विदेश मंत्री अब्बास इराक़ची ने शनिवार 26 अक्तूबर की शाम KHAMENEI.IR से इंटरव्यू में कहा कि ईरान की अपने हितों और संप्रभुता की रक्षा में कोई सीमा नहीं है और क्षेत्र के हालिया दौरों में ईरान की रक्षा ताक़त और ईरान पर हमले का इरादा रखने वालों के ख़िलाफ़ जवाबी कार्यवाही की उसकी क्षमता से विदेशी पक्षों को आगाह कर दिया गया है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से हमास आंदोलन और जेहादे इस्लामी आंदोलन के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल की मुलाक़ात के कुछ घंटे बाद, Khamenei.ir ने शहीद इस्माईल हनीया और जनाब ज़्याद अन्नख़ाला से बातचीत की। इस बातचीत में जो शहीद हनीया का आख़िरी तफ़सीली इंटरव्यू भी है, फ़िलिस्तीन के दो इस्लामी प्रतिरोध संगठनों के नेताओं ने फ़तह के निश्चित होने पर ताकीद की और इस्लामी जगत की एकता पर बल दियाः
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने इस साल के हज को 'बराअत' का हज क़रार दिया है, उनकी इस पहल का पाकिस्तान के मशहूर धर्मगुरू व टीकाकार अमीन शहीदी ने जायज़ा लिया।
7 अक्तूबर 2023 को अलअक़्सा फ़्लड ऑप्रेशन शुरू होते ही यमन के लोगों ने मुख़्तलिफ़ तरह से फ़िलिस्तीनी अवाम का समर्थन और इस्राईल विरोधी प्रतिरोध का सपोर्ट करने का एलान किया और ज़ायोनियों के हाथों ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के क़त्ले आम के बाद वो सीधे तौर पर ज़ायोनियों के ख़िलाफ़ जंग के मैदान में उतर गए। उन्होंने मक़बूज़ा फ़िलिस्तीनी इलाक़ों में ज़ायोनी ठिकानों पर हमला करके और इसी तरह ज़ायोनी शासन की आर्थिक नसों को काट कर, इस क़ाबिज़ शासन और उसके समर्थकों पर ज़बर्दस्त दबाव डाला।
9 जनवरी को फ़क़ीह, क़ुरआन के व्याख्याकार और आत्मज्ञानी हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन शैख़ मोहसिन अली नजफ़ी, पाकिस्तान में इस्लामी शिक्षाओं के प्रचार और अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम के इल्म के प्रसार की राह में एक लंबी उम्र तक संघर्ष के बाद परलोक को सिधार गए। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने एक संदेश जारी करके इस महान धर्मगुरू के निधन पर पाकिस्तान के अवाम, ओलमा और मदरसों को सांत्वना पेश की।
डॉक्टर मसऊद असदुल्लाही का इंटरव्यू
स्ट्रैटिजिक मामलों के माहिर डॉक्टर मसऊद असदुल्लाही ने Khamenei.ir बात करते हुए बताया कि फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के मुजाहिदों का ईमान का जज़्बा और ज़ायोनी फ़ौज की ज़मीनी मोर्चे पर उतरने की स्ट्रैटिजिक लेहाज़ से ग़लती, ज़ायोनी फ़ौज की हार के सबसे अहम कारण हैं। उनके इंटरव्यू के कुछ अहम बिन्दु पेश हैं।
आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के सीनियर कमांडरों में से एक और ख़ातेमुल अंबिया बेस के सेंट्रल हेड क्वार्टर्ज़ के कमांडर मेजर जनरल ग़ुलाम अली रशीद उन लोगों में से हैं जो पाकीज़ा डिफ़ेन्स के दौरान बरसों शहीद अलहाज़ क़ासिम सुलैमानी के साथ रहे हैं। शहीद क़ासिम सुलैमानी की बरसी के मौक़े पर वेबसाइट KHAMENEI.IR ने इस सीनियर फ़ौजी जनरल से बातचीत की है। उनका इंटरव्यू संक्षेप में पेश है।
8 मुहर्रम 1445 हिजरी क़मरी में तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मजलिस बरपा हुई जिसमें रहबरे इन्क़ेलाब आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई भी शरीक हुए। इस मौक़े पर हुज्जतुल इस्लाम वलमुसलेमीन मसऊद आली ने हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम की शख़्सियत, उनकी सूझबूझ और वक़्त की पहचान के बारे में बात की। KHAMENEI.IR वेब साइट की तरफ़ से उनकी इस तक़रीर का सारांश पेश किया जा रहा है।
सात मुहर्रम 1445 हिजरी की रात तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मजलिस हुई जिसमें रहबरे इन्क़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई भी शरीक हुए। इस मौक़े पर हुज्तुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन हाज अली अकबरी ने नौजवानों के लिए इस्लामी सतह की परवरिश के नमूने के तौर पर हज़रत अली अकबर अलैहिस्सलाम की शख़्सियत के अलग-अलग पहलुओं पर रौशनी डाली। इस तक़रीर का सारांश KHAMENEI.IR की हिंदी वेबसाइट पर पेश किया जा रहा है।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने देश के अधिकारियों से रमज़ान मुबारक की अपनी मुलाक़ात में, अमरीका के पतन की हालत की ओर इशारा करते हुए कहाः “मैंने कहा कि हमारे मुक़ाबले में मौजूद मोर्चा कमज़ोर हो रहा है जिसकी मिसालें मैं अभी पेश करुंगा। विश्व स्तर पर हमारा सबसे बड़ा विरोधी अमरीका ही तो है। ओबामा का अमरीका, बुश के अमरीका की तुलना में कमज़ोर था, ट्रम्प का अमरीका, ओबामा के अमरीका से कमज़ोर था, इन साहब (बाइडेन) का अमरीका, ट्रम्प के अमरीका से ज़्यादा कमज़ोर है।” (4/4/2023)
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने हालिया कुछ बरसों में कुछ अरब मुल्कों के ज़ायोनी हुकूमत से समझौते करने के ख़िलाफ़ बार बार स्टैंड लिया और इसे इस्लाम और मुसलमानों से ग़द्दारी बताया।
“अमरीका जिस वर्ल्ड आर्डर की बात करता है वह बिखर चुका”
हालिया कुछ महीनों में सुप्रीम लीडर ने जिन अहम बातों का ज़िक्र किया उनमें एक मौजूदा वर्ल्ड आर्डर में बदलाव और एक नये वर्ल्ड आर्डर की तरफ प्रस्थान का बिंदु शामिल है। उनके मुताबिक़ इस बदलाव की सब से बड़ी बात, वेस्ट और अमरीका की ताक़त का अंत है। KHAMENEI.IR वेब साइट ने इस विषय पर रौशनी डालने और इसका जायज़ा लेने के लिए ईरान की न्यायपालिका के ह्यूमन राइट्स कमीशन के सचिव डॉक्टर जवाद लारीजानी से बात की।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की वेबसाइट KHAMENEI.IR ने कल्चरल रेवोलुशन की सुप्रीम कौंसिल के मेंबर डॉक्टर मुहम्मद रज़ा मुख़बिर देज़फ़ूली से इस्लामी इन्क़ेलाब के बाद यूनिवर्सिटियों की पोज़ीशन में आने वाले बदलाव पर बात की।
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता ने 4 नवंबर (स्कूली छात्रों के दिन) को स्टूडेंट्स के साथ मुलाक़ात में मुल्क में हालिया दंगों में दुश्मन की ओर से सभी मुमकिन संसाधनों के इस्तेमाल का ज़िक्र करते हुए, उसे ईरानी क़ौम के ख़िलाफ़ एक तरह की हाइब्रिड वॉर बताया और इसे सिर्फ़ सड़क पर होने वाले दंगे से कहीं आगे का मंसूबा बताते हुए कहा कि इसके पीछे बहुत गहरी साज़िश थी। दुश्मन ने एक तरह की हाइब्रिड वॉर शुरू की है, हाईब्रिड वॉर, यह बात मैं आपसे इन्फ़ॉर्मेशन की बुनियाद पर कह रहा है। दुश्मन यानी अमरीका, इस्राईल, यूरोप की कुछ दुष्ट ताक़तें, कुछ छोटे बड़े गुट सभी संसाधनों के साथ मैदान में आ गए। (11/8/1401)
रहबरे इंक़ेलाब की वेबसाइट KHAMENEI.IR ने इस बारे में एक्सपीडिएंसी काउंसिल के मेंबर सैय्यद मुर्तज़ा नबवी से बात की जिन्होंने हालिया दंगों में ईरानी क़ौम के ख़िलाफ़ दुश्मन की हाइब्रिड वॉर के बारे में अपना जायज़ा पेश किया।
वरिष्ठ धर्मगुरू हुज्जतुल इस्लाम नासिर रफ़ीई आली की स्पीच का एक भाग
हुज्जतुल इस्लाम नासिर रफ़ीई ने तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में अपनी तक़रीर में हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के महान किरदार को बयान किया और इस्लाम में अलग अलग मंचों पर महिलाओं के आदर्श योगदान के बारे में बताया। साथ ही इसकी शर्तों पर भी प्रकाश डाला।
ईरान में होने वाले हालिया दंगों में विदेशी साज़िश और भूमिका के बारे में ईरान के इंटैलीजेंस मंत्री हुज्जतुल इस्लाम इस्माईल ख़तीब ने एक अहम इंटरव्यू दिया है जिसके कुछ हिस्से पेश हैं।
ईरान की इंटेलीजेन्स मिनिस्ट्री और पासदाराने इंक़ेलाब फ़ोर्स आईआरजीसी की इंटेलीजेन्स ने एक संयुक्त बयान जारी करके ईरान में हंगामें और दंगें करवाने की सीआईए की अगुवाई में ख़ुफ़िया एजेंसियों की साज़िशों का ब्योरा पेश किया। इस बयान का टाइटल है ईरान को वीरान करने के एजेंडे की शर्मनाक शिकस्त।
इस बयान पर बहस करते हुए मशहूर सियासी व मज़हबी रहनुमा, सांसद और नेश्नल सेक्युरिटी और फ़ारेन अफ़ेयर्ज़ के संसदीय आयोग के पूर्व प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम जनाब मुज्तबा ज़ुन्नूरी ने ईरान के चैनल 6 की एक डिबेट में बड़े महत्वपूर्ण बिंदु पेश किए और हालात का तफ़सीली जायज़ा लिया। इस गुफ़तगू के कुछ हिस्से यहां पेश किए जा रहे हैं।
वेनेज़ोएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अपने हालिया तेहरान दौरे पर सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से भी मुलाक़ात की। उन्होंने इस मुलाक़ात में इस्लामी गणराज्य के स्टैंड और मदद का शुक्रिया अदा करते हुए, अपनी सरकार की साम्राज्य विरोधी नीतियों पर ताकीद की। Khamenei.ir ने इसी संबंध में वेनेज़ोएला के राष्ट्रपति से बातचीत की।
सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद ने रविवार को तेहरान का दौरा किया जहां उन्होंने राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी से मुलाक़ात के साथ ही इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से भी बड़ी अहम मुलाक़ात की। ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान का कहना है कि इस दौरे की द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग के आयाम से बड़ी अहमियत है। साथ ही इस सफ़र के दूसरे भी कई कारण और उद्देश्य हैं।
पंद्रहवीं सदी में पूरी दुनिया में मुसलमानों और ईसाइयों के बीच एक तरह से ताक़त के लिहाज़ से बराबरी थी, यानि इन दोनों में से किसी को भी दूसरे पर ताक़त और दौलत के हिसाब से बढ़त नहीं थी। लेकिन वेस्ट में जो कुछ हुआ उसकी वजह से सोलहवीं सदी के बाद यह बराबरी ख़त्म होने लगी और ताक़त के लिहाज़ से वेस्ट, मुसलमानों से आगे बढ़ने लगा। दूर से कंट्रोल किये जाने वाले हथियारों, बंदूक़ों, तोप और इस तरह के हथियारों ने वेस्ट को मुसलमानों से ज़्यादा ताक़तवर बनाने में अहम रोल अदा किया।
धर्मगुरू हुज्जतुल इस्लाम मसऊद आली ने तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इतिहास रचने वाली तीन तरह की इबादतों के मुक़ाबले में तीन तरह के गुनाहों की व्याख्या की और हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के महान किरदार का ज़िक्र किया।
शहीद क़ासिम सुलैमानी की दूसरी बरसी पर वेबसाइट Khamenei.ir ने आईआरजीसी के चीफ़ कमांडर जनरल हुसैन सलामी से बातचीत में शहीद सुलैमानी की ज़िंदगी और उनकी शहादत के असर की समीक्षा की है।
जिस वक़्त 13 आबान बराबर 4 नवंबर 1979 की घटना घटी, हम ईरान में नहीं थे। हम और जनाब रफ़सन्जानी साहब हज के लिए पवित्र नगर मक्का में थे। मुझे याद है कि एक रात हम मक्के में हज संस्था के प्रतिनिधि कार्यालय में छत पर बैठे या लेटे हुए थे। हम सोना चाहते थे। ईरान में रात के 12 बजे का रेडियो बुलेटिन सुन रहे थे कि रेडियो से यह ख़बर सुनी कि इमाम ख़ुमैनी की गाइडलाइन पर अमल करने वाले स्टूडेंट्स ने अमरीका के (जासूसी के अड्डे में बदल चुके) दूतावास को अपने कंट्रोल में ले लिया है।
8 फ़रवरी 2021 को रूस के राष्ट्रपति विलादिमीर पुतीन के नाम इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई का संदेश, ईरान के संसद सभापति मुहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ के माध्यम से रूस के संसद सभापति और पुतीन के विशेष प्रतिनिधि के हवाले किया गया।
KHAMENEI.IR ने इस बारे में वर्तमान विदेश मंत्री और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में ईरानी स्पीकर के तत्कालीन विशेष प्रतिनिधि हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान से बातचीत का सारांश पेश कर रही है।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 8 जनवरी 2021 को टीवी पर अपने एक संबोधन में परमाणु समझौते (JCPOA) के बारे में ईरान के रवैये और इस सिलसिले में अमरीका की ज़िम्मेदारियों के बारे में कहाः “परमाणु समझौते में अमरीका की वापसी पर हमारा कोई आग्रह नहीं है, बुनियादी तौर पर यह हमारी यह समस्या ही नहीं है कि अमरीका JCPOA में वापस लौटे या न लौटे। हमारी जो तर्कसंगत मांग है, वह प्रतिबंधों की समाप्ति की है जो ईरानी राष्ट्र का छीना गया हक़ है।“ ये जुमले इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के संबोधन के अंत में कहे गए और उन्होंने इसे इस्लामी गणराज्य ईरान की अंतिम बात क़रार दिया।
कोरोना वायरस की महामारी फैली तो दुनिया के कई देशों ने उसका टीका या वैकसीन बनाने के लिए रिसर्च का काम शुरू कर दिया। ईरान में भी मेडिकल साइंस के कई रिसर्च सेंटर्ज़ ने पश्चिम की कड़ी पाबंदियों के बावजूद स्वदेशी वैकसीन बनाने के लिए रिसर्च का काम शुरू कर दिया। इसके नतीजे में “कोविरान बरकत” के नाम से ईरानी वैकसीन बन चुकी है। KHAMENEI.IR ने फ़रमाने इमाम संस्था की एग्ज़ेक्यूटिव कमेटी की रिसर्च टीम के प्रमुख डॉक्टर हसन जलीली से इस संबंध में बात की है। पेश हैं इस इंटरव्यू के कुछ अहम अंश।