अज़ादारी के इस प्रोग्राम में हुज्जतुल इस्लाम मसऊद आली ने हज़रत ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की ज़िंदगी के कुछ पहलुओं पर रोशनी डालते हुए दुनिया के मुजाहेदीन के लिए उन्हें बेहतरीन नमूना और पैमाना क़रार दिया।

उन्होंने इंसान की बुलंदी की तरफ़ उड़ान और पस्ती में गिरने, ख़ुश क़िस्मती और घाटे के कारकों और भूमिकाओं पर रोशनी डाली।

हुज्जतुल इस्लाम मसऊद आली ने इलाही नीयत के साथ जद्दोजेहद, सक्रियता और लगन को उत्थान के अहम कारकों में शुमार किया।

इस प्रोग्राम में सैयद रज़ा नरीमानी ने हज़रत ज़हरा का मरसिया और नौहा पढ़ा।

फ़ातेमीया 1445

14/12/2023