इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 22 अप्रैल 2023 को नमाज़े ईदुल फ़ित्र पढ़ाई और उसके बाद नमाज़े ईदल के ख़ुतबे दिए। इस रूहानी कार्यक्रम में लाखों की संख्या में लोगों ने भाग लिया।
ईदुल फ़ित्र के दिन नमाज़े ईद के बाद इस्लामी व्यवस्था के अधिकारियों, मुख़्तलिफ़ अवामी वर्गों के लोगों और तेहरान में तैनात इस्लामी देशों के राजदूतों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। 22 अप्रैल 2023 को होने वाली इस मुलाक़ात में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इस्लामी जगत के हालात, समस्याओं और क्षमताओं के बारे में बात की। (1)
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता आयतुल्ला ख़ामेनेई ने ईदुल फ़ित्र के मौक़े पर अलग अलग अदालतों से सज़ा पाने वाले सैकड़ों क़ैदियों की सज़ाएं माफ़ या कम करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।
ऐ परवरदिगार! मोहम्मद व आले मोहम्मद के सदक़े में हमें, जो मुल्क के किसी भी इलाक़े और क्षेत्र में हैं, तौफ़ीक़ दे कि तेरी मर्ज़ी व ख़ुशी के मुताबिक़ कर्म करें।
ऐ परवरदिगार! तुझे मोहम्मद व आले मोहम्मद का वास्ता इस मुबारक महीने के आख़िरी दिनों में पूरी ईरानी क़ौम पर मेहरबानी व रहमत नाज़िल कर। इस्लामी दुनिया को, शिया जगत को अपनी ख़ुसूसी मेहरबानी से नवाज़।
दुनिया की हर जंग में बड़ी ताक़तें लिप्त हैं। आज यूक्रेन, सीरिया, लीबिया और #सूडान की जंग के योजनाकार कौन हैं? इम्पेरियल ताक़तों के लोग हैं जो जंग शुरु करवाते हैं कि उसका फ़ायदा किसी और जगह हासिल करें। अमरीका ने इसी तरह इराक़ व अफ़ग़ानिस्तान में जंग शुरू की थी।
इमाम ख़ामेनेई
16 अप्रैल 2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से रमज़ान के महीने की मुलाक़ात के लिए मुल्क भर से युनिर्सिटी छात्र और स्टुडेंट्स युनियनों के प्रतिनिधि जमा हुए। 18 अप्रैल 2023 को होने वाली इस मुलाक़ात में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने युनिवर्स्टियों, स्टुडेंट्स और युवाओं के विषय पर बात की और देश की परिस्थितियों का जायज़ा लिया। (1)
क़ुरआन के मुताबिक़ हमेशा डिफ़ेंस की मज़बूती अल्लाह का फ़रमान और अल्लाह के दुश्मनों और मिल्लत के दुश्मनों के ख़ौफ़ का सबब भी है। मुल्क के ख़िलाफ़ ख़तरे कभी भी पूरी तरह ख़त्म नहीं होते इसलिए आर्म्ड फ़ोर्सेज़ को चाहिए कि जहां तक मुमकिन हो मुख़्तलिफ़ पहलुओं से अपनी तैयारी बढ़ाती रहें।
इमाम ख़ामेनेई
16 अप्रैल 2023
दुश्मन की शिकस्त का यक़ीन रखने के साथ साथ उसकी तरफ़ से ग़ाफ़िल न होना भी बहुत अहम है। किसी भी मरहले पर दुश्मनों की चालबाज़ी और साज़िशों से ग़ाफ़िल नहीं होना चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
16 अप्रैल 2023
ऐ परवरदिगार! तुझे मोहम्मद व आले मोहम्मद का वास्ता, तू अपनी ख़ुशनूदी के असबाब हमें अता कर। इस मुबारक महीने में हमें अपनी रमहत और मग़फ़ेरत से महरूम न कर।
आज पूरे इस्लामी जगत को चाहिए कि फ़िलिस्तीन के मुद्दे को अपना मुद्दा समझे। यह एक रहस्मय कुंजी है जिससे इस्लामी दुनिया की मुश्किलों के हल का दरवाज़ा खुल जाएगा।
क्यों दसियों लाख फ़िलिस्तीनी, 70 साल से अपने घर और वतन से दूर रहें और जिलावतनी की ज़िन्दगी गुज़ारें? और क्यों मुसलमानों के पहले क़िब्ले बैतुल मुक़द्दस का अनादर होता रहे? तथा कथित यूएनओ अपनी ज़िम्मेदारियों को नहीं निभा रहा है और तथा कथित मानवाधिकार संगठन मर चुके हैं।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 16 अप्रैल 2023 को मुबारक महीने रमज़ान के दौरान इस्लामी जुम्हूरिया ईरान की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के कमांडरों और ओहदेदारों से मुलाक़ात में आर्म्ड फ़ोर्सेज़ की गतिविधियों को संतोषजनक बताया। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने अपनी तक़रीर में रक्षा विभाग की अहमियत बयान की और क़ुरआनी शिक्षाओं की रौशनी में हमेशा रक्षा तैयारी मुकम्मल रखने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। (1)
क़ुद्स दिवस हक़ और बातिल की लामबंदी, ज़ुल्म के मुक़ाबले में न्याय की लामबंदी का नक़्शा पेश करता है। क़ुद्स दिवस सिर्फ़ फ़िलिस्तान का दिन नहीं है, यह इस्लामी जगत का दिन है। यह ज़ायोनीवाद के जानलेवा कैंसर के ख़िलाफ़ मुसलमानों के आवाज़ उठाने का दिन है जिसे क़ाबिज़ हमलावरों, हस्तक्षेप करने वालों और साम्राज्यवादी ताक़तों के ज़रिए इस्लामी जगत की जान के पीछे लगा दिया गया है।
इमाम ख़ामेनेई
11/07/2015
ऐ परवरदिगार! हम में से हर एक की, हमारी क्षमता भर, हमारी पोज़ीशन के मुताबिक़ और उस रोल के मुताबिक़ जो हम अदा कर सकते हैं, असत्य के मोर्चे के ख़िलाफ़, सत्य के मोर्चे की जीत में मदद कर।
फ़िलिस्तीनी क़ौम को यह फ़ख़्र हासिल है कि अल्लाह ने उस पर एहसान किया और इस पाक सरज़मीन और मस्जिदुल अक़्सा की रक्षा की अज़ीम ज़िम्मेदारी उसके कांधों पर रखी।
ऐ परवरदिगार! मोहम्मद व आले मोहम्मद के सदक़े में, थोपी गयी जंग के शहीदों की पाक आत्माओं को और बलिदान देने वालों की यादों को हमारे मन और हमारे इतिहास में अमर कर दे।
ऐ परवरदिगार! इन दिनों और इन रातों की बरकत का वास्ता, अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम के पाक ख़ून की बरकत का वास्ता, हमारी क़ौम को दिन ब दिन सच्ची नजात व कामयाबी के क़रीब कर दे।
पालने वाले! हमारे भाइयों को, चाहे वे दुनिया में जहाँ भी हैं, कामयाब कर। ऐ परवरदिगार! इस्लाम के दुश्मनों को और मुसलमान क़ौमों के दुश्मनों को, वे दुनिया में जहाँ कहीं भी हैं, रूसवा और नाकाम कर।
वेस्ट को ईरानी महिलाओं से कोई हमदर्दी नहीं बल्कि दुश्मनी है। क्योंकि अगर महिलाओं की भागीदारी न होती तो इस्लामी इंक़ेलाब हरगिज़ कामयाब न होता। वाक़ई वेस्ट का औरतों के अधिकारों का दावा करना अच्छा नहीं लगता। आज भी पश्चिमी देशों में महिलाओं को बड़ी अहम मुश्किलों का सामना है।
इमाम ख़ामेनेई
5 अप्रैल 2023