इंक़ेलाब को कुचलना और इंक़ेलाब की शिकस्त - जो साम्राज्यवाद का एक प्रोजेक्ट था - इस इलाक़े में नाकाम हो चुका है और इसके बरख़िलाफ़ इंक़ेलाब को निशाना बनाने वाले यहाँ तक कि अमरीका जैसी बड़ी व ताक़तवार सरकार दिन ब दिन हार व तबाही के क़रीब हो रहे हैं। आज हम इलाक़े में अमरीका की सियासत की शिकस्त की अलामतें साफ़ देख रहे हैं। ये सब हमारी क़ौम, हमारे जवानों और हमारे टीकाकारों के लिए अहम टॉपिक हैं जिन पर ग़ौर व फ़िक्र करें। यानी रूहानियत पर भरोसा करने वाली अवामी फ़ोर्स से मटिरियालिस्टिक फ़ोर्स का टकराव, बहस का बहुत अहम व नया सब्जेक्ट है जिसे सोशल साइंसेज़ और क़ौमों की नफ़सियात की बहस में शामिल होना चाहिए...यह मुल्क और क़ौम ताक़तवर मुल्कों की साज़िशों को, जो हथियार, टेक्नॉलोजी, भौतिक संसाधन और मीडिया से लैस थे, अहम मैदानों में नाकाम बनाने और हार का मज़ा चखाने में कामयाब हुयी।

इमाम ख़ामेनेई

14-9-2007