इस्लाम की बरकतों में से एक यह है कि उसने हमें एकजुट किया है और मुझे उम्मीद है कि हम इस नेमत की क़द्र को, इस्लाम की नेमत को समझेंगे और इंसानियत और ख़ास तौर पर दबे कुचले लोगों और विशेष कर मुसलमानों की ख़िदमत करेंगे। अल्लाह से मेरी दुआ है कि यह एकता हफ़्ता जो ईरान में मनाया जाता है, ये बरसों की एकता और सदियों की एकता की बुनियाद बने और हम एकता की छांव में जो पैग़म्बरों की दावत का मक़सद है, पहुंचें और हमारी मुश्किलें दूर हों। आप सभी हज़रात जानते हैं कि मुसलमानों की सभी मुश्किलों की वजह उनके बीच मौजूद मतभेद हैं और इन मतभेदों की वजह से हर मसलक दूसरे मसलक के मुक़ाबले में खड़ा है जबकि इस्लाम इस चीज़ के ख़िलाफ़ है और एकता की तरफ़ बुलाता है और इस्लाम की दावत देता है जिसका मतलब है हक़ के सामने सिर झुकाना।

इमाम ख़ुमैनी

10-1-1983