प्राइवेट सेक्टर के प्रोडक्शन केन्द्रों ने उल्लेखनीय विकास किया है। यह बहुत अहम ख़बर है। क्यों? इसलिए कि यह प्रगति और विकास और अंजाम पाने वाले काम सब कुछ प्रतिबंधों के ज़माने में हुआ।
इमाम ख़ामेनेई
30 जनवरी 2024
हमने घरेलू पैदावार की क्षमताओं की जिस नुमाइश का कल मुआइना किया, वह बड़ी हैरत अंगेज़ और शानदार नुमाइश थी। मेरा ख़याल है कि इस प्रदर्शनी को ईरान की सांइसी व तकनीकी ताक़त के नमूने के तौर पर पहचनवाया जा सकता है।
इमाम ख़ामेनेई
30 जनवरी 2024
देश के उद्योग व प्रोडक्शन के मैदानों में सक्रिय अहम लोगों ने मंगलवार 30/1/2024 की सुबह इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
रज़ब का महीना, दुआ का महीना है, तवस्सुल का महीना है। अल्लाह का शुक्र है कि चौदह मासूमों की ओर से इस महीने में जो विश्वसनीय दुआएं आयी हैं वो बहुत अच्छी और उच्च अर्थों वाली दुआएं हैं। इन्शाअल्लाह, इनसे फ़ायदा उठाया जाए।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने मंगलवार की सुबह देश के उद्योग व उत्पादन के क्षेत्रों में सरगर्म क़रीब 1000 लोगों से मुलाक़ात की। उन्होंने बड़े लक्ष्य को हासिल करने में निजी सेक्टर की प्रभावी क्षमताओं की ओर इशारा करते हुए, काम काज और कारोबार के मैदान में रुकावटों को दूर करने में सरकार के सपोर्ट और प्राइवेट सेक्टर की ओर से ज़िम्मेदारी क़ुबूल किए जाने पर बल दिया और इन्हें मुल्क के हालात को बेहतर बनाने तथा भरपूर तरक़्क़ी की राह समतल करने वाली दो बहुत अहम ज़रूरतें क़रार दिया।
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 30 जनवरी 2024 को कारख़ानों के मालिकों और व्यवसियों से मुलाक़ात में आर्थिक विकास में प्राइवेट सेक्टर के योगदान के महत्व के बारे में बात की। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने प्राइवेट सेक्टर और सरकार को इसी संदर्भ में कुछ निर्देश दिए।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 17 जनवरी 2024 को मुल्क के नमाज़े जुमा के इमामों से मुलाक़ात में नमाज़े जुमा के महत्व और नमाज़े जुमा के इमामों की ज़िम्मेदारियों पर बात की। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने ग़ज़ा जंग और यमन की ओर से फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में उठाए गए महत्वपूर्ण क़दमों का भी ज़िक्र किया।
इस्लामी क्रांति के नेता ने सोमवार 29 जनवरी की सुबह उत्पादन के मैदान में देश के विभिन्न उत्पादों की एक प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। इस प्रदर्शनी का आयोजन इस्लामी क्रांति के नेता से देश के अहम उद्योगपतियों और व्यवसायियों की मुलाक़ात से पहले किया गया है।
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सोमवार की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयोजित इस नुमाइश में देश की प्रोडक्शन क्षमताओं का मुआयना किया।
हमारी सोचने की शक्ति की इतनी बुलंद उड़ान नहीं है, वह हिम्मत और हौसला नहीं है कि हम यह कह सकें कि इस महान हस्ती की जीवनशैली हमारा आदर्श है। हमारी यह हैसियत नहीं। लेकिन बहरहाल हमारे क़दम उसी दिशा में बढ़ें जिस दिशा में हज़रत ज़ैनब के क़दम बढ़े हैं। हमारा मक़सद इस्लाम का गौरव होना चाहिए, इस्लामी समाज की गरिमा होना चाहिए, इंसान की प्रतिष्ठा होना चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
20 नवम्बर 2013
इस्लामी मुल्कों के अधिकारियों की ख़राब गतिविधियों और सारी सख़्तियों के बावजूद, जैसा कि क़ुरआन में भी आया है अल्लाह मोमिन अवाम के साथ है और जहां ख़ुदा हो वहीं फ़तह होगी।
इमाम ख़ामेनेई
23 जनवरी 2024
अल्लाह ग़ज़ा के अवाम की फ़तह का नज़ारा भविष्य में जो ज़्यादा दूर नहीं है, दिखाएगा और मुसलमानों और उनमें सबसे ऊपर फ़िलिस्तीन और ग़ज़ा के अवाम के दिलों को ख़ुश कर देगा।
इमाम ख़ामेनेई
23 जनवरी 2024
हज़रत अली (अ.स.) की शख़्सियत वह है कि अगर आप शिया हैं तब भी उनका एहतेराम करेंगे, अगर सुन्नी हैं तब भी उनका एहतेराम करेंगे, मुसलमान नहीं हैं तब भी अगर आप इस हस्ती से वाक़िफ़ हैं और उनकी ज़िंदगी के हालात से आगाही रखते हैं तो उनका एहतेराम करेंगे।
इमाम ख़ामेनेई
20 सितम्बर 2016
9 जनवरी को फ़क़ीह, क़ुरआन के व्याख्याकार और आत्मज्ञानी हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन शैख़ मोहसिन अली नजफ़ी, पाकिस्तान में इस्लामी शिक्षाओं के प्रचार और अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम के इल्म के प्रसार की राह में एक लंबी उम्र तक संघर्ष के बाद परलोक को सिधार गए। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने एक संदेश जारी करके इस महान धर्मगुरू के निधन पर पाकिस्तान के अवाम, ओलमा और मदरसों को सांत्वना पेश की।
इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम, इमाम मोहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम, इमाम अली नक़ी अलैहिस्सलाम और इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम के दौर में शियों का नेटवर्क हमेशा से ज़्यादा फैला हुआ था। किसी भी दौर में पूरे इस्लामी जगत में शियों के आपसी संबंध और शिया मत के नेटवर्क का फैलाव, इमाम मोहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम, इमाम अली नक़ी अलैहिस्सलाम और इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम के ज़माने जैसा नहीं था।
इमाम ख़ामेनेई
09/08/2005
तेहरान प्रांत के 24000 शहीदों पर राष्ट्रीय सेमिनार के प्रबंधकों से मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने ग़ज़ा के अहम विषय पर इस्लामी मुल्कों के अधिकारियों के क्रियाकलापों पर टिप्पणी की।
इस्लामी मुल्कों के अधिकारियों के कुछ स्टैंड ग़लत हैं। क्योंकि वो ग़ज़ा में फ़ायरबंदी जैसे विषय पर बात करते हैं जो उनके अख़्तियार से बाहर है और ज़ायोनी हुकूमत के हाथ में है। वो ज़ायोनी सरकार की ज़िंदगी की नसें काट देने जैसे मुद्दों के सिलसिले में कार्रवाई करें।
इमाम ख़ामेनेई
23 जनवरी 2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 23 जनवरी 2024 को तेहरान के शहीदों पर सेमीनार के आयोजकों से मुलाक़ात में अहम और निर्णायक मसलों में तेहरान के अवाम और अहम हस्तियों के मूल्यवान योगदान का ज़िक्र किया। आपने शहीद और शहादत के विषय पर बड़ी अहम गुफ़्तगू की साथ ही ग़ज़ा के हालात के बारे में कुछ बिंदुओं को रेखांकित किया। (1)
इमाम मोहम्मद तक़ी अलजवाद अलैहिस्सलाम की ज़िन्दगी से हमें यह सबक़ मिलता है कि मुनाफ़िक़ (पाखंडी) और दिखावा करने वाली ताक़तों का सामना हो तो हिम्मत से काम लें और इन ताक़तों का मुक़ाबला करने के लिए अवाम को जागरूक बनाएं। इमाम जवाद अलैहिस्सलाम ने मामून के चेहरे से दिखावे और धोखाधड़ी की नक़ाब हटाने के लिए काम किया और कामयाब हुए।
इमाम ख़ामेनेई
10/10/1980
ग़ज़ा के अवाम की मदद के लिए यमन के अवाम और अंसारुल्लाह की सरकार ने जो कारनामा अंजाम दिया वह बहुत अज़ीम है। यमनियों ने ज़ायोनी सरकार की जीवन की नसों पर वार किया है। अमरीका ने धमकी दी तो उसे ध्यान के लायक़ नहीं समझा। इंसान को अगर अल्लाह का डर हो तो किसी और का डर नहीं रह जाता।
इमाम ख़ामेनेई
16 जनवरी 2024
दुनिया भर के लोग #ग़ज़ा और #फ़िलिस्तीन के अवाम के सिलसिले में दो चीज़ें मानते हैं। एक यह कि वो मज़लूम हैं और दूसरे यह कि वो विजेता हैं। आज दुनिया में कोई भी यह नहीं सोचता कि ग़ज़ा की जंग में ज़ायोनी सरकार को फ़तह मिली, सब कहते हैं कि उसे शिकस्त हुई। सबकी नज़र में क़ाबिज़ ज़ायोनी शासन ख़ूंख़ार और बेरहम भेड़िया, परास्त, मायूस और टूट फूट का शिकार है।
इमाम ख़ामेनेई
16 जनवरी 2024
यमनी क़ौम और अंसारुल्लाह की सरकार ने ग़ज़ा के अवाम के सपोर्ट में जो काम किया वो सचमुच क़ाबिले तारीफ़ है। उन्होंने ज़ायोनी सरकार की जीवन की नसों पर वार किया, अमरीका ने धमकी दी और वो अमरीका से नहीं डरे।
ग़ज़ा और फ़िलिस्तीन के लोगों के बारे में दुनिया के लोग दो बातों को मानते हैं। एक ये कि ये मज़लूम हैं, दूसरे ये कि ये फ़ातेह हैं। इसे पूरी दुनिया मानती है।
ग़ज़ा के अवाम की मदद के लिए #यमन के अवाम और #अंसारुल्लाह की सरकार ने जो कारनामा अंजाम दिया वह बहुत अज़ीम है। यमनियों ने ज़ायोनी सरकार की जीवन की नसों पर वार किया है। अमरीका ने धमकी दी तो उसे ध्यान के लायक़ नहीं समझा। इंसान को अगर अल्लाह का डर हो तो किसी और का डर नहीं रह जाता।
इमाम ख़ामेनेई
16 जनवरी 2024
इस्लामी गणराज्य ईरान की सिपाहे पासदाराने इंक़ेलाब आईआरजीसी की क़ुद्स फ़ोर्स के पूर्व कमांडर शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी की चौथी बरसी से पहले शहीदों के घरवालों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। 31 दिसंबर 2023 को होने वाली इस मुलाक़ात में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने शहीद सुलैमानी की शख़्सियत और उनकी ओर से की गयी सेवा के बारे में बात की और इस राह में उनके घरवालों के रोल और सहयोग का ज़िक्र किया। (1)
डॉक्टर मसऊद असदुल्लाही का इंटरव्यू
स्ट्रैटिजिक मामलों के माहिर डॉक्टर मसऊद असदुल्लाही ने Khamenei.ir बात करते हुए बताया कि फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के मुजाहिदों का ईमान का जज़्बा और ज़ायोनी फ़ौज की ज़मीनी मोर्चे पर उतरने की स्ट्रैटिजिक लेहाज़ से ग़लती, ज़ायोनी फ़ौज की हार के सबसे अहम कारण हैं। उनके इंटरव्यू के कुछ अहम बिन्दु पेश हैं।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने 9 जनवरी 2024 को कहाः "ज़ायोनी सरकार क़रीब 100 दिनों बाद, जबसे वो जुर्म कर रही है, अपने किसी भी लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकी है। फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध ज़िन्दा, ताज़ा दम और मुस्तैद है और वो सरकार थकी हुयी, लज्जित, पशेमान है और उसके माथे पर मुजरिम का ठप्पा लगा हुआ है।"