26/01/2023
जब इंसान ग़फ़लत की हालत से बाहर निकल आए और इस ओर उसका ध्यान रहे कि उसे देखा जा रहा है, उसका हिसाब किया जा रहा है। हम लिखते लिखवाते रहते थे जो कुछ तुम करते थे।(सूरए जासिया-आयत-29) उसकी सभी हरकतें, हिलना डुलना और काम अल्लाह के सामने हैं तो स्वाभाविक तौर पर वह एहतियात करेगा।
26/01/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने यूरोपीय देशों में क़ुरआन की तौहीन के हालिया वाक़यात की भर्त्सना की।
24/01/2023
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 24 सितम्बर 1982 को अपनी एक तक़रीर में फ़रज़ंदे रसूल इमाम मुहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम की शख़्सियत के कुछ पहलुओं का जायज़ा लिया और इमाम के तारीख़ी सफ़रे शाम के सिलसिले में बड़े अहम बिंदुओं पर रौशनी डाली। तक़रीर के कुछ चुनिंदा हिस्से निम्नलिखित हैं।
24/01/2023
इस महीने में जितना ज़्यादा हो सके अल्लाह की बारगाह में दुआ व मुनाजात कीजिए और अहलेबैत को वसीला क़रार दीजिए! अल्लाह की याद में रहिए! अगर हम सब, अल्लाह से अपने संपर्क को मज़बूत बनाएं तो बहुत से मसले, मुश्किलें, परेशानियां, रुकावटें अपने आप ही दूर हो जाएंगी।
23/01/2023
ज़माने के बड़े बड़े ओलमा इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम से इल्म हासिल करते थे। (मशहूर सहाबी) इब्ने अब्बास के शिष्य अकरमा, एक मशहूर शख़्सियत हैं, जब इमाम ‎मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम के पास आते हैं ताकि उनसे कोई हदीसे रसूल सुनें -शायद उनका ‎इम्तेहान लेने की नीयत से- तो उनके हाथ पैर थरथराने लगते हैं और वो इमाम के क़दमों में गिर ‎जाते हैं, बाद में ख़ुद ही ताज्जुब करते हुए कहते हैं कि फ़रज़ंदे रसूल! मैंने इब्ने अब्बास जैसी हस्ती ‎को देखा, उनसे हदीसें सुनीं लेकिन उनके सामने मेरी यह हालत नहीं हुयी जैसी आपके सामने हो गई ‎तो इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम उसके जवाब में साफ़ लफ़्ज़ों में कहते हैं, हे शामियों के ग़ुलाम! तुम ऐसी रूहानी अज़मत के सामने हो कि तुम्हारी यह हालत होना स्वाभाविक ‎है। अबू हनीफ़ा जैसा शख़्स, जो अपने ज़माने के बड़े धर्मगुरुओं में थे, इमाम मोहम्मद बाक़िर ‎अलैहिस्सलाम की ख़िदमत में आकर उनसे दीन की तालीम हासिल करते हैं और दूसरे बहुत से ‎ओलमा, इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम के शागिर्द थे और इमाम बाक़िर अलैहिस्सलाम के इल्म ‎का डंका पूरी दुनिया में इस तरह बजा कि बाक़िरुल उलूम (इल्म की तह तक पहुंच जाने वाले) के नाम से मशहूर हुए। ‎ इमाम ख़ामेनेई ‎17 जुलाई 1986‎
23/01/2023
रजब महीने का हर दिन अल्लाह की एक नेमत है। एक अक़्लमंद, होशियार व जागरुक इंसान इसके ‎लम्हों में से हर लम्हे में ऐसी चीज़ हासिल कर सकता है कि जिसके सामने दुनिया की सारी नेमतें ‎महत्वहीन हैं। यानी अल्लाह की मर्ज़ी, लुत्फ़, इनायत और तवज्जो हासिल कर सकता है। ‎   इमाम ख़ामेनेई 8 फ़रवरी 1991‎
23/01/2023
रजब का महीना ख़ुदाई वैल्यूज़ से ख़ुद को क़रीब करने का एक मौक़ा है, अल्लाह से क़रीब होने का मौक़ा है और आत्म निर्माण का मौक़ा है।
22/01/2023
आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने वरिष्ठ धर्मगुरू आयतुल्लाह शैख़ जाफ़र सुबहानी की पत्नी के इन्तेक़ाल पर शोक संदेश जारी किया।
21/01/2023
वेस्ट एशिया के इलाक़े में ऐसी क्या ख़ास बात है जो साम्राज्यवादी ताक़तें किसी भी क़ीमत पर उसे अपने कंट्रोल से बाहर नहीं जाने देना चाहतीं, इसके लिए उन्होंने कैसे मंसूबे बनाए और उन मंसूबों का अंजाम क्या हुआ? इन अहम सवालों का जायज़ा।
18/01/2023
जहाँ तक माँ के हक़ की बात है तो वो ज़िन्दगी देने वाली हस्ती का हक़ है। बाप का भी असर है, लेकिन माँ से कम, माँ का असर सबसे ज़्यादा होता है। दिलों में ईमान के बीज बोने वाली माएं हैं जो बच्चे को मोमिन बनाती हैं।
18/01/2023
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता ने कहा कि कल्चर और तबलीग़ के मैदान के लोगों को पूरी तरह इस बात ‎पर ध्यान देना चाहिए कि अल्लाह का पैग़ाम किसी भी हालत में नज़रअंदाज़ न होने पाए और इस ‎मैदान में हंगामे, उपहास और आरोपों से घबराना नहीं चाहिए। ‎
17/01/2023
पश्चिमी देशों में उच्च पदों पर पहुंचने वाले अश्वेतों की हैसियत क्या होती है, क्या वे पश्चिम की साम्राज्यवादी नीतियों में कोई बदलाव ला पाते हैं?
15/01/2023
दुश्मन सोच रहा था कि ईरानी क़ौम, आर्थिक मुश्किलों की वजह से -जो मौजूद हैं- तख़्ता पलटने और मुल्क को तोड़ने की दुश्मन की साज़िश का साथ देगी, यह एक ग़लत अंदाज़ा था।
14/01/2023
औरत इस्लामी माहौल में तरक़्क़ी करती है और उसकी औरत होने की पहचान बाक़ी रहती है। औरत ‎होना औरत के लिए फ़ख़्र की बात है। यह औरत के लिए फ़ख़्र की बात नहीं है कि हम उसे ज़नाना ‎माहौल, ज़नाना ख़ुसूसियतों और ज़नाना अख़लाक़ से दूर कर दें और गृहस्थी को, बच्चों की परवरिश ‎को, शौहर का ख़्याल रखने को उसके लिए शर्म की बात समझें। इमाम ख़ामेनेई 12 सितम्बर 2018
14/01/2023
वो समझ रहे थे कि अमरीका के किसी पिट्ठू के पेट्रो डालर से इस्लामिक रिपब्लिक के इरादे को तोड़ा जा सकता है। यह उनकी भूल थी। इस्लामी जुमहूरिया का इरादा दुश्मन की ताक़त के सभी तत्वों से ज़्यादा मज़बूत साबित हुआ।
14/01/2023
बसीज या स्वयंसेवी बल इस्लामी जुम्हूरिया का ऐसा अज़ीम सगंठन है जिसने अवाम की ख़िदमत, मुल्क की हिफ़ाज़त और सभी विभागों की तरक़्क़ी में बेमिसाल किरदार निभाया है।
12/01/2023
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के जन्म दिवस के मौक़े पर ख़तीबों, शायरों और नौहाख़ानों के एक समूह ने इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
12/01/2023
ईरान के ख़िलाफ़ साज़िश में दुश्मनों की चूक।
12/01/2023
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के मुबारक जन्मदिन के मौक़े पर मुल्क के दीनी ख़तीबों, शायरों और मद्दाहों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। 12 जनवरी 2023 को होने वाली इस मुलाक़ात में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने पैग़म्बरे इस्लाम और उनके परिजनों से अक़ीदत रखने वाले शायरों, ख़तीबों और मद्दाहों की अहमियत और उनकी कला के महत्व पर प्रकाश डाला और कुछ निर्देश दिए। (1) आयतुल्लाह ख़ामेनेई की तक़रीर का अनुवाद पेश हैः
11/01/2023
हाल ही में एक दस्तावेज़ पब्लिश हुयी जो मुझे भेजी गई। यह दस्तावेज़ कहती है कि कार्टर ने दिसम्बर 1979 में सीआईए को हुक्म दिया कि इस्लामी जुम्हूरिया ईरान का तख़्ता उलट दो। यानी इंक़ेलाब के शुरू में ही उनका यह इरादा था। दिलचस्प बात यह है कि कैसे तख़्ता उलट दो? कहा गया कि प्रोपैगंडे के ज़रिए। इमाम ख़ामेनेई 9 जनवरी 2023
10/01/2023
जब हमारे पास पाकीज़ा डिफ़ेंस के ज़माने जैसे नौजवान हों तो नतीजा यक़ीनी प्रगति के रूप में निकलता है। यानी दुनिया की सारी ताक़तें लामबंद हो गईं कि ईरान के टुकड़े कर देना है, मगर मुल्क की एक बालिश्त ज़मीन भी न ले सकीं। यह मामूली चीज़ है? यह छोटी कामयाबी है?
10/01/2023
वह अपने सभी संसाधनों को इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि इस मुबारक वजूद को, इस्लामी जुम्हूरिया को, इस इन्क़ेलाब को हरा सकें, लेकिन नहीं हरा सके। अल्लाह हमारा मौला है। जिसे भी यक़ीन नहीं है वह इन चालीस बरसों पर एक नज़र डाले।
09/01/2023
सवालः अगर कोई शख़्स ख़त या मैसेज के आग़ाज़ में सलाम लिखे और उसके बाद मसला पूछे, क्या उसके सलाम का जवाब देना वाजिब है? जवाबः आमने सामने मुलाक़ात या टेलीफ़ोन पर बात के अलावा, मैसेज या इस तरह की शक्ल में किए गए सलाम का जवाब वाजिब नहीं है।
09/01/2023
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 9 जनवरी 1978 को क़ुम के अवाम के तारीख़ी विद्रोह की सालगिरह पर इस शहर के अवाम से सोमवार की सुबह तेहरान में मुलाक़ात की। उन्होंने क़ुम के अवाम के 9 जनवरी 1978 के तारीख़ी विद्रोह की ओर इशारा करते हुए, इसे तारीख़ का रुख़ बदल देने वाली घटनाओं में क़रार दिया और इसकी याद को बाक़ी रखने पर ताकीद की।
09/01/2023
इन लोगों ने इन सेंटरों को निशाना बनाया कि इन्हें बंद कर दें ताकि इल्म हासिल न किया जा सके। सेक्युरिटी न रहे, इल्म हासिल न हो सके। ये लोग कमज़ोर पहलुओं को ख़त्म नहीं करना चाहते थे, ये, मज़बूत कामों को ख़त्म करना चाहते थे।
09/01/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 9 जनवरी 2023 को क़ुम के अवाम से मुलाक़ात की। यह मुलाक़ात 9 जनवरी 1978 के क़ुम के अवाम के तारीख़ी विद्रोह की सालगिरह की मुनासेबत से इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में अंजाम पायी। इस मौक़े पर अपनी तक़रीर में रहबरे इंक़ेलाबे इस्लामी ने इस तारीख़ी दिन की व्याख्या की और देश के हालात और दुश्मनों की साज़िशों का जायज़ा लिया। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की स्पीच का अनुवाद पेश हैः
07/01/2023
आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने एक हुक्म जारी कर ब्रिगेडियर जनरल अहमद रज़ा रादान को इस्लामी जुम्हूरिया का पुलिस चीफ़ नियुक्त किया।
07/01/2023
दुश्मन का एक हथकंडा यह है कि वह कहीं कोई काम बहुत शोर व ग़ुल के साथ शुरू करता है, ताकि सबका ध्यान उस तरफ़ मुड़ जाए, फिर अस्ली काम जो वह अंजाम देना चाहता है, किसी दूसरी जगह अंजाम देता है।
07/01/2023
आप अपने इल्म और स्पेशलाइज़ेशन के ज़रिए, समाजी, सियासी और काम के मैदानों में अपनी सेवा ‎के ज़रिए, माँ के किरदार को जो सबसे पाक और अच्छा रोल है, अपने ज़िम्मे लेकर, बच्चों की ‎तरबियत और परवरिश करके, अपनी आगे की ज़िन्दगी में मुल्क के भविष्य और इन्क़ेलाब की सबसे ‎बड़ी ख़िदमत कर सकती हैं। इमाम ख़ामेनेई 23 सितम्बर 1986‎
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