काम की अहमियत से मज़दूर की अहमियत समझी जा सकती है। काम, समाज की ज़िन्दगी है, काम, लोगों की ज़िन्दगी में रीढ़ की हड्डी की तरह है, काम न हो तो कुछ भी नहीं है।
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने मंगलवार को मुल्क भर से बड़ी तादाद में आए टीचरों से मुलाक़ात में, टीचरों को बच्चों और नौजवान नस्ल जैसे क़ीमती हीरों को तराशने वाला, मुल्क के भविष्य का आर्किटेक्ट और मुल्क के सबसे अच्छे व प्रतिष्ठित तबक़ों में से एक बताया और शिक्षा व प्रशिक्षण के अहम सिस्टम के लिए ज़रूरी व अपरिहार्य चीज़ों की वज़ाहत करते हुए कहा कि सत्ताधारी वर्ग को टीचरों से अपनी अपेक्षाओं के साथ साथ उनके मुख़्तलिफ़ मुद्दों के सिलसिले में अपनी ज़िम्मेदारी को भी महसूस करना चाहिए।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने शिक्षक दिवस के मौक़े पर मुल्क भर से मुलाक़ात के लिए आने वाले शिक्षकों की एक बड़ी संख्या को संबोधित किया। 2 मई 2023 को होने वाली इस मुलाक़ात में सुप्रीम लीडर ने तालीम, स्कूलों-कालेजों, शिक्षकों और छात्रों के विषय पर अहम गुफ़तगू की। (1)
मुल्क की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी प्रोडक्शन है और प्रोडक्शन की रीढ़ की हड्डी मज़दूर है। हमें मज़दूर यानी इस रीढ़ की हड्डी को कमज़ोर नहीं होने देना चाहिए।
अमरीकी इराक़ के दोस्त नहीं हैं। अमरीकी किसी के दोस्त नहीं हैं, वो अपने यूरोपीय दोस्तों तक के वफ़ादार नहीं हैं। इराक़ में एक अमरीकी की मौजूदगी भी ज़्यादा है। इमाम ख़ामेनेई29 अप्रैल 2023
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता ने मज़दूरों, मज़दूर यूनियन के प्रतिनिधियों, कोआप्रेटिव्ज़, लेबर व सोशल वेल्फ़ेयर व लेबर मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाक़ात की।
दुश्मनों ने लेबर वर्ग को ईरान की हुकूमत के ख़िलाफ़ उकसाने की बड़ी कोशिशें कीं मगर नाकाम रहे। बेशक मज़दूर तबक़ों में कुछ एतेराज़ थे और वो सही एतेराज़ भी थे लेकिन मज़दूर तबक़े ने दुश्मन से अपनी दूरी क़ायम रखी और दुश्मन को एतेराज़ का ग़लत फ़ायदा उठाने का मौक़ा नहीं दिया।
इमाम ख़ामेनेई
29 अप्रैल 2023
काम और मेहनत समाज की ज़िंदगी है। काम न हो तो कुछ नहीं होगा। खाना, लेबास और वह सामान जो हम ज़िंदगी में इस्तेमाल करते हैं सब कुछ काम से तैयार होता है। काम कौन करता है? लेबर। तो फिर मज़दूर की कितनी अहमियत है? लेबर की अहमियत समाज की ज़िंदगी के महत्व के बराबर है।
इमाम ख़ामेनेई
29 अप्रैल 2023
मुल्क की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी प्रोडक्शन है और प्रोडक्शन की रीढ़ की हड्डी लेबर है। हमें लेबर वर्ग को कमज़ोर नहीं होने देना चाहिए। प्रोडक्शन के विस्तार का बड़ा हिस्सा लेबरों पर निर्भर है।
इमाम ख़ामेनेई
29 अप्रैल 2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने मई दिवस और लेबर सप्ताह के अवसर पर देश की लेबर सोसायटी के लोगों से मुलाक़ात की। 29 अप्रैल 2023 को तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में होने वाली इस मुलाक़ात में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने देश, समाज और अर्थ व्यवस्था में लेबर सोसायटी के महत्व, भूमिका, ज़िम्मेदारियों और उनके अधिकारों पर रौशनी डाली। (1)
ज़ायोनी हुकूमत का बिखराव और अंत क़रीब है, यह, प्रतिरोध की बरकत से है, यह इस वजह से है कि फ़िलिस्तीनी जवान, अपने दुश्मन की डिटेरन्स ताक़त को लगातार कमज़ोर और ख़त्म करने में कामयाब हुआ है।
फ़िलिस्तीनी अवाम के भीतर से होने वाला यह प्रतिरोध, इस बदलाव की अस्ल वजह है। जितना ज़्यादा प्रतिरोध होगा, इस्राईल उतना ही कमज़ोर होता जाएगा, उसकी तबाही और ज़ाहिर होती जाएगी।
इमाम ख़ामेनेई
दुश्मन की चाल और दुश्मन की रणनीति की पहचान में हम सबको अपटूडेट रहना चाहिए। अमीरुल मोमेनीन नहजुल बलाग़ा में कहते हैं: जो ग़फ़लत करता है, उसका दुश्मन असकी ओर से गफ़लत नहीं करता! ऐसा नहीं है कि आप अपने मोर्चे पर सो रहे हैं, तो दुश्मन के मोर्चे पर भी नींद का असर होगा और वह सो गया होगा, नहीं।
ईरान के मोमिन अवाम ने शबे क़द्र (बेदारी और इबादतों में) बसर करने के बाद अगले दिन रोज़े के आलम में पूरे मुल्क में क़ुद्स दिवस की शानदार और व्यापक रैलियां निकालीं और साबित कर दिया कि यह सब अल्लाह की तौफ़ीक़ और लुत्फ़ है।
इमाम ख़ामेनेई
22 अप्रैल 2023
रमजान का महीना अल्लाह के सामने गिड़गिड़ाने का महीना भी है और जेहाद का महीना भी। इस्लाम के आग़ाज़ में जंगे बद्र और फ़त्हे मक्का रमज़ान में थी। हालिया बरसों में क़ुद्स दिवस ईरानी क़ौम के संघर्ष का दिन रहा और इस साल बड़े पैमाने पर दूसरे राष्ट्रों ने भी इसमें साथ दिया।
इमाम ख़ामेनेई
22 अप्रैल 2023
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता ने शनिवार को तेहरान में इस्लामी मुल्कों के राजदूतों, मुल्क के आला ओहदेदारों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 22 अप्रैल 2023 को नमाज़े ईदुल फ़ित्र पढ़ाई और उसके बाद नमाज़े ईदल के ख़ुतबे दिए। इस रूहानी कार्यक्रम में लाखों की संख्या में लोगों ने भाग लिया।
ईदुल फ़ित्र के दिन नमाज़े ईद के बाद इस्लामी व्यवस्था के अधिकारियों, मुख़्तलिफ़ अवामी वर्गों के लोगों और तेहरान में तैनात इस्लामी देशों के राजदूतों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। 22 अप्रैल 2023 को होने वाली इस मुलाक़ात में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इस्लामी जगत के हालात, समस्याओं और क्षमताओं के बारे में बात की। (1)
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता आयतुल्ला ख़ामेनेई ने ईदुल फ़ित्र के मौक़े पर अलग अलग अदालतों से सज़ा पाने वाले सैकड़ों क़ैदियों की सज़ाएं माफ़ या कम करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।
ऐ परवरदिगार! मोहम्मद व आले मोहम्मद के सदक़े में हमें, जो मुल्क के किसी भी इलाक़े और क्षेत्र में हैं, तौफ़ीक़ दे कि तेरी मर्ज़ी व ख़ुशी के मुताबिक़ कर्म करें।