इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम के हुजरे में तीन चीज़ें हमेशा मौजूद रहती थीं: एक तलवार जो जेहाद की अलामत है, जंगी लेबास और एक क़ुरआन। यह इसकी अलामत है कि जेहाद का मक़सद क़ुरआनी ज़िंदगी है।

इमाम ख़ामेनेई

12 अप्रैल 1985