घरेलू मामलों में पति की नज़र में, संतान की नज़र में, बाप की नज़र में, भाई की नज़र में औरत की इज़्ज़त होनी चाहिए। अगर घर में, घरेलू मामलों में औरत को सम्मानीय समझा जाए और उसकी इज़्ज़त की जाए तो समाज की समस्याओं का एक अहम भाग हल हो जाएगा। हमें ऐसा काम करना चाहिए कि बच्चे, ज़रूर माँ का हाथ चूमें, इस्लाम ये चाहता है। जैसा कि ज़्यादा मज़हबी, ज़्यादा शिष्ट और एक दूसरे के ज़्यादा क़रीब घरानों में ये देखा जाता है। घर के बच्चों को माँ की बहुत ज़्यादा इज़्ज़त करनी चाहिए। ये इज़्ज़त, उस प्यार और अपनाइयत भरे रवैये के बिलकुल ख़िलाफ़ नहीं है जो माँ और बच्चे के बीच पाया जाता है। ये सम्मान होना ही चाहिए, घर के अंदर औरत का सम्मान होना ही चाहिए।

इमाम ख़ामेनेई

11/5/2013