ग़ज़ा के अवाम और ग़ज़ा के मुजाहेदीन पहाड़ की तरह डटे हुए हैं। खाने पीने की चीज़ें, दवाएं और ईंधन नहीं पहुंच रहा है लेकिन मज़बूती से खड़े हैं, हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं। यही हार न मानने का जज़्बा उन्हें विजय दिलाएगा। इमाम ख़ामेनेई  23 दिसम्बर 2023
कीवर्ड्ज़