मातमी अंजुमनों की मरकज़ी कमेटी, तेहरान प्रांत की मातमी अंजुमनों के ज़िम्मेदारों और तेहरान प्रांत की तबलीग़ी महिलाओं ने 3 अगस्त 1994 को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने मातमी अंजुमनों, इमाम हुसैन के आंदोलन और दीनदारी के विषय पर बड़े अहम बिंदु बयान किए। (1)
तक़रीर निम्नलिखित हैः
इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी के बाद 27 जुलाई 1979 को क़ायम होने वाली पहली नमाज़े जुमा की सालगिरह के मौक़े पर पूरे मुल्क के इमाम जुमा बुधवार 27 जुलाई 2022 की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमाम बाड़े में एकत्रित हुए और इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से उनकी मुलाक़ात हुई।
इस मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने तक़रीर करते हुए नमाज़े जुमा को इस्लामी व्यवस्था की साफ़्ट पावर की एक अहम कड़ी और ग़ैर मामूली फ़रीज़ा क़रार दिया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की तक़रीर पेश हैः
वेबसाइट KHAMENEI.IR मस्जिदे गौहरशाद में जुलाई 1935 में हिजाब पर पाबंदी लगाने के शाही फ़रमान के ख़िलाफ़ प्रदर्शनकारियों के क़त्लेआम की बरसी के मौक़े पर रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की एक स्पीच के कुछ हिस्से पेश कर रही है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने ईरान में मनाए जाने वाले न्यायपालिका सप्ताह के मौक़े पर 28 जून 2022 को न्यायपालिका के प्रमुख और ओहदेदारों से मुलाक़ात में इस विभाग की ज़िम्मेदारियों और अहमियत को बयान किया। आपने इस्लामी जुमहूरिया के ख़िलाफ़ दुश्मनों की साज़िशों और उनकी नाकामी के बारे में गुफ़तुगू की। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने सुन्नते इलाही और क़ानूने क़ुदरत के बारे में मार्गदर्शक टिप्पणी की।
तक़रीर का अनुवाद पेश हैः