(स्वेडन में क़ुरआन की बेअदबी के मामले में) पर्दे के पीछे साज़िश करने वाले जान लें कि क़ुरआन मजीद का सम्मान और उसकी शान दिन ब दिन बढ़ती जाएगी और उसका मार्गदर्शन करने वाला प्रकाश ज़्यादा से ज़्यादा फैलेगा, इस साज़िश और इस पर अमल करने वाले इससे कहीं हक़ीर हैं कि वे इस दिन ब दिन फैलते प्रकाश को रोक सकें। और अल्लाह तो अपने हर काम पर ग़ालिब है।
इमाम ख़ामेनेई
22 जुलाई 2023
हज़रत अली अकबर ने बाबा से जंग के मैदान में जाने की इजाज़त चाही। इमाम हुसैन ने फ़ौरन इजाज़त दे दी। उस जवान को आपने हसरत और नाउम्मीदी से देखा कि मैदाने जंग में जा रहा है और अब वापस न लौटेगा। आप नज़रें झुका कर आंसू बहाने लगे।
इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मोहर्रम सन 1445 हिजरी क़मरी की पहली मजलिस सोमवार की रात आयोजित हुई, जिसमें इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने शिरकत की।
अचानक हमने देखा कि इमाम हुसैन के ख़ैमों की तरफ़ से एक बच्चा बाहर आया, उसका चेहरा चांद के टुकड़े की तरह दमक रहा था। वह आया और जंग करने लगा। इब्ने फ़ुज़ैल अज़दी ने उसके सिर पर वार किया और उसके दो टुकड़े कर दिए। बच्चा मुंह के बल ज़मीन पर गिर पड़ा। उसकी आवाज़ बुलंद हुयी: ऐ चचा जान!
मैं आप नौजवानों को सिफ़ारिश करना चाहूंगा कि अंजुमनों की क़द्र कीजिए। मैं हमेशा नौजवानों से कहता हूं कि अपनी नौजवानी की क़द्र कीजिए। लेकिन 'हैअतों' (हुसैनी अंजुमनों) की भी क़द्र कीजिए। यह ख़ज़ाने हैं। हुसैनी अंजुमन याद मनाने और बयान करने के अर्थ में है। यह याद भी मनाती है और बयान भी करती है। अंजुमन इस तरह की होनी चाहिए। याद भी मनाए और (तथ्यों को) बयान करने का केन्द्र भी हो।
इमाम ख़ामेनेई
17 सितम्बर 2022
स्वीडन की सरकार जान ले कि उसने मुजरिम का समर्थन करके इस्लामी जगत के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला है और मुसलमान क़ौमों और उनकी बहुत सी सरकारों की नफ़रत व दुश्मनी मोल ली है।
सैय्यद अली ख़ामेनेई
22/07/2023
अंजुमन, जेहाद का केंद्र है, अल्लाह की राह में जेहाद, अहलेबैत, इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के मत को ज़िंदा करने की राह में जेहाद, अंजुमन, तशरीह के जेहाद की जगह है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने हुज्जतुल इस्लाम शैख़ हसन सानेई के इंतेक़ाल पर एक शोक संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने, उन्हें इमाम ख़ुमैनी के वफ़ादार, साबित क़दम और सबसे पुराने साथियों में से एक बताया। उन्होंने, दिखावे से दूर रहने वाले मरहूम की दो नुमायां ख़ूबी अक़्लमंदी और ख़ैरख़ाही को बताया है।
आज हज़ारों लोग आडियंस को प्रभावित करने वाले अलग अलग तरीक़ों की मदद से नौहा और मरसिया ख़ानी में मसरूफ़ हैं यह मामूली चीज़ नहीं है। आप सरकश, ज़ालिम, साम्राज्यवाद और करप्शन के ख़िलाफ़ संघर्ष का जज़्बा देश में आम कर सकते हैं।
इमाम ख़ामेनेई
12 जनवरी 2023
इस्लामी जगत के लिए इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का पाठ यह है कि हक़ के लिए, इंसाफ़ के लिए, न्याय क़ायम करने के लिए, ज़ुल्म के ख़िलाफ़ संघर्ष के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और इस लड़ाई के लिए अपना सब कुछ, पूरी ज़िन्दगी की पूंजी दांव पर लगा देनी चाहिए।
इमाम ख़ामनेई
12 जून 2013
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने मुल्क के दीनी मदरसों से तअल्लुक़ रखने वाले ओलमा, छात्रों और मुबल्लिग़ों से ख़ेताब किया। 12 जुलाई 2023 के इस भाषण में उन्होंने तबलीग़ की वर्तमान स्थिति ज़रूरी तक़ाज़ों को बयान किया। (1)
अंजुमन, एक समाजिक इकाई है, जिसका गठन पैग़म्बरे इस्लाम के परिजनों से मुहब्बत के आधार पर होता है, इस की धुरी, अहलेबैत की मुहब्बत और उनके उद्देश्यों की ओर लोगों का मार्गदर्शन होता है।
इमाम ख़ामेनेई
23 जनवरी 2022
मुहर्रम से पहले मुल्क के ओलमा और मुबल्लिग़ों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की। इस मौक़े पर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने तबलीग़ की अहमियत और उसके समकालीन तक़ाज़ों पर रौशनी डाली।
इस्लाम की शिक्षाओं को अपना आदर्श मानने के नाते इस्लामी लोकतांत्रिक व्यवस्था अलग अलग क़ौमों के शोषण उनके अलग अलग प्रकार के हितों की राह में रुकावट डाले जाने के ख़िलाफ़ है।
इमाम ख़ामेनेई
12 जुलाई 2023
सत्तर साल पहले की तुलना में आज ज़ायोनी सरकार के लिए हालात बदल चुके हैं और ज़ायोनी नेताओं की यह आशंका सही है कि यह शासन अपनी उम्र के 80 साल पूरे नहीं कर पाएगा।
इमाम ख़ामेनेई
14 जून 2023
फ़िलिस्तीन और हालिया महीनों में वहाँ होने वाली घटनाएं पूरी दुनिया में मीडिया और अवाम के ख़ास ध्यान का केन्द्र बनी हुयी हैं। एक ओर ग़ज़्ज़ा की लड़ाई और वेस्ट बैंक की घटनाएं घटीं तो दूसरी ओर ज़ायोनी शासन के भीतर विरोध प्रदर्शन और अफ़रातफ़री की लहर देखने को मिली। ये सब चीज़ें और निशानियां फ़िलिस्तीन के राजनैतिक मंच पर हालात में बहुत बड़े बदलाव की निशानदेही करती हैं।
फ़्रांसीसियों ने अलजीरिया में सौ साल से ज़्यादा समय तक क्राइम किए और इंसानों को मौत के घाट उतारा। कुछ ही साल के भीतर शायद दसियों हज़ार लोग क़त्ल कर दिए गए। यह लिबरलिज़्म है?
इमाम ख़ामेनेई
12 जुलाई 2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने लेबनान के मशहूर मुजाहिद धर्मगुरू हुज्जतुल इस्लाम वल-मुसलेमीन शैख़ अफ़ीफ़ नाबलुसी के इंतेक़ाल पर हिज़्बुल्लाह के सेक्रेटरी जनरल सैयद हसन नसरुल्लाह को सांत्वना दी।
एक झूठा मोर्चा है जो ख़ुद को लिबरल डेमोक्रेसी कहता है। हालांकि वो लिबरल है न डेमोक्रेटिक। अगर आप लिबरल हैं तो साम्राज्यवादी हरकतों का क्या तुक है? आप कैसे आज़ादी पसंद हैं?
मुल्क की दीनी दर्सगाहों और धार्मिक शिक्षा केन्द्रों के ओलमा, छात्रों और तब्लीग़ की ज़िम्मेदारी अंजाम देने वालों के एक समूह ने आज बुधवार को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
आप अगर वाक़ई लिबरल और आज़ादी पसंद हैं तो #भारत जैसे कई मिलियन की आबादी वाले मुल्क को सौ साल से ज़्यादा मुद्दत तक आपने अपना उपनिवेश कैसे बनाए रखा और उसकी दौलत लूट कर उसे एक ग़रीब देश में बदल दिया। यही लिबरलिज़्म है?
इमाम ख़ामेनेई
12 जुलाई 2023
रावी कहता है कि मैं दाख़िल हुआ तो देखा कि इमाम मूसा इबने जाफ़र अलैहेमस्सलाम के हुजरे में तीन चीज़ें रखी हैं। एक तलवार है जो इस बात की प्रतीक है कि मक़सद, जेहाद है। मोटा और खुरदुरा लेबास जो सख़्त मेहनत, जेहादी और इंक़ेलाबी ज़िन्दगी का प्रतीक है और एक क़ुरआन है जो इस बात का प्रतीक है कि अस्ल मक़सद यही है।
इमाम ख़ामेनेई
12/04/1985