध्यान दिलाया है।
हैरत होती है कि इंसान कितना पस्त, दुष्ट, निर्दयी और शैतान हो जाए कि ऐसी करतूत करे। अलबत्ता इस अपराध में अमरीका भी भागीदार है। यही वजह है कि हमने कहा है, बारंबार कहा है और हम इसरार कर रहे हैं कि अमरीका इस इलाक़े से निकल जाए।
रमिये जमरात (कंकड़ियाँ मारना) यानी शैतान को मारो, जहां भी हो, जिस शक्ल में भी हो, जहाँ भी शैतान मिले, उसे कुचल दो। शैतान को कुचल दो, शैतान को पहचानो और मार दो।
इमाम ख़ामेनेई
4 मई 2025
फ़िलिस्तीन पर क़ाबिज़ अपराधी ज़ायोनी गैंग ने नाक़ाबिले यक़ीन दरिंदगी, अभूतपूर्व निर्दयता और दुष्टता के साथ ग़ज़ा की त्रासदी को ऐसी स्थिति में पहुंचा दिया है कि जिस पर यक़ीन नहीं आता... इस मानव त्रासदी को रोकने के लिए किसे डटना चाहिए?
इस बात में शक नहीं कि सबसे पहले यह इस्लामी हुकूमतों का फ़रीज़ा है और फिर क़ौमों का जो अपनी सरकारों से इस फ़रीज़े को अंजाम देने का मुतालेबा करें।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के सन 2025 के हज के पैग़ाम से
30 मई 2025
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने बुधवार 4 जून 2025 की सुबह इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह के मज़ार पर उनकी छत्तीसवीं बरसी के प्रोग्राम में शिरकत की और अहम ख़िताब किया।
इस्लामी क्रांति के नेता ने आज बुधवार 4 जून 2025 को इमाम ख़ुमैनी की 36वीं बरसी के मौक़े पर, उनके मज़ार पर तक़रीर में, उन्हें इस्लामी गणराज्य की शक्तिशाली, मज़बूत और विकसित हो रही व्यवस्था का महान निर्माता बताया।
ज़ायोनी सरकार पर भरोसे से कोई भी सरकार सुरक्षित नहीं रह पाएगी। ज़ायोनी शासन अल्लाह के अटल फ़ैसले की वजह से बिखर रहा है और इंशाअल्लाह इसमें ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा।
दुश्मनों ने एनरिचमेंट को ही निशाना बनाया है। अगर एनरिचमेंट की सलाहियत न हो तो न्युक्लियर इंडस्ट्री बेकार है, क्योंकि फिर हमें अपने प्लांट्स के ईंधन के लिए दूसरों के आगे हाथ फैलाना पड़ेगा।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 4 जून 2025 को इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह की 36वीं बरसी की सभा से ख़िताब में इस्लामी इंक़ेलाब के वास्तुकार की शख़्सियत पर चर्चा की। आपने ग़ज़ा और फ़िलिस्तीन के हालात और ईरान के न्युक्लियर मसले के संबंध में अहम बिन्दु बयान किए। (1)
ईरान के संसद सभापति मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई की तक़रीरों और तहरीरों के हिफ़ाज़त व प्रसार कार्यालय की ओर से सोमवार को, काराकास में वेनेज़ोएला के अधिकारियों को "इतिहास की सही दिशा में" नामक मेडल दिया।
रहबरे इंक़िलाब आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामनेई ने 3 जून 2025 को हज़रत इमाम बाक़िर अलैहिस्सलाम के यौम-ए शहादत के मौक़े पर मजलिस-ए अज़ा के इख़्तिताम पर एक मुख़्तसर ख़िताब किया। आप ने अपने इस ख़िताब में इस नुक्ते पर रौशनी डाली कि कर्बला के वाक़ए के बाद इमाम अलैहिमुस्सलाम ने उम्मत की इस्लाह के लिए किस तरीक़े से काम किया। ख़िताब के कुछ हिस्से पेश किए जा रहे हैं।
सफ़ा व मरवा के बीच सई (तेज़ क़दमों से चलना) एक इबादत है, लेकिन इसका एक गहरा प्रतीकात्मक संदेश है। (यानी) ज़िंदगी की मुश्किलों के पहाड़ों के बीच लगातार आगे बढ़ते रहिए, कोशिश करते रहिए।
तवाफ़ आपको यह सबक़ देता है: ज़िंदगी का अस्ली सबक़ तौहीद है। और यह सबक़ सिर्फ़ मोमिनों के लिए नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत के लिए हैः और लोगों में हज का एलान कर दीजिए। (सूरए हज, आयत-27)
यदि कोई अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाए तो उसका नुक़सान और हानि दोगुनी होती है। उसी तरह अल्लाह की तरफ़ से सज़ा भी दोगुनी होती है।
इमाम ख़ामेनेई
28 मई 2025
एक साल पहले, इस्लामी क्रांति के नेता ने अमरीकी छात्रों के नाम एक पत्र लिखकर उनसे कहा था कि वे ग़ज़ा में हो रहे खुले अपराधों पर चुप न रहें। हालांकि, फ़िलिस्तीन के समर्थन की सराहना से अलग हट कर, यह ख़त अमरीकी समाज की स्थिति के गहन विश्लेषण पर आधारित था, जिसमें कहा गया था कि "आप छात्र इतिहास की सही दिशा में खड़े हैं और इतिहास इस पर गर्व करेगा।"