27/08/2022
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयातुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने एक संदेश जारी करके आलिमे रब्बानी और आरिफ़े ख़ुदा आयतुल्लाह शैख़ मुहम्मद अली नासेरी के इंतेक़ाल पर शोक जताया है।
27/08/2022
आज जंग का मैदान, सॉफ़्ट पावर की जंग का मैदान है।
25/08/2022
ईरान मेडिकल साइंस के एतेबार से उस मक़ाम पर पहुंच चुका है कि ईरान के अवाम उस पर फ़ख़्र कर सकें। 
23/08/2022
शहीद के ख़ून को ज़िंदा रखने की मशक़्क़त ख़ुद शहादत पेश करने से कम नहीं है। इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम ‎का 30 तक चलने वाला जेहाद और हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा का कई साल का संघर्ष इसकी मिसाल है। इस ‎ख़ून को ज़िंदा रखने के लिए मशक़्क़तें उठाईं। ‎ इमाम ख़ामेनेई ‎7 मई 1997‎
23/08/2022
युक्रेन के मसले में सबने यूरोप की नस्ल परस्ती देखी। वे खुले आम इस बात पर दुख ज़ाहिर करते हैं कि इस बार जंग मध्यपूर्व में नहीं बल्कि यूरोप में छिड़ गयी है। दूसरे लफ़्ज़ों में यूं कहें कि अगर जंग और क़त्लेआम मध्यपूर्व में हो तो ठीक है।
15/08/2022
जिस तरह साउथ लेबनान 22 साल बाद वापस मिला उसी तरह #फ़िलिस्तीन के मक़बूज़ा हिस्से भी वापस मिलेंगे और पूरा मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन फ़िलिस्तीनी क़ौम के पास लौटेगा। इमाम ख़ामेनेई 3 जून 2000
14/08/2022
तहरीके जेहादे इस्लामी ने अपने शुजाआना रेज़िस्टेंस से ग़ैर क़ानूनी क़ब्ज़ा करने वाली हुकूमत के ‎मंसूबों पर पानी फेर दिया और साबित कर दिया कि रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ के नेटवर्क का हर हिस्सा ‎अकेले भी दुश्मन की नाक ज़मीन पर रगड़ देने की सलाहियत रखता है। इमाम ख़ामेनेई ‎11 अगस्त 2022‎
14/08/2022
क़ाबिज़ (अतिग्रहणकारी) दुश्मन का पतन हो रहा है और फ़िलिस्तीन की रेज़िस्टेंस की ताक़त बढ़ रही ‎है ‘और बेशक अल्लाह की क़ूवत व ताक़त के बिना कोई क़ूवत व ताक़त नहीं।’ हम बदस्तूर आपके ‎साथ हैं। आप पर सलाम हो और अह्द व पैमान अपनी जगह क़ायम हैं। इमाम ख़ामेनेई 11 अगस्त 2022‎
11/08/2022
शीया समुदाय के पैकर में आशूर की तपिश नुमायां है। हम देख रहे हैं कि हर जगह शीयों में नज़र आने वाली यह गर्मी उन शोलों से निकली है जिनकी लपटें उस मुक़द्दस रूह और मूल्यवान मिट्टी से उठ रही हैं। यह लोगों की रूहों में समा जाती हैं और इंसानों को दहकती गोलियों में तब्दील करके उनसे दुश्मन के दिल को निशाना बनाती हैं। इमाम ख़ामेनेई 17 मार्च 1974
11/08/2022
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने फ़िलिस्तीन के इस्लामी जेहाद संगठन के सेक्रेट्री जनरल ज़्याद नोख़ाला के ख़त के जवाब इस्लामी जेहाद वीरता भरी द्रढ़ता को फ़िलिस्तीन के रेज़िस्टेंस नेटवर्क में इस संगठन का महत्व और बढ़ जाने, ज़ायोनी शासन की साज़िश पर पानी फिर जाने और उसकी नाक मिट्टी में रगड़ दिए जाने का सबब बताया और सभी फ़िलिस्तीनी संगठनों के बीच एकता व एकजुटता बने रहने पर ताकीद करते हुए कहा: क़ाबिज़ दुश्मन कमज़ोर और फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस मज़बूत हो रहा है।
09/08/2022
इमाम हुसैन को हमेशा हक़ और सत्य के परचम के तौर पर बाक़ी रहना चाहिए। सच्चाई का परचम कभी बातिल की सफ़ में शामिल नहीं हो सकता और बातिल का रंग क़ुबूल नहीं कर सकता। यही वजह थी कि इमाम हुसैन ने फ़रमाया थाः ‘मोहाल है कि हम ज़िल्लत बर्दाश्त कर लें।’ गर्व उस इंसान, मिल्लत और समूह का हक़ है जो अपनी बात पर क़ायम रहे और जिस परचम को बुलंद किया है उसे तूफ़ानों में मिटने और गिरने न दे। इमाम हुसैन ने इस परचम को मज़बूती से थामे रखा और अपने अज़ीज़ों की शहादत और अहले हरम का क़ैदी बनना भी गवारा किया। इमाम ख़ामेनेई 29 मार्च 2002
08/08/2022
ज़ालिम, ज़ुल्म सहने वाला और ख़ामोश तमाशाई तीनों अल्लाह की नज़र में गुनाह में शामिल हैं।
08/08/2022
अल्लाह इस ज़ियारत को मेरे लिए, आपकी आख़िरी ज़ियारत क़रार न दे।
09/08/2022
इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में शामे ग़रीबां की मजलिस हुई जियमें इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने शिरकत की।
07/08/2022
शबे तासूआ (नवीं मुहर्रम की रात) इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की मजलिसे अज़ा इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयोजित हुई जिसमें इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शिरकत की।
06/08/2022
इमाम ख़ुमैनी इमाम बाड़े में दूसरी शब की मजलिस हुई जिसमें इस्लामी इंक़ेलाब के नेता इमाम ख़ामेनेई ने शिरकत की।
06/08/2022
मातमी अंजुमनों की मरकज़ी कमेटी, तेहरान प्रांत की मातमी अंजुमनों के ज़िम्मेदारों और तेहरान प्रांत की तबलीग़ी महिलाओं ने 3 अगस्त 1994 को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने मातमी अंजुमनों, इमाम हुसैन के आंदोलन और दीनदारी के विषय पर बड़े अहम बिंदु बयान किए। (1) तक़रीर निम्नलिखित हैः
06/08/2022
अगर वे 72 लोग भी इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के साथ न होते तब भी इमाम हुसैन की तहरीक रुकने वाली नहीं थी। यह एक सबक़ है। इमाम हुसैन से हमें यह सबक़ लेना चाहिए कि अल्लाह की राह में जेहाद को सख़्तियों और तनहाई के सबब छोड़ना नहीं चाहिए। इस फ़रीज़े और वाजिब को तनहा पड़ जाने, तादाद कम होने और वतन से दूर होने, साथियों के न होने और दुश्मन सामने मौजूद होने के सबब छोड़ना नहीं चाहिए। इमाम ख़ामेनेई 13 अगस्त 1988
06/08/2022
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने आंदोलन इसलिए किया कि अपने फ़रीज़े पर अमल करें। 
05/08/2022
इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी की पहली रात की मजलिस हुई जिसमें  इस्लामी इंक़ेलाब के लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने शिरकत की। 
05/08/2022
मातमी अंजुमनें, ख़ानदाने पैग़म्बर से  हमारी अज़ीम क़ौम की अक़ीदत और आस्था का अज़ीम स्तंभ हैं। 
04/08/2022
मोहर्रम व सफ़र की बदौलत इस्लाम ज़िंदा है। 
03/08/2022
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके वफ़ादार साथियों की शहादत के अवसर पर तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मजलिसें होंगी जिनमें इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई भी शरीक होंगे।
01/08/2022
पैग़म्बर की हदीसः और मैं हुसैन से हूँ। इसका मतलब यह है कि मेरे दीन और मेरे मिशन का अगला दौर हुसैन के हाथों अंजाम पाने वाला है।
31/07/2022
तव्वाबीन ज़रूरत के वक़्त मैदान में नहीं आए। सही समय पर कार्यवाही नहीं की। देर से फ़ैसला किया, देर से हालात को समझा।
30/07/2022
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने हालिया दिनों आने वाली बाढ़ से हुए जानी व माली नुक़सान पर एक पैग़ाम जारी किया।
29/07/2022
200 साल से पश्चिम यही कह रहा है कि औरत अख़लाक़ी, दीनी और लेबास की क़ैद से अगर आज़ाद न हो तो तरक़्क़ी नहीं कर पाएगी। इल्मी, समाजी और सियासी मक़ाम पर नहीं पहुंच पाएगी। ईरानी महिलाओं ने इसे ग़लत साबित किया। अहम और संवेदनशील केन्द्रों में महिला वैज्ञानिक योगदान दे रही हैं। इमाम ख़ामेनेई 27 जुलाई 2022
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