08/02/2023
8 फ़रवरी 1979 को वायु सेना के एक दस्ते ने इमाम ख़ुमैनी की बैअत की जिसके नतीजे में इस्लामी क्रांति को नई रफ़तार मिली। इसी दिन की याद में 8 फ़रवरी सन 2023 को सेना की एयरफ़ोर्स और एयर डिफ़ेंस विभाग के कमांडरों और जवानों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात और रहबरे इंक़ेलाब ने तक़रीर की। (1)
07/02/2023
आप बच्चियों को, अपनी प्यारी बच्चियों को मैं जो नसीहत करना चाहता हूं, वह यह है कि अल्लाह से दोस्ती कीजिए। कोशिश कीजिए कि नौजवानी के आग़ाज़ से ही मेहरबान अल्लाह की दोस्त बन जाइए।
06/02/2023
हमारे मुल्क में साम्राज्यवादी ताक़तों यानी पहले ब्रिटेन और फिर अमरीका का सबसे अहम मोर्चा, उनकी एजेन्ट सरकश हुकूमत थी। उनके ज़रिए क़ायम होने वाली सरकश हुकूमत उनके मोर्चे का काम करती थी। इंक़ेलाब आया तो उसने इस मोर्चे को ध्वस्त कर दिया, ख़त्म कर दिया, ढा दिया।
05/02/2023
आप प्यारी बच्चियों को यह सिफ़ारिश करना चाहता हूं कि इसी बचपन के दौर से ख़ुदा-ए-मेहरबान की दोस्त बन जाइए। अल्लाह से कैसे दोस्ती की जाती है? अल्लाह से दोस्ती का एक रास्ता यही है कि आप नमाज़ में तवज्जो रखिए कि आप अल्लाह से बात कर रही हैं। इमाम ख़ामेनेई 3 फ़रवरी 2023
05/02/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने मुल्ज़िमों और मुजरिमों की की एक तादाद की सज़ा माफ़ करने या उसमें कमी पर सहमति जतायी है।
05/02/2023
मैं आपको इबादत के जश्न की मुबारकबाद पेश करता हूं, अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम के जन्म ‎दिवस पर भी अपनी प्यारी बच्चियों को मुबारकबाद देता हूं।
04/02/2023
रजब के मुबारक दिनों में और हज़रत अली अलैहिस्सलाम के जन्म दिन की पूर्व संध्या पर इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में शुक्रवार की शाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की मौजूदगी में स्कूली छात्राओं के जश्ने इबादत का प्रोग्राम आयोजित हुआ।
03/02/2023
एक इंसान जिन ख़ूबियों और वैल्यूज़ का वह सम्मान करता है, वे सभी हज़रत अली अलैहिस्सलाम में इकट्ठा हैं। जो शख़्स किसी भी धर्म में आस्था नहीं रखता, वह भी जब अमीरुल मोमेनीन की शख़्सियत को पहचान लेता है तो उनके सामने सिर झुका देता है।
03/02/2023
शुक्रवार को तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमाम बाड़े में सैकड़ों स्कूली बच्चियों की शिरकत से इबादात का जश्न आयोजित हुआ जिसका टाइटल “फ़रिश्तों का जश्न” था।
03/02/2023
अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिन की पूर्व संध्या पर स्कूली बच्चियों के जश्ने इबादत के प्रोग्राम में रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई शरीक हुए। 3 फ़रवरी 2023 को आयोजित होने वाले इस प्रोग्राम में रहबरे इंक़ेलाब ने अपने मुख़्तसर ख़ेताब में मासूम बच्चियों से बड़ी दिलचस्प और सबक़ आमोज़ गुफ़तुगू की। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की तक़रीर का हिंदी अनुवादः
01/02/2023
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की वेबसाइट KHAMENEI.IR ने कल्चरल रेवोलुशन की सुप्रीम कौंसिल के मेंबर डॉक्टर मुहम्मद रज़ा मुख़बिर देज़फ़ूली से इस्लामी इन्क़ेलाब के बाद यूनिवर्सिटियों की पोज़ीशन में आने वाले बदलाव पर बात की।
01/02/2023
जिन लोगों को धर्म से कोई लेना देना नहीं था वे तो अपनी जगह, धर्म पर अमल करने वाले लोग भी, यहाँ तक कि कुछ धर्मगुरू भी यह नहीं मानते थे कि इस्लाम सियासी मामलों में हस्तक्षेप कर सकता है। हालांकि इस्लाम का उदय ही सियासी इरादों के साथ हुआ था।
31/01/2023
इस्लामी इंक़ेलाब की वैभवशाली कामयाबी की 44वीं सालगिरह और इसी उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले ‎‎‘दहे फ़ज्र (नई सुबह के दस दिन)’ के अवसर पर, आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने मंगलवार की सुबह ‎इस्लामी इंक़ेलाब के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी के रौज़े पर पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि पेश की।
31/01/2023
आज सुबह इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह के मज़ार, 28 जून 1981की घटना के शहीदों और इसी ‎तरह 30 अगस्त 1981 को प्रधान मंत्री कार्यालय में होने वाले धमाके के शहीदों के मज़ारों इसके अलावा ‎नेश्नल सेक्युरिटी के तहत अपना फ़र्ज़ अदा करते हुए शहीद होने वाले आरमान अली वेर्दी के मज़ार ‎पर इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता हाज़िरी हाज़िरी दी।
31/01/2023
रजब के महीने की दुआएं मारेफ़त का ठाठें मारता हुआ समंदर हैं। दुआ में सिर्फ़ यह नहीं है कि इंसान अपने मन को अल्लाह के क़रीब कर लेता है, यह तो है ही, साथ ही मारेफ़त भी हासिल होती है। दुआ में शिक्षा भी है और मन की पाकीज़गी भी है। इमाम ख़ामनेई 9 जून 2009
30/01/2023
इंडस्ट्रियल क्षेत्र में सक्रिय उद्योगपतियों और प्रोडक्शन युनिटों के मालिकों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ‎ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।  
30/01/2023
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता ने सोमवार की सुबह सैकड़ों उद्योगपतियों, इंटरप्रिनियोर्ज़ और नॉलेज बेस्ड कंपनियों के मालिकों से मुलाक़ात में मुल्क के रौशन भविष्य के लिए तेज़ रफ़्तार से लगातार आर्थिक तरक़्क़ी को ज़रूरी बताया।
30/01/2023
‘नालेज बेस्ड और रोज़गार पैदा करने वाले प्रोडक्शन के साल’ के उपलक्ष्य में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने उद्यमियों, इंटरप्रिनियोर्ज़ और नालेज बेस्ड कंपनियों के मालिकों से अपनी मुलाक़ात में आर्थिक विकास निरंतरता के साथ जारी रखने पर ज़ोर दिया। 30 जनवरी 2023 को तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में होने वाली इस मुलाक़ात में रहबरे इंक़ेलाब ने इस संदर्भ में प्राइवेट सेक्टर से भरपूर सहयोग का सरकार को निर्देश दिया। (1) इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की तक़रीर का हिंदी अनुवादः
29/01/2023
उद्योगों और उत्पादन युनिटों के ज़िम्मेदारों का एक समूह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात करेगा।
28/01/2023
हर शख़्स अपनी क्षमता भर नमाज़ से फ़ैज़ हासिल करता है। अलबत्ता इसमें नौजवान और बच्चे सबसे आगे हैं। तवज्जो और ख़ुलूस से पढ़ी जाने वाली नमाज़ से उन्हें सबसे ज़्यादा फ़ायदा हासिल होता है। इमाम ख़ामेनेई 26/01/2023
28/01/2023
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने शनिवार को तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मुल्क की इंडस्ट्रियल उपलब्धियों की नुमाइश का तीन घंटे मुआयना किया। यह नुमाइश विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन की उपलब्धियों की तस्वीर पेश करती है।
28/01/2023
दुआ, मुश्किलों के हल की कुंजी, अल्लाह की याद और मन की पाकीज़गी का ज़रिया है और रजब का महीना उन लोगों की ईद है जो अपने मन को पाक करने का इरादा रखते हैं। इमाम ख़ामेनेई 9 अप्रैल 2018
26/01/2023
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने नमाज़ की 29वीं रॉष्ट्रीय क़ॉन्फ़्रेंस के नाम अपने संदेश में, दो साल के बाद इसके आयोजन को ख़ुशी व बर्कत का सबब क़रार दिया। उन्होंने कहा कि एक ख़ुशक़िस्मत और अच्छे मुक़द्दर वाले समाज में दोस्ती, क्षमाशीलता, मेहरबानी, हमदर्दी, आपसी मदद, एक दूसरे की भलाई और ऐसी ही दूसरे अहम रिश्ते नमाज के प्रचलित और क़ायम होने की बर्कत से मज़बूत होते हैं।
25/01/2023
इमाम अली नक़ी अलैहिस्सलाम और दूसरे इमामों, सभी ने इस रास्ते की ओर क़दम बढ़ाया कि ‎अल्लाह का हुक्म, अल्लाह का क़ानून समाजों में लागू हो। कोशिशें हुई हैं, जिद्दोजेहद हुयी है, तकलीफ़ें ‎उठायी गयी हैं। इस राह में जेल व जिलावतनी बर्दाश्त की गयी और नतीजाख़ेज़ शहादतें दी गई हैं।ʺ इमाम ख़ामेनेई ‎8 मई 1981‎
26/01/2023
जब इंसान ग़फ़लत की हालत से बाहर निकल आए और इस ओर उसका ध्यान रहे कि उसे देखा जा रहा है, उसका हिसाब किया जा रहा है। हम लिखते लिखवाते रहते थे जो कुछ तुम करते थे।(सूरए जासिया-आयत-29) उसकी सभी हरकतें, हिलना डुलना और काम अल्लाह के सामने हैं तो स्वाभाविक तौर पर वह एहतियात करेगा।
26/01/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने यूरोपीय देशों में क़ुरआन की तौहीन के हालिया वाक़यात की भर्त्सना की।
24/01/2023
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 24 सितम्बर 1982 को अपनी एक तक़रीर में फ़रज़ंदे रसूल इमाम मुहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम की शख़्सियत के कुछ पहलुओं का जायज़ा लिया और इमाम के तारीख़ी सफ़रे शाम के सिलसिले में बड़े अहम बिंदुओं पर रौशनी डाली। तक़रीर के कुछ चुनिंदा हिस्से निम्नलिखित हैं।
24/01/2023
इस महीने में जितना ज़्यादा हो सके अल्लाह की बारगाह में दुआ व मुनाजात कीजिए और अहलेबैत को वसीला क़रार दीजिए! अल्लाह की याद में रहिए! अगर हम सब, अल्लाह से अपने संपर्क को मज़बूत बनाएं तो बहुत से मसले, मुश्किलें, परेशानियां, रुकावटें अपने आप ही दूर हो जाएंगी।
23/01/2023
ज़माने के बड़े बड़े ओलमा इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम से इल्म हासिल करते थे। (मशहूर सहाबी) इब्ने अब्बास के शिष्य अकरमा, एक मशहूर शख़्सियत हैं, जब इमाम ‎मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम के पास आते हैं ताकि उनसे कोई हदीसे रसूल सुनें -शायद उनका ‎इम्तेहान लेने की नीयत से- तो उनके हाथ पैर थरथराने लगते हैं और वो इमाम के क़दमों में गिर ‎जाते हैं, बाद में ख़ुद ही ताज्जुब करते हुए कहते हैं कि फ़रज़ंदे रसूल! मैंने इब्ने अब्बास जैसी हस्ती ‎को देखा, उनसे हदीसें सुनीं लेकिन उनके सामने मेरी यह हालत नहीं हुयी जैसी आपके सामने हो गई ‎तो इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम उसके जवाब में साफ़ लफ़्ज़ों में कहते हैं, हे शामियों के ग़ुलाम! तुम ऐसी रूहानी अज़मत के सामने हो कि तुम्हारी यह हालत होना स्वाभाविक ‎है। अबू हनीफ़ा जैसा शख़्स, जो अपने ज़माने के बड़े धर्मगुरुओं में थे, इमाम मोहम्मद बाक़िर ‎अलैहिस्सलाम की ख़िदमत में आकर उनसे दीन की तालीम हासिल करते हैं और दूसरे बहुत से ‎ओलमा, इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम के शागिर्द थे और इमाम बाक़िर अलैहिस्सलाम के इल्म ‎का डंका पूरी दुनिया में इस तरह बजा कि बाक़िरुल उलूम (इल्म की तह तक पहुंच जाने वाले) के नाम से मशहूर हुए। ‎ इमाम ख़ामेनेई ‎17 जुलाई 1986‎
23/01/2023
रजब महीने का हर दिन अल्लाह की एक नेमत है। एक अक़्लमंद, होशियार व जागरुक इंसान इसके ‎लम्हों में से हर लम्हे में ऐसी चीज़ हासिल कर सकता है कि जिसके सामने दुनिया की सारी नेमतें ‎महत्वहीन हैं। यानी अल्लाह की मर्ज़ी, लुत्फ़, इनायत और तवज्जो हासिल कर सकता है। ‎   इमाम ख़ामेनेई 8 फ़रवरी 1991‎
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