इस्लामी गणराज्य के अर्दबील प्रांत के शहीदों पर राष्ट्रीय सेमिनार की आयोजन कमेटी के सदस्यों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। यह मुलाक़ात 13 अगस्त 2023 को हुयी थी।
लगातार संकट खड़ा करने की प्रक्रिया आज तक जारी है। परमाणु मुद्दा, सन 2009 का फ़ितना, ज़्यादा से ज़्यादा दबाव, पेट्रोल और महिला अधिकार का मसला लेकिन आज तक ये सब नाकाम ही रहे हैं।
इमाम ख़ामेनेई
हर इंसान के अंदर उसकी शख़्सियत में कुछ कमज़ोरियां होती हैं। अगर उनका मुक़ाबला न करें तो हम पर छा जाती हैं और हमें शिकस्त दे देती हैं। इसलिए हमें अपनी निगरानी करनी चाहिए।
आज सिपाहे पासदारान दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवाद निरोधक संस्थान है। पूरी तरह उपकरणों से लैस सैनिक संस्थान है। एक कारामद और अलग संस्थान जो ऐसे काम करने में सक्षम है जो दुनिया की बड़ी सेनाओं के बस के बाहर हैं।
इमाम ख़ामेनेई
17 अगस्त 2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने गुरूवार की सुबह सिपाहे पासदाराने इंक़ेलाब आईआरजीसी के कमांडरों की जनरल असेंबली की चौबीसवीं बैठक में शामिल अधिकारियों और इस फ़ोर्स के वरिष्ठ कमांडरों से मुलाक़ात की।
इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़ा तेहरान, 2 अक्तूबर 2019 को सिपाहे पासदाराने इंक़ेलाब की सुप्रीम असेंबली के सदस्यों की इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात, शहीदों की याद में नौहा ख़्वानी के रिक़्क़त आमेज़ मंज़र।
हमें बहुत एहतियात करना चाहिए, दुश्मन की पहचान में ग़लती न हो। इमाम ख़ुमैनी ने अपनी दूरगामी नज़र के आधार पर कहा था कि जितना ग़ुस्सा निकालना है, अमरीका पर निकालिए।
इमाम ख़ामेनेई
17 अगस्त 2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने आईआरजीसी फ़ोर्स के कमांडरों और अधिकारियों की सुप्रीम असेंबली की बैठक के मौक़े पर इस संस्था के सदस्यों से ख़ेताब किया। 17 अगस्त 2023 को इस ख़िताब में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने आईआरजीसी के स्वरूप, ख़ुसूसियतों, प्रदर्शन और ज़िम्मेदारियों पर चर्चा की। उन्होंने कुछ सिफ़ारिशें भी कीं। (1)
अगर इतने पस्त न हुए होते तो सरकारें, चाहें वे कितनी भी बुरी क्यों न होतीं, कितनी ही बेदीन व ज़ालिम क्यों न होतीं, इतनी बड़ी त्रासदी व घटना अंजाम नहीं दे सकती थीं। यानी पैग़म्बर के नवासे और फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के बेटे को क़त्ल न सकतीं।
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने ईरान की नौसेना के फ़्लोटीला 86 के वैश्विक मिशन की कामयाबी के बाद क्रू मेम्बर्ज़ और उनके परिवारों से मुलाक़ात में लगभग आठ महीने में दुनिया का चक्कर लगाने में कामयाब होने वाले फ़्लोटीला 86 की तारीफ़ की। 6 अगस्त 2023 की इस तक़रीर में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने समुद्र, समुद्री रास्तों और दूसरे कई विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला। (1)
ईरान की 5800 किलोमीटर की तटवर्ती पट्टी है जिसमें 4900 किलोमीटर मुल्क के दक्षिणी हिस्से में है जो आज़ाद समुद्री क्षेत्र से जुड़ी है। दुनिया से संपर्क के लिए ईरान को किसी भी मुल्क की इजाज़त की ज़रूरत नहीं है।
हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम (उन पर हमारी जानें क़ुर्बान) की नज़रे करम की बरकत से इस साल का मोहर्रम अक़ीदत के जोश से भरा रहा। वह काम जो अल्लाह के लिए किया जाता है, जिसका मक़सद पाक होता है, अल्लाह उसमें मदद करता है।
फ़्लोटीला 86 के स्टाफ़ के हर सदस्य का दिल की गहराई से शुक्रिया अदा करता हूं जिसने बड़ा मिशन पूरा किया और धरती का चक्कर लगाया। इसी तरह आपके परिवारों का भी शुक्रगुज़ार हूं। जो काम आपने किया वो बड़ा गौरव है। यह कारनामा मुल्क की नौसेना के इतिहास में पहले कभी नहीं अंजाम पाया।
इमाम ख़ामेनेई
6 अगस्त 2023
350 लोगों की टीम 65 हज़ार किलोमीटर का फ़ासला तय करके दुनिया का चक्कर लगाए, आठ महीने पानी पर रहे, यह बड़े कारनामे हैं जिन की मिसाल दुनिया में बहुत कम है। आपने तीन महासागरों को पार किया और कामयाबी के साथ वतन लौटे।
इमाम ख़ामेनेई
6 अगस्त 2023
फ़्लोटीला 86 का ज़मीन का चक्कर काटना सुरक्षा क़ायम करने वाला अमल था। दूर दराज़ के इलाक़ों, प्रशांत महासागर और एटलांटिक महासागर के दूर के इलाक़ों में आपकी मौजूदगी मुल्क की सुरक्षा में मददगार साबित हुई।
इमाम ख़ामेनेई
6 अगस्त 2023
मैं शहीदों के घरवालों से जब मिलता हूं तो अकसर कहता हूं कि अल्लाह आपका साया इस क़ौम के सर पर बाक़ी रखे। हमने जो कुछ हासिल किया है वह इन्हीं बलिदानों की देन है।
क़रीब आठ महीने समुद्र के सफ़र में ईरानी फ़्लोटिला ने 65000 किलोमीटर की दूरी तय करके पूरी दुनिया का चक्कर लगाया। इस मिशन में जहाँ कुछ कड़वाहट थीं तो वहीं बहुत से मनमोहक लम्हे भी थे।
मातमी अंजुमनें, मोहब्बते अहलेबैत के मरकज़ कि इर्द-गिर्द जमा हो जाने वाली इकाई का नाम है। अंजुमनों की बुनियाद हमारे इमामों के ज़माने में रखी गई।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई की रहनुमा रिसर्च
इस्लामी गणराज्य ईरान की नौसेना के फ़्लोटिला-86 के कमाडंर, कर्मीदल (क्रू) और उनके घरवालों ने रविवार की सुबह तेहारान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
ईरानी नौसेना के फ़्लोटिला-86 ने आठ महीने में 65000 किलोमीटर की दूरी तय की और पूरी दुनिया का चक्कर लगाया। दुनिया की गिनी चुनी नौसेनाएं ही यह कारनामा कर सकती हैं।
स्वीडन में क़ुरआन मजीद का अनादर तल्ख़, साज़िश से भरी एक ख़तरनाक घटना है। इस जुर्म को अंजाम देने वाले को सबसे कठोर सज़ा दिए जाने पर सभी ओलमा-ए-इस्लाम एकमत हैं।
इमाम ख़ामेनेई
22/07/2023
8 मुहर्रम 1445 हिजरी क़मरी में तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मजलिस बरपा हुई जिसमें रहबरे इन्क़ेलाब आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई भी शरीक हुए। इस मौक़े पर हुज्जतुल इस्लाम वलमुसलेमीन मसऊद आली ने हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम की शख़्सियत, उनकी सूझबूझ और वक़्त की पहचान के बारे में बात की। KHAMENEI.IR वेब साइट की तरफ़ से उनकी इस तक़रीर का सारांश पेश किया जा रहा है।
सात मुहर्रम 1445 हिजरी की रात तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मजलिस हुई जिसमें रहबरे इन्क़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई भी शरीक हुए। इस मौक़े पर हुज्तुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन हाज अली अकबरी ने नौजवानों के लिए इस्लामी सतह की परवरिश के नमूने के तौर पर हज़रत अली अकबर अलैहिस्सलाम की शख़्सियत के अलग-अलग पहलुओं पर रौशनी डाली। इस तक़रीर का सारांश KHAMENEI.IR की हिंदी वेबसाइट पर पेश किया जा रहा है।
इमाम हुसैन (अ) के दुश्मनों का लक्ष्य यह था कि इस्लाम और पैग़म्बरे इस्लाम की यादगारों को ज़मीन से मिटा दें। उन्हें हार हुयी क्योंकि ऐसा नहीं हो सका। इमाम हुसैन (अ) का मक़सद यह था कि इस्लाम के दुश्मनों की इस साज़िश को, जिन्होंने हर जगह को अपने रंग में रंग लिया था या रंगना चाहते थे, नाकाम बना दिया जाए।
क़ुरआन ने पूरी इंसानियत को ख़िताब किया है। क़ुरआन का दावा है कि वह पूरी इंसानियत को सही रास्ता और ज़िंदगी गुज़ारने की सही डगर दिखाना चाहता है जो उसे सही मंज़िल तक पहुंचाएगी।
इमाम ख़ामेनेई
14 अप्रैल 2022