आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने स्वीडन में क़ुरआने मजीद का अनादर किए जाने पर एक पैग़ाम में इसे साज़िश से भरी बहुत ही ख़तरनाक व कटु घटना बताया और बल दिया कि इस जुर्म को अंजाम देने वाले को सबसे कठोर सज़ा दिए जाने पर सभी धर्मगुरू सहमत हैं और स्वीडन की सरकार को चाहिए कि अपराधी को इस्लामी मुल्कों की अदालत के हवाले करे।

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का पैग़ाम इस तरह हैः

बिस्मिल्लाह अर्रहमान अर्रहीम

स्वीडन में क़ुरआन मजीद का अनादर, साज़िश से भरी एक ख़तरनाक कटु घटना है। इस जुर्म को अंजाम देने वाले को सबसे कठोर सज़ा दिए जाने पर सभी धर्मगुरू सहमत हैं और स्वीडन की सरकार भी जान ले कि उसने मुजरिम का समर्थन करके इस्लामी जगत के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला है और मुसलमान क़ौमों और उनकी बहुत सी सरकारों की नफ़रत व दुश्मनी मोल ली है।

स्वीडन की सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह इस मुजरिम को इस्लामी मुल्कों की अदालत के हवाले करे।

पर्दे के पीछे साज़िश करने वाले जान लें कि क़ुरआन मजीद का सम्मान और उसकी शान दिन ब दिन बढ़ती जाएगी और उसका मार्गदर्शन करने वाला प्रकाश ज़्यादा से ज़्यादा फैलेगा, इस साज़िश और इस पर अमल करने वाले इससे कहीं हक़ीर हैं कि वे इस दिन ब दिन फैलते प्रकाश को रोक सकें। और अल्लाह तो अपने हर काम पर ग़ालिब है।

सैय्यद अली ख़ामेनेई

22/07/2023