वेबसाइट KHAMENEI.IR मस्जिदे गौहरशाद में जुलाई 1935 में हिजाब पर पाबंदी लगाने के शाही फ़रमान के ख़िलाफ़ प्रदर्शनकारियों के क़त्लेआम की बरसी के मौक़े पर रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की एक स्पीच के कुछ हिस्से पेश कर रही है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने ईरान में मनाए जाने वाले न्यायपालिका सप्ताह के मौक़े पर 28 जून 2022 को न्यायपालिका के प्रमुख और ओहदेदारों से मुलाक़ात में इस विभाग की ज़िम्मेदारियों और अहमियत को बयान किया। आपने इस्लामी जुमहूरिया के ख़िलाफ़ दुश्मनों की साज़िशों और उनकी नाकामी के बारे में गुफ़तुगू की। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने सुन्नते इलाही और क़ानूने क़ुदरत के बारे में मार्गदर्शक टिप्पणी की।
तक़रीर का अनुवाद पेश हैः
क़बायली बिरादरी के शहीदों को श्रद्धांजलि पेश करने के लिए कान्फ़्रेन्स के आयोजकों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने ईरान में क़बायली समाज की सेवाओं, वफ़ादारी और क़ुरबानियों की क़द्रदानी की। आपने शहीदों और शहादत के जज़्बे के बुनियादी कारकों के बारे में गुफ़्तुगू की और कुछ निर्देश दिए। (1)
तक़रीर का अनुवाद पेश हैः
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 8 जून 2022 को हज संस्था के अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाक़ात में हज के आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर रौश्नी डाली और महत्वपूर्ण अनुशंसाएं कीं।(1)
उनकी तक़रीर का अनुवाद पेश हैः
इस्लामी इंक़ेलाब के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी की 33वीं बरसी पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने श्रद्धालुओं के बहुत बड़े मजमे में तक़रीर की। 4 जून 2022 को अपनी इस तक़रीक में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इमाम ख़ुमैनी के व्यक्तित्व, उनकी विचारधारा के अनेक पहलुओं और साथ ही दूसरे कई विषयों पर रौशनी डाली।(1)
तक़रीर का अनुवाद पेश हैः
प्रतिरोध और डट जाने की विशेषता, ये वो चीज़ है जिसने इमाम ख़ुमैनी को एक नज़रिए के रूप में, एक विचारधारा की शक्ल में, एक सोच के तौर पर और एक रास्ते की हैसियत से पहचनवाया।