ऐ मेरे अल्लाह! तुझसे सवाल करता हूं और तेरी बारगाह में गिड़गिड़ाता हूं और तेरी चाहत रखता हूं और तुझसे इल्तेजा करता हूं कि मोहम्मद और आले मोहम्मद पर दुरूद भेज और मुझे उन लोगों में क़रार दे जो लगातार तेरा ज़िक्र करते और तुझे याद रखते हैं और तेरा अहद नहीं तोड़ते और तेरे शुक्र से ग़ाफ़िल नहीं होते और जो तेरे आदेश को हल्का नहीं समझते।
(शाबान की विशेष मुनाजात से)
ऐ मेरे अल्लाह! मुझे तेरे अलावा हर चीज़ से पूरी तरह तवज्जो हटा लेने की तौफ़ीक़ दे ताकि मैं पूरे वुजूद से तेरी बारगाह में पहुंच जाऊं और हमारे दिल की निगाहों को तेरी तरफ़ ध्यान लगाए रखने के नूर से रौशनी देते रहना, यहाँ तक कि दिल की आँखें नूर के परदों को पार कर लें और महानता के स्रोतों से जा मिलें और हमारी आत्माएं तेरे पाकीज़ा मक़ाम की बुलंदियों तक पहुंच जाएं।
(शाबान की विशेष मुनाजात से)
फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास की नेतृत्व परिषद के प्रमुख मोहम्मद इस्माईल दरवीश ने शनिवार 8 फ़रवरी 2025 को एक प्रतिनिधिमंडल के साथ इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की, जिसमें फ़िलिस्तीन के मौजूदा हालात और क्षेत्र के मुद्दों पर अहम बातचीत हुयी। इस मुलाक़ात के बाद, हमास की नेतृत्व परिषद के प्रमुख ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की वेबसाइट Khamenei.ir को एक्सक्लुसिव इंटरव्यू दिया, जिसके मुख्य अंश यहां पेश किए जा रहे हैं।
क़तर के अमीर शैख़ तमीम बिन हमद आले सानी और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार 19 फ़रवरी 2025 की शाम को तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने बुधवार 19 फ़रवरी 2025 की शाम को क़तर के अमीर शैख़ तमीम बिन हमद बिन ख़लीफ़ा आले सानी और उनके साथ आने वाले प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में, पड़ोसी मुल्कों के साथ संबंधों में विस्तार को ईरान की स्थायी नीति बताया।
ऐ मेरे अल्लाह! मैं तेरा कमज़ोर और गुनहगार बंदा और तेरी बारगाह में पलट आने और तौबा करने वाला ग़ुलाम हूं, मुझे ऐसे लोगों में क़रार न दे जिनसे तूने मुंह मोड़ा है और न ही उन लोगों की श्रेणी में, जिन्हें उनकी ग़लतियों ने तेरी माफ़ी की ओर ध्यान देने से ग़ाफ़िल रखा है।
(शाबान की विशेष मुनाजात से)
फ़िलिस्तीन के इस्लामी जेहाद संगठन के महासचिव ज़्याद अन्नख़ाला और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार 18 फ़रवरी 2025 की शाम को तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से भेंटवार्ता की।
फ़िलिस्तीन के इस्लामी जेहाद संगठन के महासचिव ज़्याद अन्नख़ाला और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार 18 फ़रवरी 2025 की शाम को तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से भेंटवार्ता की।
ऐ मेरे अल्लाह! अपने ज़िक्र से लगाव से मुझे मुसलसल प्रेरित करता रह, मेरी हिम्मत को तेरे नामों की कामयाबी की समीर और तेरे यहाँ पाकीज़ा दर्जे में क़रार दे।
(शाबान की विशेष मुनाजात से)
तबरेज़ के अवाम के 18 फ़रवरी सन 1978 को ऐतिहासिक आंदोलन की सालगिरह के मौक़े पर पूर्वी आज़रबाइजान प्रांत के हज़ारों लोगों ने सोमवार 17 फ़रवरी 2025 को तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
दुश्मन जिस रास्ते से अवाम के मन में पैठ बनाना चाहता है, उस रास्ते को बंद करें, दुश्मन के मुक़ाबले में डट जाएं, कंटेन्ट बनाएं, विचार पेश करें, आज के बुद्धिजीवियों का यह काम, हार्डवेयर से रक्षा से ज़्यादा अहम है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने तबरेज़ के अवाम के 18 फ़रवरी सन 1978 के ऐतिहासिक आंदोलन की बरसी के मौक़े पर पूर्वी आज़रबाइजान प्रांत के हज़ारों लोगों से सोमवार 17 फ़रवरी 2025 को तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मुलाक़ात की। उन्होंने इस मुलाक़ात में तबरेज़ की आज की जवान पीढ़ी के ईमान और जज़्बे को 18 फ़रवरी सन 1978 के आंदोलनकारियों की मीरास बताया।
दुनिया के साम्राज्यवादी, दुनिया की इम्पीरियल ताक़तें और दुष्ट तत्व, इस्लामी गणराज्य से इस वजह से क्रोधित हैं कि इस्लामी गणराज्य बाक़ी रह गया, डटा रह गया, इन्हें मुंहतोड़ जवाब देने की हिम्मत दिखा सका।
अपने जवानों, अपने वैज्ञानिकों, अपने टेक्नॉलोजी के माहिरों की कोशिश की बर्कत से, आज हार्ड डिफ़ेंस के लेहाज़ से, दुश्मन के सैन्य ख़तरों से निपटने के लेहाज़ से, हमें कोई चिंता और परेशानी नहीं है।
ऐ मेरे अल्लाह! बेशक जो तेरी ओर बढ़े उसका मार्ग स्पष्ट है, जो तेरी पनाह मांगे वह तेरी पनाह में है, मैं तेरी पनाह में आया हूं। ऐ मेरे माबूद! तेरी रहमत के बारे में मेरे गुमान को निराशा में न बदल और अपनी मोहब्बत से मुझे वंचित न कर।
(शाबान की विशेष मुनाजात से)
ऐ मेरे अल्लाह! बेशक जो तेरे ज़रिए पहचाना गया वह गुमनाम नहीं रहता और जो तेरी पनाह में आया वह बे यार व मददगार नहीं होता और जिसकी ओर तूने रुख़ क़िया वह ग़ुलाम नहीं बनता।
(शाबान की विशेष मुनाजात से)
ऐ मेरे अल्लाह! मुझे ऐसा दिल दे जिसका शौक़ उसे तेरे क़रीब कर दे और ऐसी ज़बान दे जिसकी सच्चाई तेरी ओर बढ़े और ऐसी निगाह दे जिसकी सच्चाई उसे तुझसे क़रीब कर दे।
(शाबान की विशेष मुनाजात से)
ऐ वह क़रीब जो धोखा खाए हुए शख़्स से दूरी अख़्तियार नहीं करता और ऐ वह दानशील जो उससे अज्र की उम्मीद रखने वाले को दान देने में कमी नहीं करता।
(शाबान की विशेष मुनाजात से)
ऐ मेरे अल्लाह! मैं क्योंकर तेरी बारगाह से मायूस होकर ख़ाली हाथ पलटूंगा हालांकि तेरी दानशीलता पर मेरी सद्भावना यह थी कि तू मुझे निजात देकर मुझपर रहम करके पलटाएगा।
(शाबान की विशेष मुनाजात से)
ईरानी रक्षा मंत्रालय के कुछ अधिकारियों और रक्षा उद्योग के कुछ वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों और कर्मचारियों और देश के रक्षा उद्योग के शहीदों के परिजनों ने बुधवार 12 फ़रवरी 2025 की सुबह इस्लामी क्रांति के नेता से मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता और सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 12 फ़रवरी 2025 की सुबह एक घंटे तक "इक़्तेदार (शक्ति) 1403" प्रदर्शनी का निरीक्षण किया, जिसमें देश के रक्षा उद्योग में वैज्ञानिकों की नवीनतम उपलब्धियों और क्षमताओं को प्रदर्शित किया गया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता और सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 12 फ़रवरी, 2025 की सुबह ईरानी रक्षा मंत्रालय के कुछ अधिकारियों, रक्षा उद्योग के वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों और कर्मचारियों से मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 12 फ़रवरी 2025 को मुल्क के रक्षा उद्योग के माहिरों और वैज्ञानिकों के आविष्कारों की नुमाइश का मुआयना करने के बाद, अपने ख़ेताब में इस उद्योग की अहमियत पर रौशनी डाली और अधिकारियों को कुछ निर्देश दिए। (1)
ऐ मेरे अल्लाह! तेरे सामने मेरी मेरा माफ़ी मांगना उस शख़्स की तरह है जिसके पास माफ़ी क़ुबूल हो जाने के अलावा कोई चारा नहीं है, तो मेरी माफ़ी क़ुबूल फ़रमा ऐ सबसे ज़्यादा दानशीन जिसके सामने गुनहगार गुनाह की माफ़ी मांगते हैं।
(शाबान की विशेष मुनाजात से)
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 19 बहमन मुताबिक़ 8 फ़रवरी 1979 को इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह के प्रति एयरफ़ोर्स के जवानों द्वारा आज्ञापालन का प्रण लिए जाने की ऐतिहासिक घटना की सालगिरह पर 7 फ़रवरी 2025 को एयरफ़ोर्स और एयर डिफ़ेंस फ़ोर्स के कमांडरों और जवानों से ख़ेताब किया। (1)
जल्द ही फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास की नेतृत्व परिषद के प्रमुख मोहम्मद इस्माईल दरवीश का Khamenei.ir को दिया गया ख़ुसूसी इंटरव्यू पेश किया जाएगा।
औरतों और बच्चों को क़त्ल करना फ़तह नहीं है
ग़ज़ा जंग से अगरचे इस इलाक़े के लोगों को बहुत ज़्यादा तबाही और नुक़सान का सामना हुआ लेकिन इसका नतीजा ज़ायोनी शासन की कल्पना के बिल्कुल ख़िलाफ़ रेज़िस्टेंस के हित में आया। जंग में कामयाबी सिर्फ़ मरने वालों की तादाद या तबाही के स्तर से आंकी नहीं जाती, बल्कि हर जंग का अंतिम लक्ष्य स्ट्रैटेजिक उपलब्धियों तक पहुंच होता है। ज़ायोनी शासन इस जंग में अपने घोषित लक्ष्य को न सिर्फ़ यह कि हासिल नहीं कर पाया, बल्कि बहुत से मैदानों में उसे ऐसी हार हुयी है जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं है।
ऐ मेरे अल्लाह! तूने मुझपर एहसान किया कि दुनिया में अपने किसी भी नेक बंदे पर मेरे गुनाह ज़ाहिर नहीं किए, तू मुझे क़यामत के दिन लोगों के सामने रुसवा न करना।
शाबान की विशेष मुनाजात से
अल्लाह ने क़ुरआन मजीद की इस आयत को "ख़ुदा के हुक्म से कई छोटी जमाअतें बड़ी जमाअतों पर ग़ालिब आ जाती हैं..." (सूरए बक़रह, आयत-249) आपके ज़रिए पूरी दुनिया के सामने मिसाल के तौर पर पेश किया।
औरतों और बच्चों को क़त्ल करना फ़तह नहीं है
ग़ज़ा जंग से अगरचे इस इलाक़े के लोगों को बहुत ज़्यादा तबाही और नुक़सान का सामना हुआ लेकिन इसका नतीजा ज़ायोनी शासन की कल्पना के बिल्कुल ख़िलाफ़ रेज़िस्टेंस के हित में आया। जंग में कामयाबी सिर्फ़ मरने वालों की तादाद या तबाही के स्तर से आंकी नहीं जाती, बल्कि हर जंग का अंतिम लक्ष्य स्ट्रैटेजिक उपलब्धियों तक पहुंच होता है। ज़ायोनी शासन इस जंग में अपने घोषित लक्ष्य को न सिर्फ़ यह कि हासिल नहीं कर पाया, बल्कि बहुत से मैदानों में उसे ऐसी हार हुयी है जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं है।