अल्लाह के करम से इस्लामी इंक़ेलाब के बाद हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा का नाम इंक़ेलाब से पहले के दौर की तुलना में दस गुना नहीं दर्जनों बल्कि सैकड़ों गुना ज़्यादा दोहराया जाता है। यानी समाज फ़ातेमी समाज बन चुका है।
इमाम ख़ामेनेई 23 जनवरी 2022
महान धर्मगुरू, दक्ष लेखक मरहूम आयतुल्लाह मिस्बाह यज़्दी के परिवार ने 26 दिसम्बर 2022 को इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने मरहूम की शख़्सियत, उनकी इल्मी सेवाओं और उनकी अख़लाक़ी ख़ूबियों के बारे में बातचीत की।
इस मुलाक़ात में दी गयी स्पीच इस तरह हैः
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के शहादत दिवस की मुनासेबत से शनिवार की रात तेहरान में पहली मजलिस का आयोजन हुआ, जिसमें इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता सैय्यद अली ख़ामनेई और कुछ शहीदों के परिवार शरीक हुए।
अगर औरतों को क़ुरआन से लगाव हो जाए तो समाज की बहुत सी मुश्किलें हल हो जाएंगी, इंशाअल्लाह क़ुरआन पर रिसर्च करने वाली महिलाओं की ट्रेनिंग के अज़ीम क़दम की बरकत से हमारे समाज का मुस्तक़बिल आज से कहीं ज़्यादा क़ुरआनी हो जाएगा।
इमाम ख़ामेनेई
20 अक्तूबर 2009
अमरीकियों ने साफ़ लफ़्ज़ों में कहा कि दाइश का गठन उन्होंने किया और अब ह्यूमन राइट्स का परचम उठाए मानवाधिकार और महिलाओं के अधिकारों के विषय पर बात करते हैं। यह सब शाहचेराग़ के आतंकी हमले में बेनक़ाब हो गए।
इमाम ख़ामेनेई
20 दिसम्बर 2022
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने तहरीके इंक़ेलाब के ज़माने के अपने पुराने साथी डाक्टर अब्बास शैबानी की नमाज़े जनाज़ा पढ़ाई और फ़ातेहा ख़्वानी की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने तहरीके इंक़ेलाब के ज़माने के अपने पुराने साथी डाक्टर अब्बास शैबानी की नमाज़े जनाज़ा पढ़ाई और फ़ातेहा ख़्वानी की। नमाज़े जनाज़ा में मरहूम के घरवाले और रिश्तेदार शरीक थे। डाक्टर अब्बास शैबानी इंक़ेलाब आंदोलन के पुराने संघर्षकर्ताओं में थे जिनका 22 दिसम्बर 2022 की शाम इंतेक़ाल हो गया। इंक़ेलाब काउंसिल के सदस्य, संविधान असेंबली के सदस्य, कृषि मंत्री और संसद के पांच दौर के निर्वाचित सदस्य के रूप में डाक्टर शैबानी ने देश और अवाम की ख़िदमत की। डाक्टर शैबानी तेहरान युनिवर्सिटी के चांसलर भी रहे।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 20 दिसम्बर 2022 को तेहरान में शीराज़ के शाहचेराग़ मज़ार में होने वाले आतंकी हमले के शहीदों के परिवारों से मुलाक़ात की। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इस वाक़ए के आयामों का जायज़ा लिया और अमरीका की मुनाफ़ेक़त के बारे में बताया।
स्पीच पेश हैः
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 20 दिसम्बर 2022 को तेहरान में शीराज़ के शाहचेराग़ मज़ार में होने वाले आतंकी हमले के शहीदों के परिवारों से मुलाक़ात की। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इस वाक़ए के आयामों का जायज़ा लिया और अमरीका की मुनाफ़ेक़त के बारे में बताया।
स्पीच पेश हैः
आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने जनाब मौलवी अब्दुल वाहिद रीगी के किडनैप और शहादत की घटना पर अपने शोक संदेश में, अधिकारियों से जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ कर सज़ा देने पर ताकीद की।
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता ने 4 नवंबर (स्कूली छात्रों के दिन) को स्टूडेंट्स के साथ मुलाक़ात में मुल्क में हालिया दंगों में दुश्मन की ओर से सभी मुमकिन संसाधनों के इस्तेमाल का ज़िक्र करते हुए, उसे ईरानी क़ौम के ख़िलाफ़ एक तरह की हाइब्रिड वॉर बताया और इसे सिर्फ़ सड़क पर होने वाले दंगे से कहीं आगे का मंसूबा बताते हुए कहा कि इसके पीछे बहुत गहरी साज़िश थी। दुश्मन ने एक तरह की हाइब्रिड वॉर शुरू की है, हाईब्रिड वॉर, यह बात मैं आपसे इन्फ़ॉर्मेशन की बुनियाद पर कह रहा है। दुश्मन यानी अमरीका, इस्राईल, यूरोप की कुछ दुष्ट ताक़तें, कुछ छोटे बड़े गुट सभी संसाधनों के साथ मैदान में आ गए। (11/8/1401)
रहबरे इंक़ेलाब की वेबसाइट KHAMENEI.IR ने इस बारे में एक्सपीडिएंसी काउंसिल के मेंबर सैय्यद मुर्तज़ा नबवी से बात की जिन्होंने हालिया दंगों में ईरानी क़ौम के ख़िलाफ़ दुश्मन की हाइब्रिड वॉर के बारे में अपना जायज़ा पेश किया।
इमाम हसन अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं कि शबे जुमा थी। मेरी वालेदा मुसल्ले पर खड़ी हुईं और पूरी रात सुबह तक इबादत करती रहीं। वालेदा रात की शुरुआत से सुबह तक इबादत, दुआ और मुनाजातें करती रहीं। इमाम हसन फ़रमाते हैं कि मैंने सुना की वो मुसलसल मोमेनीन और मोमेनात के लिए दुआ करती रहीं, लोगों के लिए दुआ करती रहीं, इस्लामी दुनिया के मसलों के लिए दुआ करती रहीं। सुबह हुई तो मैंने कहा कि आपने एक दुआ भी अपने लिए नहीं मांगी। शुरू से आख़िर तक पूरी रात दुआएं कीं दूसरों के लिए?! उन्होंने जवाब दिया कि मेरे बेटे पहले पड़ोसी फिर ख़ुद। यह अज़ीम जज़्बा है।
इमाम ख़ामेनेई
16 दसिम्बर 1992
वरिष्ठ धर्मगुरू हुज्जतुल इस्लाम नासिर रफ़ीई आली की स्पीच का एक भाग
हुज्जतुल इस्लाम नासिर रफ़ीई ने तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में अपनी तक़रीर में हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के महान किरदार को बयान किया और इस्लाम में अलग अलग मंचों पर महिलाओं के आदर्श योगदान के बारे में बताया। साथ ही इसकी शर्तों पर भी प्रकाश डाला।
हमारे बस की बात नहीं’ का कल्चर इस्लामी इंक़ेलाब से पहले समाज में मौजूद ग़लत कल्चर था। इंक़ेलाब ने आकर इस सोच को बदला जिसके नतीजे में बांधों, बिजलीघरों, हाईवेज़, तेल और गैस इंडस्ट्री की मशीनों और इंफ़्रास्ट्रक्चर के निर्माण के बहुत सारे काम स्थानीय नौजवान विशेषज्ञों के हाथों अंजाम पाए।
इमाम ख़ामेनेई
6 दिसम्बर 2022
ये लोग प्लानिंग के साथ मैदान में आए हैं। प्लान यह है कि ईरानी क़ौम को अपनी राह पर ले जाएं, ऐसा कुछ करें कि ईरानी क़ौम की सोच ब्रिटेन और अमरीका के सियासतदानों वग़ैरह की तरह हो जाए।दुश्मन की यह कोशिश है कि लोगों के दिल व दिमाग़ पर छा जाए। अगर उन्होंने किसी क़ौम के दिल व दिमाग़ पर क़ब्ज़ा कर लिया तो फिर वह क़ौम अपने मुल्क को अपने हाथों दुश्मन के हवाले कर देगी।इस मक़सद के तहत वह, जवानों के ऐक्टिव दिमाग़ के लिए फ़िक्री कन्टेन्ट बनाना शुरू कर देता है। ये सब झूठ, हक़ीक़त के बरख़िलाफ़ ये बातें, ये सब गुमराह करने वाली बातें, ये सब इल्ज़ाम, ये सब इसी लिए है।
इमाम ख़ामेनेई
2 नवम्बर 2022
26 नवम्बर 2022
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने मंगलवार की शाम को सुप्रीम काउंसिल फ़ॉर कल्चरल रेवोलुशन के सदस्यों से मुलाक़ात में कहा कि मुल्क को कल्चर के मैदान में सही दिशा में ले जाना इस विभाग की ज़िम्मेदारी है। उन्होंने मुल्क के कल्चरल ढांचे के इन्क़ेलाबी पुनरनिर्माण को ज़रूरी बताया और कहा कि सुप्रीम काउंसिल फ़ॉर कल्चरल रेवोलुशन को चाहिए कि अलग अलग मैदानों में ग़लत कल्चरल बिन्दुओं और कमियों की सही पहचान और निगरानी के साथ सही बिन्दुओं व नज़रियों को फैलाने के लिए आलेमाना हल पेश करे।
इफ़्तेख़ार सिर्फ़ यह नहीं है कि हमारा क़ौमी तराना पढ़ा जाए। बेशक यह इफ़्तेख़ार है लेकिन इससे बड़ा इफ़्तेख़ार यह है कि मिसाल के तौर पर एक चैम्पियन ख़ातून चैम्पियन्ज़ के पोडियम पर चादर के साथ आकर खड़ी हो। यह इस लहराते क़ौमी परचम से भी ज़्यादा अहम है। यह मुसलमान ईरानी ख़ातून के मज़बूत जज़्बे का आईना है।
इमाम ख़ामेनेई
2 जनवरी 2016
मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे समाज की बच्चियां और महिलाएं हज़रत ज़ैनब की शख़्सियत में मौजूद आइडियल पर ग़ौर करें और अपनी शख़्सियत के लिए उसी को पैमाना बनाएं। बाक़ी चीज़ें तो हाशिए की हैं।
इमाम ख़ामेनेई
16 जून 2005