मैं आप नौजवानों को सिफ़ारिश करना चाहूंगा कि अंजुमनों की क़द्र कीजिए। मैं हमेशा नौजवानों से कहता हूं कि अपनी नौजवानी की क़द्र कीजिए। लेकिन 'हैअतों' (हुसैनी अंजुमनों) की भी क़द्र कीजिए। यह ख़ज़ाने हैं। हुसैनी अंजुमन याद मनाने और बयान करने के अर्थ में है। यह याद भी मनाती है और बयान भी करती है। अंजुमन इस तरह की होनी चाहिए। याद भी मनाए और (तथ्यों को) बयान करने का केन्द्र भी हो।
इमाम ख़ामेनेई
17 सितम्बर 2022