इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने नए हिजरी शम्सी साल के पहले दिन पवित्र शहर मशहद में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े में ज़ायरीन और स्थानीय लोगों से ख़िताब करते हुए मज़बूत पहलुओं को अधिक ठोस बनाने और कमज़ोर पहुलओं के समाधान जैसे बदलाव को मुल्क की बुनियादी ज़रूरत बताया। उन्होंने दुश्मनों के बदलाव विरोधी लक्ष्यों और इरादों की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमें मज़बूत इरादे, क़ौमी आत्मविश्वास पर भरोसे, उम्मीद और होशियारी के साथ बदलाव का कठिन काम शुरू करना और कमज़ोर पहलुओं को, जो ज़्यादातर अर्थव्यवस्था से जुड़े हैं, उज्जवल पहुलओं में बदल देना चाहिए।
इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े के ज़ायरों और स्थानीय लोगों के बीच इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 21 मार्च 2023 को अपनी तक़रीर में तब्दीली के विषय पर बात की कि दुश्मन क्या तब्दीली चाहता है और रहबरे इंक़ेलाब के मद्देनज़र कौन सी तब्दीली है। आपने अपने ख़ेताब में इस्लामी जुम्हूरिया को अलग अलग मैदानों में मिलने वाली कामयाबियों का जायज़ा लिया और नए साल के नारे और नाम के परिप्रेक्ष्य में अहम अनुशंसाएं कीं। (1)
आग़ाज़े साल पर ईरानी नौरोज़ और इस मौसमे बहार की ईद के तअल्लुक़ से कुछ बिंदु हैं। एक प्वाइंट इस राष्ट्रीय ईद का ज़िक्रे इलाही, दुआ, मुनाजात और रूहानियत से जुड़ा होना है।
नए हिजरी शम्सी साल सन 1402 (21 मार्च 2023-19 मार्च 2024) के आग़ाज़ पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने बीते बरसों की तरह नौरोज़ का पैग़ाम जारी किया जिसमें उन्होंने बीते साल के हालात का सरसरी जायज़ा लिया और नए साल के अहम लक्ष्यों और बुनियादी नारे की निशानदेही की।
ऐ अल्लाह! हज़रत अली बिन मूसा रेज़ा पर दुरूद भेज, जो साहिबे रेज़ा, पसंदीदा, इमाम, परहेज़गार, पाकीज़ा हैं और हर उस चीज़ पर तेरी हुज्जत हैं जो ज़मीन पर और ज़मीन के नीचे है।
जो मुल्क अमरीका की पाबंदियों का निशाना बने हैं वो आपसी सहयोग से और एक संयुक्त ब्लाक बनाकर पाबंदियों के इस हथियार को मिटा दें और यह मुमकिन भी है।
इमाम ख़ामेनेई
13 मार्च 2023
बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्ज़ेन्डर लुकाशिन्कोव और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से सोमवार की शाम तेहरान में मुलाक़ात की।
स्टूडेंट्स की पॉइज़निंग, बहुत गंभीर व नज़रअंदाज़ न किए जाने वाला जुर्म है। मुजरिमों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जानी चाहिए, क्योंकि यह कोई मामूली जुर्म नहीं है। यह समाज के सबसे मासूम तत्व यानी बच्चों के ख़िलाफ़ भी एक जुर्म है और साथ ही समाज की मानसिक असुरक्षा और परिवारों की चिंता का भी सबब है।
पूरी दुनिया के स्पेनिश भाषियों के नाम आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई का पैग़ाम
मुझे ख़ुशी होगी अगर मैं किताब ʺसेल नंबर-14ʺ के ज़रिए आपसे संपर्क बना पाया हूंगा।
वेनेज़ोएला की राजधानी काराकास में किताब ʺसेल नंबर-14ʺ के स्पेनिश ट्रांसलेशन के रिलीज़ होने के प्रोग्राम में पूरी दुनिया के स्पेनिश भाषियों के नाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई का पैग़ाम जारी किया गाय। किताब ʺसेल नंबर-14ʺ अमरीका की पिट्ठू पहलवी सरकार के ख़िलाफ़ संघर्ष के ज़माने में जेल और जिलावतनी के दौर में आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की आपबीती बयान करती है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का पैग़ाम इस तरह है:
कितना अच्छा है कि हम और आप स्पैनिश भाषियों और सारे इंसाफ़ पसंदों के दरमियान पहले से ज़्यादा परिचय हो और आपसी सहयोग बढ़े। अल्लाह से आपकी ख़ुशक़िस्मती की दुआ करता हूं।
इमाम ख़ामेनेई
10 मार्च 2023
अगर आप अपने समाज में अपने और दूसरों के अंदर तक़वा (अल्लाह का डर) अच्छी ख़ूबियां, अख़लाक़, दीन पर अमल, ज़ोहद (सादगी) और अल्लाह से रूहानी निकटता पैदा कर सकें तो आपने इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़ुहूर के स्तंभ को और मज़बूत किया है।
इमाम ख़ामेनेई
27/6/1980
हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम - हमारी जानें उन पर क़ुरबान हों - के ज़ाहिर होने और उनके वजूद का अक़ीदा रखने वाले कभी मायूसी व नाउम्मीदी का शिकार नहीं होते। वे जानते हैं कि यह सूरज निश्चित तौर पर निकलेगा और इन अंधेरों को मिटा देगा।
इमाम ख़ामेनेई
12/5/2017
हे इमाम महदी! यह हमारे लिए बहुत सख़्त है कि हम इस दुनिया में और इस की असीम प्रकृति में, जिसका ताल्लुक़ अल्लाह के बंदों से है, अल्लाह के दुश्मनों को तो देखें, अल्लाह के दुश्मन के कामों को तो देखें लेकिन आपको न देखें और क़रीब से आपकी ज़ियारत का गौरव हासिल न कर पाएं।
वृक्षारोपण और पर्यावरण की हिफ़ाज़त का विषय बेहद अहम विषय है और यह केवल हमारे मुल्क का मसला नहीं है। इंशाअल्लाह अवाम के हौसले और इदारों की मदद से हर साल ‘हर ईरानी तीन पौधे’ का नारा अमली जामा पहनेगा और आइंदा चार साल में एक अरब पेड़ लगाने का काम पूरा होगा।
इमाम ख़ामेनेई
6 मार्च 2023
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने सोमवार 6 मार्च की सुबह को वृक्षारोपण दिवस और प्राकृतिक संसाधन सप्ताह के उपलक्ष्य में अपने दफ़्तर के परिसर में 3 पौधे लगाए। पौधे लगाने के बाद उन्होंने वृक्षारोपण, पर्यावरण की रक्षा और कुछ दूसरे अहम विषयों पर संक्षेप में रौशनी डाली।
आज दुनिया के विकसित मुल्क, इस्लामी दुनिया में हस्तक्षेप को अपना अधिकार समझते हैं! वे ख़ुद अपने मुल्क को चलाने में लाचार हैं, अपने मुल्क के मसलों को हल नहीं कर पा रहे हैं और आकर इस्लामी मुल्कों पर क़ब्ज़ा करना चाहते हैं।
एक और क़ीमती ख़ज़ाना कि अफ़सोस उस पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया जाता, बुरा चाहने वालों के मुक़ाबले में सख़्त व सीसा पिलाई हुयी दीवार की तरह अटल होना है। इंसानी समाजों को जो नुक़सान पहुंचते हैं उनमें से एक, उनके दुश्मनों की पैठ से होती है।
“अमरीका जिस वर्ल्ड आर्डर की बात करता है वह बिखर चुका”
हालिया कुछ महीनों में सुप्रीम लीडर ने जिन अहम बातों का ज़िक्र किया उनमें एक मौजूदा वर्ल्ड आर्डर में बदलाव और एक नये वर्ल्ड आर्डर की तरफ प्रस्थान का बिंदु शामिल है। उनके मुताबिक़ इस बदलाव की सब से बड़ी बात, वेस्ट और अमरीका की ताक़त का अंत है। KHAMENEI.IR वेब साइट ने इस विषय पर रौशनी डालने और इसका जायज़ा लेने के लिए ईरान की न्यायपालिका के ह्यूमन राइट्स कमीशन के सचिव डॉक्टर जवाद लारीजानी से बात की।