इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने आज सुबह की इमाम अली आर्मी आफ़ीसर युनिवर्सिटी में तक़रीर करते हुए कहा कि दुष्ट और ज़ालिम दुश्मन को तमाचा पड़ा है तो मज़लूम बनने का ढोंग कर रहा है और दूसरे भी उसकी मदद कर रहे हैं। इम्पेरियलिस्ट दुनिया का मीडिया उसकी मदद कर रहा है, मज़लूम बनने का यह ढोंग हक़ीक़त के बिल्कुल ख़िलाफ़ और झूठ पर आधारित है। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने कहा कि अगर फ़िलिस्तीनी संघर्षकर्ता ग़ज़्ज़ा की नाकाबंदी तोड़कर बाहर निकलने और ज़ायोनियों के सैनिक और असैनिक प्रतिष्ठानों तक पहुंचने में सफल हो गए तो ज़ायोनी शासन मज़लूम हो जाएगा? उन्होंने कहा कि यह क़ाबिज़ शासन कुछ भी हो मज़लूम तो हरगिज़ नहीं हो सकता। यह ज़ालिम है, अतिक्रमणकारी है, जाहिल है, बकवास करने वाला है, यह सब है मज़लूम नहीं है, ज़ालिम है। कोई भी इस ख़ूंख़ार राक्षस को मज़लूम बनाकर पेश नहीं कर सकता।
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