जागते रहिए! सतर्क रहिए! बुराई फैलाने वाले ताक में हैं, विदेशी घात मे हैं। वे सोए नहीं हैं, आपको भी सोना नहीं चाहिए, आपको चौकन्ना रहना चाहिए। वो लोग अलग-अलग तरीक़ों से, अलग-अलग रूपों में साजिशों कर रहे हैं। जागरूक व सतर्क रह कर अपने आंदोलन को हाथ से न जाने दीजिए। अगर ख़ुदा न  करे, ये आंदोलन ढीला पड़ गया तो फिर उन्हीं मुसीबतों की वापसी का इंतेज़ार कीजिए। अगर आप ईरान को बचाना चाहते हैं, इस्लाम को बचाना चाहते हैं, क़ुरान को बचाना चाहते हैं तो इस आंदोलन को बाक़ी रखिए। आवश्यक अवसरों पर प्रदर्शन कीजिए, इकट्ठा होइये, ये आंदोलन सुरक्षित रहना चाहिए, ये राष्ट्र जीवित रहना चाहिए।

इमाम खुमैनी

1/3/1979