हमें कोशिश करनी चाहिए कि अपने विश्लेषण में, घटनाओं की पहचान में ग़लती न कर बैठें। हमें पता होना चाहिए कि अमरीका और ज़ायोनिज़म, इस्लामी समुदाय के दुश्मन हैं। अत्याचारी सरकारों के सरग़ना, इस्लामी उम्मत के दुश्मन हैं। अगर हम देखते हैं कि वे कहीं पर एक तरफ़ हैं तो हमें जान लेना चाहिए कि वह जगह, ग़लत जगह है, ग़लत दिशा है, हमें विश्लेषण में ग़लती का शिकार नहीं होना चाहिए। वो मुस्लिम क़ौमों पर कभी तरस नहीं खाते, जहां तक मुमकिन होता है वो काम ख़राब करते हैं, कामों में रुकावटें डालते हैं। हम सभी को सतर्क और चौकन्ना रहना चाहिए, सूझ-बूझ वाला बनना चाहिए, अपनी आँखें खुली रखनी चाहिए, विश्लेषण में ग़लती नहीं करनी चाहिए।

इमाम ख़ामेनेई

20 अगस्त 2015