7 अक्तूबर से शुरू होने वाले इस वाक़ए (अलअक़सा तूफ़ान आप्रेशन) में क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार को फ़ौजी पहलू से भी और इंटैलीजेंस के पहलू से भी वो शिकस्त हुई है जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं।
इमाम ख़ामेनेई
यह आफ़त ख़ुद ज़ायोनियों ने अपनी हरकतों से ख़ुद अपने सरों पर नाज़िल की है। जब ज़ुल्म और अपराध हद से गुज़र जाएं, जब दरिंदगी अपनी हद पार कर ले तो फिर तूफ़ान के लिए तैयार रहना चाहिए।
इस्लामी गणराज्य ईरान की इमाम अली अलैहिस्सलाम आर्मी युनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन समारोह को संबोधित करते हुए इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के महत्व को बयान किया। 10 अक्तूबर 2023 को उन्होंने फ़िलिस्तीन के हालात पर बात करते हुए कहा कि ज़ायोनी सरकार को इंटेलीजेंस और सामरिक पहलू से इतना बड़ा नुक़सान पहुंचा है कि जिसकी भरपाई आसान नहीं है। 7 अक्तूबर के बाद का ज़ायोनी शासन इस तारीख़ से पहला वाला ज़ायोनी शासन नहीं रह गया है। (1)
आयतुल्लाह ख़ामेनेई की स्पीच का अनुवाद पेश हैः
शहीदों के नाम का तक़ाज़ा ही बाक़ी रहना और अमर हो जाना है। यानी अल्लाह की राह में क़ुरबानी की ख़ुसूसियत ही यह है कि वह दुनिया में बाक़ी रहती है।
इमाम ख़ामेनेई
27 सितम्बर 2023
ज़ायोनी सरकार मिट जाने वाली है। आज फ़िलिस्तीनी आंदोलन इन 70-80 बरसों में पहले से ज़्यादा अच्छी पोज़ीशन में है। आज फ़िलिस्तीनी नौजवान और फ़िलिस्तीनी आंदोलन नाजायज़ क़ब्ज़े के ख़िलाफ़, ज़ुल्म के ख़िलाफ़ और ज़ायोनीवाद के ख़िलाफ़ पहले से ज़्यादा ताक़तवर, मज़बूत और तैयार है और इंशाअल्लाह यह कैंसर जड़ से ख़त्म हो जाएगा।
इमाम ख़ामेनेई
3/10/2023
जैसा कि इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह ने क़ाबिज़ हुकूमत को कैंसर कहा है, अल्लाह के करम से इंशाअल्लाह निश्चित तौर पर फ़िलिस्तीनी अवाम के हाथों और रेज़िस्टेन्स फ़ोर्सेज़ के हाथों इस कैंसर को जड़ से काट दिया जाएगा।
इमाम ख़ामेनेई
मैं पूरे यक़ीन से कहता हूं कि इन कोशिशों का कोई फ़ायदा नहीं होगा, दुश्मन ज़ायोनी सरकार के पतन व अंत का प्रॉसेस शुरू हो चुका है जो रुकेगा नहीं।
इमाम ख़ामेनेई
क्या उन मुल्कों में जहां क़ुरआन की तौहीन करने की इजाज़त दी जाती है, ज़ायोनियों के प्रतीकों को निशाना बनाने की इजाज़त दी जाएगी?
इमाम ख़ामेनेई
3 अक्तूबर 2023
हमदान प्रांत के 8 हज़ार शहीदों को श्रद्धांजलि पेश करने के लिए दूसरे नेशनल सेमीनार के प्रबंधकों ने 27 सितम्बर 2023 को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। इस मौक़े पर अपनी तक़रीर में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने हमदान प्रांत के अवाम के ख़ूबियों, इस्लामी क्रांति और आठ साल तक चले पाकीज़ा डिफ़ेंस के दौरान इसी तरह अलग अलग अहम मौक़ों पर हमदान के लोगों के योगदान को रेखांकित किया। यह स्पीच 8 अक्तूबर 2023 को सेमीनार हाल में दिखाई गई। (1)
अगर इस्लामी मुल्क एकजुट हो जाएं तो कौन सा मुल्क है जो मुंहज़ोरी और चोरी नहीं कर पाएगा? अमरीका!अगर ईरान, सीरिया, इराक़, लेबनान, सऊदी अरब, मिस्र और जार्डन वग़ैरा जैसे मुल्क अपने बुनियादी मुद्दों में संयुक्त रणनीति अपनाएं तो धौंस जमाने वाली ताक़तें उनके मसलों में हस्तक्षेप नहीं कर पाएंगी।
इमाम ख़ामेनेई
3 अक्तूबर 2023
ज़ायोनी हुकूमत ग़ुस्से से भरी हुयी है, सिर्फ़ हमारे सिलसिले में ही नहीं, मिस्र, सीरिया और इराक़ से भी द्वेष रखती है, क्यों? क्योंकि “नील से फ़ुरात तक” का उनका लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। क़ुरआन कहता है कि ग़ुस्से से मर जाओ। यही होगा भी, वो मर रहे हैं।
इमाम ख़ामेनेई
हां, क़ुरआन बुरी ताक़तों के लिए ख़तरा है। यह ज़ुल्म की भी निंदा करता है और ज़ुल्म सहने वाले की भी निंदा करता है कि उसने क्यों ज़ुल्म सहना गवारा किया।
इमाम ख़ामेनेई
3 अक्तूबर 2023
इस्लामी जुम्हूरिया का निश्चत स्टैंड यह है कि जो सरकारें ज़ायोनी हुकूमत से संबंध बहाल करने का जुआ खेल रही हैं, नुक़सान उठाएंगी। यूरोपियों के शब्दों में हारने वाले घोड़े पर शर्त लगा रही हैं।
पवित्र इस्लामी शरीयत में सिर्फ़ खाने की ज़रूरत के तहत शिकार की इजाज़त है। शिकार के सफ़र में नमाज़ पूरी पढ़नी है; यानी सफ़र, हराम सफ़र है; इसका यह मतलब हुआ।
पैग़म्बरे इस्लाम और हज़रत इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम के मुबारक जन्म दिन पर अवाम, ओहदेदारों, तेहरान में मौजूद इस्लामी देशों के राजदूतों और इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में भाग लेने वाले विचारकों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
पैग़म्बरे इस्लाम का, कायनात के इस चमकते सूरज का हर इंसान पर एहसान है। सही अर्थों में सारी इंसानियत इस अज़ीम हस्ती की क़र्ज़दार है। पैग़म्बरे इस्लाम ने इंसानियत के हर अहम दर्द व पीड़ा का इलाज मुहैया कर दिया।
इमाम ख़ामेनेई
3 अक्तूबर 2023
पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही वसल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने मंगलवार को मुल्क के अधिकारियों, ईरान में नियुक्त विदेशी राजदूतों, इस्लामी एकता कॉन्फ़्रेंस में भाग लेने वालों और अवाम के मुख़्तलिफ़ तबक़ों के लोगों से मुलाक़ात की।
क़ुरआन भ्रष्ट ताक़तों के लिए ख़तरा शुमार होता है क्योंकि वह ज़ुल्म की भी निंदा करता है और ज़ुल्म सहने वाले की भी मलामत करता है कि उसने ज़ुल्म सहना क्यों गवारा किया। क़ुरआन लोगों को बेदार करने वाला है। क़ुरआन का दुश्मन इंसानों की बेदारी का मुख़ालिफ़ और ज़ुल्म से जंग किए जाने का मुफ़ालिफ़ है।
इमाम ख़ामेनेई
3 अक्तूबर 2023
आज इस्लाम से दुश्मनी, पहले से कहीं ज़्यादा ज़ाहिर है, जिसका एक जाहेलाना नमूना, क़ुरआन मजीद का अनादर है जो आपकी नज़रों के सामने है कि एक जाहिल बेवक़ूफ़ खुल्लम खुल्ला यह हरकत कर रहा है। अस्ल बात, पर्दे के पीछे मौजूद तत्वों की है। वो सोचते हैं कि इस तरह की हरकतों से क़ुरआन को कमज़ोर कर सकते हैं, यह उनकी ग़लतफ़हमी है।
इमाम ख़ामेनेई
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने पैग़म्बरे इस्लाम और उनके फ़रज़ंद इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिन के मौक़े पर देश के ओहदेदारों, इस्लामी मुल्कों के राजदूतों और इस्लामी एकता सम्मेलन में भाग लेने वालों से मुलाक़ात में पैग़म्बरे इस्लाम की शख़्सियत पर रौशनी डाली। 3 अक्तूबर 2023 के ख़ेताब में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने क़ुरआन के अनादर की साज़िश, ज़ायोनी हुकूमत की मौत और मुसलमानों की एकता के विषय पर बात की।(1)
पैग़म्बरे इस्लाम का वजूद कहकशां जैसा है। इसमें महानता के हज़ारों बिन्दु पाए जाते हैं। पैग़म्बरे इस्लाम जैसी बेमिसाल शख़्सियत की ज़िन्दगी, इस्लामी इतिहास के हर दौर के लिए नमूना व पाठ है, हमेशा के लिए आइडियल है।
हम दुनिया को यह सिखाना चाहते हैं, हम यह कहना चाहते हैं कि मुसलमान आपस में सहयोग करें। एक दूसरे के साथ मिलकर ज़िन्दगी गुज़ारें, इसका नमूना हमारे यहाँ सीस्तान व बलोचिस्तान में मौजूद है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने रबीउल अव्वल महीने और पैग़म्बरे इस्लाम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिन के मौक़े पर 2 हज़ार से अधिक क़ैदियों की सज़ाएं माफ़ और उनमें कमी के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।
कहकशां यानी वह समूह जिसमें हज़ारों सौरमंडल और हज़ारों सूरज हैं। पैग़म्बरे इस्लाम का वजूद आकाशगंगा जैसा है जिसमें महानताओं के हज़ारों चमकते बिन्दु पाए जाते हैं।
इमाम ख़ामेनेई
21/03/2006
मुसलमानों में एकता, क़ुरआन का निश्चित फ़ैसला है, इसे एक ज़िम्मेदारी की नज़र से देखना चाहिए। मुसलमानों में एकता कोई टैक्टिक नहीं है कि कोई यह सोचे कि ख़ास हालात की वजह से हमें एकजुट होना चाहिए।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 24 अक्तूबर 2021 को इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस के कुछ मेहमानों से मुलाक़ात में मुसलमानों के बीच एकता के मैदान में उल्लेखनीय योगदान देने वाले कुछ लोगों का ज़िक्र किया। KHAMENEI.IR वेबसाइटन इस रिपोर्ट में इन हस्तियों का संक्षिप्त परिचय करा रही है।