ग़दीर के मौक़े पर रसूले इस्लाम ने अल्लाह के फ़रमान की पैरवी करते हुए सबसे अहम वाजिबों में से एक वाजिब को अमली जामा पहनाया। इमाम ख़ामेनेई 7 मई 1996
कीवर्ड्ज़