इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने संविधान के आर्टिकल 110 के पहले अनुच्छेद के तहत एक्सपीडिएंसी डिसर्नमेंट काउंसिल से विमर्श के बाद समुद्री विभाग से संबंधित जनरल डेवलप्मेंट पॉलीसियों का नोटिफ़िकेशन अमली जामा पहनाने के लिए तीनों पालिकाओं के प्रमुखों और इसी तरह एक्सपीडिएंसी डिसर्नमेंट काउंसिल के प्रमुख को जारी कर दिया।
इस नोटिफ़िकेशन के अनुसार सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह संसद, न्यायपालिका और दूसरे संबंधित संस्थानों की मदद से छह महीने के अंदर इन पॉलीसियों को अमली जामा पहनाने का एक संपूर्ण प्रोग्राम पेश करे जिसमें संसद में बिल मंज़ूर करवाना और ज़रूरी क़ानूनों और प्रक्रियाओं की मंज़ूरी भी शामिल है।
समुद्री विभाग से संबंधित विकास पॉलीसियों का नोटिफ़िकेशनः
समुद्र और ख़ास तौर पर फ़्री ओशियन अल्लाह का तोहफ़ा और साइंस व टेक्नालोजी में प्रगति, काम और दौलत में वृद्धि, बुनियादी ज़रूरतों की पूर्ति और ताक़त व संप्रभुता की राह हमवार करने वाले समृद्ध संसाधनों और इसी तरह सभ्यता निर्माण का एक उचित ज़रिया है। ईरान अपनी ख़ास भौगोलिक स्थिति, दो समुद्रों के बीच स्थित होने, हज़ारों किलोमीटर लंबे तटों का मालिक होने और बेशुमार द्वीपों और संसाधनों के स्वामित्व के मद्देनज़र जिन्हें अब तक प्रयोग नहीं किया गया है, ज़रूरी है कि वह तटों, तटों के आसपास के इलाक़ों और महासागर में और उसे देश के विकास को आगे ले जाने वाले एक अहम तत्व के तौर पर प्रयोग में लाकर क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उचित पोज़ीशन पाने के लिए समुद्र को इस्तेमाल करे। लेहाज़ा समुद्री विभाग से संबंधित जनरल पॉलीसियां नीचे तहरीर की जा रही हैं:
1- समुद्री मामलों के लिए समन्वित पॉलीसियां बनाना और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मुनासिब और क्षेत्रीय स्तर पर पहली पोज़ीशन हासिल करने के लिए समुद्री संसाधनों के भरपूर इस्तेमाल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ज़िम्मेदारियों का विभाजन और चुस्त व उपयोगी मैनेजमेंट।
2- समुद्रों से संबंधित आर्थिक गतिविधियों का विकास और तटों, द्वीपों और तटों के आसपास के इलाक़ों, तरक़्क़ी दिलाने वाले समुद्री विकास केन्द्रों की स्थापना, इस प्रकार से कि समुद्री विभाग से संबंधित गतिविधियों के आर्थिक विकास की दर दस साल में हमेशा मुल्क के आर्थिक विकास की दर से कम से कम दो गुना ज़्यादा रहे।
3- ज़रूरी अमली व वैचारिक (क़ानूनी, आर्थिक, इंफ़्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा संबंधी) बुनियादी ढांचे तैयार करके देशी व विदेशी निवेश को आसान बनाना और उसे बढ़ावा देना।
4- समुद्र, तट और तट के आसपास के इलाक़ों के क्षेत्रफल के लेहाज़ से समुद्री विभाग की तरक़्क़ी का समग्र प्रोग्राम तैयार करना और ईरानी व इस्लामी पहचान पर ज़ोर देते हुए जनरल पॉलीसियों का नोटीफ़िकेशन जारी होने के ज़्यादा से ज़्यादा एक साल के अंदर आबादी, व्यापार, उद्योग, कृषि और पर्यटन के शेयर और भूगोल का निर्धारण ख़ास तौर पर दक्षिण के तटों और द्वीपों में और ख़ास तौर पर मकरान के तटों में।
5- समुद्री पर्यावरण को नुक़सान पहुंचाने, विशेष रूप से दूसरे देशों की ओर से ऐसा किए जाने पर रोक लगाने के साथ समुद्री पर्यावरण और समुद्री संसाधनों का भरपूर उपयोग।
6- समुद्री विभाग और समुद्री पर्यावरण के विकास में इनोवेशन और टेक्नालोजी के इस्तेमाल के लिए मानव संसाधन का विकास और फ़ायदेमंद और ज़िम्मेदार मैनेजमेंट और इसी तरह साइंसी, शैक्षिक और अनुसंधानिक बैक-अप की उपलब्धि।
7- समुद्री क्षमताओं और संसाधनों के उपायोग के लिए पड़ोसी देशों और अन्य देशों के साथ आर्थिक व व्यापारिक सहयोग में विस्तार और बड़े, नालेज बेस्ड, पैदावारी और सर्विसेज़ सेंट्रिक प्रोजेक्ट्स में निवेश और समुद्री विभाग में अहम इलाक़ाई पोज़ीशन की प्राप्ति और अंतर्राष्ट्रीय जलमार्गों पर प्रभावी उपस्थिति।
8- परिवहन का हाइब्रिड नेटवर्क बनाने और उसे मज़बूत करने के लिए समुद्री ट्रांसपोर्ट में देश की भागीदारी बढ़ाना।
9- विकास परियोजनाओं में देशी और विदेशी निवेश की मदद करना और समुद्री शिकार, कृषि, उद्योग और पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक कार्यकर्ताओं और छोटे और मझोले आर्थिक संस्थानों की मदद और सपोर्ट।