वेबसाइट KHAMENEI.IR मस्जिदे गौहरशाद में जुलाई 1935 में हिजाब पर पाबंदी लगाने के शाही फ़रमान के ख़िलाफ़ प्रदर्शनकारियों के क़त्लेआम की बरसी के मौक़े पर रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की एक स्पीच के कुछ हिस्से पेश कर रही है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने ईरान में मनाए जाने वाले न्यायपालिका सप्ताह के मौक़े पर 28 जून 2022 को न्यायपालिका के प्रमुख और ओहदेदारों से मुलाक़ात में इस विभाग की ज़िम्मेदारियों और अहमियत को बयान किया। आपने इस्लामी जुमहूरिया के ख़िलाफ़ दुश्मनों की साज़िशों और उनकी नाकामी के बारे में गुफ़तुगू की। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने सुन्नते इलाही और क़ानूने क़ुदरत के बारे में मार्गदर्शक टिप्पणी की।
तक़रीर का अनुवाद पेश हैः
लोगों का सरगर्म रहना बहुत ज़रूरी है। आप देख रहे हैं कि छोटे बड़े शैतान लोगों को बहकाने के चक्कर में हैं जैसा कि उनके सरग़ना ने कहा थाः “मैं ज़रूर इन सबको बहका कर रहूंगा।” (सूरए साद, आयत 82) तो ये, लगातार लोगों को बहकाने में व्यस्त हैं, उन मीडिया साधनों के ज़रिए, जिन्होंने आज किसी भी बात को, किसी भी झूट को फैलाना, हर ग़लत बात को संवारना और उसका तर्क पेश करना बहुत आसान बना दिया है। ये लोग, लगातार समाज के ज़ेहन में कुछ न कुछ उंडेलते रहते हैं, बहकाते रहते हैं ताकि लोगों को उस ईमान से, उस यक़ीन से, उस आशा से, उस आत्मविश्वास से दूर कर दें, उन्हें निराश कर दें। दुश्मन ये कर रहा है।
इमाम ख़ामेनेई
10 मार्च 2022
क़बायली बिरादरी के शहीदों को श्रद्धांजलि पेश करने के लिए कान्फ़्रेन्स के आयोजकों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने ईरान में क़बायली समाज की सेवाओं, वफ़ादारी और क़ुरबानियों की क़द्रदानी की। आपने शहीदों और शहादत के जज़्बे के बुनियादी कारकों के बारे में गुफ़्तुगू की और कुछ निर्देश दिए। (1)
तक़रीर का अनुवाद पेश हैः