पवित्र रौज़ों की रक्षा के दौरान शहादत पाने वाले शहीद मुस्तफ़ा सद्रज़ादे के जीवन का हाल और स्वंयसेवी बल में उनकी ज़िन्दगी के हालात को बयान करने वाली किताब “सर्बाज़े रूज़े नोहुम” (नवें दिन का सिपाही) पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने रिव्यू लिखा जो इस तरह हैः

अल्लाह के नाम से

इस किताब से पहले भी मैंने शहीद सद्रज़ादे की ज़िन्दगी के हालात के बारे में एक किताब पढ़ी है लेकिन इस अज़ीज़ शहीद की बहुआयामी शख़्सियत के पहलू इस किताब में ज़्यादा तफ़सील से बयान हुए हैं। इस बात में शक नहीं कि यह नुमायां शख़्सियत आज और कल के नौजवानों के लिए एक आइडियल है। मज़बूत इरादा, गहरी समझ, बलिदान का जज़्बा, बहादुरी, हिम्मत न हारना, अदब, मोहब्बत और पाक नियत से भरा दिल और ऐसी ही दूसरी नुमायां ख़ूबियां, इंक़ेलाब की दूसरी और तीसरी पीढ़ी के इस इंक़ेलाबी व बलिदानी नौजवान की शख़्सियत के कुछ पहलू हैं। मुझे इस किताब को पढ़कर रश्क हुआ। गुलदस्ते के ये सब नुमायां फूल कैसी बुलंदी पर पहुंचे और मैं और मेरे जैसे लोग इस राह में, कीचड़ में फंसे हुए हैं। अल्लाह का दुरूद व सलाम हो शहीद मुस्तफ़ा सद्रज़ादे, उनकी धैर्यवान बीवी और उनके बलिदानी माँ-बाप पर।

मार्च 2023

‘इस्मे तो मुस्तफ़ास्त’ नामी किताब पर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई का रिव्यू (तक़रीज़)

पवित्र रौज़ों की रक्षा के दौरान शहादत पाने वाले शहीद मुस्तफ़ा सद्रज़ादे (1) की जीवनी पर आधारित किताब ‘इस्मे तो मुस्तफ़ास्त’ (तुम्हारा नाम मुस्तफ़ा है) पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने रिव्यू लिखा है जो इस तरह हैः

अल्लाह के नाम से

पाकीज़गी, पाक नीयत, सच्चाई, बलिदान, हर चीज़, हर चाहत और पर पसंदीदा चीज़ में अल्लाह की मर्ज़ी को प्राथमिकता देना, अल्लाह की राह में ठोस इरादे व संकल्प और अहलेबैत अलैहिमुस्सलाम से इश्क़ व अक़ीदत जैसी बातें प्यारे शहीद मुस्तफ़ा सद्रज़ादे की शख़्सियत के कुछ पहलुओं को चित्रित करती हैं। अल्लाह का सलाम हो उन पर, उनकी धैर्यवान बीवी और दूसरे रिश्तेदारों पर, श्रीमती तुज्जार का लिखने का अंदाज़ आकर्षक, परिपक्व और इनोवेटिव है।

9/12/2018

(1)    किताब की लेखिका राज़िया तुज्जार हैं जिन्होंने शहीद की बीवी सुमय्या इब्राहीम पूर के सहयोग से यह किताब लिखी है।