इमामे ज़माना (अज्जलल्लाहो तआला फ़रजहुश्शरीफ़) से इश्क़ का तक़ाज़ा है कि हम अपने अंदर महदवी समाज की झलक पैदा करें। महदवी समाज, इंसाफ़ व न्याय का समाज है, प्रतिष्ठा का समाज है, ज्ञान का समाज है, भाईचारे और सहयोग का समाज है, जहाँ तक मुमकिन हो हमें अपनी क्षमता भर इन चीज़ों को अपनी ज़िंदगी में उतारना चाहिए, ये चीज़ हमें क़रीब करती है।

इमाम ख़ामेनेई

8 अप्रैल 2020