जेहादे इस्लामी फ़िलिस्तीन ग़ज़्ज़ा की हालिया जंग के दौरान इम्तेहान में सफल रही। ज़ायोनी सरकार के अधिकारियों का इस सरकार के अपनी उम्र के 80 साल पूरे न कर पाने की ओर से चिंतित होना सही है।
फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन जेहादे इस्लामी के सेक्रेटरी जनरल ज़्याद अन्नख़ाला और उनके साथ आए डेलीगेशन ने बुधवार की शाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
परमाणु प्रोडक्ट्स और सेवाओं का कमर्शियलाइज़ेशन होना चाहिए, हमारी इन कामयाबियों का दुनिया में अच्छा मार्केट मौजूद है। मुल्क की अर्थव्यवस्था के लिए इसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
इमाम ख़ामेनेई
11 जून 2023
इन बरसों के दौरान, परमाणु उद्योग के अहम इंफ़्रास्ट्रक्चर तैयार किए गए हैं, मुमकिन है आप किसी मामले में कुछ समझौता करना चाहें, कोई मुश्किल नहीं है समझौता कीजिए, लेकिन इन इंफ़्रास्ट्रक्चर को हाथ न लगाया जाए।
जो भी ईरान से मुहब्बत करता है, जो भी फ़्यूचर में, न्यू वर्ल्ड ऑर्डर में ईरान की इज़्ज़तदार पोज़ीशन की ख़्वाहिश रखता है, उसे क़ौम में ईमान और उम्मीद को फैलाना चाहिए।
इमाम ख़ुमैनी ने तीन बड़े महान व ऐतिहासिक काम किए...एक मुल्क ईरान की सतह पर कि इस्लामी इंक़ेलाब को वजूद दिया, एक इस्लामी जगत की सतह पर कि इस्लामी जागरुकता का आंदोलन शुरू किया और एक विश्व स्तर पर अध्यात्म के माहौल को दुनिया में ज़िन्दा किया।
इमाम ख़ामेनेई
आज इस्लामी जगत, इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी से पहले के दौर और इमाम ख़ुमैनी के ज़माने से पहले की तुलना में ज़्यादा सरगर्म, ज़्यादा तैयार और ज़्यादा पुरजोश है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने रविवार की सुबह इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह की चौंतीसवीं बरसी पर, उनके रौज़े में ईरान के क़द्रदान और वफ़ादार अवाम की शानदार सभा को ख़ेताब करते हुए इमाम ख़ुमैनी को मुल्क के इतिहास की सबसे अज़मी हस्तियों में से एक क़रार दिया।
इमाम ख़ुमैनी तीन सतह पर बदलाव लाए। मुल्क की सतह पर उन्होंने, ग़ैरों की नज़रे करम का इंतेज़ार करने वाली क़ौम को, सब कुछ करने की सलाहियत रखने वाली क़ौम में बदल दिया।
इस्लामी इंक़ेलाब और इस्लामी जम्हूरिया के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी की चौंतीसवीं बरसी अक़ीदत व एहतेराम से मनाई गई। 4 जून 2023 को इस मुनासेबत से आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने इमाम ख़ुमैनी के रौज़े में अक़ीदतमंदों, देश के उच्चाधिकारियों और विदेशी मेहमानों की सभा को संबोधित करते हुए इमाम ख़ुमैनी को ईरान की पूरी तारीख़ की सबसे अज़ीम हस्ती क़रार दिया। (1)
ओमान के सुल्तान से मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने दो तरफ़ा तअल्लुक़ात, इलाक़ाई मुल्कों से सहयोग की ईरान की पालीसियों और इस्लामी दुनिया की एकता व समन्वय जैसे विषयों पर रौशनी डाली।
हमारी सरज़मीं पर इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम का रौज़ा स्थित होने और मुल्क के कोने कोने और अवाम के दिलों में उनकी रूहानी मौजूदगी की बरकतें नुमायां हैं। आठवें इमाम अलैहिस्सलाम हमारी क़ौम की रूहानी, फ़िक्री और दुनियावी नेमतों का मरकज़ हैं।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ईरान के सब्ज़वार और नीशापुर के शहीदों पर कान्फ़्रेंस की आयोजक कमेटी के सदस्यों से मुलाक़ात में दोनों शहरों के अतीत और शहीद व शहादत के विषय पर अहम बिंदु बयान किए।
इमाम रज़ा अलैहिस्सलामः जो किसी ऐसी सभा में बैठे जहां हम अहलेबैत का ज़िक्र हो रहा हो, उसका दिल उस दिन मुर्दा नहीं होगा जिस दिन दिल मुर्दा हो जाएंगे।
बेहारुल अनवार जिल्द 49 पेज 90
सब्ज़वार और नीशापुर के शहीदों पर कान्फ़्रेंस की आयोजक कमेटी के सदस्यों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 30 मई 2023 को होने वाली इस मुलाक़ात में दोनों शहरों के शानदार अतीत और ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्रों में सराहनीय योगदान का ज़िक्र किया। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने शहीद और शहादत के विषय पर अहम बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सोमवार की सुबह ओमान के सुल्तान हैसम बिन तारिक़ आले सईद और उनके प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में ईरान और ओमान के संबंधों को लंबे समय से जारी मज़बूत बुनियादों पर आधारित अच्छे संबंध बताते हुए कहा कि हमारा यह मानना है कि सभी विभागों में दोनों मुल्कों के संबंधों में विस्तार दोनों पक्षों के फ़ायदे में है।
भेदभाव को ख़त्म करने की इस्लाम की ज़बान दरअस्ल अमल की ज़बान है, कहाँ? हज में। काले हैं, गोरे हैं, दुनिया के फ़ुलां क्षेत्र से आए हैं, फ़ुलां तहज़ीब के हैं, फ़ुलां तारीख़ के हैं, सब एक साथ बिना किसी भेदभाव के, एक साथ हैं, कोई भेदभाव नहीं है। ये हज के राज़ हैं, इन्हें मारेफ़त के साथ अंजाम देना चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
17 मई 2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने ग्यारहवीं संसद के स्पीकर और दूसरे सदस्यों से मुलाक़ात में संसद को कुल मिलाकर एक इंक़ेलाबी, जवान, मेहनती संसद क़रार दिया जिसने मुल्क के मुद्दों के हल के लिए बड़े अच्छे क़ानून बनाए हैं।