मुल्क में जहाँ जहाँ भी मेरे अज़ीज़ भाई और बहन रहते हैं, आप सब जान लें कि अगर आपके हाथों चयन, आपकी जिद्दो जेहद, आपकी ओर से भलाई के काम, आपकी ओर से मदद, आपकी ओर से उदारता, आपका सपोर्ट और सभी मैदानों में आपकी मौजूदगी न होती तो हम दुश्मन के मुक़ाबले में इस क़दर ताक़त का एहसास न करते। आज दुनिया की सभी बड़ी ताक़तें यहाँ तक कि अमरीका के मुक़ाबले में हम ताक़त का एहसास करते हैं, ताक़त के इस एहसास की वजह आप सबकी मैदान में मौजूदगी है यानी एक कभी ख़त्म न होने वाली ताक़त का सपोर्ट। अगर आप लोग लापरवाही से काम लेते, अगर आप लोग जंग, सुलह, भलाई के काम, विकास की ओर ध्यान न देते तो निश्चित तौर पर कोई नहीं कह सकता था या सत्ताधारी वर्ग यह दावा नहीं कर सकता था कि आज दुश्मनों की चौतरफ़ा यलग़ार, जो बड़े पैमाने पर हर ओर से बड़ी ताक़तों ने कर रखी है, बर्दाश्त के क़ाबिल है?!! यह (मैदान में) आपकी मौजूदगी की बरकत है। अल्लाह और अवाम के सपोर्ट को, हमको- इन दो मज़बूत तत्वों को जो दिन ब दिन इस्लामी इंक़ेलाब की तरक़्क़ी व मज़बूती को ज़्यादा गहराई दे सकते हैं, हरगिज़ अपने हाथों से जाने नहीं देना चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
02/06/1982