यदि कोई अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाए तो उसका नुक़सान और हानि दोगुनी होती है। उसी तरह अल्लाह की तरफ़ से सज़ा भी दोगुनी होती है।
इमाम ख़ामेनेई
28 मई 2025
इस्लामी क्रांति के नेता ने 28 मई 2025 की दोपहर को गृह मंत्री और प्रांतों के गवर्नरों से मुलाक़ात में इस बात पर ज़ोर देते हुए कि प्रांतों का प्रबंधन पूरी तरह गवर्नरों के हाथ में है, कहा कि सेवा के लिए देश का माहौल अनुकूल है और लोगों के बीच जाना चाहिए, उनकी सभाओं में शामिल होना चाहिए, उनकी बातों को, चाहे वे कड़वी ही क्यों न हों, सुनना चाहिए और उन्हें ज़रूरी स्पष्टीकरण देना चाहिए।
लोगों से गर्मजोशी से मिलिए। जनता के बीच जाइए। उनकी सभाओं में जाइए, उनकी बातें सुनिए, कभी-कभी वे कड़वी बातें करते हैं, सहनशीलता दिखाइए। इसके लिए अभ्यास की ज़रूरत है।
एहराम ख़ुदा के सामने नम्रता दिखाने का एक तरीक़ा है। ज़िंदगी के अलग-अलग कपड़ों, गहनों और सजावटों को कपड़े के एक टुकड़े से बदल देना। यह काम हज में मौजूद दुनिया का सबसे अमीर और सबसे ग़रीब इंसान दोनों एक ही तरह से करेंगे, उनमें कोई फ़र्क़ नहीं। क़ानून यही है: ख़ुदा के सामने सब इंसानों को बराबर कर देना।
आज आप रेज़िस्टेंस के मोर्चे का एक भाग बन गए हैं और आपने अपनी सरकार के निर्दयी दबाव के बावजूद, जो खुलकर क़ाबिज़ व बेरहम ज़ायोनी सरकार का साथ दे रही है, एक शरीफ़ाना जद्दोजहद शुरू की है।
अमरीकी स्टूडेंट्स के नाम इमाम ख़ामेनेई के ख़त का एक हिस्सा
25 मई 2024
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने आज सोमवार 26 मई 2025 की शाम अपने साथ आए प्रतिनिधिमंडल के साथ इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के नेता:
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने सोमवार 26 मई 2025 की शाम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में इस्लामी जगत में पाकिस्तान की विशेष पोज़ीशन की तरफ़ इशारा करते हुए, ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन के अपराधों को रुकवाने के लिए ईरान व पाकिस्तान की साझा व प्रभावी गतिविधियों की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
अमरीका के राष्ट्रपति कुछ अरब देशों को एक मॉडल का प्रस्ताव देते हैं, निश्चित रूप से यह मॉडल पूरी तरह नाकाम हो चुका है। इलाक़े के लोगों के मज़बूत इरादे से अमरीका को यहाँ से जाना ही पड़ेगा और वो जाएगा।
यह कि राष्ट्रपति शहीद रईसी संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में क़ुरआन हाथ में उठाएं या शहीद सुलैमानी की तस्वीर अपने हाथ में लें, यह राष्ट्र के लिए गौरव है।
इमाम ख़ामेनेई
20 मई 2025
शहीद राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी और सेवा के शहीदों नाम से प्रसिद्ध उनके साथ शहीद हुए उनके अन्य सहकर्मियों की पहली बरसी का कार्यक्रम आज मंगलवार की सुबह इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की स्पीच के साथ आयोजित होगा।
राष्ट्रपति बनने के बाद शहीद रईसी ने जो पहला इंटरव्यू दिया था, उसमें पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या आप अमरीका से वार्ता करेंगे? उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा: "नहीं"। उन्होंने कहा: "नहीं", बिना किसी हिचकिचाहट के और उन्होंने वार्ता नहीं की।
आज मंगलवार 20 मई 2025 की सुबह इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की मौजूदगी में शहीद राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी और सेवा के शहीदों की पहली बरसी का कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें इन शहीदों के अलावा कुछ अन्य शहीदों के परिजनों ने भाग लिया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने मंगलवार 20 मई 2025 की सुबह शहीद रईसी और सेवा की राह के शहीदों के परिजनों, कुछ उच्चधिकारियों और शहीदों के परिजनों से मुलाक़ात में शहीद आले हाशिम, शहीद अमीर अब्दुल्लाहियान, हेलीकॉप्टर क्रू के शहीद सदस्यों, पूर्वी आज़रबाइजान प्रांत के शहीद गवर्नर और शहीद सुरक्षा कमांडर को श्रद्धांजलि अर्पित की, जो शहीद रईसी के साथ शहीद हुए थे।
अमरीकी पक्ष, जो इन अप्रत्यक्ष वार्ताओं में बातचीत कर रहा है, कोशिश करे कि फ़ुज़ूल बातें न करे। यह कहना कि हम ईरान को यूरेनियम संवर्धन की अनुमति नहीं देंगे, यह अपनी औक़ात से बढ़कर बोलना है।
ट्रम्प ने कहा है कि वे शांति के लिए ताक़त का इस्तेमाल करना चाहते हैं। वे झूठ बोल रहे हैं। अमरीका ने कब शांति के लिए ताक़त का इस्तेमाल किया है?
इमाम ख़ामेनेई
17 मई 2025
पूरे देश से आने वाले कुछ टीचर और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए कुछ लोग आज शनिवार 17 मई को इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामे इंक़ीलाब के नेता से मुलाक़ात करेंगे।
शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में देश भर से बड़ी संख्या में आए टीचरों ने शनिवार 17 मई 2025 की सुबह इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
शांति के लिए ताक़त के इस्तेमाल का अमरीकियों का झूठ
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने शनिवार 17 मई 2025 को पूरे मुल्क से आए हज़ारों टीचरों, प्रोफ़ेसरों और शिक्षा विभाद से जुड़े लोगों से मुलाक़ात में कहा कि जनमत में एक अच्छे, दिलकश, जोश से भरपूर और मोहब्बत के लायक़ टीचर की तस्वीर बनाना ज़रूरी है और इसके लिए कला, मीडिया और ज़िम्मेदार विभागों को बड़ी हुनरमंदी से काम लेना चाहिए।
इलाक़े के लोगों के मज़बूत इरादे से अमरीका को यहाँ से जाना ही पड़ेगा और वो जाएगा। ज़ायोनी शासन, जो इस इलाक़े में एक ख़तरनाक कैंसर और जानलेवा नासूर है, उसे पूरी तरह से मिटा देना चाहिए और ऐसा होकर रहेगा।
कौन कह सकता है कि इस वहशियाना ज़ुल्म और ख़ून-ख़राबे के सिलसिले में इंसान की कोई ज़िम्मेदारी नहीं? कौन यह बात कर सकता है? हम सबकी ज़िम्मेदारी है।
इमाम ख़ामेनेई
12 मई 2025
इस्लामी क्रान्ति के नेता ने सोमवार 12 मई 2025 को सहायताकर्मी शहीदों के राष्ट्रीय सम्मेलन की आयोजन समिति के साथ मुलाक़ात की थी। इस अवसर पर उनका संबोधन आज 14 मई सम्मेलन स्थल पर प्रसारित किया गया।
इस्लामी इंक़लाब के नेता ने दो दिन पहले, सोमवार 12 मई 2025 को शहीद सहायताकर्मियों पर राष्ट्रीय सेमीनार के आयोजकों से मुलाक़ात की थी। इस मौक़े पर उनकी स्पीच आज 14 मई की शाम को सेमीनार में प्रसारित की गई।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 12 मई 2025 को राहत व सहायता संस्थाओं के शहीदों पर राष्ट्रीय सेमिनार के आयोजकों से मुलाक़ात में इन संस्थाओं की अहमियत और योगदान के बारे में बात की।(1)
स्पीच इस प्रकार है:
हमें आशा है कि ईरानी राष्ट्र और मोमिन क़ौमें, इंशा अल्लाह फ़िलिस्तीन पर हमला करने वालों और फ़िलिस्तीन पर क़ब्ज़ा करने वालों पर फ़िलिस्तीन की जीत के दिन को अपनी आंखों से देखेंगी।
देश भर के हज़ारों श्रमिकों और मज़दूरों ने शनिवार 10 मई 2025 की सुबह इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
इस्लामी क्रान्ति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शनिवार 10 मई 2025 की सुबह मज़दूर सप्ताह के अवसर पर हज़ारों श्रमिकों और मज़दूरों से मुलाक़ात में काम और श्रम के मुद्दों को देश के भविष्य से जुड़ा हुआ बताया और काम को मानव जीवन के प्रबंधन और जारी रहने का मुख्य स्तंभ क़रार दिया। उन्होंने इसी तरह ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन के अपराधों की ओर इशारा किया और आशा व्यक्त की कि मोमिन राष्ट्र, ज़ायोनी शासन पर फ़िलिस्तीन की विजय को अपनी आँखों से देखेंगे।
आज दुनिया में राष्ट्रों के ख़िलाफ़ जो शत्रुतापूर्ण नीतियां अपनाई जा रही उनमें फ़िलिस्तीन से संबंधित मुद्दों को भुलाने का प्रयास किया जाता है। पूरी दुनिया को इसके ख़िलाफ़ खड़ा होना चाहिए।
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 10 मई 2025 को मज़दूर सप्ताह के उपलक्ष्य में देश के मज़दूर वर्ग के हज़ारों लोगों से मुलाक़ात में समाज के इस वर्ग की अहम व बुनियादी हैसियत और किरदार, उसके अधिकारों और ज़िम्मेदारियों के बारे में बातचीत की। उन्होंने फ़िलिस्तीन के मुद्दे को ज़ेहन से दूर करने की कोशिशों का ज़िक्र करते हुए इस मसले पर लगातार ध्यान रखने पर बल दिया।(1)
स्पीच इस प्रकार है:
क़ुम के हौज़े (धार्मिक शिक्षा केन्द्र) की पुनर्स्थापना के 100 साल होने पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का पैग़ामः
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने क़ुम के उच्च धार्मिक शिक्षा केन्द्र की पुनर्स्थापना के 100 पूरे होने पर आयोजित सेमीनीर के नाम एक पैग़ाम जारी किया जिसमें उन्होंने इस धार्मिक शिक्षा केन्द्र के अनेक तत्वों और सेवा की व्याख्या करते हुए एक प्रगतिशील और उत्तम धार्मिक शिक्षा केन्द्र की स्थापना की ज़रूरतों को रेखांकित किया।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने, सोमवार 5 मई 2025 की शाम को तेहरान के एक अस्पताल पहुंचकर आयतुल्लाह नूरी हमदानी का कुशलक्षेम पूछा और उनके इलाज की प्रक्रिया की जानकारी हासिल की।
यह सभा बुनियादी तौर पर लोगों के फ़ायदे के लिए है। आज यह फ़ायदा क्या है? इस्लामी उम्मत की एकता। मेरी राय में इस्लामी उम्मत के लिए इससे बड़ा कोई फ़ायदा नहीं। अगर इस्लामी उम्मत एकजुट हो जाए, तो ग़ज़ा की त्रासदी न घटे, फ़िलिस्तीन की बर्बादी न हो, यमन इस तरह दबाव का शिकार न बने।
मेरी राय में इस्लामी उम्मत के लिए एकता से बड़ा कोई फ़ायदा नहीं। अगर इस्लामी उम्मत एकजुट हो जाए, तो ग़ज़ा की त्रासदी न घटे, फ़िलिस्तीन की बर्बादी न हो। यमन इस तरह दबाव का शिकार न बने।