जब हम क़ुरआन पढ़ते हैं तो उस वक़्त अल्लाह हमसे बात करता है। यह गुफ़्तगू सिर्फ़ बीते ज़माने की चीज़ों, वाक़यात और क़ुरआनी क़िस्सों तक सीमित नहीं है, हमारे आज के हालात से संबंधित है जो इस (अतीत के वाक़यायत की) ज़बान में हमसे की जा रही है। मक़सद यह है कि हम अपना रास्ता तलाश कर लें। इमाम ख़ामेनेई 3 अप्रैल 2022
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