12/06/2023
परमाणु प्रोडक्ट्स और सेवाओं का कमर्शियलाइज़ेशन होना चाहिए, हमारी इन कामयाबियों का दुनिया में अच्छा मार्केट मौजूद है। मुल्क की अर्थव्यवस्था के लिए इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। इमाम ख़ामेनेई  11 जून 2023
12/06/2023
इन बरसों के दौरान, परमाणु उद्योग के अहम इंफ़्रास्ट्रक्चर तैयार किए गए हैं, मुमकिन है आप किसी मामले में कुछ समझौता करना चाहें, कोई मुश्किल नहीं है समझौता कीजिए, लेकिन इन इंफ़्रास्ट्रक्चर को हाथ न लगाया जाए।
11/06/2023
जो भी ईरान से मुहब्बत करता है, जो भी फ़्यूचर में, न्यू वर्ल्ड ऑर्डर में ईरान की इज़्ज़तदार पोज़ीशन की ख़्वाहिश रखता है, उसे क़ौम में ईमान और उम्मीद को फैलाना चाहिए।
10/06/2023
दुश्मन के मंसूबे पर पानी फिर गया, लेकिन सबको यह बता गया कि दुश्मनों की मक्कारी से कभी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
10/06/2023
आज दुश्मन इस्लामी जम्हूरिया और इस्लामी उम्मत के ख़िलाफ़ जो कुछ कर रहा है वो उसकी दुश्मनी की आख़िरी ‎सांसें हैं। ‎ इमाम ख़ामेनेई 15 अप्रैल 2019‎
06/06/2023
भौतिकवाद और अध्यात्म विरोधी नीतियों तले अध्यात्म को कुचला जा चुका था। इमाम ख़ुमैनी के आंदोलन ने दुनिया में अध्यात्म के रंग को फिर से निखारा।
06/06/2023
इमाम ख़ुमैनी ने तीन बड़े महान व ऐतिहासिक काम किए...एक मुल्क ईरान की सतह पर कि इस्लामी इंक़ेलाब को वजूद दिया, एक इस्लामी जगत की सतह पर कि इस्लामी जागरुकता का आंदोलन शुरू किया और एक विश्व स्तर पर अध्यात्म के माहौल को दुनिया में ज़िन्दा किया। इमाम ख़ामेनेई 
05/06/2023
इमाम ख़ुमैनी इस्लामी जुम्हूरिया की रूह हैं, इमाम ख़ुमैनी इस इंक़ेलाब की रूह हैं, इमाम का ज़िक्र फीका न पड़ने पाए। इमाम ख़ामेनेई 4 जून 2022
05/06/2023
आज इस्लामी जगत, इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी से पहले के दौर और इमाम ख़ुमैनी के ज़माने से पहले की तुलना में ज़्यादा सरगर्म, ज़्यादा तैयार और ज़्यादा पुरजोश है।
04/06/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने रविवार की सुबह इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह की चौंतीसवीं बरसी पर, उनके रौज़े में ईरान के क़द्रदान और वफ़ादार अवाम की शानदार सभा को ख़ेताब करते हुए इमाम ख़ुमैनी को मुल्क के इतिहास की सबसे अज़मी हस्तियों में से एक क़रार दिया।
04/06/2023
इमाम ख़ुमैनी तीन सतह पर बदलाव लाए। मुल्क की सतह पर उन्होंने, ग़ैरों की नज़रे करम का इंतेज़ार करने वाली क़ौम को, सब कुछ करने की सलाहियत रखने वाली क़ौम में बदल दिया।
04/06/2023
इस्लामी इंक़ेलाब और इस्लामी जम्हूरिया के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी की चौंतीसवीं बरसी अक़ीदत व एहतेराम से मनाई गई। 4 जून 2023 को इस मुनासेबत से आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने इमाम ख़ुमैनी के रौज़े में अक़ीदतमंदों, देश के उच्चाधिकारियों और विदेशी मेहमानों की सभा को संबोधित करते हुए इमाम ख़ुमैनी को ईरान की पूरी तारीख़ की सबसे अज़ीम हस्ती क़रार दिया। (1)
03/06/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की तरफ़ से इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह की बरसी का प्रोग्राम क़ुम में हज़रत मासूमा के रौज़े में आयोजित हो रहा है।
01/06/2023
ओमान के सुल्तान से मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने दो तरफ़ा तअल्लुक़ात, इलाक़ाई मुल्कों से सहयोग की ईरान की पालीसियों और इस्लामी दुनिया की एकता व समन्वय जैसे विषयों पर रौशनी डाली।
01/06/2023
हमारी सरज़मीं पर इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम का रौज़ा स्थित होने और मुल्क के कोने कोने और अवाम के दिलों में उनकी रूहानी मौजूदगी की बरकतें नुमायां हैं। आठवें इमाम अलैहिस्सलाम हमारी क़ौम की रूहानी, फ़िक्री और दुनियावी नेमतों का मरकज़ हैं।
01/06/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ईरान के सब्ज़वार और नीशापुर के शहीदों पर कान्फ़्रेंस की आयोजक कमेटी के सदस्यों से मुलाक़ात में दोनों शहरों के अतीत और शहीद व शहादत के विषय पर अहम बिंदु बयान किए।
31/05/2023
इमाम रज़ा अलैहिस्सलामः जो किसी ऐसी सभा में बैठे जहां हम अहलेबैत का ज़िक्र हो रहा हो, उसका दिल उस दिन मुर्दा नहीं होगा जिस दिन दिल मुर्दा हो जाएंगे। बेहारुल अनवार जिल्द 49 पेज 90
31/05/2023
अहले बैत की विलायत का नज़रिया और पैग़म्बरे इस्लाम के ख़ानदान से श्रद्धा को इस्लामी जगत में फैलाना, इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम का कारनामा है।
30/05/2023
सब्ज़वार और नीशापुर के शहीदों पर कान्फ़्रेंस की आयोजक कमेटी के सदस्यों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 30 मई 2023 को होने वाली इस मुलाक़ात में दोनों शहरों के शानदार अतीत और ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्रों में सराहनीय योगदान का ज़िक्र किया। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने शहीद और शहादत के विषय पर अहम बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
29/05/2023
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सोमवार की सुबह ओमान के सुल्तान हैसम बिन तारिक़ आले सईद ‎और उनके प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में ईरान और ओमान के संबंधों को लंबे समय से जारी ‎मज़बूत बुनियादों पर आधारित अच्छे संबंध बताते हुए कहा कि हमारा यह मानना है कि सभी ‎विभागों में दोनों मुल्कों के संबंधों में विस्तार दोनों पक्षों के फ़ायदे में है। ‎
27/05/2023
भेदभाव को ख़त्म करने की इस्लाम की ज़बान दरअस्ल अमल की ज़बान है, कहाँ? हज में। काले हैं, गोरे हैं, दुनिया के फ़ुलां क्षेत्र से आए हैं, फ़ुलां तहज़ीब के हैं, फ़ुलां तारीख़ के हैं, सब एक साथ बिना किसी भेदभाव के, एक साथ हैं, कोई भेदभाव नहीं है। ये हज के राज़ हैं, इन्हें मारेफ़त के साथ अंजाम देना चाहिए। इमाम ख़ामेनेई  17 मई 2023
24/05/2023
दुश्मन ने ख़ुर्रमशहर में और दूसरे मौक़ों पर हमारी फ़तह का राज़ देखा और समझ गया।
24/05/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने ग्यारहवीं संसद के स्पीकर और दूसरे ‎सदस्यों से मुलाक़ात में संसद को कुल मिलाकर एक इंक़ेलाबी, जवान, मेहनती संसद क़रार दिया ‎जिसने मुल्क के मुद्दों के हल के लिए बड़े अच्छे क़ानून बनाए हैं। ‎
24/05/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 24 मई 2023 को सांसदों से मुलाक़ात में तक़रीर करते हुए विधायिका की अहमियत, ज़िम्मेदारियों, कार्यशैली सहित अनेक विषयों पर बात की। उन्होंने विधायी प्रक्रिया के बारे में बड़े अहम बिंदुओं पर प्रकाश डाला और कुछ अनुशंसाएं कीं। (1)
23/05/2023
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने देश के अधिकारियों से रमज़ान मुबारक की अपनी मुलाक़ात में, अमरीका के पतन की हालत की ओर इशारा करते हुए कहाः “मैंने कहा कि हमारे मुक़ाबले में मौजूद मोर्चा कमज़ोर हो रहा है जिसकी मिसालें मैं अभी पेश करुंगा। विश्व स्तर पर हमारा सबसे बड़ा विरोधी अमरीका ही तो है। ओबामा का अमरीका, बुश के अमरीका की तुलना में कमज़ोर था,  ट्रम्प का अमरीका, ओबामा के अमरीका से कमज़ोर था,  इन साहब (बाइडेन) का अमरीका, ट्रम्प के अमरीका से ज़्यादा कमज़ोर है।” (4/4/2023)
23/05/2023
इस्लाम नस्लों के बीच समानता का अमली तौर पर पैग़ाम देता है। हज में काले भी हैं, गोरे भी हैं। ‎दुनिया के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों, दुनिया की मुख़्तलिफ़ तहज़ीबों और अलग अलग ऐतिहासिक बैक ग्राउंड ‎के लोग सब एक दूसरे के साथ होते हैं। यह हज के अहम रहस्यों में से है। इमाम ख़ामेनेई ‎17 मई 2023‎
22/05/2023
अगर आप ने एक दिन देखा कि, अल्लाह वह दिन कभी न लाए, कोई हज पर जाने वाला नहीं है, तो आप पर वाजिब है कि हज के लिए जाएं, चाहे इससे पहले आप दस बार हज कर चुके हों। इस घर, इस असली व बुनियादी केन्द्र को कभी भी ख़ाली नहीं रहना चाहिए। "लोगों को सहारा देने वाली बुनियाद" यह इबारत बहुत अहम है।
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