एतेराज़ करने वाले मुल्क - जिसमें इस्लामी और ग़ैर इस्लामी मुल्क दोनों शामिल हैं -ख़ास तौर पर इस्लामी मुल्कों को चाहिए कि वे ज़ायोनी शासन से अपने व्यापारिक संबंध पूरी तरह ख़त्म करें और राजनैतिक संबंध भी, उसे अलग थलग कर दें।