24/10/2022
"विश्व इतिहास की झलकियां" में नेहरू ने ब्रिटिश साम्राज्य के भारत में प्रवेश और वहाँ उसकी करतूतों का तफ़सील से ज़िक्र किया है। 
23/10/2022
जिस शियत का मरकज़ और पनाहगाह लंदन है उसे हम नहीं मानते। जिस शियत का वजूद तफ़रक़ा फैलाने और इस्लाम के दुश्मनों के लिए रास्ता साफ़ करने पर टिका है वह शियत नहीं। यह खुली हुई गुमराही है। इमाम ख़ामेनेई 17 अगस्त 2015
22/10/2022
मुल्क की तरक़्क़ी का एक अहम स्तंभ युनिवर्सिटी है। दुश्मन जिस क़द्र ‎युनिवर्सिटियों को मुअत्तल और कमज़ोर कर सकेंगे, तरक़्क़ी के दुश्मनों के ‎लिए उतना ही अच्छा है। युनिवर्सिटी इम्पेरियल ताक़तों की राह में सबसे ‎बड़ी रुकावट है। ‎ इमाम ख़ामेनेई 19 अकतूबर 2022
22/10/2022
कम मुद्दत में ईरानी क़ौम के साम्राज्यवाद की नीतियों के ख़िलाफ़ कारनामे से घबराया हुआ दुश्मन, ख़ामोश नहीं बैठ सकता इसलिए वह बचकाना व बेवक़ूफ़ी भरा रिएक्शन दिखा रहा है। 
22/10/2022
कुछ साल पहले तक ईरान के आधुनिक ड्रोन और मीसाईल को पश्चिम, फ़ोटोशाप से तैयार की गयी तस्वीर कहते थे, अब कहते हैं कि ईरानी ड्रोन बहुत ख़तरनाक है।
20/10/2022
अक़ीदे और नज़रिये में इख़्तेलाफ़ को विवाद में बदलने नहीं देना चाहिए।
19/10/2022
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई से मुल्क के जीनियस और इल्मी लियाक़त रखने वाले सैकड़ों लोगों ने मुलाक़ात की।
19/10/2022
ईरान की जवान नस्ल, प्रोपैगंडों के बरख़िलाफ़, सभी मैदानों में शानदार रोल अदा कर रही है।
19/10/2022
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 19 अक्तूबर 2022 को मुल्क के जीनियस और मुमताज़ इल्मी सलाहियत के मालिक नौनौजवानों से मुलाक़ात में तक़रीर की। इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में होने वाली अपनी तक़रीर में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने मुमताज़ इल्मी क़ाबिलियत को अल्लाह की नेमत क़रार दिया और इसके बेहतरीन इस्तेमाल के विषय पर बात की। आपने साइंस व टेक्नालोजी के मैदान में ईरान की हैरतअंगेज़ तरक़्क़ी की मिसालें बयान कीं और कुछ हिदायतें दीं। (1) तक़रीर का तरजुमा पेश हैः
18/10/2022
ये दंगे और अशांति, अमरीका और ज़ायोनी शासन और उसके किराए के टट्टुओं की थी।
18/10/2022
मुराद इस्लामी उम्मत के हितों की हिफ़ाज़त में एकता है। इस्लामी ‎उम्मत के हित क्या हैं, किस से दुश्मनी और किस से दोस्ती रखना है, इस बारे में आपसी बातचीत से सहमति ‎बने। इससे मुराद हैः साम्राज्यवाद की साज़िशों के मुक़ाबले में एकजुट कोशिश। इमाम ख़ामेनेई 12 अकतूबर 2022
16/10/2022
जहाँ भी तरक़्क़ी हुयी, सुरक्षा की बर्कत से हुयी है। सुरक्षा, इन्फ़्रास्ट्रक्चर की हैसियत रखती है।
16/10/2022
अमरीका ताक़तवर ईरान का विरोधी है, इंडिपेंडेंट ईरान का विरोधी है। उन्हें इस्लामी जुमहूरिया से गहरी दुश्मनी है। इसमें कोई शक ही नहीं लेकिन इस्लामी जुमहूरिया के अलावा ख़ुद ताक़तवर ईरान के भी ख़िलाफ़ हैं, उस ईरान के ख़िलाफ़ हैं जो इंडिपेंडेंट हो। उन्हें पहलवी हुकूमत के दौर का ईरान पसंद है जो दूध देने वाली गाय हो। उनके हुक्म का पाबंद हो। मुल्क का बादशाह हर फ़ैसले के लिए ब्रिटेन और अमरीका के राजदूत की रज़मंदी लेने पर मजबूर हो। इमाम ख़ामेनेई 3 अकतूबर 2022
16/10/2022
इस्लामी इंक़ेलाब के लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 12 अकतूबर 2022 को सुप्रीम लीडर की सलाहकार संस्था के रूप में काम करने वाली एक्सपीडिएंसी डिसर्नमेंट काउंसिल के सदस्यों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में तक़रीर करते हुए आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने देश और दुनिया के हालात, इस्लामी जुमहूरिया ईरान की तरक़्क़ी और दूसरे अहम प्वाइंट्स पर प्रकाश डाला।
15/10/2022
ईरान में हालिया हंगामे करवाने का दुश्मन का मंसूबा उस पर छायी मायूसी का नतीजा है, कोई ख़ास पहल नहीं। ‎ईरानी क़ौम ने बहुत कम वक़्त में कुछ बड़े काम अंजाम दिए जो विश्व साम्राज्यवाद की पालीसियों के बिल्कुल ‎ख़िलाफ़ हैं। इसलिए वह रिएक्शन दिखाने पर मजबूर हुए। इमाम ख़ामेनेई 12 अकतूबर 2022
14/10/2022
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के ज़माने में वक़्त ने उन्हें एक मौक़ा दिया और हज़रत यह काम करने में कामयाब हुए कि समाज में सही इस्लामी मारेफ़त की बुनियादें इतनी मज़बूत हो जाएं कि फिर फेरबदल के ज़रिए उन बुनियादों को हिलाया न जा सके। यह हज़रत इमाम जाफ़र सादिक अलैहिस्सलाम का कारनामा था। इमाम ख़ामेनेई 8 नवम्बर 2005
14/10/2022
पैग़म्बरे इस्लाम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के मुबारक जन्म दिन पर सुप्रीम लीडर नो सैकड़ों क़ैदियों की सज़ाएं माफ़ या कम कीं।
14/10/2022
पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर ईरान के सिविल व फ़ौजी अधिकारियों और छत्तीसवीं अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी एकता कॉन्फ़्रेंस में शिरकत करने वाले मेहमानों ने शुक्रवार को सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।
14/10/2022
हालिया हंगामे ख़ुद बख़ुद अंदर से उठने वाली चीज़ नहीं है। प्रचारिक बमबारी, सोच पर असर डालने की कोशिशें, ‎पेट्रोल बम बनाने की ट्रेनिंग देने जैसी हैजान पैदा करने की कोशिशें, यह सारे काम दुश्मन खुलकर अंजाम दे रहा है। ‎ इमाम ख़ामेनेई 12 अकतूबर 2022
14/10/2022
जवान लड़की की मौत पर हमें भी सदमा हुआ, लेकिन इस घटना पर आने वाला रिएक्शन, नॉर्मल बात नहीं थी, ये दंगे मंसूबे के तहत कराए गए।
14/10/2022
युनिटी सप्ताह और पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के मुबारक जन्म दिन  के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 14 अक्तूबर को मुल्क के आला ओहदेदारों और इस्लामी एकता कॉन्फ़्रेंस के मेहमानों को संबोधित किया। अपनी तक़रीर में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने पैग़म्बरे इस्लाम की शख़्सियत, मुल्क और दुनिया के हालात और मुसलमानों के बीच युनिटी जैसे विषयों पर रौशनी डाली। (1) तक़रीर पेश हैः
13/10/2022
हम दुनिया को यह सिखाना चाहते हैं और यह कहना चाहते हैं कि मुसलमान भाई आपस में सहयोग करें, एक साथ ज़िन्दगी गुज़ारें। इसका नमूना सीस्तान-व-बलोचिस्तान है।
12/10/2022
मदीने में इस्लाम की हुक्मरानी का दौर इस्लामी सिस्टम का निचोड़ पेश करने और इंसानी तारीख़ के हर दौर और हर जगह के लिए इस्लाम की हुक्मरानी का नमूना और नज़ीर तैयार करने का ज़माना है। पैग़म्बरे इस्लाम का मक़सद सिर्फ़ मक्के के काफ़िरों से जेहाद करना नहीं था। यह एक आलमी मिशन का मामला था। मक़सद यह था कि इंसान की आज़ादी, बेदारी और ख़ुशक़िस्मती का पैग़ाम हर दिल में उतर जाए। यह मक़सद एक आइडियल सिस्टम की रचना के बग़ैर पूरा नहीं हो सकता था। इमाम ख़ामेनेई 18 मई 2001
12/10/2022
यह बड़ी अहम बात है कि मोमिन ईरानी खिलाड़ी जीत मिलने के बाद नाज़ व नख़रे दिखाने ‎के ‎बजाए ज़मीन ‎पर सर रखता है और अल्लाह का सजदा बजा लाता है। इमाम ख़ामेनेई ‎11 सितम्बर 2022‎
12/10/2022
एक्सपीडिएंसी डीसर्नमेंट काउंसिल के हेड और काउंसिल के नए दौर के सदस्यों ने बुधवार को तेहरान में सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात की। आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने इस काउंसिल को इसमें ग़ैर मामूली सलाहियत व तजुर्बेकार लोगों की मौजूदगी और मुल्क के अहम विषयों व काउंसिल को सौंपी गई बड़ी ज़िम्मेदारियों के लेहाज़ से इस्लामी जुम्हूरिया का बहुत अहम इंस्टीट्यूशन क़रार दिया।
11/10/2022
स्पोर्ट्स के मैदान में मिलने वाली जीत और दूसरी कामयाबियों में एक बुनियादी फ़र्क़ है। फ़त्ह एक लम्हे में मिलती ‎है और फ़ौरन सब को मालूम हो जाता है। जिस लम्हा आप जीत हासिल करते हैं दसियों लाख और कभी तो करोड़ों ‎लोग उस जीत को अपनी आंख से देखते हैं। ज़ाहिर है कि यह बहुत अहम कामयाबी है। बहुत अहम है और दूसरी ‎कामयाबियों के विपरीत इसे छिपाना नामुमकिन है। इमाम ख़ामेनेई ‎11 सितम्बर 2022‎
10/10/2022
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने 11 सितंबर सन 2022 को शहीद खिलाड़ियों पर क़ौमी सेमीनार आयोजित करने वाले ज़िम्मेदारों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में सुप्रीम लीडर ने स्पीच दी जो 11 अक्तूबर 2022 को इस सेमीनार में पेश की गई।
10/10/2022
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने 11 सितम्बर सन 2022 को शहीद खिलाड़ियों पर क़ौमी सेमीनार आयोजित करने वाले ज़िम्मेदारों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में सुप्रीम लीडर ने स्पीच दी जो 11 अक्तूबर 2022 को इस सेमीनार में पेश की गई। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने इस मुलाक़ात में इस बिन्दु पर बल दिया कि स्पोर्ट्स को केन्द्रीय बिन्दु की हैसियत से अहमियत दी जाए, इसे हाशिये के तौर पर न देखा जाए। उन्होंने स्पोर्ट्स और शहीद खिलाड़ियों के बारे में अहम बिन्दुओं का ज़िक्र किया। (1) आयतुल्लाह ख़ामेनेई की स्पीचः
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