ईरान के कोहगिलूए व बुवैर अहमद प्रांत के शहीदों को श्रद्धांजलि पेश करने के लिए आयोजित की जाने वाली कान्फ़्रेंस के प्रबंधकों ने 14 अगस्त 2024 को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। इस मौक़े पर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने तक़रीर करके हुए इस प्रांत के लोगों, वहां के इतिहास और शहीदों के विषय पर बात की।
अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम अंधेरी व घटाटोप रात में पैग़म्बर के बिस्तर पर सोने के लिए तैयार हो गए ताकि पैग़म्बर उस घर और उस शहर से बाहर निकल जाएं। उस रात, उस बिस्तर पर सोने वाले का मारा जाना क़रीब क़रीब निश्चित था।
आज इंसान का मन यह जानने, समझने और यक़ीन करने के लिए तैयार है कि एक अज़ीम इंसान आएगा और इंसानियत को ज़ुल्म व सितम से मुक्ति दिलाएगा। यह वही चीज़ है जिसका वादा पैग़म्बरे इस्लाम सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम के ज़रिए क़ुरआन मजीद में किया गया है। "और वह उन पर से संगीन बोझ उतारता और बंदिशें खोलता है।" (सूरए आराफ़, आयत-157)
इमाम ख़ामेनेई
24/11/1999
अमरीकियों ने मानवाधिकार की रक्षा का झंडा उठा रखा है और वे कहते हैं कि हम मानवाधिकार के पाबंद हैं और वह भी सिर्फ़ अपने मुल्क में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में! यह तो सिर्फ़ एक दावा है, वे व्यवहार में क्या कर रहे हैं? व्यवहारिक तौर पर वे मानवाधिकार को सबसे ज़्यादा चोट पहुंचा रहे हैं और मुख़्तलिफ़ मुल्कों में मानवाधिकार का सबसे ज़्यादा अनादर कर रहे हैं।
इमाम ख़ामेनेई
16 फ़रवरी, 2013
विश्व समुदाय को, जो हमेशा मुख़्तलिफ़ मामलों में मानवाधिकार के प्रति अमरीकी सपोर्ट के नारे सुनते रहे हैं, फ़िलिस्तीन के आईने में अमरीकी नीतियों के घिनौने रूप को ज़रूर देखना चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
15 दिसंबर, 2000
मामून की इस राजैनितक व मक्कारी भरी चाल के मुक़ाबले में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने समझदारी से भरा एक पाकीज़ा प्रोग्राम तैयार किया और साज़िश को पूरी तरह उसके विपरीत दिशा में और सत्य व सच्चाई के हित में पलट देने में कामयाब रहे।
अमरीकी यूनिवर्सिटी के प्यारे स्टूड़ेंट्स, यह आपके प्रति अपनी हमदर्दी और एकजुटता दर्शाने का संदेश है। इतिहास अपना पन्ना पलट रहा है और आप उसकी सही दिशा में खड़े हैं।
अमरीकी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के नाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के ख़त से
25 मई 2024
अमरीका, मानवाधिकार का झंडा उठाता है और उसका सपोर्ट करने का दावा करता है लेकिन हर कुछ दिन बाद अमरीकी शहरों की सड़कों पर कोई बेगुनाह, कोई निहत्था, अमरीकी पुलिस के हाथों ख़ून में लथपथ हो जाता है।
इमाम ख़ामेनेई
9 सितंबर, 2015
अमरीकी यूनिवर्सिटी के प्यारे स्टूडेंट्स, आपने अपनी सरकार के निर्दयी दबावों के बावजूद सज्जनतापूर्ण संघर्ष शुरू किया, ऐसी सरकार जो क़ाबिज़ व बर्बर ज़ायोनी शासन का खुल्लम खुल्ला सपोर्ट करती है। मैं आपकी दृढ़ता की क़द्र करता हूं।
अमरीकी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के नाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के ख़त से
25 मई 2024
अमरीका मानवाधिकार का झंडा उठाए हुए है, लेकिन मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघन अमरीका के संरक्षण में हो रहा है। अमरीकी न सिर्फ़ यह कि इस तरह की हरकतों को रोकने में नाकाम रहे बल्कि उसका सपोर्ट करते हैं।
इमाम ख़ामेनेई
31 अक्तूबर, 2012
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने एक आदेश जारी कर डाक्टर अली बाक़ेरी को विदेश संबंध स्ट्रैटिजिक परिषद का नया सदस्य नियुक्त किया।
पैग़म्बरे इस्लाम सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम के अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम से एक चमकता हुआ सूरज अल्लाह की कृपा और उसके इरादे से ज़मीन पर मौजूद है। उनके वजूद की बरकतें और उनके वजूद से निकलने वाला प्रकाश, आज भी इंसान तक पहुंच रहा है।
इमाम ख़ामेनेई
24/11/1999
दुनिया के अवसरवादी और सत्ता लोलुप भविष्य में एआई की एजेंसी का गठन करेंगे, उस वक़्त आपको उसकी सीमा से आगे बढ़ने की इजाज़त नहीं देंगे। मुल्क में एआई की ढांचागत परतों तक पहुंचने की कोशिश कीजिए।
तुर्कमनिस्तान की पीपल्ज़ काउंसिल के चेयरमैन से मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेताः
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार की शाम तुर्कमनिस्तान के राष्ट्रीय नेता व पीपल्ज़ काउंसिल के चेयरमैन क़ुरबान अली बर्दीमोहम्मदोफ़ और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में दोनों मुल्कों के आपसी संबंधों को बढ़ावा देने को मुख्य प्राथमिकता बतायी और कहा कि हालिया बरसों में ईरान-तुर्कमनिस्तान के संबंध काफ़ी विकसित हुए हैं लेकिन आपसी सहयोग बढ़ाने में अभी और गुंजाइश मौजूद है जिसे व्यवहारिक बनाना चाहिए।
ईरान के दौरे पर आए तुर्कमनिस्तान की पीपल्ज़ काउंसिल के चेयरमैन और प्रमुख राजनेता क़ुरबान अली बर्दी मोहम्मदोफ़ ने बुधवार की शाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
सरकार सप्ताह के मौक़े पर, राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान और उनके मंत्रीमंडल के सदस्यों ने सरकार का कार्यकाल शुरू होने के आरंभिक दिनों में आज मंगलवार को इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
अल्लाह की लानत हो क़ाबिज़ ज़ायोनियों पर, माँ की गोद में बच्चे को क़त्ल कर रहे हैं। कहाँ हैं मानवाधिकार के बारे में अपनी कर्कश आवाज़ से दुनिया को बहरा कर देने वाले?
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान और उनके मंत्रिमंडल से 27 अगस्त 2024 को मुलाक़ात में सरकार के कामकाज के तरीक़े, देश की क्षमताओं, संसाधनों और चुनौतियों के बारे में बात की।
आयतुल्लाह ख़ामेनेईः "आज के दौर में जब इस्लाम के दुश्मन और इस्लामी उम्मत के दुश्मन अनेक तरह के संसाधनों से, पैसे से, राजनीति के ज़रिए, हथियारों से इस्लामी जगत के ख़िलाफ़ सरगर्म हैं, अल्लाह अचनाक अरबईन की रैली को इस तरह अज़मत देता है, इस तरह उसका जलवा दिखाता है। यह अल्लाह की अज़ीम निशानी है, यह अल्लाह के इस्लामी उम्मत की मदद करने के इरादे की निशानी है, यह इस बात की निशानी है कि अल्लाह ने इस्लामी उम्मत की मदद करने का इरादा कर लिया है।"
18 सितंबर 2019
ज़ियारत के वक़्त इमाम के मौजूद होने का एहसास होना और इमामों की ओर से जिन ज़ियारतों को पढ़ने की सिफ़ारिश की गयी है उन्हें पढ़ना जैसे जामए कबीरा और ज़ियारत अमीनुल्लाह वग़ैरह।
आज दुनिया कुफ़्र और साम्राज्यवाद के प्रभुत्व, भ्रष्टाचार के प्रभुत्व, ज़ुल्म के प्रभुत्व को देख रही है; इमाम हुसैन का संदेश, दुनिया की नजात का संदेश है।
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चेहलुम के मौक़े पर स्टुडेंट अंजुमनों ने इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में अज़ादारी की। इस प्रोग्राम के आग़ाज़ में ज़ियारते अरबईन पढ़ी गई। इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी के प्रोग्राम में रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई भी शरीक हुए।
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के अर्बईन के मौक़े पर तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में स्टूडेंट अंजुमनों ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी का प्रोग्राम आयोजित किया जिसमें इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने भी शिरकत की।
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चेहलुम के दिन 25 अगस्त 2024 को इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में अज़ादारी के लिए एकत्रित होने वाली छात्र अंजुमनों की अज़ादारी के प्रोग्राम के बाद ज़ोहर और अस्र की नमाज़ पढ़ाई और दोनों नमाज़ों के बीच में संक्षिप्त तक़रीर की। (1)
शियों की यह विशिष्टता है कि वे सभी ईश्वरीय धर्मों की ओर से निश्चित तौर पर मान्य इस अल्लाह के वादे को इसके नाम, ख़ूबियों, ख़ुसूसियतों और पैदाइश की तारीख़ के साथ पहचानते हैं।
इमाम ख़ामेनेई
24/11/1999
इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) पूरी इंसानियत के हैं। हम शिया गर्व करते हैं कि हम इमाम हुसैन के अनुयायी हैं, लेकिन इमाम हुसैन सिर्फ़ हमारे नहीं हैं। इस्लामी मत, चाहे शिया हों या सुन्नी, सभी इमाम हुसैन के परचम की छाया में हैं। इस अज़ीम (अरबईन) मार्च में यहाँ तक कि वे लोग भी जो इस्लाम पर अमल नहीं करते, शिरकत करते हैं और यह सिलसिला चलता रहेगा इंशाअल्लाह, यह एक अज़ीम निशानी है जो अल्लाह दिखा रहा है।
इमाम ख़ामेनेई
18 सितंबर 2019
न सिर्फ़ हमारे दौर में दुनिया में बल्कि इतिहास में भी इस बात का कोई चिन्ह नहीं है कि इमाम हुसैन के अर्बईन जैसा कोई इज्तेमा, हर साल पिछले साल की तुलना में ज़्यादा गर्मजोशी से अंजाम पाता हो।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 19 अगस्त 2024 को हज़रत जाफ़र बिन अबी तालिब अलैहेमस्सलाम के बारे में अंतर्राष्ट्रीय कान्फ़्रेंस के प्रबंधकों से मुलाक़ात में इस्लामी इतिहास की इस महान हस्ती के बड़े अहम पहलुओं पर रौशनी डाली और अहम निर्देश दिए। (1)
अगर अमरीका की मदद न होती तो क्या ज़ायोनी सरकार में इतनी ताक़त व हिम्मत थी कि ग़ज़ा के छोटे से इलाक़े में मुसलमान अवाम, औरतों, मर्दों और बच्चों के साथ इस तरह का निर्दयी व्यवहार करती?
इमाम ख़ामेनेई
6 मई 2024
दुश्मन की मनोवैज्ञानिक जंग का यह हथकंडा जब फ़ौजी मैदान में पहुंचता है तो इसका नतीजा पीछे हटने का ख़ौफ़ है और क़ुरआन मजीद ने इस पीछे हटने को हक़ीक़त में अल्लाह के क्रोध का सबब बताया है और इसकी व्याख्या की है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार दोपहर को कहगीलूये व बुवैर अहमद प्रांत के शहीदों के श्रद्धांजलि पेश करने वाली राष्ट्रीय कान्फ़्रेंस कमेटी के सदस्यों से मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार दोपहर को कहगीलूये व बुवैर अहमद प्रांत के शहीदों को श्रद्धांजलि पेश करने के लिए राष्ट्रीय कान्फ़्रेंस की आयोजक कमेटी के सदस्यों से मुलाक़ात की।