07/07/2023
अल्लाह इस अज़ीम ईद और ज़िक्रे मौला की बरकत से आपके दिलों को अपने लुत्फ़ और सूकून से भर दे और यह तौफ़ीक़ दे कि हम इस मौक़े से और इस जैसे दूसरे मौक़ों से सही अर्थों में फ़ायदा हासिल कर सकें। इमाम ख़ामेनेई 20 सितम्बर 2016
06/07/2023
ईदे ग़दीर के दिन इस्लामी विलायत यानी लोगों के दरमियान अल्लाह की विलायत की झलक नज़र ‎आई। इस तरह दीन मुकम्मल हुआ। इस विषय को बयान किए बग़ैर दीन अधूरा रह जाता और यही ‎वजह है कि लोगों पर इस्लाम की नेमत मुकम्मल हुई। ‎ इमाम ख़ामेनेई ‎ 11 जुलाई 1990
06/07/2023
जब हम क़ुरआन पढ़ते हैं तो उस वक़्त अल्लाह हमसे बात करता है। यह गुफ़्तगू सिर्फ़ बीते ज़माने की चीज़ों, वाक़यात और क़ुरआनी क़िस्सों तक सीमित नहीं है, हमारे आज के हालात से संबंधित है जो इस (अतीत के वाक़यायत की) ज़बान में हमसे की जा रही है। मक़सद यह है कि हम अपना रास्ता तलाश कर लें। इमाम ख़ामेनेई 3 अप्रैल 2022
07/07/2023
विलायत, ऐसी हुकूमत को कहते हैं जिसमें हुकूमत करने वाले का एक-एक शख़्स से मोहब्बत जज़्बात, विचार और आस्था का रिश्ता होता है। इमाम ख़ामेनेई
06/07/2023
रोज़ाना ज़रूर क़ुरआन पढ़िए। मैं यह नहीं कहता कि मसलन आधा पारा पढ़िए। हर रोज़ आधा पेज, एक पेज, लेकिन छोड़िए मत। पूरे साल कोई दिन ऐसा न गुज़रे कि आपने क़ुरआन न खोला हो और क़ुरआन की तिलावत न की हो। इमाम ख़ामेनेई 23 मार्च 2023
06/07/2023
ग़दीर से इस्लामी समाज के लिए हुकूमत और सत्ता का नियम तय हुआ और उसकी बुनियाद पड़ी। ग़दीर की अहमियत इसी बात में है। यह बात साफ़ हो गयी कि इस्लामी समाज, शाही हुकूमत की जगह नहीं है। व्यक्तिगत हुकूमत की जगह नहीं है, दौलत व ताक़त के ज़ोर पर हुकूमत की जगह नहीं है, एरिस्टोक्रेटिक हुकूमत की जगह नहीं है। इमाम ख़ामेनेई
06/07/2023
जो लोग इस्लाम को समाजी व सियासी मैदानों से बाहर रखना चाहते हैं और उसे व्यक्तिगत मामलों और निजी ज़िंदगी तक सीमित कर देना चाहते हैं उनका जवाब ग़दीर का वाक़या है। इमाम ख़ामेनेई 13 अकतूबर 2014
04/07/2023
कुछ लोग यह ख़याल करते हैं कि इमामों की विलायत रखने का बस यह मतलब है कि हम इमामों से मुहब्बत ‎करें। वो कितनी ग़लत फ़हमी में हैं, कैसी ग़लत फ़हमी का शिकार हैं?! सिर्फ़ मुहब्बत मुराद नहीं है। वरना इस्लामी ‎दुनिया में कोई भी न होगा जो ख़ानदाने पैग़म्बर से तअल्लुक़ रखने वाले मासूम इमामों से मुहब्बत न करे।
03/07/2023
साम्राज्यवादी ताक़तें मुसलमानों की एकता और नौजवान नस्ल की दीनदारी की विरोधी हैं और जिस तरह भी मुमकिन हो उस पर हमले करती हैं। हमारा और सारी क़ौमों का फ़र्ज़ इस अमरीकी व ज़ायोनी साज़िश का मज़बूती से मुक़ाबला करना है। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
02/07/2023
#हज के अमल से रूहानियत और अख़लाक़ का सबक़ लेना चाहिए। रूहानियत दीनी अख़लाक़ की बुलंदी का नाम है। दीन से ख़ाली अख़लाक़ की जादूगरी का अंजाम, जिसका पश्चिमी विचारकों के ज़रिए मुद्दतों प्रचार किया जाता रहा, पश्चिम की यही अख़लाक़ी गिरावट है जिसे रोकना मुमकिन नहीं। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
01/07/2023
सार्वजनिक अधिकारों में से एक समाज का #मनोवैज्ञानिक_सुकून है। यह जो कुछ लोग #साइबर_स्पेस को इस्तेमाल करके अवाम का ज़ेहनी सुकून ख़त्म कर देते हैं, उन्हें भयभीत करते हैं, यह सार्वजनिक अधिकारों का हनन है। न्यायपालिका को चाहिए कि इस पर कार्यवाही करे। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
01/07/2023
हज अमली तौर पर दिखा देता है कि नस्ली भेदभाव, इलाक़ाई भेदभाव, तबकों के बीच भेदभाव, इन्हें क़ुबूल नहीं करता, यह बहुत अहम प्वाइंट है। आज वह मुल्क जो सिविलाइज़्ड होने का दावा करते हैं, मेरी नज़र में, तहज़ीब से दूर का भी उनका नाता नहीं रहा है।
01/07/2023
रूहानियत का मतलब दीनी अख़लाक़ियात की बुलंदी है। धर्म को नकारते हुए नैतिकता को अपनाने की भ्रामक सोच का अंजाम, जिसका लंबे समय तक पश्चिम के वैचारिक हल्क़े प्रचार करते रहे, पश्मिच में अख़लाक़ का तेज़ पतन है जिसे सारी दुनिया देख रही है। रूहानियत और अख़लाक़ हज में अंजाम दिए जाने वाले अमल से, (हज के विशेष लेबास) अहराम की सादगी से, निराधार भेदभाव को नकारने से, (और तंगदस्त मोहताज को खाना खिलाओ की सीख) से, (हज के दौरान कोई शहवत वाला अमल, कोई बुरा अमल और कोई लड़ाई झगड़ा न हो की तालीम) से, तौहीद के मरकज़ के गिर्द पूरी उम्मत के तवाफ़ से, शैतान को कंकरियां मारने से और मुशरिकों से बेज़ारी के एलान से सीखना चाहिए। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
01/07/2023
हज के पैग़ाम का एक अस्ली स्तंभ मुसलमानों की एकता है। यानी सियासी व कल्चरल मैदान की अहम हस्तियां #पहले_विश्व_युद्ध के बाद पश्चिमी सरकारों के हाथों पश्चिमी एशिया के राजनैतिक और भौगोलिक विभाजन के कड़वे अनुभव को दोहराने की अनुमति न दें। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
01/07/2023
आर्थिक करप्शन संक्रामक बीमारी है। जब एक हिस्से में करप्शन पैदा हो जाए तो वह फैलने लगता है और दिन ब दिन बढ़ता जाता है। अगर करप्शन के ख़िलाफ़ कार्यवाही न की जाए तो वह बढ़ता रहता है। इमाम ख़ामेनेई25 जून 2023
28/06/2023
हज, आज और कल के इंसान की अख़लाक़ी गिरावट के लिए साम्राज्यवाद और ज़ायोनीवाद की तरफ़ से रची गई सभी साज़िशों को नाकाम और बेअसर बना सकता है। आलमी सतह पर यह असर डालने के लिए ज़रूरी शर्त यह है कि मुसलमान पहले क़दम के तौर पर हज के हयात-बख़्श पैग़ाम को पहले ख़ुद सही तरीक़े से सुनें और उस पर अमल करने में कोई कसर न छोड़ें।
27/06/2023
ईरान के इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने हाजियों के नाम अपना पैग़ाम जारी किया।
27/06/2023
ईरान में मनाए जाने वाले न्यायपालिका के हफ़्ते की मुनासेबत से न्यायपालिका के प्रमुख और ओहदेदारों ने इस्लामी ‎इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
27/06/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने आज मंगलवार की सुबह न्यायपालिका प्रमुख, अधिकारियों और कर्मचारियों के एक समूह से मुलाक़ात में अवाम के लिए क़ानूनी दायरे में आज़ादी को मुहैया करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संविधान के साफ़ लफ़्ज़ों के मुताबिक़ अवाम को वे सभी आज़ादियां मुहैया कराई जाएं जिनकी शरीअत ने इजाज़त दी है, अलबत्ता सत्ताधारी हल्क़े आम तौर पर इन आज़ादियों में रुकावट डालते हैं, इसलिए न्यायपालिका को इस संबंध में अपनी ज़िम्मेदारियों पर अमल करना चाहिए।
27/06/2023
#हज के लिए #इब्राहीमी एलान और उनकी वैश्विक दावते-आम ने एक बार फिर इतिहास की गहराइयों से पूरी धरती को संबोधित किया है और आमादा और ज़िक्र में मसरूफ़ दिलों में शौक़ और हलचल पैदा कर दी है। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
27/06/2023
#हज का सिस्टम इंसानी समाज की बुलंदी और सारे इंसानों की सेहत और सलामती में मददगार बन सकता है। हज सारी इंसानियत को आध्यात्मिक बुलंदी और रूहानी व अख़लाक़ी ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है और यह मौजूदा दौर के इंसान की अहम ज़रूरत है। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
27/06/2023
हज आज और कल इंसानियत के अख़लाक़ी पतन के साम्राज्यवाद और #ज़ायोनिज़्म के सारे मंसूबों को नाकाम और उन्हें बेअसर कर सकता है। इमाम ख़ामेनेई 25 जून 2023
27/06/2023
अचानक यह बात मन में आयी कि मैं क्यों ठीक हो गया? यह जो अल्लाह ने मुझे सेहत दी है, इसकी कोई वजह होनी चाहिए। मुझे ख़याल आया कि यक़ीनन अल्लाह को मुझसे कुछ अपेक्षा है और उस अपेक्षा को व्यवहारिक बनाने के लिए उसने मुझे बचाया है।
27/06/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने न्यायपालिका सप्ताह के मौक़े पर इस विभाग के प्रमुख, जजों, अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाक़ात में इस विभाग की ज़िम्मेदारियों के बारे में बात की। 27 जून 2023 को अपनी स्पीच में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने करप्शन के विषय पर न्यायपालिका की ओर से विशेष ध्यान दिए जाने पर ताकीद की।
26/06/2023
शहीदों के परिवारों से इस्लामी इंकेलाब के नेता का ख़ेताबः सारे शहीद आइडियल हैं। हमारे नौजवान को आइडियल की ज़रूरत होती है। यह शहीद हमारे मुल्क और हमारे नौजवानों के ज़िंदा आइडियल शुमार होते हैं। उनका नाम ज़िंदा रहना चाहिए। इमाम ख़ामेनेई ‎ 25 जून 2023‎
26/06/2023
जेहादे अकबर! नफ़्स से संघर्ष सबसे बड़ा जेहाद है। अगर हम इस आयाम से भी देखेंगे तब भी हम पाएंगे कि शहीदों के बाप, शहीदों की माएं, शहीदों की बीवियां, जेहादे अकबर के सबसे ऊंचे दर्जे पर हैं।
25/06/2023
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने आज रविवार की सुबह तेहरान में शहीदों के सैकड़ों माँ-बाप और बीवियों से मुलाक़ात में, शहीदों को मुल्क की तारीख़ का महानायक क़रार दिया और क़ुरआन, जेहाद, इंसानियत और सामाजिक पहलुओं से शहीदों के घरवालों के उच्च स्थान की व्याख्या की। उन्होंने कला के क्षेत्र में सरगर्म लोगों और मीडिया से शहीदों की याद को ज़िन्दा रखने और नौजवान नस्ल के लिए आइडियल तैयार करने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा कोशिश करने की अपील की।
22/06/2023
इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह ने इस्लामी तहरीक के आग़ाज़ के वक़्त ही दिल के ईमान और अक़ीदे की बुनियाद पर फ़िलिस्तीन की हिमायत की और इस्लामी जमहूरिया की तरफ़ से भी इस हिमायत की बुनियाद इस्लामी शरीअत और फ़िक़्ह है टैकटिक और डिप्लोमैसी नहीं। इमाम ख़ामेनेई 21 जून 2023
22/06/2023
फ़िलिस्तीन की तहरीके हमास के पोलिटिकल ब्योरो के प्रमुख इस्माईल हनीया से मुलाक़ात में रहबरे इंक़ेलाबः फ़िलिस्तीन के हालात दो तीन साल पहले के मुक़ाबले में बहुत बदल चुके हैं। आज नौजवान ख़ुद बख़ुद मैदान में उतरे हैं और वो इस्लाम पर भरोसा करते हैं।
21/06/2023
दुआ करता हूं कि नौजवान जोड़े मधुर जीवन गुज़ारें। आपस में मेल मोहब्बत से रहें, पाकीज़गी और सच्चाई का माहौल रहे ताकि ज़िंदगी मिठास से भर जाए। इमाम ख़ामेनेई 20 जून 2023
21/06/2023
शहीद की बहन: आग़ा जान! हमें अंगूठी ख़रीदने का मौका नहीं मिला, मेहरबानी करके मुझे और मेरे शौहर को एक-एक अंगूठी दे दीजिए।