उन्होंने जनरल शहीद क़ासिम सुलैमानी की चौथी बरसी के मौक़े पर होने वाली इस मुलाक़ात में इत बात पर बल देते हुए कि तीन महीने से ग़ज़ा में जारी प्रतिरोध, प्रतिरोध के मोर्चे के वजूद की देन है, कहा कि शहीद सुलैमानी ने प्रतिरोध के मोर्चे को फिर से ज़िंदा करने के लिए बहुत जद्दोजहद की और इस काम को पाक नीयत, युक्ति, अक़्लमंदी और अख़लाक़ से आगे बढ़ाया। 

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने आईआरजीसी की क़ुद्स ब्रिगेड के कमांडर जनरल क़ाआनी की कोशिशों की सराहना करते हुए कहा कि प्रतिरोध के मोर्चे को ताक़तवर बनाने का काम लगातार जारी रहना चाहिए।

इस मुलाक़ात में, जिसमें आईआरजीसी के कमांडर और आईआरजीसी की क़ुद्स ब्रिगेड के कमांडर भी मौजूद थे, शहीद क़ासिम सुलैमानी की बेटी मोहतरमा ज़ैनब सुलैमानी ने शहीद सुलैमानी के जज़्बों, आदतों और ख़ूबियों को नौजवान नस्ल तक पहुँचाने के लिए संस्कृति और कला के विभाग में अंजाम पाने वाले और इसी तरह से जारी दूसरे कामों के बारे में एक संक्षिप्त रिपोर्ट पेश की।