06/03/2023
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सोमवार को वृक्षारोपण दिवस पर अपने दफ़्तर के परिसर में 3 पौधे लगाए।
06/03/2023
वृक्षारोपण और पर्यावरण की हिफ़ाज़त का विषय बेहद अहम विषय है और यह केवल हमारे मुल्क का मसला नहीं है। इंशाअल्लाह अवाम के हौसले और इदारों की मदद से हर साल ‘हर ईरानी तीन पौधे’ का नारा अमली जामा पहनेगा और आइंदा चार साल में एक अरब पेड़ लगाने का काम पूरा होगा। इमाम ख़ामेनेई 6 मार्च 2023
07/03/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सोमवार को वृक्षारोपण दिवस पर अपने दफ़्तर के परिसर में 3 पौधे लगाए।
06/03/2023
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने सोमवार 6 मार्च की सुबह को वृक्षारोपण दिवस और प्राकृतिक संसाधन सप्ताह के उपलक्ष्य में अपने दफ़्तर के परिसर में 3 पौधे लगाए। पौधे लगाने के बाद उन्होंने वृक्षारोपण, पर्यावरण की रक्षा और कुछ दूसरे अहम विषयों पर संक्षेप में रौशनी डाली।
05/03/2023
जब भी इमाम हुसैन का दिल पैग़म्बर अकरम की ज़ियारत के लिए बेचैन होता था तो वो हज़रत अली अकबर को देखते थे। इमाम ख़ामेनेई 7 मई 1998
04/03/2023
युक्रेन जंग की वजह से यूरोपीय मुल्क, आर्थिक संकट का शिकार हैं, लेकिन अमरीका इस जंग से ज़बर्दस्त आर्थिक व सैन्य फ़ायदे हासिल कर रहा है।
02/03/2023
आज दुनिया के विकसित मुल्क, इस्लामी दुनिया में हस्तक्षेप को अपना अधिकार समझते हैं! वे ख़ुद अपने मुल्क को चलाने में लाचार हैं, अपने मुल्क के मसलों को हल नहीं कर पा रहे हैं और आकर इस्लामी मुल्कों पर क़ब्ज़ा करना चाहते हैं।
26/02/2023
एक और क़ीमती ख़ज़ाना कि अफ़सोस उस पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया जाता, बुरा चाहने वालों के मुक़ाबले में सख़्त व सीसा पिलाई हुयी दीवार की तरह अटल होना है। इंसानी समाजों को जो नुक़सान पहुंचते हैं उनमें से एक, उनके दुश्मनों की पैठ से होती है।
“अमरीका जिस वर्ल्ड आर्डर की बात करता है वह बिखर चुका”

न्यू वर्ल्ड आर्डर और ईरान की पोज़ीशन

26/02/2023
हालिया कुछ महीनों में सुप्रीम लीडर ने जिन अहम बातों का ज़िक्र किया उनमें एक मौजूदा वर्ल्ड आर्डर में बदलाव और एक नये वर्ल्ड आर्डर की तरफ प्रस्थान का बिंदु शामिल है। उनके मुताबिक़ इस बदलाव की सब से बड़ी बात, वेस्ट और अमरीका की ताक़त का अंत है। KHAMENEI.IR वेब साइट ने इस विषय पर रौशनी डालने और इसका जायज़ा लेने के लिए ईरान की न्यायपालिका के ह्यूमन राइट्स कमीशन के सचिव डॉक्टर जवाद लारीजानी से बात की।
25/02/2023
रजब और शाबान ख़ुद को तैयार करने का मौक़ा है कि इंसान रमज़ान के महीने में तैयारी के साथ दाख़िल हो। ‎सबसे पहली तैयारी है तवज्जो और दिल का मुतवज्जेह होना। अपने हर अमल के बारे में यह तसव्वुर रखना कि ‎वह अल्लाह की नज़रों में है। इमाम ख़ामेनेई 15 मई 2013
25/02/2023
शाबान का महीना, अल्लाह की रहमत से फ़ायदा हासिल करने का बहुत क़ीमती वक़्त है। शाबान का महीना, अल्लाह की रहमत की बरसात का महीना है।
24/02/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने शहीद मुर्तज़ा मुतह्हरी की पत्नी की नमाज़े जनाज़ा पढ़ाई।
23/02/2023
हम शाबान के महीने में, इबादत, तवस्सुल और मुनाजात के महीने में दाख़िल हो चुके हैं। “और जब मैं तुझ से ‎दुआ करूं तो मेरी दुआ सुन ले, जब मैं तुझे पुकारूं तो मेरी निदा पर तवज्जहो फ़रमा।” (मुनाजाते शाबानिया) ‎अल्लाह से मुनाजात का मौसम, इन पाकीज़ा दिलों को अज़मतों और नूर के ख़ज़ाने से जोड़ देने का मौसम। इसकी ‎क़द्र करना चाहिए। ‎ इमाम ख़ामेनेई 12  जून 2013‎
23/02/2023
मौजूदा वर्ल्ड आर्डर में बदलाव और एक नये वर्ल्ड आर्डर की तरफ़ प्रस्थान के बारे में KHAMENEI.IR वेब साइट ने ईरान की न्यायपालिका के ह्यूमन राइट्स कमीशन के सचिव डॉक्टर जवाद लारीजानी से बात की।
23/02/2023
जनता द्वारा निर्वाचित वरिष्ठ धर्मगुरुओं की सभा ‘विशेषज्ञ असेंबली’ के अध्यक्ष और सदस्यों ने गुरूवार की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
23/02/2023
इस्लामी जुम्हूरिया जब क़ायम होती है तो अपने साथ जुम्हूरियत भी लाती है, आज़ादी भी लाती है और दीन को भी साथ रखती है और दुनिया पर क़ब्ज़ा करने के लिबरल डेमोक्रेसी के ज़िम्मेदारों के मंसूबों को नाकाम कर देती है। इमाम ख़ामेनेई ‎ 23 फ़रवरी 2023
21/02/2023
तौहीद वही ख़ज़ाना है जिसकी क़द्र व अहमियत तक कोई भी चीज़ नहीं ‎पहुंचती इसलिए कि अल्लाह की इबादत इंसान को दूसरों की ग़ुलामी और बंदगी से रिहाई दिलाती है।
20/02/2023
समाज के लोगों के बीच मुहब्बत, ख़ुलूस और अपनाइयत भी बेसत के ख़ज़ानों में से एक ख़ज़ाना है। समाज में ज़िंदगी हमदर्दी और मुरव्वत की फ़ज़ा में गुज़रना चाहिए। इमाम ख़ामेनेई 18 फ़रवरी 2023  
18/02/2023
बेसत का दिन और बेसत की रात, ऐसा दिन और रात है जब अल्लाह के सबसे अच्छे बंदे पैग़म्बरे इस्लाम को सृष्टि का सबसे अच्छा तोहफ़ा दिया गया जिसे बेसत की रात की ख़ास दुआ में महान जलवा  कहा गया है।
18/02/2023
पैग़म्बर की बेसत का सबसे पहला मक़सद तौहीद की दावत देना था। तौहीद सिर्फ़ फ़िक्री और फलसफ़ियाना नज़रिया नहीं बल्कि इंसानों के लिए एक जीवनशैली है। अल्लाह को पूरी ज़िंदगी में ग़ालिब रखना और इंसानी ज़िंदगी में दूसरी ताक़तों के हस्तक्षेप का रास्ता रोक देना। इमाम ख़ामेनेई 24 सितम्बर 2003
18/02/2023
अमीरुल मोमेनीन फ़रमाते हैं: “जब पैग़म्बर की बेसत हुई और अल्लाह ने पैग़म्बर को भेजा तो उस वक़्त दुनिया ‎तारीकियों में डूबी हुई थी।‏ ‌‎ उसका फ़रेबी रूप सामने था।” क़ुरआन के मुताबिक़ (बेसत) अल्लाह का पैग़ाम ‌‎‘वहि’ नाज़िल होने का मक़सद हैः “कि तुम्हें अंधेरे से प्रकाश में लाए।”
18/02/2023
पैग़म्बरे इस्लाम की नबूव्वत पर नियुक्ति की मुबारक ईद, ईदे बेसत पर मुल्क के आला अधिकारियों, इस्लामी मुल्कों के राजदूतों और क़ुरआन की अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल लोगों ने शनिवार को तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
18/02/2023
नबी-ए-अकरम की बेसत इंसानियत को अता किया जाने वाला सबसे अज़ीम तोहफ़ा है। वजह यह है कि बेसत में इंसानियत के लिए असीम ख़ज़ाने हैं जो आख़ेरत से पहले तक इंसान की सारी दुनियावी ज़िंदगी की कामयाबी की गैरेंटी बन सकते हैं। इमाम ख़ामेनेई 18 फ़रवरी 2023
18/02/2023
पैग़म्बरे इस्लाम की बेसत के ख़ज़ानों में से एक दृढ़ता है। दृढ़ता मंज़िल तक पहुंचने का राज़ है। आप की दुनियावी या आख़ेरत से मुतल्लिक़ जो भी मंज़िल है दृढ़ता के ज़रिए वहां तक पहुंचना मुमकिन है। इसके बग़ैर मुमकिन नहीं। इमाम ख़ामेनेई 18 फ़रवरी 2023
18/02/2023
आज फिर एक अहम मसला फ़िलिस्तीन का है। एक क़ौम, एक मुल्क मुकम्मल तौर पर क़ब्ज़े में है वह भी आम इंसानों नहीं बल्कि वहशी, ख़बीस और शैतानी फ़ितरत के इंसानों के क़ब्ज़े में। इस्लामी हुकूमतें सिर्फ़ देख रही हैं, तमाशबीन बनी हुई हैं। इमाम ख़ामेनेई 18 फ़रवरी 2023