मैंने पहली बार हज़रत मूसा की ज़िन्दगी, हज़रत इब्राहीम की ज़िन्दगी और कुछ दूसरे पैग़म्बरों ‎की ज़िन्दगी के बारे में अपनी माँ से सुना। ‎